व्यापार
लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, फार्मा शेयरों में बिकवाली
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मुंबई, 19 फरवरी। वैश्विक स्तर पर मिलेजुले संकेतों के बीच बुधवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में फार्मा और आईटी सेक्टरों में भारी बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.31 बजे, सेंसेक्स 271.06 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,696.33 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 88 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,857.30 पर था।
निफ्टी बैंक 243.90 अंक या 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,843.40 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 384.55 अंक या 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,366.90 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 74.75 अंक या 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,093.70 पर था।
टेक्निकल फ्रंट पर, बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, 22800-22700 जोन के आसपास एक बेस बनता हुआ दिखाई दे रहा है, जो फॉलिंग वेज पैटर्न की लोअर बाउंडरी से जुड़ी है।
एंजेल वन के समीत चव्हाण ने कहा, “हर 100-पॉइंट इंटरवल पर स्ट्रॉन्ग सपोर्ट है, जिसमें 22600-22500 के प्रमुख लेवल हैं, जो फरवरी की शुरुआत में 127 प्रतिशत की वापसी के साथ मेल खाता है।”
उन्होंने कहा, “हालिया प्राइस एक्शन को देखते हुए, व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे बाय-ऑन-डिप्स अप्रोच जारी रखें।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, टेक महिंद्रा, टीसीएस, एमएंडएम, पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, जोमैटो, इंफोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप लूजर्स रहे। जबकि, एनटीपीसी, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डाउ जोंस 0.02 प्रतिशत बढ़कर 44,556.34 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.24 प्रतिशत बढ़कर 6,129.58 पर और नैस्डैक 0.07 प्रतिशत चढ़कर 20,041.26 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में, सोल और चीन हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि बैंकॉक, जापान, जकार्ता और हांगकांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
संस्थागत फ्रंट पर, पिछले नौ सत्रों में शुद्ध विक्रेता रहने के बाद, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) खरीदार बने और 18 फरवरी को 4,786.56 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार 10वें सत्र के लिए अपनी खरीद का सिलसिला जारी रखा और उसी दिन 3,072.19 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
व्यापार
भारत में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसरों में 48 प्रतिशत की शानदार वृद्धि, फ्रेशर्स की सबसे ज्यादा डिमांड : रिपोर्ट
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बेंगलुरु, 3 मार्च। भारत के नौकरी बाजार में एक बड़ा बदलाव देखते हुए महिलाओं के लिए अवसरों में 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में 48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
यह वृद्धि मुख्य रूप से कुछ प्रमुख सेक्टर जैसे इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, बीएफएसआई, मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में उभरती टेक्नोलॉजी भूमिकाओं में स्पेशल टैलेंट की मांग के कारण देखी जा रही है।
फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी एंड एमई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में महिलाओं के लिए उपलब्ध नौकरियों में से लगभग 25 प्रतिशत फ्रेशर्स के लिए हैं। इससे पता चलता है कि शुरुआती करियर वाले प्रोफेशनल की मांग खासकर आईटी, एचआर और मार्केटिंग जैसे सेक्टर में बहुत अधिक है।
एक्सपीरियंस के मामले में महिलाओं के लिए नौकरियों का सबसे बड़ा हिस्सा 53 प्रतिशत 0-3 साल की कैटेगरी में आता है, उसके बाद 32 प्रतिशत, 4-6 साल का स्थान आता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी/कंप्यूटर-सॉफ्टवेयर जैसी इंडस्ट्री का दबदबा बना हुआ है, जो महिलाओं की नौकरियों का 34 प्रतिशत हिस्सा है।
दूसरे प्रमुख सेक्टर में भर्ती/स्टाफिंग/आरपीओ, बीएफएसआई और विज्ञापन/पीआर/इवेंट शामिल हैं, इन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं।
फाउंडिट की वीपी-मार्केटिंग अनुपमा भीमराजका ने कहा, “भारतीय नौकरी बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे महिलाओं के लिए अधिक पहुंच और अवसर पैदा हो रहे हैं। ये अवसर खासकर उच्च विकास वाली इंडस्ट्री और टेक से जुड़ी भूमिकाओं में बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ऑफिस से काम करने की व्यवस्था में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो नियोक्ता की प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत है।
भीमराजका ने कहा, “वेतन समानता और कार्य-मोड प्रिफरेंस को विकसित करने जैसे क्षेत्रों में चुनौतियां बनी हुई हैं, 2025 में महिलाओं की वर्कफोर्स भागीदारी के लिए समग्र दृष्टिकोण अत्यधिक उत्साहजनक बना हुआ है।”
दिलचस्प बात यह है कि इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन भूमिकाओं में भी महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी जा रही है, जो पिछले वर्ष 6 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है।
यह उछाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उभरती टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइज्ड टैलेंट की बढ़ती जरूरत को भी दर्शाता है।
रिपोर्ट में पाया गया कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में अधिक महिलाएं नौकरी पा रही हैं। नासिक, सूरत, कोयंबटूर और जयपुर जैसे शहरों में महिलाओं की नौकरियों का हिस्सा 41 प्रतिशत हो गया है, जबकि टियर-1 शहरों में यह 59 प्रतिशत है।
महिलाओं की नौकरियों के लिए सैलरी डिस्ट्रिब्यूशन से पता चलता है कि 81 प्रतिशत हिस्सा 0-10 लाख वार्षिक वेतन ब्रैकेट में है, इसके बाद 11 प्रतिशत हिस्सा 11-25 लाख रेंज में है, जबकि 8 प्रतिशत हिस्सा 25 लाख से अधिक कमाता है।
अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।
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मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।
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इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
राष्ट्रीय समाचार
अदाणी ग्रुप मध्य प्रदेश में 1.10 लाख करोड़ रुपये करेगा निवेश, 1.2 लाख नौकरियां होंगी पैदा
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भोपाल, 24 फरवरी। भारत के लीडिंग इंटीग्रेटेड व्यापार समूह अदाणी ग्रुप की ओर से मध्य प्रदेश में पंप स्टोरेज, सीमेंट, खनन, स्मार्ट मीटर और थर्मल ऊर्जा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में 1.1 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश का ऐलान किया गया।
सोमवार को राज्य की राजधानी में शुरू हुए दो दिवसीय ‘मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025’ में गई इस घोषणा से दशक के अंत तक 1,20,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस समिट का उद्घाटन किया गया।
गौतम अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्य प्रदेश के निवेश केंद्र में तब्दील होने की प्रशंसा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये निवेश वित्तीय लेन-देन से कहीं बढ़कर हैं।
गौतम अदाणी ने कहा, “ये साझा यात्रा में मील का पत्थर है, जो मध्य प्रदेश को भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में सबसे आगे ले जाएंगे।”
अदाणी ग्रुप ने पहले ही मध्य प्रदेश के पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और कृषि-व्यवसाय क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे 25,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।
नया निवेश राज्य के औद्योगिक इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए तैयार है, जो भारत की आत्मनिर्भरता और इनोवेशन की महत्वाकांक्षाओं के साथ जुड़ा है।
गौतम अदाणी ने 1 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के बारे में राज्य सरकार के साथ चल रही बातचीत के बारे में भी बताया।
इसमें एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, एक हवाई अड्डा परियोजना और एक महत्वाकांक्षी कोयला गैसीकरण पहल की योजनाएं शामिल हैं।
मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 ने नए आर्थिक अवसरों की खोज करने और अंतर-क्षेत्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया है।
गौतम अदाणी ने हाल ही में अपने बेटे जीत की शादी के उपलक्ष्य में सामाजिक कार्यों के लिए 10,000 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की थी।
इस उदार दान का उद्देश्य वंचितों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास में किफायती और सुलभ विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
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