अंतरराष्ट्रीय
हुवावे ने दुनिया का पहला ट्रिपल-फोल्डेबल फोन मेट एक्सटी लॉन्च किया
हुवावे दुनिया की पहली कंपनी है जिसने स्टोर्स में ट्रिपल-फोल्डेबल फोन लाया है। कंपनी ने मंगलवार को नए Mate XT अल्टीमेट डिज़ाइन की घोषणा की, Apple द्वारा iPhone 16 लाइनअप की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद, क्योंकि यह अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ना चाहता है, खासकर चीन में।
Mate XT अल्टीमेट डिज़ाइन फोल्ड होने पर एक नियमित फ़ोन की तरह दिखता है, लेकिन इसे Huawei द्वारा बताए गए डुअल- और ट्रिपल-स्क्रीन मोड में विस्तारित किया जा सकता है। डुअल स्क्रीन एक चौकोर जैसी दिखती है और ट्रिपल स्क्रीन 10.2-इंच टैबलेट का अनुभव प्रदान करती है। चीनी टेक दिग्गज का कहना है कि डिस्प्ले, जो दो बार फोल्ड होता है, लचीली सामग्री से बना है जो किसी भी दिशा में मुड़ सकता है। हुवावे ने इसके लिए हिंज सिस्टम को श्रेय देते हुए कहा कि इसमें “आवक और जावक फोल्ड को सपोर्ट करने के लिए मिलकर काम करने वाले दो ट्रैक शामिल हैं।” यह सिंगल-, डुअल- और ट्रिपल-स्क्रीन मोड के बीच स्विच करने की अनुमति देता है।
बेस वर्जन की कीमत 19,999 युआन (लगभग $2,800; £2,199; AU$4,245; ₹2,35,000) से शुरू होती है और सबसे ज़्यादा स्टोरेज वाले वेरिएंट की कीमत 23,999 युआन या $3,370 या ₹2,82,900 तक जाती है। कंपनी के ऑनलाइन स्टोर के अनुसार, शेन्ज़ेन में हुआवेई के लॉन्च इवेंट के बाद, ट्राइफोल्ड फोन को पहले ही 4 मिलियन से ज़्यादा प्रीऑर्डर मिल चुके हैं, जिसके लिए कोई डिपॉजिट की ज़रूरत नहीं है। यह फ़िलहाल सिर्फ़ चीन में उपलब्ध है।
इसकी निषेधात्मक कीमत को देखते हुए, Mate XT अल्टीमेट डिज़ाइन Huawei के लिए बिक्री का प्रमुख चालक बनने की संभावना नहीं है। लेकिन फोल्डेबल्स की दौड़ जीतना चीनी कंपनी के लिए एक प्रमुख महत्वाकांक्षा बनी हुई है, जिसने हाल के वर्षों में कई दौर के अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद अपने स्मार्टफोन डिवीजन को ध्वस्त होते देखा है। वास्तव में, IDC की दूसरी तिमाही की रिपोर्ट के अनुसार, Huawei ने दुनिया भर के फोल्डेबल्स बाजार में नेतृत्व की स्थिति हासिल कर ली है। Huawei ने वैश्विक स्तर पर 27.5% बाजार हिस्सेदारी के साथ सैमसंग से शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि सैमसंग ने 16.4% पर कब्जा किया।
रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन के अनुसार, दुनिया भर में फोल्डेबल बाजार 2024 के अंत तक 25 मिलियन डिवाइस तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023 में शिप किए गए 18.1 मिलियन यूनिट से 37.6% अधिक है। IDC का अनुमान है कि 2028 तक दुनिया भर में फोल्डेबल फोन की कुल शिपमेंट बढ़कर 45.7 मिलियन यूनिट हो जाएगी।
IDC के विल वोंग ने CNET को बताया, “हुआवेई के नवीनतम उत्पाद के उत्पादन संबंधी बाधाओं और कीमत का शिपमेंट के मामले में बहुत बड़ा प्रभाव नहीं हो सकता है, लेकिन यह उपभोक्ताओं को बता रहा है कि यह अभी भी तकनीकी लीडर है और Apple के लिए यह संभावित चुनौती सिर्फ़ बाज़ार हिस्सेदारी से कहीं ज़्यादा हो सकती है।” “चीन में नवीनतम iPhone 16 सीरीज़ में AI सुविधाओं की अनुपस्थिति स्थानीय बाज़ार में Apple के सामने आने वाली चुनौती को और मज़बूत कर सकती है।”
हुआवेई का नया फोल्डेबल फ़ोन इस बात को उजागर करता है कि Apple के प्रतिद्वंद्वियों ने फ़ोन की इस नई उपश्रेणी को नया रूप देने में कितनी प्रगति की है। इस बीच, Apple का पहला फोल्डेबल कथित तौर पर 2025 तक आने की उम्मीद नहीं है, मौजूदा अफ़वाहें फ़्लिप फ़ोन की ओर इशारा कर रही हैं। Huawei के इवेंट से कुछ घंटे पहले ही Apple ने iPhone 16 लाइनअप का अनावरण किया। हालाँकि, Apple इंटेलिजेंस, अमेरिकी कंपनी का AI प्लेटफ़ॉर्म जिसे कई लोग सीरीज़ में एक प्रमुख विशेषता मानते हैं, अभी मुख्य भूमि चीन में उपलब्ध नहीं है। इसे उपलब्ध कराने के लिए, Apple को स्थानीय नियमों के कारण पहले एक स्थानीय चीनी AI कंपनी के साथ साझेदारी करनी होगी।
2024 की दूसरी तिमाही में, चीन में Apple के iPhone की बिक्री चुनौतियों का सामना करती रही। IDC के अनुसार, अमेरिकी टेक दिग्गज ने Huawei और Xiaomi जैसे स्थानीय प्रतिस्पर्धियों के सामने अपनी स्थिति खो दी, जिसके परिणामस्वरूप Apple शीर्ष पाँच फ़ोन निर्माताओं से बाहर हो गया।
फोल्डिंग स्क्रीन के अलावा, Mate XT में पेरिस्कोप-स्टाइल टेलीफ़ोटो लेंस सहित कुल चार कैमरे हैं। Huawei ने कहा कि डिवाइस पर एक भौतिक एपर्चर भी है, जो विभिन्न शूटिंग परिदृश्यों को पूरा करता है। कैमरा लेंस में एपर्चर यह नियंत्रित करता है कि कैमरे में कितनी रोशनी प्रवेश करती है। अधिकांश कैमरों में एक निश्चित एपर्चर या उद्घाटन होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें प्रवेश करने वाली रोशनी की मात्रा बदल नहीं सकती है। हाल के फ्लैगशिप फ़ोन में परिवर्तनशील एपर्चर हैं, लेकिन वे अधिकांश मामलों में भौतिक नहीं हैं।
ट्रिपल-फ़ोल्डिंग फ़ोन की अवधारणा कोई नई बात नहीं है। सैमसंग ने हमें 2022 में CES में ट्राइफ़ोल्ड डिस्प्ले कॉन्सेप्ट की एक झलक दिखाई थी। उससे पहले, TCL ने 2020 में एक कॉन्सेप्ट दिखाया था। लेकिन उनमें से किसी को भी अब तक व्यावसायिक बिक्री के लिए रिलीज़ या बड़े पैमाने पर उत्पादित नहीं किया गया है।
मुख्य विशेषताएं
कवर स्क्रीन: 6.4 इंच
डुअल स्क्रीन: 7.9 इंच
ट्रिपल स्क्रीन: 10.2 इंच
रियर कैमरा: 50-मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड-एंगल कैमरा, 12-मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड-एंगल कैमरा, 12-मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा
फ्रंट कैमरा: 8 मेगापिक्सल
बैटरी: 5,600-mAh बैटरी
स्टोरेज: 16GB+256GB, 16GB+512GB, 16GB+1TB
विशेष विशेषताएं: ट्रिपल-फोल्डिंग डिज़ाइन, AI सुविधाएँ, सैटेलाइट संचार, स्टाइलस सपोर्ट, कीबोर्ड अटैचमेंट
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश का माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं: शशि थरूर

नई दिल्ली, 20 दिसंबर : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में जाने-माने मीडिया हाउस पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई। साथ ही, बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करने की भी निंदा की।
कट्टरपंथी इस्लामी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है। हादी 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।
इस हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ढाका समेत देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं।
इंकलाब मंचो नेता हादी की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं और भीड़ ने प्रमुख मीडिया संगठनों और बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष विरासत से जुड़ी जगहों को निशाना बनाया है। मीडिया संस्थानों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरों ने देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है।
इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रेस पर हमले लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर हमला हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से आ रही खबरों से मैं बहुत चिंतित हूं। प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर टारगेट करके भीड़ के हमले और आगजनी सिर्फ दो मीडिया हाउस पर हमला नहीं हैं। ये प्रेस की आजादी और एक बहुलवादी समाज की नींव पर हमला हैं।”
कांग्रेस सांसद ने सीनियर एडिटर्स समेत पत्रकारों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे एडिटर महफूज अनम और बढ़ते मुश्किल हालात में काम कर रहे दूसरे मीडिया प्रोफेशनल्स की भलाई को लेकर चिंतित हैं।
अशांति के बीच, भारत को सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए बांग्लादेश में दो वीजा एप्लीकेशन सेंटर बंद करने पड़े। राजशाही में ‘जुलाई 36 मंच’ नाम के एक ग्रुप ने भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन की ओर मार्च निकाला। जुलूस डिप्लोमैटिक मिशन की ओर बढ़ा, लेकिन पुलिस के दखल के बाद उसे बीच में ही रोक दिया गया।
खुलना में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें आईं, जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों जगहों पर वीजा से जुड़े काम रोक दिए। थरूर ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि सेवाओं को रोकने के दूरगामी परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा कि बढ़ते सुरक्षा खतरों के कारण खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करना एक बड़ा झटका है। इस रुकावट का सीधा असर उन छात्रों, मरीजों और परिवारों पर पड़ रहा है, जिन्हें आखिरकार सीमा पार आने-जाने में सामान्य स्थिति की झलक दिख रही थी।
बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में थरूर ने चेतावनी दी कि हिंसा और असहिष्णुता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
कांग्रेस नेता ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए देश में स्थिरता और लोकतांत्रिक निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कदम भी बताए। निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा: पत्रकारों को अपने दफ़्तर जलते समय अपनी जान बचाने के लिए घबराए हुए मैसेज पोस्ट नहीं करने चाहिए। भीड़तंत्र को हावी नहीं होने देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि लोगों के बीच अहम संबंधों को बनाए रखने के लिए डिप्लोमैटिक सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। निशाना बनाई गई एम्बेसी और कॉन्सुलेट को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।
शांति बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर देश को लोकतंत्र की किसी भी झलक के साथ इस बदलाव से बचना है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक बातचीत होनी चाहिए। अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस को यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करना चाहिए।
थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में शांति का महत्व उसकी सीमाओं से कहीं ज्यादा है। पूरे दक्षिण एशिया के लिए देश में स्थिरता बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि हम शांति की वापसी और एक सुरक्षित माहौल की उम्मीद करते हैं, जहां लोगों की आवाज हिंसा और धमकी से नहीं, बल्कि वोट के जरिए सुनी जाए।
व्यापार
बीएसई ने निवेशकों को फर्जी निवेश सलाह से बचने की चेतावनी दी

SHARE MARKET
मुबंई, 18 दिसंबर: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने गुरुवार को निवेशकों को चेतावनी दी है कि वह सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और फोन कॉल के जरिए आ रहे अनजान निवेश संदेशों से सावधान रहें।
एक्सचेंज ने बताया कि कुछ लोग ‘ए-1 लिमिटेड’ नाम की कंपनी में सोशल मीडिया पर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहें।
बीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि निवेशक ऐसी किसी भी सलाह पर भरोसा न करें जो व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, एसएमएस, कॉल या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी जा रही हो। ऐसी सलाह देने वाले लोग न तो बीएसई से जुड़े हैं और न ही उन्हें निवेश की अनुमति है। निवेशकों को ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचना चाहिए।
देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज ने निवेशकों को यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर ज्यादा या गारंटीड रिटर्न देने के दावे अकसर झूठे होते हैं। यूट्यूब, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर कई लोग ऐसे दावे करते हैं, जिससे निवेशक ठगे जा सकते हैं।
इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी निवेशकों को पांच लोगों — कृष्णम राजू, प्रतिबान, पूजा शर्मा, अमन और एम अमित — के बारे में चेतावनी दी थी। एनएसई के अनुसार, यह लोग यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया के जरिए निवेश की अनधिकृत सलाह दे रहे थे।
एनएसई ने बताया कि यह लोग निवेशकों से उनका लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगते थे और गारंटीड रिटर्न का दावा करते थे। ये लोग ‘प्रॉफिट ट्रेडिंग’, ‘ट्रेड रूम ऑफिशियल’ और ‘प्रॉफिट मैक्सिमाइजर्स’ जैसे यूट्यूब चैनलों के जरिए काम कर रहे थे और गैरकानूनी तरीके से ट्रेडिंग कराते थे।
एनएसई ने निवेशकों को सलाह दी कि शेयर बाजार में किसी भी ऐसे व्यक्ति या योजना पर भरोसा न करें जो स्टॉक मार्केट में सुनिश्चित रिटर्न का वादा करे, क्योंकि ऐसा करना कानून के खिलाफ है।
राजनीति
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया कर सकता है दमदार वापसी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया दमदार वापसी कर सकता है और डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू में इजाफा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि उसने लंबे समय तक चलने वाली अनिश्चितता, अधिक संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में आए झटकों से निपटने में काफी मजबूती दिखाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ.सौम्या कांती घोष ने कहा, “जियोपोलिटिकल रिस्क इंडेक्स अप्रैल 2025 से कम हुआ है और अप्रैल-अक्टूबर 2025 अवधि के लिए इंडेक्स की मौजूदा औसत वैल्यू अपने दशकीय स्तर से ऊपर है। यह इंडेक्स दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय रुपए पर कितना दबाव डाल रही हैं।”
घोष ने आगे कहा कि रुपया अभी अपने गिरावट के दौर में है और जल्द यह इससे बाहर निकलेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है। रुपया अपने मनोवैज्ञानिक स्तर 90 को पार कर चुका है और 91 के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। यह 90.25 पर पहुंच गया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रुपए में मौजूदा गिरावट (दिनों की संख्या के हिसाब से) सबसे तेज है। एक साल से भी कम समय में, रुपया प्रति डॉलर 85 से गिरकर 90 पर आ गया है।
2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका द्वारा दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत (प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक) गिर गया है।
हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के कारण बीच-बीच में इसमें तेजी भी देखने को मिली है।
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