अपराध
हैदराबाद में दंपत्ति ने अपने दो बच्चों की हत्या कर आत्महत्या की

हैदराबाद, 11 मार्च। हैदराबाद में एक दंपत्ति ने कथित तौर पर आर्थिक तंगी के चलते अपने दो नाबालिग बच्चों की हत्या कर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने सोमवार रात उस्मानिया विश्वविद्यालय पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हब्सीगुडा के रविंद्र नगर कॉलोनी में दंपत्ति के घर से चार शव बरामद किए। मृतकों की पहचान चंद्रशेखर रेड्डी (44), उनकी पत्नी कविता (35), बेटे विश्वन रेड्डी (10) और बेटी श्रीता रेड्डी (15) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, चंद्रशेखर रेड्डी और उनकी पत्नी कविता पर संदेह है कि उन्होंने पहले अपने बेटे और बेटी की गला घोंटकर हत्या की और फिर खुद भी फांसी लगा ली। श्रीता रेड्डी नौवीं कक्षा की छात्रा थी और विश्वन रेड्डी पांचवीं कक्षा में पढ़ता था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि डायल 100 पर कॉल आने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पाया कि चंद्रशेखर और उसकी पत्नी के शव अलग-अलग कमरों में पड़े थे। उनके बच्चे बिस्तर पर मृत पड़े थे।
पुलिस ने चंद्रशेखर रेड्डी द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इस नोट में उन्होंने लिखा है कि उनकी और उनके परिवार की मौत के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है।
तेलुगु में लिखे सुसाइड नोट में चंद्रशेखर रेड्डी ने कहा, “मेरे पास अपनी जिंदगी खत्म करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। कृपया मुझे माफ कर दें। मैं अपने करियर में संघर्ष कर रहा हूं और मानसिक तथा शारीरिक रूप से पीड़ित हूं। मैं मधुमेह, तंत्रिका और गुर्दे से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हूं।”
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गांधी अस्पताल भेज दिया और जांच शुरू कर दी।
पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि परिवार मूल रूप से महबूबनगर जिले के कलवाकुर्ती का रहने वाला है और करीब एक साल पहले हैदराबाद आकर बस गया था।
चंद्रशेखर रेड्डी ने कुछ महीनों तक एक निजी कॉलेज में जूनियर लेक्चरर के तौर पर काम किया। वह करीब छह महीने तक बेरोजगार रहे और आय का कोई स्रोत न होने की वजह से परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।
सर्किल इंस्पेक्टर एन. राजेंद्र ने बताया कि संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी हैकर्स का राजस्थान में साइबर अटैक, राज्य सरकार की तीन वेबसाइट्स हैक

जयपुर, 29 अप्रैल। पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान सरकार की तीन वेबसाइटों को निशाना बनाया और उन पर भारत विरोधी संदेश लिख दिए।
पाकिस्तानी साइबर अपराधियों ने राज्य में कई सरकारी वेबसाइटों को निशाना बना चुके हैं, जिनमें नवीनतम निशाना शिक्षा विभाग के आधिकारिक पोर्टल है।
मंगलवार को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना का संज्ञान लिया और विभाग की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा को सक्रिय कर दिया। हैक की गई वेबसाइट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जबकि रिकवरी ऑपरेशन चल रहा है।
साइबर सुरक्षा एजेंसियों को भी सूचित कर दिया गया है। जिम्मेदार हैकिंग समूह की पहचान करने और किसी भी संभावित डाटा उल्लंघन का आकलन करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
अभी तक किसी भी संवेदनशील डेटा लीक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी विभागीय प्रणालियों का व्यापक ऑडिट जारी है।
यह घटना सोमवार को हुए एक ऐसे ही साइबर हमले के बाद हुई, जिसमें हैकरों ने स्थानीय स्वशासन विभाग (डीएलबी) और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की वेबसाइटों पर हमला किया था और उन पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार सामग्री लगा दी थी। अब उन दोनों वेबसाइटों को बहाल कर दिया गया है।
एक पोस्ट में, ‘पाकिस्तान साइबर फोर्स’ का हिस्सा होने का दावा करने वाले हैकर्स ने पहलगाम में हाल की आतंकवादी घटना का हवाला देते हुए भारत के बारे में भड़काऊ टिप्पणी की।
शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग की वेबसाइट को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में उल्लंघनों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि यह घटना भू-राजनीतिक तनाव के साथ-साथ साइबर युद्ध के बढ़ते खतरे को रेखांकित करती है। यह सरकारी प्लेटफार्मों पर डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने की तत्काल जरुरत को पर प्रकाश डालती है।
अपराध
दिल्ली : सागरपुर में चोरी का खुलासा, पुलिस ने किया शातिर अपराधी को गिरफ्तार, 94 ग्राम सोना बरामद

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले के सागरपुर थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय अपराधी बबलू सिंह को गिरफ्तार किया है। 32 वर्षीय बबलू मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के ओझर गांव का रहने वाला है। उसके कब्जे से 94 ग्राम सोना, ताले तोड़ने के औजार और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।
17 अप्रैल को सागरपुर निवासी वरुण अग्रवाल ने अपने घर में चोरी की शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि उनके घर से 500 ग्राम सोना, चांदी के आभूषण, 50,000 रुपये नकद और अन्य कीमती सामान चोरी हो गया। वरुण उस समय घर पर नहीं थे। 17 अप्रैल की सुबह लौटने पर उन्हें घर के सभी ताले और अलमारी टूटी मिली। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
एसएचओ सागरपुर के नेतृत्व और एसीपी दिल्ली कैंट की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एसआई हिमांशु, पीएसआई मुकेश, एचसी संदीप, सीटी अनिल, राहुल, ललित, अविनाश और विनोद शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला कि 16-17 अप्रैल की रात तीन लोग घर में घुसे थे। फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया और पाया कि उन्होंने चोरी के लिए एक होंडा शाइन मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया, जो मायापुरी से चुराई गई थी।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी निहाल विहार में किराए पर रहते थे और चोरी की रात धौला कुआं के लिए टैक्सी बुक की थी। बबलू सिंह के मोबाइल नंबर के आधार पर उसे मध्य प्रदेश के ओझर गांव से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने चोरी में अपनी और दो रिश्तेदारों की संलिप्तता कबूल की, जो उमरती मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और फरार हैं। ये दोनों महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी वांछित हैं।
बबलू के रिमांड के दौरान उसके पास से 94 ग्राम सोना बरामद किया गया। बबलू ने 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और कम उम्र में ही ताले तोड़ने का हुनर सीख लिया था। वह पहले भी चोरियों और आर्म्स एक्ट के मामलों में शामिल रहा है। गुजरात और दिल्ली पुलिस उसे वांछित अपराधी मानती है। इस गिरफ्तारी से सागरपुर, केशव पुरम, डाबरी और मायापुरी थानों के कई चोरी के मामले सुलझ गए हैं। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
अपराध
देवबंद की पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, कई मजदूरों की मौत

सहारनपुर, 26 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले स्थित देवबंद में शनिवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई। यह हादसा निहालखेड़ी गांव के पास स्टेट हाईवे-59 पर स्थित एक अवैध फैक्ट्री में सुबह करीब 7 बजे हुआ। घटना के समय फैक्ट्री में 9 कर्मचारी काम कर रहे थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि पूरी इमारत ध्वस्त हो गई, और मजदूरों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर तक बिखर गए। आशंका है कि मलबे में कुछ लोग दबे हो सकते हैं।
विस्फोट की आवाज 2 किलोमीटर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के गांव दहल गए। एक व्यक्ति का आधा शरीर और दूसरे का हाथ 150 मीटर दूर मिला। घटना का वीडियो दिल दहला देने वाला है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों के परिजन मौके पर पहुंचे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कई थानों की पुलिस फोर्स को बुलाया गया ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, यह फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, जहां प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे। विस्फोट इतना तेज था कि मजदूरों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। हादसे में मरने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
यह सहारनपुर में इस तरह का पहला हादसा नहीं है। इससे पहले 2 मई 2022 को सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव में भी एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। उस समय भी मृतकों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर बिखरे थे।
स्थानीय लोग प्रशासन की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि अवैध फैक्ट्रियां बार-बार हादसों का कारण बन रही हैं, लेकिन प्रशासन केवल हादसे के बाद कार्रवाई करता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मलबे से लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।
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