व्यापार
सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 22,500 स्तर से ऊपर
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मुंबई, 27 फरवरी। मिश्रित ग्लोबल संकेतों के बीच गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सपाट खुले। शुरुआती कारोबार में फाइनेंशियल सर्विस और मेटल सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
सुबह करीब 9.31 बजे सेंसेक्स 9.44 अंक या 0.01 प्रतिशत बढ़कर 74,592.68 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 6.30 अंक या 0.03 प्रतिशत चढ़कर 22,553.85 पर था।
निफ्टी बैंक 218.90 अंक या 0.45 प्रतिशत बढ़कर 48,827.25 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 59.15 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के बाद 49,643 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 54.10 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के बाद 15,354.50 पर था।
विशेषज्ञों के अनुसार, सपाट से सकारात्मक शुरुआत के बाद, निफ्टी को 22,500 पर सपोर्ट मिल सकता है, उससे पहले 22,400 और 22,300 पर भी सपोर्ट मिल सकता है। ऊपरी स्तर पर 22,700 तत्काल रेसिस्टेंस हो सकता है, उसके बाद 22,800 और 22,900 पर रेसिस्टेंस हो सकता है।
चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव विश्लेषक हार्दिक मटालिया ने कहा, “बैंक निफ्टी के चार्ट्स संकेत देते हैं कि इसे 48,500, उससे पहले 48,200 और 47,900 पर सपोर्ट मिल सकता है। अगर इंडेक्स आगे बढ़ता है, तो 48,800 प्रारंभिक प्रमुख प्रतिरोध होगा, उसके बाद 49,200 और 49,500 प्रमुख प्रतिरोध होंगे।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, एमएंडएम, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, जोमैटो, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, एशियन पेंट्स, इंफोसिस, एक्सिस बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डाउ जोंस 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 43,433.12 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.01 प्रतिशत बढ़कर 5,956.06 पर और नैस्डैक 0.26 प्रतिशत चढ़कर 19,075.26 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में, सोल, चीन, जकार्ता और हांगकांग लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। जबकि बैंकॉक और जापान हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने लगातार पांचवें दिन अपनी बिकवाली जारी रखी, क्योंकि उन्होंने 25 फरवरी को 3,529.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 3,030.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि मंगलवार को निफ्टी का उछाल 22620 के आसपास से ही कम हो गया था, जो रिकवरी के कमजोर प्रयास की ओर इशारा करता है।
उन्होंने आगे कहा, “पिछले तीन दिनों में पैरलल कंसोलिडेशन से गिरावट के संकेत मिलते हैं। लेकिन जैसा कि इस पूरे सप्ताह कहा गया है, हम मजबूती की पुष्टि के लिए 22,950 के पार जाने का इंतजार करेंगे। दिन के लिए डाउनसाइड मार्कर 22,530 पर रखा जा सकता है, जिसमें 22,300 पर महत्वपूर्ण सपोर्ट देखा जा सकता है।”
अंतरराष्ट्रीय
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष का दो दिवसीय भारत दौरा, फ्री ट्रेड समझौते पर होगी चर्चा
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नई दिल्ली, 27 फरवरी। यूरोपीय संघ की चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन दो दिन के दौरे पर भारत आ रही हैं। पीएम मोदी संग फ्री ट्रेड समझौते पर चर्चा होगी। तीन साल में तीसरी बार लेयेन भारत आ रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष एक डेलिगेशन (कॉलेज ऑफ कमीशनर्स) के साथ आ रही हैं। प्रतिनिधिमंडल में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के 27 अधिकारी शामिल होंगे। उर्सुला यूरोपीय कमीशन की पहली महिला चीफ हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर उनकी यात्रा की जानकारी दी थी। कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर आ रहीं उर्सुला की यात्रा के एजेंडे में मुक्त व्यापार समझौता समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं। उनकी यात्रा आयोग के नए कार्यकाल के प्रारंभ में हो रही है, जो पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी और उर्सुला एक पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे और दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
यात्रा की घोषणा 21 जनवरी को दावोस में की गई थी। पीएम मोदी और उर्सुला शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करेंगे। वह पीएम मोदी से मिलेंगी और भारत-यूरोपीय यूनियन व्यापार परिषद में शामिल होंगी। यात्रा के दौरान भारत और यूरोपीय संघ में ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी परिषद की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित होगी। इसके साथ ही यूरोपीय आयुक्तों और उनके भारतीय समकक्षों के बीच द्विपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक भी होगी।
उर्सुला वॉन डेर लेयेन तीसरी बार भारत आ रही हैं। इससे पहले वह अप्रैल 2022 और सितंबर 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आई थीं।
व्यापार
वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देगा एआई, 84 प्रतिशत भारतीयों को भरोसा : रिपोर्ट
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बेंगलुरु, 26 फरवरी। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 84 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।
कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट में ग्लोबल लीडर ‘सेल्सफोर्स’ की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई एजेंटों में भारतीय उपभोक्ताओं का भरोसा बनाने वाले मुख्य कारक ट्रांसपैरेंसी, यूजर कंट्रोल और बिल्ट-इन प्रोटेक्शन हैं।
मीडिया रिपोर्ट ने खुलासा किया कि कैसे एआई एजेंट वित्तीय सेवा उद्योग में प्रतिस्पर्धियों के उत्पाद और उनकी सेवाओं में अंतर के लिए नए अवसर प्रदान करते हैं।
लगभग 74 प्रतिशत भारतीय उम्मीद करते हैं कि एआई दूसरे उद्योगों की तुलना में वित्तीय सेवाओं के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाएगा। ऐसा सोचने वालों में 74 प्रतिशत जेन जेड (1996 के बाद पैदा होने वाले) और 79 प्रतिशत मिलेनियल्स (1981 से 1996 के बीच पैदा होने वाले) हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंटिक (स्वायत्त) एआई रोलआउट हो चुके हैं, इसलिए ट्रस्ट बनाए रखने की जरूरत है।
लगभग 87 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता वित्तीय सेवाओं में एआई एजेंटों के उपयोग पर कम से कम कुछ हद तक भरोसा करते हैं। केवल 29 प्रतिशत ही पूरी तरह से इसके पक्ष में हैं।
भारत का वित्तीय सेवा क्षेत्र एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है, जिसमें एआई-आधारित नवाचार उपभोक्ताओं के अपने वित्तीय संस्थानों के साथ संवाद करने के तरीके को नया रूप दे रहा है।
सेल्सफोर्स (दक्षिण एशिया) के ईवीपी और एमडी अरुण परमेश्वरन ने कहा, “एजेंटफोर्स जैसे एजेंटिक एआई सॉल्यूशन के उदय में समय की कमी और पहुंच जैसी पारंपरिक बाधाओं को दूर करते हुए मांग आधारित व्यक्तिगत वित्तीय सिफारिशें प्रदान करने की क्षमता है।”
उन्होंने कहा, “हालांकि, इसकी पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए, वित्तीय संस्थानों को शुरू से ही अपनी एआई रणनीति में विश्वास, ट्रांसपैरेंसी और कड़े विनियामक अनुपालन को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
रिपोर्ट के अनुसार, ‘विशिष्ट सेवाएं’ और ‘बेहतरीन अनुभव’ दरों और शुल्कों पर भारी पड़ सकते हैं। लगभग 67 प्रतिशत भारतीय ऐसे प्रदाता के साथ बने रहेंगे जो बेहतरीन सेवा प्रदान करता है, भले ही शुल्क बढ़ जाए। यह उच्च आय वालों (70 प्रतिशत) के लिए विशेष रूप से सच है।
राष्ट्रीय समाचार
दक्षिण दिल्ली की रियल एस्टेट क्षमता 5.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची : रिपोर्ट
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नई दिल्ली, 26 फरवरी। देश के सबसे पॉश इलाकों में से एक दक्षिण दिल्ली की रियल एस्टेट क्षमता अब 5.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण दिल्ली उन घरों के लिए एक आइडियल लोकेशन बन गई है, जो एक्सक्लूसिव और लग्जरी लिविंग एक्सपीरियंस देते हैं।
कैटेगरी-II रियल एस्टेट केंद्रित अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड, गोल्डन ग्रोथ फंड (जीजीएफ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण दिल्ली में 13 कैटेगरी-ए कॉलोनियों की रियल एस्टेट क्षमता 2.14 लाख करोड़ रुपये की है, जो लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है।
27 कैटेगरी-बी कॉलोनियों की रियल एस्टेट क्षमता 3.21 लाख करोड़ रुपये की है, जो लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है।
कैटेगरी ए कॉलोनियों में भूखंडों की औसत कीमत 7-15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है, जबकि कैटेगरी बी कॉलोनियों की कीमत 6-12 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण दिल्ली में 18,446 प्लॉट 42 कैटेगरी ए, बी और सी कॉलोनियों में उपलब्ध हैं, जिनका आकार 125 वर्ग गज से लेकर 1,750 वर्ग गज तक है और इनकी औसत कीमत 6-15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने दिल्ली की सभी कॉलोनियों को आठ कैटेगरी – ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी और एच में बांटा है।
कैटेगरी ए और बी सबसे एक्सक्लूसिव लोकेशन हैं, जो दक्षिण दिल्ली में स्थित हैं। सर्किल रेट्स, प्रॉपर्टी टैक्स रेट और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए स्टैम्प ड्यूटी चार्ज इन कैटेगरी पर आधारित हैं।
कैटेगरी ए की 13 कॉलोनियों में करीब 3,704 प्लॉट उपलब्ध हैं, जिनका आकार 200 वर्ग गज से लेकर 1,200 वर्ग गज तक है और इनकी औसत कीमत 7 लाख रुपये प्रति वर्ग गज से लेकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 कैटेगरी बी कॉलोनियों में लगभग 12,720 प्लॉट उपलब्ध हैं, जिनका आकार 125 वर्ग गज से लेकर 1,750 वर्ग गज तक है, जिनकी औसत कीमत 6 लाख रुपये प्रति वर्ग गज से लेकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
गोल्डन ग्रोथ फंड के सीईओ अंकुर जालान के अनुसार, दक्षिण दिल्ली में मुख्य रूप से धनी वर्ग रहता है, जिसमें व्यवसायी, वकील और वेतनभोगी पेशेवर शामिल हैं, जिन्हें आलीशान फ्लोर और विला पसंद हैं।
एचएनआई, एनआरआई और फैमिली ऑफिस, जो पहले अनुपालन और सुरक्षा के बिना स्थानीय संपत्तियों में निवेश करते थे, अब वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में निवेश कर रहे हैं, जो इन कॉलोनियों में निवेश करते हैं।
सेबी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि रियल एस्टेट सेक्टर ने एआईएफ से 75,500 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज करवाया है, जो सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है, जिसकी हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है।
जालान ने कहा, “निवेश की सुरक्षा और संपत्ति के रखरखाव की चिंता किए बिना 18-20 प्रतिशत तक के रिटर्न के साथ, एआईएफ ने इन निवेशकों के लिए एक नया रास्ता खोल दिया है।”
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