व्यापार
लगातार तीसरे सप्ताह भारत के ‘विदेशी मुद्रा भंडार’ में उछाल, बढ़कर हुआ 638 बिलियन डॉलर

मुंबई, 15 फरवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7.6 बिलियन डॉलर बढ़ा और 7 फरवरी तक 638 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज हुई है। पिछले सप्ताह 1.05 बिलियन डॉलर की वृद्धि के बाद, 31 जनवरी तक भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 630.607 बिलियन डॉलर हो गया था।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल सितंबर में 704.885 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2023 में शानदार उछाल आया, जो लगभग 58 बिलियन डॉलर बढ़ा।
20 बिलियन डॉलर का रिजर्व बढ़ने के साथ यह वृद्धि 2024 तक जारी रही, जो निरंतर पूंजी प्रवाह और मजबूत बाहरी स्थिति को दर्शाता है।
हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, 7 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो कुल भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, 6.422 बिलियन डॉलर बढ़कर 544.106 बिलियन डॉलर हो गईं।
सोने के भंडार में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो 1.3 बिलियन डॉलर बढ़कर 72.20 बिलियन डॉलर हो गई।
लेटेस्ट वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने नवंबर 2024 में 8 टन और सोना खरीदा। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद के साथ अपनी खरीद जारी रखी।
भारत की कुल सोने की होल्डिंग 876 टन थी, जो पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरे सबसे बड़े खरीदार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखती है।
इस बीच, केंद्रीय बैंक ने लेटेस्ट मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25 प्रतिशत करके एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय भी लिया है, जो कि पांच वर्षों में पहली दर में कटौती थी।
अंतरराष्ट्रीय
पाक मंत्री भारत के खिलाफ उगल रहे थे जहर, विदेशी मीडिया ने करा दी बोलती बंद, याद दिलाया उनके रक्षा मंत्री का बयान

नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार विदेशी मीडिया के सामने गिड़गिड़ाते दिखे। अपना पक्ष रखने की कोशिश में भारत पर अनर्गल आरोप लगाने लगे, लेकिन उन्हें करारा जवाब दिया गया। एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान याद दिला दिया।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई की है।
उनसे सवाल किया गया कि भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कर रहा है, हमारे यहां ऐसा नहीं है। इस पर एंकर ने रोकते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हाल ही में दिए बयान का जिक्र किया।
याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी इस नीति की सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि बिलावल भुट्टो भी स्वीकार कर चुके हैं।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और यह अब भी है।”
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर इतिहास याद दिलाया तो मंत्री ने कहा, ‘जो रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद, पाकिस्तान आज भी आतंकवाद के खात्मे में लगा सबसे अग्रणी देश है। हम दुनिया की शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार के रूप में खड़े हैं। आपको, मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आकर देखिए।’
इस पर एंकर ने कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
एंकर ने प्रश्न किया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर घातक हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। इस पर पाक मंत्री ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को शामिल करें लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
व्यापार
चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों के कारण बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर में 11 प्रतिशत की गिरावट

नई दिल्ली, 6 मई। सार्वजनिक क्षेत्र के ‘बैंक ऑफ बड़ौदा’ का वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए कमजोर वित्तीय प्रदर्शन रहा, जिसके कारण मंगलवार को बैंक के शेयरों में 10.91 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 5,048 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि सालाना आधार पर 3.3 प्रतिशत की वृद्धि रही। बैंक का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 4,886 करोड़ रुपए था।
बैंक ऑफ बड़ौदा के चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में मामूली वृद्धि उच्च प्रावधानों और कमजोर शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) के कारण हुई।
बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 11,020 करोड़ रुपए का शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) दर्ज किया, जो एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज 11,793 करोड़ रुपए से 6.6 प्रतिशत कम है।
तिमाही आधार पर भी एनआईआई कमजोर रहा क्योंकि यह वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 11,417 करोड़ रुपए से कम रहा।
बैंक का घरेलू शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) तिमाही आधार पर 3.11 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गया। बैंक का परिचालन लाभ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में दर्ज 8,106 करोड़ रुपए की तुलना में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 8,132 करोड़ रुपए पर स्थिर रहा।
वित्त वर्ष 2025 में बैंक का ग्रॉस एनपीए 12.6 प्रतिशत घटकर 27,835 करोड़ रुपए हो गया और ग्रॉस एनपीए अनुपात वित्त वर्ष 2024 के 2.92 प्रतिशत से सुधरकर वित्त वर्ष 2025 में 2.26 प्रतिशत हो गया।
वित्त वर्ष 2024 में 0.68 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 0.58 प्रतिशत रहा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के पास मार्च 2025 के अंत में 14.72 ट्रिलियन रुपए की कुल जमा राशि थी, जो पिछले साल की तुलना में 10.3 प्रतिशत और तिमाही दर तिमाही 4.9 प्रतिशत अधिक थी।
ग्लोबल एडवांस सहित कुल अग्रिम 12.30 ट्रिलियन रुपए थे, जो पिछले साल की तुलना में 12.8 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 4.9 प्रतिशत अधिक थे।
बोर्ड ने अपेक्षित अप्रूवल के अधीन 418 प्रतिशत का लाभांश घोषित करने की सिफारिश की है।
बीओबी के ग्लोबल एडवांसेस में पिछले साल की तुलना में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और मजबूत रिटेल लोन बुक वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2025 में डोमेस्टिक एडवांसेस में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
व्यापार
2025 की पहली तिमाही में नौकरियों के आवेदन में 30 प्रतिशत उछाल, महिलाओं और फ्रेशर्स की भागीदारी बढ़ी

नई दिल्ली, 6 मई। भारत का वर्कफोर्स परिदृश्य 2025 में एक मजबूत शुरुआत कर रहा है। जॉब मार्केट ने इस वर्ष की पहली तिमाही में नौकरियों के आवेदन को लेकर सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 1.81 करोड़ जॉब एप्लीकेशन के साथ यह वृद्धि महिलाओं और फ्रेशर्स की तेजी से बढ़ती भागीदारी की वजह से दर्ज की गई। यह जानकारी मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।
जॉब प्लेटफॉर्म ‘अपना’ की ‘इंडिया एट वर्क- क्वाटर-1 2025 रिपोर्ट’ के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में महिलाओं ने 62 लाख जॉब एप्लीकेशन सबमिट किए, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि से 23 प्रतिशत अधिक है।
महिलाओं के जॉब एप्लीकेशन को लेकर यह वृद्धि बीपीओ, फाइनेंस, एचआर और एजुकेशन जैसे सेक्टर में फ्लेक्सिबल वर्क ऑप्शन और जेंडर-इंक्लूसिव हायरिंग की वजह से दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़, इंदौर और जमशेदपुर जैसे शहरों में महिलाओं के एप्लीकेशन दोगुने से अधिक हो गए, जो प्रमुख महानगरों की वृद्धि दर से अधिक है।
इसी तरह, फ्रेशर्स की ओर से भी 66 लाख जॉब एप्लीकेशन के साथ, पिछले साल की तुलना में 46 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
वारंगल, जबलपुर और प्रयागराज जैसे छोटे शहरों से टैलेंट में 20 से 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो मेट्रो हब से परे कॉर्पोरेट हायरिंग फोकस में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि टियर 2 और 3 शहरों में भर्ती को लेकर वृद्धि की वजह से जॉब एप्लीकेशन को लेकर यह बढ़त दर्ज की गई है।
अपना के सीईओ निर्मित पारिख ने कहा, “दिल्ली से लेकर देहरादून तक, भारत के हायरिंग परिदृश्य को समावेश, टेक्नोलॉजी और एम्बिशन के जरिए एक नया रूप दिया जा रहा है। काम का भविष्य अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रह गया है, यह अब हर जगह है।”
इसके अलावा, जॉब प्लेटफॉर्म अपना का इस्तेमाल करने वाले 70 प्रतिशत नए फ्रेशर्स यूजर्स के पास औपचारिक डिग्री या पेशेवर प्रमाणपत्र थे, जो स्किल-रेडी टैलेंट की बढ़ती मांग को दिखाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हायरिंग को लेकर भी इस वर्ष की पहली तिमाही में उछाल दर्ज किया गया है। इस वर्ष जनवरी-मार्च में 3.1 लाख नौकरियां पोस्ट की गईं, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि से 26 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।
नौकरियां पोस्ट करने को लेकर स्मॉल-मीडियम बिजनेसेस (एसएमबी) की भागीदारी सबसे अधिक रही। एलआईसी, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसी कंपनियों की ओर से 2.1 लाख नौकरियां पोस्ट की गईं। इसके अलावा, एसएमबी ने वर्ष की पहली तिमाही में 28,547 वूमन-स्पेसिफिक रोल पोस्ट किए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 26 प्रतिशत अधिक है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय8 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें