राजनीति
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने दिखाई सख्ती, पाकिस्तान को भुगतना होगा परिणाम : मंत्री मंगल पांडेय

पटना, 29 अप्रैल। बिहार सरकार में मंत्री मंगल पांडेय ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधा । उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रही है और इस हमले के पीछे जो भी षड्यंत्रकारी हैं, उन्हें किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
उन्होंने मिडिया से बातचीत में कहा कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि इस हमले में पाकिस्तान का संरक्षण शामिल है और भारत ने इसी के जवाब में सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि वह भारत के खिलाफ अपनी धरती से आतंकवाद को बढ़ावा देकर बच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि यह समय वह नहीं रहा जब भारत चुप रहता था। आज देश में नरेंद्र मोदी जैसे निर्णायक नेतृत्व वाला प्रधानमंत्री है, जो आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दुनिया के किसी भी कोने में ढूंढ निकालने और दंडित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते को स्थगित करना एक रणनीतिक कदम है, जिससे पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति पर असर पड़ेगा और उसकी सरकार और वहां की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर जो भी राजनीतिक या कूटनीतिक कदम उठाने चाहिए, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस विषय पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन इतना जरूर कहा कि भारत की जनता की भावनाएं इस आतंकी हमले को लेकर बेहद आहत हैं और प्रधानमंत्री ने इन भावनाओं को पूरी मजबूती से वैश्विक मंच पर रखा है। उन्होंने दोहराया कि इस बार न केवल हमले के सीधे जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी, बल्कि उन सभी को भी सबक सिखाया जाएगा, जो इस तरह की घटनाओं के पीछे किसी भी रूप में शामिल हैं या समर्थन करते हैं।
महाराष्ट्र
पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को 20 लाख की वित्तीय सहायता, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की घोषणा

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के उत्तराधिकारियों को 20-20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने यहां कैबिनेट की बैठक में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह निर्णय लिया। पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए छह महाराष्ट्रीयनों को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। वित्तीय सहायता के साथ-साथ सरकार शिक्षा और परिवार के रोजगार पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। जगदाले परिवार की बेटी को नौकरी देने का फैसला कल हुआ था, लेकिन अब मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए उसे तत्काल सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है।
इस आतंकवादी हमले में डोंबिवली के तीन चचेरे भाई भी मारे गए। ये तीनों, संजय लीला, अटल माने और हेमंत जोशी, पर्यटन के लिए कश्मीर गए थे। इसी तरह, पुणे के दो बचपन के दोस्त संतोष जगदाले और कस्तुब गुनबूटे की भी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। नवी मुंबई के दिलीप ढोसले की भी हत्या कर दी गई। कश्मीर में हमले के दौरान हथियारबंद आतंकवादियों ने धार्मिक नारे लगाते हुए गोलीबारी की और इस दौरान 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। वे सभी यहाँ घूमने आये थे। महाराष्ट्र सरकार ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के उत्तराधिकारियों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी।
राष्ट्रीय समाचार
हिरासत में मौत के मामले में संजीव भट्ट को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 1990 के हिरासत में मौत के मामले को लेकर संजीव भट्ट की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दाखिल संजीव भट्ट की अपील पर सुनवाई में तेजी लाने पर सहमति जताई।
जानकारी के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने 1990 के एक हिरासत में मौत के मामले में अपनी उम्रकैद की सजा पर रोक लगाने और जमानत देने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मंगलवार को कहा, “संजीव भट्ट की जमानत की मांग को खारिज किया जाता है। इससे अपील की सुनवाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अपील की सुनवाई जल्दी की जाएगी।”
बता दें कि 1990 के हिरासत में मौत के मामले में संजीव भट्ट को दोषी ठहराया गया था। वह जुलाई 2019 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा था, “जुर्माने की रकम गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा की जाएगी।”
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नाथ ने पूछा था, “आप कितनी बार सुप्रीम कोर्ट गए हैं? कम से कम एक दर्जन बार?”
इसके अलावा, भट्ट पर संपत्ति विवाद के कारण एक वकील को परेशान करने के लिए झूठा मामला दर्ज कराने का भी आरोप है। यह मामला 1996 का है, जब बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पालनपुर में एक वकील के होटल के कमरे से ड्रग्स जब्त किया था। उस समय भट्ट बनासकांठा में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे और उन्हें सितंबर 2018 में मामले में गिरफ्तार किया गया था।
राजनीति
21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार आधुनिक बनाई जा रही देश की शिक्षा प्रणाली : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित ‘युग्म कॉन्क्लेव’ में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज यहां सरकार, एकेडमी, साइंस और रिसर्च से जुड़े भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। इस एकजुटता को ही युग्म कहते हैं। एक ऐसा युग्म जिसमें विकसित भारत के फ्यूचर टेक से जुड़े स्टेकहोल्डर्स एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं। मुझे विश्वास है, हम जो भारत की इनोवेशन कैपेसिटी और डीप टेक में भारत की भूमिका को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, उसे इस आयोजन से बल मिलेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है, इसलिए उन्हें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करना बहुत जरूरी है। इसमें शिक्षा की अहम भूमिका है। इसलिए हम 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बना रहे हैं। नई शिक्षा नीति इस बदलाव को आगे बढ़ा रही है। देश में नई नई शिक्षा नीति लाई गई है। इसे शिक्षा के वैश्विक मानक को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति आने के बाद हम भारतीय एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव भी देख रहे हैं। कक्षा 1 से 7 तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकें तैयार हो चुकी हैं। पीएम ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफॉर्म जैसी पहल पूरे देश में एकीकृत शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर रही हैं। इस परिवर्तन का समर्थन करने के लिए एआई द्वारा संचालित एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें। इसमें बड़ी भूमिका देश के एजुकेशन सिस्टम की भी होती है, इसलिए हम देश के एजुकेशन सिस्टम को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए, भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमने इस दिशा में लगातार काम किया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दीक्षा मंच के तहत वन नेशन, वन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर एआई आधारित है। इसका उपयोग कई देशों में पाठ्यपुस्तकें तैयार करने में किया जा रहा है। वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन ने युवाओं को ये भरोसा दिया है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझती है। आज इस योजना की वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों तक विश्व स्तरीय शोध पत्रिकाओं तक पहुंचना आसान हो गया है। भारत के विश्वविद्यालय परिसर आज नए गतिशील केंद्र बन रहे हैं। ऐसे केंद्र, जहां युवा शक्ति सफलता के नवाचारों को बढ़ावा दे रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय युवाओं को किसी भी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप की स्थापना की गई है। हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है। हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं।
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