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भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 270 अंक फिसला

मुंबई, 29 अगस्त। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांक लाल निशान में थे। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 270.92 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,809.65 और निफ्टी 74.05 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,426.85 पर था।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 320.10 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,727.40 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 67.35 अंक या 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,227.00 पर था।
बाजार के ज्यादातर इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, आईटी, रियल्टी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट थी। दूसरी तरफ एफएमसीजी, मीडिया, डिफेंस और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में आईटीसी, बीईएल, ट्रेंट, एलएंडटी, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, सनफार्मा, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। एमएंडएम, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ के पूरे प्रभाव को समझने की कोशिशों के बीच निवेशकों की धारणा सतर्क रही। इस मुद्दे के बने रहने से कुछ क्षेत्रों में भविष्य में भारत के निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की संभावना है। आज इक्विटी बेंचमार्क का प्रदर्शन कमजोर रहा, खासकर मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में। इसके विपरीत, जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और मजबूत उपभोक्ता मांग की उम्मीदों के चलते एफएमसीजी शेयरों में तेजी बनी रही।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 50 इंडेक्स 36 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 24,537 और बीएसई सेंसेक्स 118 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 80,199 पर था।
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त्योहारी उत्साह से बाजार में तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे सेशन में हरे निशान में हुए बंद

मुंबई, 20 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार दीपावली के मौके पर सोमवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 411.18 अंक या 0.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,363.37 पर और निफ्टी 133.30 अंक या 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,843.15 पर था।
सत्र के दौरान सेंसेक्स ने 84,656.56 और निफ्टी ने 25,926.20 का उच्चतम स्तर छुआ।
बाजार की तेजी का नेतृत्व पीएसयू बैंक शेयरों ने किया। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स कारोबार के अंत में 2.87 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, निफ्टी इंफ्रा 1.32 प्रतिशत की तेजी और निफ्टी ऑयल एंड गैस 1.42 प्रतिशत की तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए।
निफ्टी ऑटो 0.16 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विस 0.12 प्रतिशत, एफएमसीजी 0.03 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 0.07 प्रतिशत की गिरावट में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एसबीआई, टीसीएस, टाइटन, भारती एयरटेल, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलएंडटी टॉप गेनर्स की लिस्ट में शामिल थे। वहीं, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, इटरनल और पावरग्रिड टॉप लूजर्स की लिस्ट में शामिल रहे।
कारोबार के अंत में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 442.25 अंक या 0.75 प्रतशित की तेजी के साथ 59,344.50 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 83.75 अंक या 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,206.15 पर बंद हुए।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्रमुख कंपनियों के उम्मीद से बेहतर दूसरी तिमाही के नतीजों और त्योहारों के प्रति उत्साह के चलते भारतीय बाजार ने अपनी सकारात्मक गति को जारी रखा। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार संबंधों में नरमी और रक्षा शेयरों की अगुवाई में यूरोपीय बाजार में तेजी के साथ सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने निवेशकों की धारणा को मजबूत किया।
उन्होंने आगे कहा, “इसके अतिरिक्त, कैश मार्केट में एफआईआई के बेहतर प्रवाह ने लगातार तीन महीनों की बिकवाली के बाद अक्टूबर में घरेलू बाजार को शुद्ध खरीदार बना दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और मध्यम आकार की वित्तीय सेवाओं ने इस बढ़त का नेतृत्व किया, जिन्हें संभावित अधिग्रहणों और दूसरी तिमाही के नतीजों के अनुसार मार्जिन और परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार का लाभ मिला।”
इसके अलावा, संवत 2081 में दोनों सूचकांकों में एकल अंकीय वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सुबह हरे निशान में तेजी के साथ हुई थी। शुरुआती कारोबार में सुबह 9.26 बजे, सेंसेक्स 502 अंक या 0.60 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,454 और निफ्टी 152 अंक या 0.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,863 स्तर पर था।
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दीपावली गिफ्ट! चांदी 9,000 रुपए से अधिक सस्ती हुई

मुंबई, 20 अक्टूबर: हाजिर बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। चांदी के दाम 9,000 रुपए से अधिक गिर गए। वहीं, सोने की कीमतों में भी करीब 3,000 रुपए की गिरावट देखने को मिली।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, चांदी की कीमत 9,130 रुपए घटकर 1,60,100 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि शुक्रवार को 1,69,230 रुपए प्रति किलो थी।
वहीं, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत घटकर 1,26,730 रुपए हो गई है। इससे पहले शुक्रवार को सोने की कीमत 1,29,584 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो सोने की कीमतों में 2,854 रुपए की कमी को दर्शाता है।
22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत कम होकर 1,16,085 रुपए हो गई है, जो कि इससे पहले 1,18,699 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी। वहीं, 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम कम होकर 95,048 रुपए हो गया है, जो कि पहले 97,188 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
आईबीजेए की ओर से दिन में दो बार – दोपहर 12 बजे और शाम 5 बजे- कीमतों को जारी किया जाता है।
सोने में यह सुधार पिछले सत्र की भारी गिरावट के बाद आया है, जब वैश्विक निवेशकों ने चीन पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद मुनाफावसूली की थी।
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि चीन से आयात पर प्रस्तावित 100 प्रतिशत टैरिफ टिकाऊ नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि दो सप्ताह में दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद उनके चीन के साथ संबंध ठीक हो जाएंगे।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोनों और चांदी दोनों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। कॉमेक्स पर सोना 1.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,261 डॉलर प्रति औंस पर है। वहीं, चांदी 1.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 50.77 डॉलर प्रति औंस पर है।
सोने और चांदी दोनों ने 2025 में अब तक निवेशकों को दमदार रिटर्न दिया है। सोना करीब 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है। वहीं, चांदी ने करीब 70 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
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संवत 2081 में कंपनियों ने जुटाई 2.9 लाख करोड़ रुपए की रिकॉर्ड फंडिंग

मुंबई, 20 अक्टूबर: भारतीय इक्विटी बाजार में 433 कंपनियों ने पिछली दीपावली से लेकर इस दीपावली तक यानी संवत 2081 में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 2.9 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं।
संवत 2080 में यह आंकड़ा 429 कंपनियों के साथ 2.53 लाख करोड़ रुपए पर था।
इससे पहले, संवत 2079 में 251 कंपनियों ने 79,900 करोड़ रुपए और संवत 2078 में 165 कंपनियों ने 1.07 लाख करोड़ रुपए की धनराशि जुटाई थी।
बाजार ने यह रिकॉर्ड ऐसे समय पर बनाया है, जब सेकेंडरी मार्केट में गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं और आईपीओ लाने वाली कंपनियों की लिस्टिंग कमजोर हो रही है। यह ट्रेंड लंबी अवधि के निवेशकों का बाजार पर विश्वास को दिखाता है।
इस संवत में कुल 111 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए 1.8 लाख करोड़ रुपए जुटाए। वहीं, 275 कंपनियां स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएमई) आईपीओ के जरिए 11,860 करोड़ रुपए जुटाने में कामयाब रहीं।
वहीं, अन्य 47 कंपनियों ने 98,993 करोड़ रुपए क्यूआईपी के जरिए जुटाए।
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस तेजी की वजह मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, निवेशकों का बढ़ता विश्वास और अच्छी बाजार परिस्थितियां हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सेकेंडरी मार्केट में अधिक वैल्यूएशन के कारण निवेशक प्राइमरी बाजार में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
2025 में ज्यादातर कंपनियों की लिस्टिंग उम्मीद से कमजोर रही है। इस साल अब तक सूचीबद्ध 85 मेनबोर्ड आईपीओ में से 29 अपने इश्यू प्राइस से नीचे खुले, जबकि 27 में 1-10 प्रतिशत का मामूली लिस्टिंग मुनाफा देखा गया।
12 आईपीओ ने 11-20 प्रतिशत के बीच लाभ दिया, 13 आईपीओ 25-50 प्रतिशत तक बढ़े, और केवल तीन शेयर ही शुरुआत में 50 प्रतिशत से अधिक का लाभ देने में सफल रहे।
इसके विपरीत, 2024 में लिस्टिंग के समय कंपनियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। उस वर्ष, 93 मेनबोर्ड आईपीओ में से, पांच शेयरों ने लिस्टिंग पर निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया था, 12 ने 50-99 प्रतिशत तक लाभ दिया, 25 ने 25-50 प्रतिशत तक लाभ दिया, और 30 ने 1-25 प्रतिशत के बीच मामूली लाभ निवेशकों को दिया।
एसएमई सेगमेंट में भी ऐसा ही पैटर्न दिखाई दिया। 2025 में, 218 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, जिनमें से 76 आईपोओ इश्यू प्राइस से नीचे सूचीबद्ध हुए, जबकि 27 ने 50-100 प्रतिशत का लाभ दिया।
हालांकि, 2024 में, 247 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, और उनमें से 100 से अधिक ने लिस्टिंग के समय 50-400 प्रतिशत के बीच रिटर्न दिया।
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