राष्ट्रीय
मुंबई में सेलिब्रिटी और गांव में सरपंच सुरक्षित नहीं, तो आम लोगों का क्या होगा?: नाना पटोले

मुंबई प्रतिनिधि : महाराष्ट्र में इस समय कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है। मुंबई में जहां सेलिब्रिटी सुरक्षित नहीं हैं, वहीं गांवों में सरपंच असुरक्षित हैं। ऐसे में आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी, यह सवाल महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने उठाया है। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए पटोले ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।
जंगलराज और भाजपा सरकार पर हमला
नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में जंगलराज की स्थिति बन गई है। दिल्ली में आज महाराष्ट्र की चर्चा जंगलराज के नाम से हो रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए राज्य में डर और आतंक का माहौल बनाया है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल में 65% मंत्री आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, जिसके चलते हालात बेकाबू हो गए हैं।
सैफ अली खान पर हमले का जातीय मुद्दे से जुड़ाव न करें
अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि इस घटना को जातीय दृष्टिकोण से देखना गलत है। छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में जाति और धर्म के भेदभाव की कोई जगह नहीं है। यहां सभी जाति-धर्म के लोगों को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए।
सरपंच की हत्या और जातीयता का मुद्दा
मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और परभणी में सोमनाथ सूर्यवंशी की पुलिस पिटाई से हुई मौत का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि इन घटनाओं को जातीयता से जोड़ना सही नहीं है। भाजपा सरकार ने मराठा-ओबीसी विवाद को बढ़ावा दिया है, जिससे राज्य के मूल मुद्दे पीछे छूट गए हैं।
‘लाडकी बहन’ योजना पर सवाल
‘लाडकी बहन’ योजना पर टिप्पणी करते हुए पटोले ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान बहनों का समर्थन पाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। लेकिन अब इस योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि भाजपा ने चुनाव से पहले ही इसकी खामियों की जांच क्यों नहीं की? बोगस लाभार्थियों से पैसे वापस लेने की बात कहना भाजपा सरकार का असली चेहरा दिखाता है।
दावोस दौरे पर सवाल
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दावोस दौरे को लेकर पटोले ने कहा कि राज्य में उद्योगपतियों को दावोस ले जाने की बजाय महाराष्ट्र की स्थिति में सुधार करना चाहिए। भाजपा सरकार यह दावा करती है कि महाराष्ट्र उद्योग के क्षेत्र में पहले स्थान पर है, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य आर्थिक रूप से पिछड़ गया है। निवेश के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी बंद होनी चाहिए।
आम नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता
राज्य की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए पटोले ने कहा कि अगर सेलिब्रिटी और सरपंच सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा? कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति और बढ़ते अपराध सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करते हैं।
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील
जातीय विवादों में फंसने के बजाय जनता को सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। पटोले ने राज्य के लोगों से एकजुट होकर भाजपा सरकार का विरोध करने का आह्वान किया।
राजनीति
जयंती विशेष: गणेश घोष, एक क्रांतिकारी जिसने अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए

नई दिल्ली, 21 जून। गणेश घोष एक क्रांतिकारी और राजनेता थे। आजादी के बाद वे कई बार विधायक, सांसद रहे और देश के नीति निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
गणेश घोष का जन्म चटगांव में एक बंगाली कायस्थ परिवार में 22 जून 1900 को हुआ था। अब यह क्षेत्र बांग्लादेश में पड़ता है। विद्यार्थी जीवन में ही वे स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए थे। 1922 की गया कांग्रेस में जब बहिष्कार का प्रस्ताव स्वीकार हो गया तो गणेश घोष और उनके साथी अनंत सिंह ने नगर का सबसे बड़ा विद्यालय बंद करा दिया था। इन दोनों युवकों ने चिटगाँव की सबसे बड़ी मज़दूर हड़ताल की भी अगुवाई की।
1922 में उन्होंने कलकत्ता के बंगाल टेक्निकल इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। वह चटगांव युगांतर पार्टी के सदस्य रहे। 18 अप्रैल 1930 को सूर्य सेन और अन्य क्रांतिकारियों के साथ चटगांव शस्त्रागार छापे में उन्होंने भाग लिया था। इस वजह से उन्हें चटगांव से भागना पड़ा। वह हुगली के चंदननगर में रहने लगे। कुछ ही दिन के बाद पुलिस कमिश्नर चार्ल्स टेगार्ट ने चंदननगर के उनके घर पर हमला कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस गिरफ्तारी अभियान के समय पुलिस ने उनके एक युवा साथी क्रांतिकारी जीबन घोषाल उर्फ माखन को मार डाला था।
पुलिस ने गणेश घोष को गिरफ्तार करने के बाद उन पर मुकदमा किया और 1932 में पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में भेज दिया। स्वतंत्रता के बाद भी उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया और अपने जीवन के लगभग 27 वर्ष जेल में बिताए। 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन के बाद गणेश भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के साथ जुड़ गए। 1952, 1957 और 1962 में बेलगछिया से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए। 1967 में कलकत्ता दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार के रूप में चौथी लोकसभा के लिए चुने गए। 1971 की लोकसभा में वे फिर से कलकत्ता दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे। इस बार उन्हें एक युवा नेता के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
यह युवा नेता कोई और नहीं, प्रिय रंजन दास मुंशी थे। सिर्फ 26 साल की उम्र में दास ने गणेश घोष को हराया था। गणेश घोष की मृत्यु 16 अक्टूबर, 1994 को कोलकाता में हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय
यूएई से भारत लाया गया भगोड़ा उपवन पवन जैन, ठगी के गंभीर आरोप

नई दिल्ली, 21 जून। भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन को यूएई से प्रत्यर्पण करके लाया गया है। उपवन पवन जैन गुजरात पुलिस का वांछित आरोपी है, जिसके खिलाफ धोखाधड़ी, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) और एनसीबी-अबू धाबी से कॉर्डिनेशन किया। इस सहयोग से अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया। इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों और आरोपियों की ट्रैकिंग के लिए भेजा जाता है।
इसके बाद एजेंसी ने इंटरपोल और अबू धाबी के एनसीबी के साथ मिलकर आरोपी को यूएई में ट्रेस किया और निरंतर समन्वय कर उसे भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से इस कॉर्डिनेशन के बाद उपवन पवन जैन को 20 जून को भारत वापस लाया गया।
सीबीआई ने एक प्रेस नोट में बताया कि सीबीआई ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 6 मार्च 2023 को इंटरपोल रेड नोटिस जारी करवाया था। उपवन पवन जैन की गिरफ्तारी यूएई में हुई और उसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था।
सीबीआई के मुताबिक, एक मामला गुजरात के सूरत शहर के अदाजन पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसमें उस पर छलपूर्वक स्वयं को गलत तरीके से पेश करने, धोखाधड़ी कर संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
उपवन पवन जैन एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्यरत था। उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाईं और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित किया। आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों को असली संपत्ति मालिकों की फर्जी पहचान देकर बैंक खाते खुलवाए और धोखाधड़ी करके साढ़े 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की।
सीबीआई ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले कुछ सालों में इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है। ये सफलता भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में बढ़ती क्षमता और सीबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।
राष्ट्रीय
दिल्ली-एनसीआर में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी, तापमान में गिरावट दर्ज

नई दिल्ली, 20 जून। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अगले पांच दिन झमाझम बरसात होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। गुरुवार से ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 20 और 21 जून की शाम और रात को हल्की से मध्यम बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है।
आईएमडी के मुताबिक 20 जून को अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है, जबकि 21 जून को अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। जबकि ह्यूमिडिटी 80 से 82 प्रतिशत तक रहने वाली है। इसके बाद मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए यह कहा कि 22 जून से 25 जून के बीच बादल छाए रहने के साथ-साथ मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी विस्तृत पूर्वानुमान के अनुसार, सुबह से लेकर रात तक हर चरण में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इस दौरान बिजली गिरने और तेज हवाओं की रफ्तार 30-40 किमी प्रति घंटा रह सकती है। इन दिनों तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26-27 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। इस पूरे सप्ताह ह्यूमिडिटी 90 प्रतिशत तक बनी रहने की संभावना है, जिससे वातावरण उमस भरा बना रहेगा।
एक तरफ जहां बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है मौसम सुहाना बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आमजन को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य रूप से गुरुग्राम, नोएडा और पूर्वी दिल्ली के कई निचले इलाकों में सड़कें पानी में डूबी हुई हैं।
स्थानीय प्रशासन को जल निकासी के लिए टीमों को सक्रिय करना पड़ा है। हालांकि, राहत की खबर यह है कि 26 जून को मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दिन के लिए कोई चेतावनी नहीं दी है और आसमान आंशिक रूप से साफ रहने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे अत्यधिक आवश्यक कार्यों को छोड़कर घर से बाहर निकलने से बचें, विशेष रूप से बिजली गिरने की आशंका के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें। यातायात विभाग ने भी जलभराव वाले मार्गों से बचने की अपील की है।
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