व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद, ऑटो और आईटी में हुई खरीदारी

मुंबई, 26 मई। भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुए। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 455.37 अंक या 0.56 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,176.45 और निफ्टी 148 अंक या 0.60 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,001.15 पर था।
शेयर बाजार में तेजी का नेतृत्व ऑटो और आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी ऑटो और निफ्टी आईटी इंडेक्स दोनों ही एक-एक प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। इसके अलावा मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी, कमोडिटी, और पीएसई इंडेक्स में खरीदारी देखी गई।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 379.50 अंक या 0.67 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,067.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 64.45 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,707.80 पर था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, नेस्ले, आईटीसी, एचयूएल, एलएंडटी, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। इटरनल (जौमेटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा,”ईयू पर अमेरिका की ओर से टैरिफ टालने के फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई, जिससे घरेलू बाजार को सपोर्ट मिला।”
उन्होंने आगे कहा, “ये घटनाक्रम दर्शाते हैं कि व्यापार वार्ता आगे बढ़ रही है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत और घरेलू बॉन्ड यील्ड में गिरावट ने निवेशकों को जोखिमपूर्ण एसेट्स पर अपना ध्यान केंद्रित रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। ग्रामीण खपत में वृद्धि और तिमाही के लिए उम्मीद से अच्छी कॉर्पोरेट आय के बाद चौथी तिमाही के मजबूत जीडीपी आंकड़ों की उम्मीदों के कारण बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया।”
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला था। सुबह करीब 9.32 बजे, सेंसेक्स 640.3 अंक या 0.78 प्रतिशत बढ़कर 82,361.46 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 187.39 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 25,040.45 पर कारोबार कर रहा था।
व्यापार
जीएसटी सुधारों के बीच उतार-चढ़ाव भरे सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार में रही तेजी

SHARE MARKET
मुंबई, 6 सितंबर। जीएसटी को रेशनलाइज बनाने को लेकर शुरुआती आशावाद कम होने और वैश्विक व्यापार तनाव फिर से उभरने के कारण इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ सप्ताह का अंत किया, जिसमें मुख्य ध्यान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर रहा।
आर्थिक अनिश्चितता, उच्च ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण विवेकाधीन खर्च में कमी की चिंताओं के बीच निफ्टी आईटी इस सप्ताह 2.5 प्रतिशत से अधिक गिर गया।
सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी मेटल और ऑटो सूचकांकों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रियल्टी और एफएमसीजी सूचकांक मुनाफावसूली के कारण 1.5 प्रतिशत तक गिर गए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “आईटी सेक्टर के विपरीत, उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र जैसे ऑटो और एफएमसीजी में तेजी आई, क्योंकि जीएसटी में कटौती से घरेलू खपत बढ़ेगी और मांग में सुधार में मदद मिलेगी।”
उत्साहजनक व्यापक आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने घरेलू शेयर बाजारों को कुछ सहारा दिया। हालांकि, ग्लोबल बॉन्ड मार्केट्स ने सतर्कता का माहौल बढ़ा दिया है, जहां यूरोजोन में बढ़ते कर्ज और राजकोषीय असंतुलन के कारण जर्मनी और फ्रांस 30-ईयर यील्ड दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
वाहनों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने के बाद आयशर मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर 2-2 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। मेटल सेक्टर से जुड़े शेयरों में, जीएमडीसी 11 प्रतिशत उछलकर 509 रुपए पर पहुंच गया, जबकि नेशनल एल्युमीनियम और एनएमडीसी में 2 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
विश्लेषकों का अनुमान है कि जीएसटी राहत, मजबूत खपत और सरकारी खर्च से घरेलू विकास से जुड़े क्षेत्रों को लाभ होने के कारण बाजार में सेंटीमेंट मिला-जुला रहेगा, जबकि वैश्विक व्यापार वार्ता जोखिम उठाने की क्षमता को सीमित करती रहेगी।
नायर ने कहा, “इस माहौल में मल्टी-एसेट निवेश रणनीति के जोर पकड़ने की उम्मीद है। ट्रेडर्स का ध्यान यूएस जॉब रिपोर्ट पर है, जो एक व्यापक कारक है जो फेड की ब्याज दरों में कटौती को प्रभावित कर सकता है। यूएस नॉनफॉर्म पेरोल्स, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और ईसीबी के ब्याज दरों के फैसले भी इस सप्ताह निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे।”
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग हाउस के अनुसार, “साप्ताहिक पैमाने पर, निफ्टी ने एक इनसाइड बार पैटर्न बनाकर एक व्यापक दायरे में कंसोलिडेट किया है। 24,500 और 24,650 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, लेकिन अब इसे 24,700 के स्तर से ऊपर बने रहना होगा ताकि 24,850 और फिर 25,000 के स्तर तक ऊपर की ओर बढ़ सके।”
घरेलू स्तर पर, लगातार विदेशी निकासी ने रुपए पर दबाव डाला, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इस बीच, सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने की कीमतों को सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।
जीएसटी को रेशनलाइज बनाने से उपभोग को बढ़ावा मिलने, कर प्रणाली को सरल बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे कर आधार का विस्तार होगा।
राष्ट्रीय
7 सितंबर को लगेगा. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, इन राशि वालों को रहना होगा सतर्क

नई दिल्ली, 6 सितंबर। इस साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को है। जब धरती सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया चांद पर डालती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह खगोलीय घटना न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए खास है, बल्कि धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस बार का चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में डूब जाएगा, जिसे आम भाषा में ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा उस समय हल्के लाल रंग का दिखता है। यह पूरा ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और भारत के सभी हिस्सों में आसानी से दिखाई देगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल लगता है, जिसे अशुभ काल कहा जाता है। इस बार सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा, जो ग्रहण मोक्ष यानी समाप्ति के समय रात 1:26 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। पूजा-पाठ, भोजन बनाना, या खाना खाना मना होता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि नुकीली चीजों से दूर रहना और बाहर न निकलना। इस समय केवल भगवान का नाम जपना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
ज्योतिष के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण भी बेहद खास है क्योंकि यह शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है। साथ ही राहु चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, जिससे ग्रहण योग बनता है। यह योग कुछ राशियों के लिए थोड़ी मुश्किलें लेकर आ सकता है। वृषभ, तुला और कुंभ राशि वाले लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है। वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य और व्यापार में परेशानी हो सकती है, तुला राशि के लोगों को मानसिक तनाव और धन के मामलों में नुकसान झेलना पड़ सकता है, जबकि कुंभ राशि में तो ग्रहण लग ही रहा है, इसलिए उनके लिए यह समय काफी संवेदनशील माना जा रहा है।
इन समस्याओं के समाधान के तौर पर वृषभ राशि के लोग सफेद वस्त्र पहनें और दूध का दान करें। तुला राशि के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करें और वस्त्र दान करें, और कुंभ राशि के जातक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद हर व्यक्ति को स्नान करके साफ वस्त्र पहनने चाहिए, भगवान को भोग लगाना चाहिए, और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। इससे मन को शांति और जीवन में शुभ ऊर्जा मिलती है।
राष्ट्रीय समाचार
कम मूल्य वाले सामान पर जीएसटी रिफंड के लिए मूल्य सीमा को समाप्त करने के डीजीएफटी के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

नई दिल्ली, 5 सितंबर। ई-कॉमर्स निर्यातकों को राहत देते हुए, जीएसटी परिषद ने कम मूल्य वाले सामान पर जीएसटी रिफंड के लिए मूल्य सीमा को समाप्त करने के डीजीएफटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की संबंधित धारा में संशोधन किया जाएगा ताकि कर भुगतान के साथ किए गए निर्यातों के लिए, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो, रिफंड की अनुमति मिल सके।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित सुधार छोटे निर्यातकों, विशेष रूप से कूरियर या डाक सेवाओं के माध्यम से माल भेजने वालों की चिंताओं का समाधान करता है। इससे प्रक्रियाओं को सरल बनाने और कम मूल्य वाले ई-कॉमर्स निर्यात को सुगम बनाने की उम्मीद है।
सरकार ने लागत कम करने, शुल्क-संबंधी विकृतियों को दूर करने और कागज, चमड़ा, लकड़ी, हस्तशिल्प, वाणिज्यिक वाहन, ट्रैक्टर, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, खिलौने और पैकेजिंग सामग्री जैसे विविध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से जीएसटी दरों को रेशनलाइज बनाने के उपायों की एक सीरीज शुरू की है।
जीएसटी रिफंड के लिए मूल्य सीमा को हटाने से छोटे और ई-कॉमर्स निर्यातकों को काफी लाभ होगा क्योंकि इससे कम मूल्य के शिपमेंट भी रिफंड के लिए पात्र हो जाएंगे।
इससे नकदी प्रवाह में सुधार होगा, कार्यशील पूंजी की कमी कम होगी, अनुपालन सरल होगा और धनवापसी प्रक्रियाएं, विशेष रूप से कूरियर या डाक सेवाओं के माध्यम से भेजे गए माल के लिए, सुव्यवस्थित होंगी।
मंत्रालय ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, एमएसएमई और छोटे विक्रेता अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अधिक प्रभावी ढंग से भाग ले सकेंगे, जिससे कम मूल्य वाले ई-कॉमर्स निर्यात में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
उद्योग निकायों ने इन सुधारों का स्वागत किया है और इस बात पर जोर दिया है कि तेज निर्यात रिफंड, इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत अस्थायी राहत और प्रमुख क्षेत्रों में दरों को रेशनलाइज बनाने जैसे उपायों से नकदी का दबाव कम होगा, कार्यशील पूंजी की रुकावटें कम होंगी और सप्लाई चेन मजबूत होंगी।
इन कदमों से विनिर्माण को बढ़ावा मिलने, एमएसएमई को समर्थन मिलने, निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने और लागत लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचने की उम्मीद है।
कागज पैकेजिंग, कपड़ा, चमड़ा और लकड़ी पर जीएसटी को 12-18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से उत्पादन लागत कम होगी, जिससे निर्यातक अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान कर सकेंगे।
कपड़ा, हस्तशिल्प, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और खिलौनों में तेजी से रिफंड और रेट्स को रेशनलाइज बनाने से एमएसएमई और उच्च मांग वाले निर्यात क्षेत्रों को मदद मिलेगी।
ट्रकों और डिलीवरी वैन पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने और पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी कम करने से माल ढुलाई और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
खिलौनों और खेल के सामानों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा, सस्ते आयात का मुकाबला होगा और बढ़ती वैश्विक मांग का लाभ उठाया जा सकेगा।
जीएसटी के रेशनलाइज होने से एमएसएमई और निर्यातकों के लिए इनपुट लागत कम होने, उपभोक्ताओं पर मुद्रास्फीति का दबाव कम होने जैसी संरचनात्मक विसंगतियों को ठीक करने की उम्मीद है।
ये उपाय ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी बढ़ावा देंगे, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देंगे और कपड़ा, ट्रैक्टर, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में एक ग्लोबल हब के रूप में उभरने की भारत की महत्वाकांक्षा का समर्थन करेंगे, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि लागत लाभ अंततः उपभोक्ताओं तक पहुंचें।
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