महाराष्ट्र
भिवंडी शहर में दो मुस्लिम महिला टीचर्स को हेड स्कार्फ पहनने की वजह से स्कूल ने निकाला?

मुंबई से सटे भिवंडी शहर में दो मुस्लिम महिला टीचर को स्कूल ने इसलिए निकाल दिया है? क्योकि वो हेड स्कॉरफ ( हिजाब ) पहनकर बच्चों को पढ़ाती थी…. स्कॉलर्स इंग्लिश हाई स्कूल की प्रिंसिपल को लगता है इससे बच्चों के मन में भेदभाव पैदा होगा..भिवंडी की ये घटना देश की कोई पहली घटना नहीं है..कई शिक्षण संस्थाओं में इस तरह के वाकयात हो चुके हैं..जबकि हमारे संबिधान में हर नागरिक को बोलने, पहनावे और धर्म की आज़ादी प्रदान की गई है…और स्कूल की हर किताब के पहले पेज पर संविधान के प्रस्तावना का जिक्र भी होता है….
संविधान में हर नागरिक को मिली इस तरह की आजादी के बावजूद हमारे समाज में ऐसी शर्मनांक घटनाएं घटित होती रहती हैं..पिछले कई सालों से भिवंड़ी के स्कॉलर्स इंग्लिश स्कूल में पढ़ा रही अरमन जियाउर्रहमान शेख का कहना है कि स्कूल मैनेंजमेंट को हेड स्कार्फ लगाने की वजह से क्या दिक्कत है, ये समझ से परे है…अरमन जियाउर्रहमान शेख के अलावा इसी स्कूल में पढ़ा रही शाहीन शेख का अनुभव तो बेहद चौंकाने वाला है..अपने ही देश में इस तरह का व्यवहार अपने निजी वसूलों को थोपने के लिए स्कूल की प्रिंसिपल कर रही हैं..शाहीन कहती है कि उन्हे प्रिंसिपल ने सभी की मौजूदगी में जानबूझकर स्कार्फ की वजह से टारगेट कर रही हैं..
इतना सब होने के बाद भी इन दोनों मुस्लिम टीचर्स ने प्रिंसिपल से हेड स्कॉरफ पहनने की परमिशन के लिए लेटर भी लिखा..लेकिन प्रिंसिपल साहिबा लेटर देखने के बजाए अपने रूल्स की बात करने लगी…और कहा कि परमिशन नहीं मिलेगा…ऐसे में इन दोनों टीचर्स को लेकर अपवाहे फैलाने का आरोप भी लगाया है..
ऐसे में इन दोनों मुस्लिम महिला टीचर्स ने भिवंडी के अवाम व समाज के प्रतिनिधियों से न्याय की मांग की है…मुंबई प्रेस ने स्कूल की प्रिंसिपल से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो पाई..भिवंडी शहर के एमआईएम के अध्यक्ष शादाब उस्मानी का कहना है कि उन्होने शहर कमिश्नर व डीसीपी को लेटर लिखकर शिकायत दर्ज की है..संविधान के मुताबिक इन दोनों टीचर्स को एमआईएम जरूर इंसाफ दिलाएगी…जबकि समाजवादी पार्टी के भिवंडी शहर विधायक रईस शेख संपर्क क्षेत्र से बाहर हैं और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी से मुंबई प्रेस ने बात करने की कोशिश की तो उनसे भी बात नहीं हो पाई है…स्थानीय लोगों की माने तो समाजवादी पार्टी के ये दोनों ही नेता अपने आपको को कौम का ठेकेदार समझते हैं..लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो नदारद रहते हैं..ऐसे में इन नेताओं पर से जनता का भरोसा उठता जा रहा है…
वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम भाई बचूटे ने इस विवादित घटना की निष्पक्ष कार्रवाई के लिए भोईवाड़ा पोलिस, पश्चिम एसीपी, डीसीपी, प्रांत ऑफिस को लिखित शिकायत दिया है..और कहा है कि भिवंडी स्कॉलर स्कूल का मुद्दा शहर की भाईचारगी के लिए ख़तरा है..जिसकी
निष्पक्ष जांच होकर दोषी पर सख्त एक्शन होना चाहिए..

भारत एक बहु-धार्मिक, बहु-संस्कृति और धर्मनिरपेक्ष देश हैं..जहां बोलने, खाने, रहने और धर्म व धार्मिक पहनावे की आज़ादी है….ऐसे में अब इन दोनों महिला मुस्लिम टीचर्स के भविष्य का क्या होगा, इस पर सवालिया निशान जरूर लग गया है…आपको क्या लगता है…हमें अपने कमेंट्स से जरूर बताएं…
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र COVID-19 अपडेट: राज्य में 12 नए मामले दर्ज, सक्रिय मामलों की संख्या 600 के पार; कोई मौत दर्ज नहीं

मुंबई: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देश में वायरस के 358 नए मामले सामने आने के बाद, सोमवार सुबह 8 बजे तक भारत में कुल सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 6,491 हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से संबंधित कोई नई मौत नहीं हुई है।
9 जून, 2025 तक भारत में कुल 6,491 सक्रिय कोरोनावायरस मामले सामने आए, जो पिछले दिन से 358 मामलों की वृद्धि को दर्शाता है। केरल 1,957 सक्रिय मामलों के साथ सबसे आगे है, जिसने हाल ही में 7 नए मामले जोड़े हैं। दिल्ली में 42 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे कुल मामले 728 हो गए हैं।
जनवरी 2025 से अब तक कोविड से संबंधित कोई नई मौत नहीं हुई है, जिससे कुल मौतों की संख्या 65 पर बनी हुई है, महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 18 मौतें हुई हैं, उसके बाद केरल में 15 और दिल्ली में 7 मौतें हुई हैं। पिछले 24 घंटों में 624 मरीज़ों को छुट्टी दी गई, जिससे जनवरी से अब तक कुल 6,861 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। केंद्र सरकार संभावित मामलों में उछाल की तैयारी के लिए देश भर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर रही है, जिसमें ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाओं जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
सक्रिय मामलों की संख्या राज्यों के हिसाब से अलग-अलग है, आंध्र प्रदेश में 85 सक्रिय मामले हैं और 50 लोग ठीक हो चुके हैं, अरुणाचल प्रदेश में कोई सक्रिय मामला नहीं है और 3 लोग ठीक हो चुके हैं, और असम में 4 सक्रिय मामले हैं और कुल 9 लोग ठीक हो चुके हैं। बिहार में 50 सक्रिय मामले हैं और 18 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि गुजरात में 980 सक्रिय मामले हैं और 2 मौतें हुई हैं। कुल मिलाकर, भारत की COVID-19 स्थिति 6,491 सक्रिय मामले, 6,861 लोग ठीक हो चुके हैं और कुल 65 मौतें दर्ज की गई हैं।
महाराष्ट्र
कुर्ला शीतल तालाब पर सीमेंट के खंभे लगाने के खिलाफ भूख हड़ताल

मुंबई: कुर्ला शीतल तालाब के सौंदर्यीकरण के कारण झुग्गियों को छिपाने की कोशिश में स्थानीय झुग्गीवासियों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। छत्रपति शिवाजी महाराज तालाब एक धार्मिक तालाब है और यहां गणपति और देवी का विसर्जन किया जाता है। इस साल तालाब से सटे झुग्गीवासियों को छिपाने के लिए तालाब के किनारे सीमेंट के खंभे लगा दिए गए हैं, जिससे लोगों में गुस्सा है।
इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार ग्रुप के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम भापकर ने भूख हड़ताल शुरू की थी, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अब स्थानीय लोग इस भूख हड़ताल में शामिल होने लगे हैं। अब यह भूख हड़ताल क्रमिक भूख हड़ताल में बदल गई है। भूख हड़ताल पर बैठे घनश्याम भापकर का आरोप है कि झुग्गियों को छिपाने के लिए यह काम किया गया है, जबकि अगर कोई दुर्घटना होती है, तो झुग्गियों के निवासियों का बचना मुश्किल हो जाएगा और इससे निवासियों की सुरक्षा भी खतरे में है। इस परियोजना का विरोध जारी है, लेकिन बीएमसी प्रशासन अड़ा हुआ है और काम जारी है, इसीलिए हम लोग भूख हड़ताल पर भी हैं। जब इस मामले को लेकर कुर्ला एल वार्ड के सहायक नगर आयुक्त धनजी हरलेकर से पूछा गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
भापाकर ने आरोप लगाया है कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग इन सीमेंट के खंभों को लेकर चिंतित हैं। यह काम सिर्फ झुग्गियों को छिपाने के लिए किया गया है, जो जनता को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सांगदेवाड़ी में आग लगती है तो यही वो रास्ता है जहां से लोगों को निकाला जा सकता है, लेकिन इसे भी रोका जा रहा है। भापाकर ने गंभीर आरोप लगाते हुए इसे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए शीतल झील का रास्ता बंद करने की साजिश बताया है. छत्रपति शिवाजी महाराज झील को बचाने का अभियान शुरू किया गया है और इस संबंध में फिलहाल भूख हड़ताल भी चल रही है
महाराष्ट्र
कसारा रेल दुर्घटना: मीडिया को आम मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं: राज ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने मुंब्रा-दिवा रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि रेलवे से यात्रा करना सबसे कठिन काम है। शाम के समय प्लेटफॉर्म पर इतनी भीड़ होती है कि ट्रेनों में चढ़ना मुश्किल होता है। इसके बावजूद यात्री रेलवे से यात्रा करते हैं। शहरों में कोई प्लानिंग नहीं है। यही वजह है कि रेलवे की हालत खस्ता है। आए दिन रेलवे से यात्रा करने वालों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। शहरों में विकास परियोजनाओं के नाम पर सिर्फ गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं, जिनमें पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ट्रैफिक की समस्या जस की तस है। मुंबई और पुणे में ट्रैफिक की समस्या बेहद चिंताजनक है। रेलवे पर यात्रियों का बोझ बढ़ गया है। रेलवे में मुंबई के लोगों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों की हालत खराब है, लेकिन मीडिया को इन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे कब साथ आएंगे, इसकी खबर चलाने की बजाय अगर उन्होंने सरकार का ध्यान इन समस्याओं की ओर दिलाया होता तो समाधान मिल गया होता। सिर्फ मेट्रो और मोनोरेल से शहरों का विकास नहीं होगा। मेट्रो और मोनोरेल के बावजूद वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं हुआ है। मेट्रो और मोनोरेल से कौन यात्रा करता है, इसका कोई अध्ययन नहीं हुआ है। सड़कों पर यातायात की समस्या अभी भी बनी हुई है। ऐसे में शहरी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। मैं रेल मंत्रालय से मांग करता हूं कि इस ओर ध्यान दिया जाए।
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