अंतरराष्ट्रीय
भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में मानव धीरज का इतिहास फिर से लिखा: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 19 मार्च। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी क्रू सदस्यों की अंतरिक्ष में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की, जो पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लौट आए।
रक्षा मंत्री ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, “नासा के क्रू-9 की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी पर प्रसन्न हूं! भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों से युक्त क्रू ने अंतरिक्ष में मानव धीरज और दृढ़ता का इतिहास फिर से लिखा है।”
“सुनीता विलियम्स की अविश्वसनीय यात्रा, अटूट समर्पण, दृढ़ता और लड़ने की भावना दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उनकी सुरक्षित वापसी अंतरिक्ष उत्साही और पूरी दुनिया के लिए उत्सव का क्षण है। उनका साहस और उपलब्धियां हम सभी को गौरवान्वित करती हैं। बधाई और उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाने के लिए सभी हितधारकों को बहुत-बहुत धन्यवाद,” उन्होंने कहा।
विलियम्स, नासा के बुच विल्मोर, नासा के निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ मंगलवार शाम को पृथ्वी पर वापस लौटे, जो आठ दिनों का एक छोटा मिशन था जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक अप्रत्याशित नौ महीने के प्रवास में बदल गया।
उनकी वापसी स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर हुई, जो शाम 6 बजे से कुछ मिनट पहले फ्लोरिडा के तट पर उतरा। जैसा कि नासा ने घोषणा की थी, रिकवरी ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया था, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया था।
हेग सबसे पहले बाहर निकले, उसके बाद विलियम्स तीसरे स्थान पर आए। तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया और अंतरिक्ष यान से बाहर निकलने में मदद की, जिससे अंतरिक्ष में उनके लंबे प्रवास का अंत हो गया।
विलियम्स और विल्मोर ने शुरुआत में 6 जून, 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर ISS के लिए उड़ान भरी थी। हालांकि, अंतरिक्ष यान में खराबी के बाद, वे फंस गए।
उनकी वापसी तब तक टलती रही जब तक कि स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को उन्हें वापस धरती पर लाने के लिए नहीं भेजा गया।
अंतरराष्ट्रीय
वाघा सीमा पहुंचे पर्यटक बोले- ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को जवाब, हमारी सेना ने अच्छा किया’

अमृतसर, 7 मई। भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रतिदिन आयोजित होने वाले रिट्रीट समारोह को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में उत्सुक लोग जुट रहे हैं। बुधवार का दिन इनके लिए खास था। सभी ने एक सुर में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की।
पर्यटकों ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। वह भारत में हमले करता था, जिसके कारण भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है।
एक पर्यटक ने बताया कि हम रिट्रीट समारोह स्थल देखने आए थे। समारोह रोका गया है और सुरक्षा के लिहाज से हम इस निर्णय को समझते हैं। हमें खुशी है कि भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है।
महिला पर्यटक ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम की सराहना करते हैं।
एक अन्य पर्यटक ने बताया कि हमें बताया गया है कि रिट्रीट समारोह नहीं होगा। हमें जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन किया जाएगा। मैं खुश हूं कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है।
स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला एयर स्ट्राइक से लिया है। लोगों में इस हमले को लेकर काफी उत्साह है और बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोग 1965 और 1971 की जंग से वाकिफ हैं। वे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मगर, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है।
बता दें कि बीएसएफ ने किसी भी पर्यटक को इंटर-गैपिंग चेक पोस्ट से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। रिट्रीट समारोह को अगली सूचना तक पर्यटकों के लिए बंद किया गया है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस कार्रवाई के बीच, गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की है कि भारत ने अगले आदेश तक करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया है।
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ऑपरेशन सिंदूर : भारत के एयरस्ट्राइक के बाद सहमा पाकिस्तान, आसमान में भी सन्नाटा

नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। पाकिस्तान ने बुधवार की सुबह कई प्रमुख हवाई अड्डों पर हाई सिक्योरिटी अलर्ट लागू कर दिया। ऐसी खबरें भी आईं कि पाकिस्तान ने कमोबेश सभी उड़ानें रद्द कर दीं।
मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आया है कि पाकिस्तान ने कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जानी वाली सारी फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है। वहीं, भारतीय सेना के एक्शन के बाद पाकिस्तान सहमा हुआ है और वहां के आसमान में भी सन्नाटा पसरा है।
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट ‘फ्लाइटरडार24’ से पता चलता है कि बुधवार की सुबह 11 बजे पाकिस्तानी आसमान में खामोशी छाई रही। भारत के एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के आसमान में एकाध प्लेन ही उड़ते दिखे। इसमें बीजिंग से दुबई और लाहौर से कराची जाने वाली फ्लाइट शामिल थी। अमूमन सुबह के इस वक्त में पाकिस्तान के आसमान में विमानों की काफी आवाजाही होती है। लेकिन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सहमे पाकिस्तान के आसमान में भी सन्नाटा छाया है।
माना जा रहा है कि भारत के एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने किसी अनहोनी की आशंका के लिहाज से तमाम फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है। इससे पहले पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद करने का फैसला किया था।
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमला किया। बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर में स्थित उन आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती रही है। कुल मिलाकर नौ स्थानों को निशाना बनाया गया है।
भारत ने एयरस्ट्राइक पर कहा कि हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित और गैर-उत्तेजक रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्य चयन और कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय संयम दिखाया है। यह कदम बर्बर पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाए गए हैं, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। हम अपने उस संकल्प पर कायम हैं कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
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ऑपरेशन सिंदूर : भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर की एयर स्ट्राइक, पीएम मोदी लगातार रख रहे नजर

नई दिल्ली, 7 मई। पहलगाम हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है। भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार इस पूरी सैन्य कार्रवाई पर नजर रखे हुए हैं।
भारत ने ठीक 15 दिन बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। हमले के लिए जिम्मेदार समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर यह ऑपरेशन सटीकता के साथ किया गया। भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी नौ ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया, जिससे पाकिस्तान में कोई भी नागरिक या सैन्य ढांचा प्रभावित नहीं हुआ।
यह हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। यह ऑपरेशन भारत द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित कदम था कि हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए, जबकि आगे की स्थिति से बचने के लिए संयम बनाए रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात भर ऑपरेशन की प्रगति पर बारीकी से नजर रखी। सूत्रों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान योजना के अनुसार आगे बढ़े। प्रधानमंत्री की सक्रिय भागीदारी ने मिशन के महत्व और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि हमले केंद्रित, मापे गए थे।
लक्ष्य, जिन्हें ज्ञात आतंकी शिविर और बुनियादी ढांचे के रूप में पहचाना गया था, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित थे। सेना के बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक, सैन्य या आर्थिक बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जो लक्षित आतंकवाद विरोधी प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी कार्रवाई केंद्रित और सटीक रही है। हमने केवल उन आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया है, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया।” उन्होंने कहा कि “न्याय हुआ।”
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