राजनीति
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री के शहर में बनेंगे इंडस्ट्रियल पार्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के शहर गोरखपुर में इंडस्ट्रियल पार्क बनेंगे। इसी तरह के पार्क आगरा, कानपुर, मुरादाबाद और आजमगढ़ में भी बनेंगे। पार्क की साइज क्या होगी, क्या ये सिर्फ एक या एक से अधिक इंडस्ट्री के लिए होगा, यह संबंधित जिले की उद्यमियों की मांग पर निर्भर करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि इस परंपरा को तकनीक से जोड़ने और संबंधित उद्यमियों को बुनियादी सुविधाएं देने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेगे, उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी। उत्पादों की गुणवत्ता में बेहतर होने से बाजार में उनकी वाजिब कीमत मिलेगी और निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी। इसी मकसद से सरकार 2017 में नयी एमएसएमई पलिसी भी ला चुकी है। साथ ही स्थानीय शिल्प और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना ओडीओपी भी। इंडस्ट्रियल पार्क भी इसी को बढ़ावा देने की एक कड़ी है।
इंडस्ट्रियल पाकोर्ं के लिए जिन जिलों का चयन किया गया है उनमें परंपरागत उद्योगों की संपन्न परंपरा है। हाल के वषों में इन इकाईयों की संख्या और कारोबार में वृद्घि हुई, पर अनियोजित तरीके से। ये इकाईयां बिखरी हुई हैं। शहरों के विस्तार के साथ कई इकाईयों के क्लस्टर शहर के बीचोबीच आकर पर्यावरण के लिए समस्या बन गये हैं। अधिकांश के काम करने का तरीका परंपरागत है। बिजली, ड्रेनेज, पार्किग, गोदाम, कमन फैसिलटी सेंटर, कॉमन एलूएंट ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य बुनियादी समस्याएं कमोबेस हर जगह एक समान हैं। इंडस्ट्रियल पार्क में इन सभी समस्याओं का हल होगा।
मसलन गोरखपुर में हैंडलूम, सिले-सिलाए कपड़े खाद्य प्रसंस्करण और टेराकोटा की इकाईयां हैं। इनमें से कुछ इकाईयां इंडस्ट्रियल इस्टेट गोरखनाथ, कुछ सहजनवा स्थित गौरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण गीडा एवं उससे सटे हरिहरपुर और खजनी तो कुछ जिला मुख्यालय के दक्षिणी सीमा स्थित बड़हलगंज में। अकेले खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और टेरोकोटा की इकाईयों में 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है।
इसी तरह दुनिया भर में अपनी रेशमी साड़ियों और रेशम के अन्य उत्पादों के लिए मशहूर वाराणसी के आठ ब्लाकों में रेशम के धागे और उत्पाद बनाने वाली ईकाईयां हैं। इनमें से भी अधिकांश इकाईयां चंदनपुर और शिवपुरी में हैं। इन इकाईयों में 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। 2016 में इन उत्पादों का कुल निर्यात 160 करोड़ रुपये का था जो 2019 में बढ़कर 260 करोड हो गया। इसी समयावधि में कुल कारोबार 2700 करोड़ से बढ़कर 4500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पार्क इन समस्याओं का हल होगा।
इसी तरह आजमगढ़ के मुबारकपुर, जीयनपुर और जहानगंज में टेक्सटाइल और सिले-सिलाए कपड़ों की करीब 2000 इकाईयां हैं। इनका सालाना कारोबार 50 करोड़ रुपये का है। पीतल नगरी मुरादाबाद, लेदर इंडस्ट्री के लिए मशहूर कानपुर और आगरा में भी पार्क बनाने के प्रस्ताव हैं।
अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नवनीत सहगल ने बताया कि इन पाकोर्ं में संबंधित उद्योगों की जरूरत के अनुसार वे सभी सुविधाएं बैंक, होटल, पोस्ट आफि स, कूरियर, शापिंग सेंटर, अस्पताल और स्कूल उपलब्ध होंगे जो आमतौर पर एक टाउनशिप में होती हैं। इनके अलावा उद्यिमयों और श्रमिकों की जरूरत के अनुसार पालना घर, श्रमिकों के लिए आवास, बड़े एवं छोटे वाहनों के पाकिर्ंग, बोरिंग, कमन एलूएंट ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कचरा प्रबंधन, ड्रेनेज, 24 घंटे बिजली, कॉमन फैसिलटी सेंटर, कच्चे और तैयार माल के लिए गोदाम आदि भी उपलब्ध होंगे।”
राजनीति
पाकिस्तानी अकाउंट्स शेयर कर रहे हैं राष्ट्रपति मुर्मू का एआई-जनरेटेड वीडियो, पीआईबी फैक्ट चेक का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: पीआईबी फैक्ट चेक ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक एआई-जनरेटेड वीडियो को चिह्नित किया, जिसने पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा की पोल खोल दी है।
असल में कुछ पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल लड़ाकू विमानों के प्रचार के लिए द्रौपदी मुर्मू का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, पीआईबी फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया, “पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा अकाउंट्स राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक एआई-जनरेटेड वीडियो को झूठे दावों के साथ प्रसारित कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल के प्रचार को बढ़ावा देने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।”
एआई जनरेटेड वीडियो में राष्ट्रपति मुर्मू की नकल करते हुए एक आवाज सुनाई दे रही है, जिसमें झूठा दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार उन्हें राफेल से संबंधित प्रचार में हिस्सा लेने के लिए ‘ब्लैकमेल’ कर रही है।
इस फर्जी वायरल क्लिप में कहा गया है, “मैं देश के नागरिकों से अनुरोध करना चाहती हूं कि मोदी सरकार ने मुझे ब्लैकमेल किया और राफेल में बैठने का आदेश दिया। अगर मुझे कुछ हुआ, तो पीएम मोदी इसके जिम्मेदार होंगे।”
पीआईबी फैक्ट चेक ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने आगे चेतावनी दी कि यह वीडियो एआई द्वारा तैयार किया गया है और जनता को गुमराह करने के इरादे से शेयर किया गया है।
फैक्ट-चेकिंग इकाई ने प्रामाणिक, बिना एआई द्वारा एडिटेड वीडियो का एक लिंक भी शेयर किया और यूजर्स से आग्रह किया कि वे ऐसी गलत सूचनाओं की तुरंत आधिकारिक चैनलों के जरिए रिपोर्ट करें।
पीआईबी द्वारा एआई द्वारा तैयार की गई गलत सूचनाओं को चिह्नित करने का यह पहला मामला नहीं है। सोमवार को, इसने यूजर्स को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक और एआई-छेड़छाड़ वाले वीडियो के बारे में भी चेतावनी दी, जिसमें 24 घंटे में 60,000 रुपए और 10 लाख रुपए प्रति माह रिटर्न का वादा करते हुए एक ‘निवेश कार्यक्रम’ का झूठा प्रचार किया गया था।
एजेंसी ने नागरिकों से ऐसे जल्दी अमीर बनने के जाल से सावधान रहने का आग्रह किया और उन्हें वित्तीय निर्णय लेने से पहले किसी भी दावे की पुष्टि करने की सलाह दी। पीआईबी ने चेतावनी दी कि ऐसे जल्दी अमीर बनने के जाल में न फंसें! सतर्क रहें। सूचित रहें। शेयर करने से पहले सत्यापित करें।
पर्यावरण
चक्रवात ‘मोंथा’ पहुंचा काकीनाडा, तमिलनाडु में छह दिनों तक बारिश की संभावना

चेन्नई, 29 अक्टूबर: चक्रवात ‘मोंथा’ बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा पहुंचा, जिससे तटीय जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने लगी।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने पुष्टि की है कि इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना यह चक्रवात मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच 110 किमी प्रति घंटे की गति से टकराया।
आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, ‘मोंथा’ के कारण कृष्णा और मछलीपट्टनम जिलों के कई हिस्सों में गरज और बिजली के साथ तेज बारिश हुई, जिससे पेड़ उखड़ गए और संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
अल्लूरी जिले में, तूफान के दौरान एक पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रभावित क्षेत्रों में गिरे हुए पेड़ों को हटाने और बिजली बहाल करने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। सोमवार से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा भीषण चक्रवाती तूफान तट पार करने के बाद थोड़ा कमजोर पड़ गया, लेकिन इसके दक्षिण भारत में व्यापक वर्षा लाने की उम्मीद है।
आईएमडी ने कहा कि मोंथा के प्रभाव के कारण, तमिलनाडु में अगले छह दिनों तक मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
बुधवार सुबह जारी मौसम बुलेटिन में चेतावनी दी गई है कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और कन्याकुमारी सागर के तटीय क्षेत्रों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जो कभी-कभी 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे हालात सुधरने तक समुद्र तट पर न जाएं। चेन्नई में, आसमान में बादल छाए रहने और कुछ इलाकों में रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और तमिलनाडु आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने संभावित वर्षा संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए सभी आपातकालीन नियंत्रण कक्षों को अलर्ट पर रखा है।
तमिलनाडु के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन को नदियों और जलाशयों में जल स्तर की निगरानी करने और निचले व बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में निवारक कदम सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
राजनीति
1984 के सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में आज अंतिम दलीलें सुनेगा राउज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई पूरी कर ली है। ये मामला जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा का है। बुधवार को कोर्ट दोनों पक्षों की आखिरी दलीलों को सुनेगा।
7 जुलाई को सज्जन कुमार ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी इस तरह के अपराध नहीं किए और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है। इससे पहले, 9 नवंबर 2023 को इस केस की पीड़िता मंजीत कौर ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया था।
सज्जन कुमार उस समय सांसद थे जब दंगे हुए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को सिख समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाया।
1984 के सिख विरोधी दंगे तब शुरू हुए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या कर दी गई। इसके पीछे कारण यह था कि इंदिरा गांधी ने उस साल पहले स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना को भेजने का फैसला किया था। इस फैसले से सिख समुदाय में आक्रोश था।
प्रधानमंत्री की हत्या के बाद, कई लोग सिखों को निशाना बनाने लगे। खासकर दिल्ली में बड़ी संख्या में आगजनी और हत्याएं हुईं। ये दंगे पूरे देश में फैल गए और 3,000 से अधिक सिखों की जानें गईं। सबसे ज्यादा हिंसा और मौतें दिल्ली में हुईं, जहां 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए।
तीन दशकों तक कई बड़े नेताओं पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगे, लेकिन उन्हें सजा नहीं हुई। हालांकि, यह स्थिति बदल गई जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। उनके वकील ने बताया कि सज्जन कुमार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
सज्जन कुमार पर कई मामले दर्ज हैं। इनमें से एक केस दिल्ली में पांच लोगों के परिवार की हत्या से जुड़ा है। वर्तमान केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने जनकपुरी में दो सिखों, सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या में भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन पर विकासपुरी में गुरचरण सिंह को आग के हवाले करने का भी आरोप है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में बयान देते समय 77 वर्षीय सज्जन कुमार ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और यह केस राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ बनाया गया है।
हिंसा की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 587 एफआईआर दंगों के सिलसिले में दर्ज हुई। इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए। इनमें से लगभग 240 केस पुलिस ने अज्ञात बताकर बंद कर दिए और 250 केसों में आरोपी बरी हो गए। केवल 28 केसों में दोषी पाए गए, जिनमें लगभग 400 लोग शामिल थे। इन लोगों में करीब 50 को हत्या के लिए सजा मिली, जिनमें सज्जन कुमार भी शामिल हैं।
सज्जन कुमार उस समय वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद थे। उन्हें दिल्ली के पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या के एक और केस में भी दोषी ठहराया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इस सजा को चुनौती देने के लिए उनकी अपील अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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