Connect with us
Friday,11-April-2025
ताज़ा खबर

महाराष्ट्र

भिवंडी शहर में दो मुस्लिम महिला टीचर्स को हेड स्कार्फ पहनने की वजह से स्कूल ने निकाला?

Published

on

मुंबई से सटे भिवंडी शहर में दो मुस्लिम महिला टीचर को स्कूल ने इसलिए निकाल दिया है? क्योकि वो हेड स्कॉरफ ( हिजाब ) पहनकर बच्चों को पढ़ाती थी…. स्कॉलर्स इंग्लिश हाई स्कूल की प्रिंसिपल को लगता है इससे बच्चों के मन में भेदभाव पैदा होगा..भिवंडी की ये घटना देश की कोई पहली घटना नहीं है..कई शिक्षण संस्थाओं में इस तरह के वाकयात हो चुके हैं..जबकि हमारे संबिधान में हर नागरिक को बोलने, पहनावे और धर्म की आज़ादी प्रदान की गई है…और स्कूल की हर किताब के पहले पेज पर संविधान के प्रस्तावना का जिक्र भी होता है….

संविधान में हर नागरिक को मिली इस तरह की आजादी के बावजूद हमारे समाज में ऐसी शर्मनांक घटनाएं घटित होती रहती हैं..पिछले कई सालों से भिवंड़ी के स्कॉलर्स इंग्लिश स्कूल में पढ़ा रही अरमन जियाउर्रहमान शेख का कहना है कि स्कूल मैनेंजमेंट को हेड स्कार्फ लगाने की वजह से क्या दिक्कत है, ये समझ से परे है…अरमन जियाउर्रहमान शेख के अलावा इसी स्कूल में पढ़ा रही शाहीन शेख का अनुभव तो बेहद चौंकाने वाला है..अपने ही देश में इस तरह का व्यवहार अपने निजी वसूलों को थोपने के लिए स्कूल की प्रिंसिपल कर रही हैं..शाहीन कहती है कि उन्हे प्रिंसिपल ने सभी की मौजूदगी में जानबूझकर स्कार्फ की वजह से टारगेट कर रही हैं..

इतना सब होने के बाद भी इन दोनों मुस्लिम टीचर्स ने प्रिंसिपल से हेड स्कॉरफ पहनने की परमिशन के लिए लेटर भी लिखा..लेकिन प्रिंसिपल साहिबा लेटर देखने के बजाए अपने रूल्स की बात करने लगी…और कहा कि परमिशन नहीं मिलेगा…ऐसे में इन दोनों टीचर्स को लेकर अपवाहे फैलाने का आरोप भी लगाया है..

ऐसे में इन दोनों मुस्लिम महिला टीचर्स ने भिवंडी के अवाम व समाज के प्रतिनिधियों से न्याय की मांग की है…मुंबई प्रेस ने स्कूल की प्रिंसिपल से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो पाई..भिवंडी शहर के एमआईएम के अध्यक्ष शादाब उस्मानी का कहना है कि उन्होने शहर कमिश्नर व डीसीपी को लेटर लिखकर शिकायत दर्ज की है..संविधान के मुताबिक इन दोनों टीचर्स को एमआईएम जरूर इंसाफ दिलाएगी…जबकि समाजवादी पार्टी के भिवंडी शहर विधायक रईस शेख संपर्क क्षेत्र से बाहर हैं और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी से मुंबई प्रेस ने बात करने की कोशिश की तो उनसे भी बात नहीं हो पाई है…स्थानीय लोगों की माने तो समाजवादी पार्टी के ये दोनों ही नेता अपने आपको को कौम का ठेकेदार समझते हैं..लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो नदारद रहते हैं..ऐसे में इन नेताओं पर से जनता का भरोसा उठता जा रहा है…

वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम भाई बचूटे ने इस विवादित घटना की निष्पक्ष कार्रवाई के लिए भोईवाड़ा पोलिस, पश्चिम एसीपी, डीसीपी, प्रांत ऑफिस को लिखित शिकायत दिया है..और कहा है कि भिवंडी स्कॉलर स्कूल का मुद्दा शहर की भाईचारगी के लिए ख़तरा है..जिसकी
निष्पक्ष जांच होकर दोषी पर सख्त एक्शन होना चाहिए..

भारत एक बहु-धार्मिक, बहु-संस्कृति और धर्मनिरपेक्ष देश हैं..जहां बोलने, खाने, रहने और धर्म व धार्मिक पहनावे की आज़ादी है….ऐसे में अब इन दोनों महिला मुस्लिम टीचर्स के भविष्य का क्या होगा, इस पर सवालिया निशान जरूर लग गया है…आपको क्या लगता है…हमें अपने कमेंट्स से जरूर बताएं…

महाराष्ट्र

जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) ने नागपुर हिंसा में शहीद हुए मोहम्मद इरफान अंसारी के वारिसों को सहायता प्रदान की

Published

on

नागपुर, 11 अप्रैल। पिछले महीने नागपुर में औरंगजेब आलमगीर की कब्र हटाने की मांग को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें बहुसंख्यक समुदाय के लोगों ने मुसलमानों पर हमला किया और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

गौरतलब है कि 17 मार्च को नागपुर शहर में हिंदुत्व संगठनों के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुरान की आयतों वाले एक पवित्र शॉल को जलाने के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था और दोनों समुदायों के बीच मामूली झड़पें भी हुई थीं। इस घटना में मोहम्मद इरफान अंसारी गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

दिवंगत मोहम्मद इरफान अंसारी मजदूर वर्ग से थे और अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे। उनके परिवार में एक 16 वर्षीय छात्रा और उनकी पत्नी हैं।

दिवंगत पिता की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी बेटी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े और एक सफल डॉक्टर बने, लेकिन जीवन में यह सपना साकार नहीं हो सका। जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) ने छात्रा को उसकी शिक्षा जारी रखने के लिए एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

इस अवसर पर मुफ्ती मुहम्मद साबिर शाशात (जमीयत उलेमा जिला नागपुर के अध्यक्ष), हाजी इजाज पटेल (जमीयत उलेमा जिला नागपुर के उपाध्यक्ष), अतीक कुरेशी (जमीयत उलेमा जिला नागपुर के महासचिव), शरीफ अंसारी (जमीयत उलेमा जिला नागपुर के कोषाध्यक्ष), बारी पटेल, माजिद भाई, हाजी सफीउर रहमान, मुहम्मद अशफाक बाबा, सलमान तजामुल हुसैन खान, अतहर परवेज, जावेद अकील, मुफ्ती फादिल, मुहम्मद आबिद, इस मौके पर शोएब मुहम्मद, अरशद कमाल, डॉ. शकील रहमानी, हाजी इम्तियाज अहमद, फैयाज अख्तर समेत जमीयत उलेमा के अन्य सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

Continue Reading

महाराष्ट्र

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशानुसार वक्फ सुरक्षा सप्ताह शुरू – मस्जिदों में बयान और काली पट्टी बांधी गई

Published

on

मुंबई, 11 अप्रैल: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशानुसार आज शुक्रवार 11 अप्रैल से औकाफ सुरक्षा सप्ताह शुरू हुआ। इसके तहत शहर की अधिकांश मस्जिदों में औकाफ के महत्व, आवश्यकता और प्रभावशीलता पर विद्वानों और इमामों द्वारा बयान दिए गए। वर्तमान वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की कमियों पर प्रकाश डाला गया। कहा गया कि औकाफ के संबंध में सरकार के इस नए कानून से भारत में हमारे बुजुर्गों द्वारा समर्पित हजारों एकड़ जमीन खतरे में पड़ सकती है। इस कानून के बाद औकाफ पर अवैध कब्जा करने वालों को बारह साल बाद वैध माना जाएगा। इसी प्रकार, इस कृत्य के अन्य खतरनाक पहलुओं की ओर भी ध्यान दिलाया गया।

विद्वानों ने लोगों से कहा कि हमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशों की रोशनी में संविधान और कानून में दिए गए मौलिक अधिकारों के अनुसार यह संघर्ष लड़ना है। हमारी लड़ाई किसी धर्म या जाति के खिलाफ नहीं है, बल्कि हम अपने छीने गए अधिकारों को वापस पाने के लिए लड़ रहे हैं और हम किसी भी उकसावे को स्वीकार किए बिना अंत तक इस संघर्ष को जारी रखेंगे।

देर से सूचना मिलने के कारण कई मस्जिदों में ब्लैक बेल्ट कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका। हालाँकि, कई मस्जिदों में नमाजियों ने काली बेल्ट पहनकर इस क्रूर कानून के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारियों ने कहा है कि ईश्वर की इच्छा से अगले शुक्रवार को ब्लैक बेल्ट कार्यक्रम पूरी तैयारी के साथ आयोजित किया जाएगा।

बोर्ड के वक्फ सुरक्षा अभियान के महाराष्ट्र संयोजक मौलाना महमूद अहमद खान दरियाबादी ने कहा है कि वक्फ सुरक्षा अभियान का पहला चरण हालांकि 7 जुलाई तक जारी रहेगा, लेकिन इस वक्फ सुरक्षा सप्ताह के दौरान एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस और गैर-मुस्लिम भाइयों के साथ कई बैठकें आयोजित की जाएंगी। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। पुलिस व प्रशासन को विश्वास में लेकर मानव श्रृंखला आदि का भी आयोजन किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। मौलाना दरियाबादी ने आगे कहा कि शहर के एक बड़े चौराहे पर मौजूदा वक्फ कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध कार्यक्रम के लिए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चा चल रही है।

मुंबई के आसपास के इलाकों जैसे मुंब्रा, भिवंडी और मीरा रोड के अलावा महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में मस्जिदों में काली पट्टियां देखी गईं और मस्जिदों के इमामों द्वारा बयान भी दिए गए।

Continue Reading

महाराष्ट्र

पूर्व विधायक और एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने वक्फ एक्ट के खिलाफ किया प्रदर्शन

Published

on

मुंबई: मुंबई की मस्जिदों में मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और किसी को भी विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मुसलमानों ने शुक्रवार की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक वारिस पठान ने अपने समर्थकों के साथ हिंदुस्तानी मस्जिद पर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने वारिस पठान और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया।

वारिस पठान ने वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग की है और कहा है कि विरोध प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हमें विरोध प्रदर्शन करने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम अस्वीकार्य है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है। मुंबई समेत उपनगरीय इलाकों में वक्फ एक्ट के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, वहीं पुलिस ने इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, जिसके चलते शुक्रवार का दिन शांतिपूर्ण रहा। विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण मस्जिदों में रैपिड एक्शन फोर्स और दंगा निरोधक दस्ते को भी तैनात किया गया था।

मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर ने वक्फ अधिनियम के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने वक्फ एक्ट के खिलाफ वक्फ बचाओ सप्ताह मनाने का ऐलान किया था। इस अवसर पर तौहीद के बच्चों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मुंबई में जुमे की नमाज भी अदा की, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। मुंबई में वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की अपील का भी असर हुआ और मुसलमानों ने हर जगह इसका विरोध किया। इसके साथ ही मस्जिदों में वक्फ एक्ट के नुकसान भी बताए गए और वक्फ एक्ट को मुसलमानों की संपत्ति छीनने का हथकंडा बताया गया और मुसलमानों ने भी वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग शुरू कर दी है।

Continue Reading
Advertisement
महाराष्ट्र6 hours ago

जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) ने नागपुर हिंसा में शहीद हुए मोहम्मद इरफान अंसारी के वारिसों को सहायता प्रदान की

महाराष्ट्र6 hours ago

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशानुसार वक्फ सुरक्षा सप्ताह शुरू – मस्जिदों में बयान और काली पट्टी बांधी गई

महाराष्ट्र7 hours ago

पूर्व विधायक और एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने वक्फ एक्ट के खिलाफ किया प्रदर्शन

व्यापार8 hours ago

एसआईपी निवेश मार्च में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा, एयूएम बढ़कर 65.74 लाख करोड़ रुपये हुआ

अंतरराष्ट्रीय9 hours ago

स्लोवाकिया ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को दी मान्यता : राष्ट्रपति मुर्मू

अंतरराष्ट्रीय11 hours ago

26/11 हमले के आतंकियों को मिले पाकिस्तान का ‘निशान-ए-हैदर’ सम्मान, तहव्वुर राणा की थी ख्वाहिश

राजनीति11 hours ago

देश के लिए महात्मा फुले का अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा : पीएम मोदी

व्यापार12 hours ago

यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

राजनीति13 hours ago

पीएम मोदी देंगे वाराणसी को 3,880 करोड़ रुपये की सौगात

मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज14 hours ago

एनआईए ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ताहूर राणा का अमेरिका से सफल प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया

रुझान