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भारत का ऑफिस लीज बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, बेंगलुरू सबसे आगे: रिपोर्ट
मुंबई, 3 जनवरी। रियल एस्टेट फर्म जेएलएल द्वारा शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ऑफिस मार्केट 2024 में ग्लोबल कंपनियों के लिए उनके वर्कफोर्स और रियल एस्टेट फुटप्रिंट को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख केंद्र रहा।
भारत का ऑफिस मार्केट बीते वर्ष के दौरान नेट एब्जॉर्प्शन (वह दर जिस पर किराए योग्य क्षेत्र को एक निश्चित अवधि के लिए लीज पर दिया जाता है) रिकॉर्ड 49.56 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया।
साल के अंत में चौथी तिमाही को लेकर बेहतर प्रदर्शन दर्ज हुआ। अक्टूबर-दिसंबर 2024 में 18.53 मिलियन वर्ग फुट के रिकॉर्ड नेट एब्जॉर्प्शन के आंकड़े दर्ज किए गए, जो इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।
बेंगलुरू ने 2024 में 14.74 मिलियन वर्ग फुट पर अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ नेट एब्जॉर्प्शन के साथ बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63.6 प्रतिशत की वृद्धि है।
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरू ने अपनी सर्वश्रेष्ठ तिमाही भी दर्ज की और अब देश के ऑफिस लीज मार्केट में 36.1 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।
तिमाही नेट एब्जॉर्प्शन में हैदराबाद 16.0 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया, उसके बाद दिल्ली-एनसीआर 15.4 प्रतिशत और चेन्नई 11.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहा।
पूरे वर्ष (जनवरी-दिसंबर 2024) के लिए, बेंगलुरु ने 2024 में नेट एब्जॉर्प्शन के मामले में अब तक का सबसे अच्छा वर्ष होने के साथ बढ़त हासिल की, जबकि मुंबई में भी दशक भर में सबसे अधिक संख्या देखी गई।
दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में मजबूत वार्षिक प्रदर्शन ने भी ऑफिस मार्केट में निरंतर विकास की गति में योगदान दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चार शहरों ने 2024 में वार्षिक नेट एब्जॉर्प्शन में 77.8 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) और फ्लेक्स का अब तक का सबसे अच्छा वर्ष रहा, दोनों ने 2024 में ग्रोस लीजिंग में 56 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री सामंतक दास ने कहा, “2024 में, भारत के ऑफिस मार्केट ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया, शीर्ष सात शहरों में लीजिंग एक्टिविटी 77.22 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंच गई, जो कि सालाना आधार पर 22.6 प्रतिशत वृद्धि थी।
यह अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक वार्षिक लीजिंग है। वैश्विक कंपनियों ने 58.6 प्रतिशत लीजिंग एक्टिविटी को आगे बढ़ाते हुए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि भारत उनकी रियल एस्टेट विस्तार योजनाओं के लिए केंद्र बना हुआ है।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के लिए यह साल शानदार रहा, जिसने लगभग 28 मिलियन वर्ग फीट लीज के साथ बाजार के 35.9 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया।”
उन्होंने आगे कहा, “जैसे-जैसे भारत की ‘ऑफिस टू द वर्ल्ड’ के रूप में स्थिति मजबूत होती जा रही है, इंजीनियरिंग आरएंडडी कैपेबिलिटी के साथ-साथ एआई और उभरती टेक्नोलॉजी पर देश का ध्यान मांग को और बढ़ा सकता है, जिससे यह अगले दशक में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि और इनोवेशन के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन जाएगा।”
2024 की चौथी तिमाही ग्रोस लीजिंग के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली तिमाही साबित हुई, जो 23.80 मिलियन वर्ग फीट थी, जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज किए गए पिछले शिखर से 13.6 प्रतिशत अधिक है।
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अप्रैल-नवंबर 2024 में भारत का कॉफी निर्यात रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार
नई दिल्ली, 4 जनवरी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत के कॉफी निर्यात में उछाल दर्ज हुआ। भारत का कॉफी निर्यात 8 महीने की अवधि के दौरान रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।
निर्यात के मूल्य में उछाल ‘रोबस्टा कॉफी’ की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि और यूरोपीय यूनियन के नए डिफोरेस्टेशन रेगुलेशन से पहले स्टॉकिंग के कारण दर्ज हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में ‘रोबस्टा कॉफी’ की अधिक मांग के कारण 2023-24 में पूरे वर्ष के लिए भारत का कॉफी निर्यात 12.22 प्रतिशत बढ़कर 1.28 बिलियन डॉलर हो गया। देश ने 2022-23 में 1.14 बिलियन डॉलर मूल्य की कॉफी का निर्यात किया।
भारत के कॉफी निर्यात के प्रमुख बाजारों में इटली, रूस, यूएई, जर्मनी और तुर्की शामिल हैं।
भारत 2022-2023 के दौरान दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया। भारतीय कॉफी अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कॉफी में से एक है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम पर है।
भारत दो प्रकार की कॉफी अरेबिका और रोबस्टा का उत्पादन करता है।
अपने हल्के सुगंधित स्वाद के कारण अरेबिका का रोबस्टा कॉफी से ज्यादा बाजार मूल्य है।
रोबस्टा कॉफी का इस्तेमाल इसके स्ट्रॉन्ग फ्लेवर के कारण अलग-अलग मिश्रण बनाने में किया जाता है।
रोबस्टा की भारतीय कॉफी के कुल उत्पादन में 72 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत को वैश्विक स्तर पर रोबस्टा कॉफी का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है।
यह उद्योग भारत में 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। कॉफी भारत के लिए एक निर्यात वस्तु है, इसलिए घरेलू मांग और खपत कॉफी की कीमतों पर बहुत ज्यादा असर नहीं डालती है।
कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों में होता है, जिसमें कर्नाटक सबसे बड़ा उत्पादक है, जो फसल के कुल उत्पादन का 71 प्रतिशत हिस्सा है।
केरल कॉफी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 20 प्रतिशत है।
तमिलनाडु भारत के कुल कॉफी उत्पादन का 5 प्रतिशत हिस्सा लेकर तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
तमिलनाडु की आधी कॉफी नीलगिरि जिले में बनाई जाती है, जो अरेबिका उगाने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है। उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में उत्पादन का अनुपात कम है।
भारत की कंबाइंड अरेबिका और रोबस्टा फसल 2023-24 फसल वर्ष के लिए लगभग 3.74 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि अरेबिका का उत्पादन 1 लाख टन से थोड़ा अधिक है, रोबस्टा का उत्पादन लगभग 2.6 लाख टन है।
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एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए लॉन्च की दो नई डिपॉजिट स्कीम
नई दिल्ली, जनवरी 4। देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए दो नई डिपॉजिट स्कीम, ‘हर घर लखपति’ और ‘एसबीआई पैट्रन्स’ की घोषणा की है।
एसबीआई की ‘डिपॉजिट’ में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। इन इनोवेटिव पेशकश के साथ बैंक ‘इनोवेशन को प्राथमिकता’ देने की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘हर घर लखपति’ एक प्री-कैलकुलेट रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जिसे ग्राहकों के लिए 1,00,000 और इसके मल्टीपल में सेविंग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रोडक्ट के साथ ग्राहक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना और बचत पर ध्यान दे सकते हैं।
एसबीआई की यह योजना 18 वर्ष से कम उम्र के आयु वर्ग के लिए भी पेश की गई है, ताकि यह वर्ग भी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और सेविंग पर छोटी उम्र से ही काम कर सके।
एसबीआई ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष टर्म डिपॉजिट स्कीम ‘एसबीआई पैट्रन्स’ भी शुरू की है।
इस प्रोडक्ट के साथ बैंक बढ़ी हुई ब्याज दरें ऑफर कर रहा है। बैंक की यह स्कीम मौजूदा और नए टर्म डिपॉजिट ग्राहकों दोनों के लिए उपलब्ध है।
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सीएस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य गोल-ओरिएंटेड डिपॉजिट प्रोडक्ट बनाना है, जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो। हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी (इनक्लूसिव) और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हम 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने के लिए वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इन्क्लूशन) और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इन प्रोडक्ट के लॉन्च के साथ एसबीआई ग्राहक-केंद्रित समाधान प्रदान करने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है, जो विभिन्न वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करता है।
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जनवरी-नवंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 64.5 मिलियन यात्रियों ने की यात्रा: केंद्र
नई दिल्ली, 4 जनवरी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, जनवरी-नवंबर 2024 की अवधि में शेड्यूल भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर कुल 64.5 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया। 2023 में समान अवधि में 58 मिलियन यात्रियों ने हवाई सफर किया था, जो 2024 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्रियों को भारतीय ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था, जबकि 34.7 मिलियन यात्रियों को विदेशी ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा साझा किए गए पहले के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-नवंबर की अवधि में घरेलू एयरलाइंस ने कुल 1.02 मिलियन उड़ानें संचालित कीं, जिनमें कुल 146.4 मिलियन यात्री सवार थे। पिछले वर्ष 2023 (जनवरी-नवंबर) के दौरान 0.97 मिलियन उड़ानों में कुल 138.2 मिलियन शेड्यूल यात्री सवार थे।
मंत्रालय ने कहा, “शेड्यूल घरेलू भारतीय वाहकों द्वारा ले जाए जाने वाले घरेलू यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष 2023 की इसी अवधि की तुलना में वर्ष 2024 में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।”
17 नवंबर, 2024 को एक दिन में पहली बार घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 5 लाख यात्रियों की संख्या को पार कर लिया।
1 जनवरी को लागू हुए भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 का उद्देश्य वैश्विक मानकों के अनुरूप विमान अधिनियम, 1934 को फिर से लागू कर भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है।
सरकार ने कहा कि नया कानून ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ अलाइन होगा और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाने जैसी नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
इसके अलावा, पिछले साल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनलों की नींव रखना शामिल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करते हुए सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में हवाई अड्डों का उद्घाटन भी किया।
सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी भी दी है।
मंत्रालय के अनुसार, “विमानन क्षेत्र में जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने के लिए, हितधारकों के लिए एक सलाह जारी की गई है कि वे भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों पर महिलाओं की संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाएं।”
इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 80 हवाई अड्डों ने 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा उपयोग को अपना लिया है, जिनमें से 12 हवाई अड्डे 2024 तक इस पर काम शुरू कर देंगे।
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