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Thursday,15-May-2025
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भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में 6.5 प्रतिशत की गति से बढ़ेगी: आईएमएफ

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नई दिल्ली, 18 जनवरी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 में 6.5 प्रतिशत की गति से बढ़ सकती है। यह हमारे अक्टूबर में जारी किए गए अनुमान के अनुरूप है।

आईएमएफ का यह अनुमान वर्ल्ड बैंक के अनुमान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि चालू वित्त वर्ष की विकास दर के अनुमान से अधिक है।

आईएमएफ के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। कुछ एशियाई और यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में निराशाजनक डेटा जारी होने के बाद, 2024 की तीसरी तिमाही में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अक्टूबर 2024 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में अनुमानित वृद्धि से 0.1 प्रतिशत कम थी।

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा, “इस साल और अगले साल वैश्विक विकास दर 3.3 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। महंगाई दर लगातार घट रही है। इस साल 4.2 प्रतिशत और अगले साल 3.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।”

अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत घरेलू मांग की उम्मीदों के कारण अधिक बढ़ रही है। वहीं, यूरोप धीमे विकास और लगातार उच्च ऊर्जा कीमतों का सामना कर रहा है।

गौरींचस ने कहा, “उभरते बाजारों में मजबूती दिख रही है, चीन में मामूली सुधार की संभावना है।”

उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 2025 और 2026 में विकास दर मोटे तौर पर 2024 के जीडीपी वृद्धि दर के अनुरूप ही रहेगी।

आईएमएफ के अनुसार, कम होती महंगाई में नीति-जनित व्यवधान मौद्रिक नीति को आसान बनाने की राह को बाधित कर सकते हैं, जिसका राजकोषीय स्थिरता और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है।

गौरींचस ने कहा कि महंगाई के जोखिमों को देखते हुए मौद्रिक नीति को तय किया जाना चाहिए। इसके लिए जहां आवश्यक हो, विश्वसनीय समेकन प्रयासों को लागू करने चाहिए।

अब सभी की निगाहें आरबीआई पर हैं कि क्या वह अगले महीने महंगाई के कम होने पर दरों में कटौती को लागू करता है।

इस गुरुवार को जारी विश्व बैंक की वैश्विक आर्थिक संभावनाओं में भारत में चालू वित्त वर्ष की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

राजनीति

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करने के लिए पलामू और साहिबगंज में निकली ‘तिरंगा यात्रा’

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रांची, 15 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर भारतीय सेना का हौसला बढ़ाने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को समर्थन देने के लिए गुरुवार को झारखंड के पलामू और साहिबगंज में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाली गई। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, भाजपा के नेता-कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल हुए।

पलामू जिला मुख्यालय में निकाली गई ‘तिरंगा यात्रा’ की अगुवाई स्थानीय सांसद विष्णु दयाल राम, पांकी के विधायक कुशवाहा शशिभूषण प्रसाद मेहता, डाल्टनगंज के विधायक आलोक चौरसिया और भाजपा के प्रदेश मंत्री मनोज सिंह ने की।

साहित्य समाज चौक से निकाली गई यह यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई छहमुहान चौक तक पहुंची। यात्रा में शामिल लोगों ने हाथ में तिरंगा ले रखा था और भारत माता के जयकारे लगा रहे थे।

सांसद विष्णु दयाल राम ने इस मौके पर कहा कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों को आतंकियों ने जिस तरह निशाना बनाया, उसके जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पूरी दुनिया को यह बता दिया कि हम ऐसे कायराना हमलों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दी और इसके बाद हमारे साहसी-पराक्रमी जवानों ने आतंकियों के घरों में घुसकर उनके सीने पर वार किया है। सेना की कार्रवाई से देश का मान-सम्मान बढ़ा है। ‘तिरंगा यात्रा’ के जरिए हम सेना के जवानों तक अपनी यह भावना पहुंचाना चाहते हैं कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है।

इसके अलावा, साहिबगंज में भाजपा के पूर्व विधायक अनंत ओझा की अगुवाई में शहर के गांधी चौक से निकाली गई ‘तिरंगा यात्रा’ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। शहर के मुख्य मार्गों से गुजरकर यह यात्रा शहीद भगत सिंह चौक के पास संपन्न हुई।

पूर्व विधायक अनंत ओझा ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के शौर्य का बेमिसाल इतिहास बन गया है। हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर न सिर्फ आतंकवादियों के अड्डों को जमींदोज किया, बल्कि आतंकियों का साथ देने वाली पाकिस्तानी सेना को भी मुंहतोड़ जवाब दिया।

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राजनीति

पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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श्रीनगर, 15 मई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है। भारत आज उन देशों की श्रेणी में है, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके।

दरअसल, पाकिस्तान की हालत बीते कई सालों से इतनी बुरी हो चुकी है कि वह पहले से ही विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मेहरबानी पर चल रहा है।

इसी बीच, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शानदार सफलता के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे। जहां उनके साथ, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बादामी बाग छावनी में जवानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की।

रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना की प्रशंसा की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “रही बात पाकिस्तान की, तो उसकी मैं बात ही क्या करूं आपसे। वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन प्रारंभ हो जाती है। अभी आपने सुना ही होगा कि कैसे वह फिर एक बार आईएमएफ के पास कर्ज मांगने गया। जबकि, दूसरी तरफ हमारा देश है। हम आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके।”

उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया यह बात जानती है कि हमने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है। हम आमतौर पर युद्ध के समर्थक कभी नहीं रहे, लेकिन स्थितियां जब इतनी विकट हो जाएं, जब देश की संप्रभुता पर आक्रमण हो, तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है। पूरे देश में हमारी सेनाओं को और हमारे सैनिकों को, एक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। एक सशक्त राष्ट्र वही होता है, जो अपनी सेनाओं को सम्मान के साथ-साथ आधुनिक हथियार और साजो-सामान भी दे, जिसकी उसे जरूरत है। मुझे गर्व है कि आज सरकार, हमारी सेनाओं के लिए यह सब कर रही है।

उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं। दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं। आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है।

राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा, ”पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और बीमार देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को आईएईए यानी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की निगरानी में लिया जाना चाहिए।

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राष्ट्रीय समाचार

जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर, 15 मई। जम्मू -कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकवादी मारे गए।

अधिकारियों ने बताया कि तीनों आतंकवादियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई है। वे सभी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं।

केंद्र शासित प्रदेश में 48 घंटे के भीतर यह दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पहले श्रीनगर मुख्यालय सेना की 15वीं कोर ने एक्स पर कहा, “15 मई, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी से विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और श्रीनगर सेक्टर सीआरपीएफ द्वारा नादेर, त्राल, अवंतीपोरा में एक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस दौरान संदिग्ध गतिविधि देखी गई।

पुलवामा जिले के अवंतीपोरा सब-डिवीजन के त्राल इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी।

पुलिस ने एक्स पर कहा, “अवंतीपोरा के नादेर, त्राल इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। मौके पर पुलिस और सुरक्षा बल मौजूद हैं।”

आगे बताया गया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी के लिए त्राल तहसील के नादेर गांव को घेर लिया।

गुरुवार की मुठभेड़ शोपियां जिले के केल्लर इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा एक अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई है।

वह पिछले साल मई में शोपियां के हीरपोरा में भाजपा सरपंच की हत्या में भी शामिल था। 2024 में आतंकी समूह में शामिल होने वाला शफी शोपियां जिले के वाची में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था।

10 मई को भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा की थी। लेकिन संघर्ष विराम समझौते के लागू होने के करीब दो घंटे बाद ही आतंकियों ने जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में व्हाइट नाइट कोर के मुख्यालय के बाहर संतरी चौकी पर गोलीबारी की।

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के अंदर किसी भी आतंकी कार्रवाई को “युद्ध कार्रवाई” माना जाएगा। पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय सहित 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।

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