राष्ट्रीय समाचार
सरकार जल्द ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का नया संस्करण शुरू करेगी
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले तथा विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा कि शीघ्र ही संशोधित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) शुरू किया जाएगा।
यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 25 शहरों में एक पायलट परियोजना चल रही है और इसके परिणाम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को नया स्वरूप देने में मदद करेंगे।
मंत्री ने शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए बजटीय सहायता, कार्यबल प्रशिक्षण और उन्नत प्रौद्योगिकी प्रदान करके राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में काम करने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत 13,422 करोड़ रुपये
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत वितरित ऋण की कुल राशि 13,422 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में निवेश 16 गुना बढ़ गया है, जो 2004 से 2014 के बीच लगभग 1,78,053 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014 में 28,52,527 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बढ़ा हुआ निवेश 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरीकरण की तीव्र गति ने शहरी विकास को भारत की विकास रणनीति का आधार बना दिया है।
मंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों में शहरी विकास योजनाओं का विस्तार किया गया है तथा उन्हें अधिक गति और दक्षता के साथ क्रियान्वित किया गया है।
अमृत के अंतर्गत 4,649 एमएलडी जल उपचार क्षमता का सृजन
केंद्रीय मंत्री ने कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया, जिनमें 4,649 एमएलडी जल उपचार क्षमता और 4,429 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता का सृजन शामिल है।
अमृत 2.0 के अंतर्गत सरकार जलभराव की चुनौतियों से निपटने के लिए वर्षा जल निकासी प्रणालियों को प्राथमिकता दे रही है, साथ ही पेयजल उपलब्धता और सीवरेज प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए भी प्रयास जारी रखे हुए हैं।
अमृत मिशन के तहत 2.73 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अमृत मिशन के तहत 2014 से 2024 के बीच कुल 2.73 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गई हैं, जिनमें से 1.03 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि लगभग 96,970 करोड़ रुपये के कुल कार्य भौतिक रूप से पूरे हो चुके हैं।
मनोहर लाल ने घोषणा की कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण के दबाव को प्रबंधित करने के लिए नए शहरों की योजना की अवधारणा बनाई गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत, 9 जून 2024 से, सरकार ने 1,123 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, 9 जून से पिछले छह महीनों में अहमदाबाद और हैदराबाद में दो प्रमुख कूड़ा स्थलों का पूरी तरह से सुधार किया गया है, तथा लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे का सफलतापूर्वक निपटान किया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
इंडिगो फ्लाइट्स में हो सकती है देरी, यात्री लेटेस्ट स्टेटस चेक कर घर से निकलें

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: पिछले कुछ दिनों से इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट ने सोमवार सुबह एडवाइजरी जारी की, जिसमें यात्रियों से फ्लाइट से जुड़ी ताजा स्टेटस चेक करने की अपील की गई है।
आईजीआई एयरपोर्ट ने सुबह 6.30 बजे एडवाइजरी जारी की। इसमें लिखा है कि इंडिगो की फ्लाइट्स में देरी हो सकती है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि किसी भी असुविधा से बचने के लिए एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी एयरलाइन से फ्लाइट का लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें।
एडवाइजरी में लिखा है, “हमारी टीमें रुकावटों को कम करने और यात्रा को आसान बनाने के लिए सभी संबंधित लोगों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। मेडिकल सहायता सहित किसी भी मदद के लिए कृपया इन्फॉर्मेशन डेस्क पर जाएं, जहां हमारा ग्राउंड स्टाफ आपकी मदद के लिए तैयार है।”
इसके अलावा एयरपोर्ट आने-जाने के लिए मेट्रो, बस और कैब जैसे कई पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ऑप्शन उपलब्ध हैं। रियल-टाइम अपडेट और जरूरी जानकारी के लिए कृपया दिल्ली एयरपोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को कहा था कि एविएशन नेटवर्क तेजी से सामान्य हो रहा है और परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक सुधारात्मक उपाय जारी रहेंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की एक पोस्ट में बताया था, “पिछले चार दिनों में एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की परेशानियों को कम करने के लिए लगातार कई पक्षों से बातचीत की गई है और इसके साथ रियल-टाइम में स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। सभी ऑपरेटरों, हवाईअड्डा निदेशकों, ग्राउंड-हैंडलिंग एजेंसियों और अन्य सभी पक्षकारों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गई हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
संविधान से पहले कैसी थी देश की शासन प्रक्रिया, संघ प्रमुख ने बताया क्यों पड़ी थी इसकी जरूरत

पानीपत, 6 दिसंबर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को ‘भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान’ कार्यक्रम में बताया कि संविधान से पहले देश में शासन की प्रक्रिया कैसी थी? इस कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा के पानीपत में किया गया।
संघ प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे पास संविधान है। देश का शासन संविधान के माध्यम से होता है, लेकिन, क्या आप लोगों के जेहन में यह सवाल कभी आया है कि जब संविधान नहीं था, तो देश का शासन कैसा होता था? उन दिनों देश का शासन धर्म के जरिए होता था, क्योंकि मनुष्य पथभ्रष्ट नहीं हुआ था। जब मनुष्य पथभ्रष्ट हुआ, तो लोगों को संविधान की आवश्यकता महसूस हुई। आज उसी संविधान के आधार पर देश में शासन प्रक्रियाओं को संपन्न किया जा रहा है। प्राचीनकाल में देश का शासन संविधान से नहीं होता था, बल्कि धर्म से होता था। यहां पर मेरा धर्म से मतलब रिलिजन बिल्कुल भी नहीं है। रिलिजन और धर्म के बीच में अंतर होता है।
उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में धर्म के आधार पर देश में शासन में होता था। धर्म के तहत सभी लोग एक-दूसरे को समृद्ध करने की विचारधारा में विश्वास रखते थे। लोगों को इस बात को मानते थे कि अगर हम समाज का संपूर्ण विकास चाहते हैं, तो इसके लिए हमें एक-दूसरे की समद्धि पर जोर देना होगा। इसी सिद्धांत के तहत धर्म के आधार पर देश या प्रदेश का शासन किया जाता था, लेकिन इसके बाद स्थिति इस कदर बदली कि लोगों को लोगों को राजा की आवश्यकता महसूस हुई। राजा देश को चलाने लगा। इस तरह से यहां से शासन की नई प्रक्रिया का जन्म हुआ।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इसके बाद राजा के सामने भी यह प्रश्न आया कि आखिर वो देश को चलाए कैसे? यहीं से विधि व्यवस्था की शुरुआत हुई? जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि किसी देश में शासन की प्रक्रिया कैसी होगी? लोगों की जरूरतों की पूर्ति कैसे होगी? और यह बात कैसे सुनिश्चित की जाएगी कि कैसे लोगों के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं हो। इन्हीं सब स्थिति से निपटने के लिए नियमों के संग्रहण की सूची को संविधान कहा गया है। जिसके जरिए देश में किसी शासन की प्रक्रिया को संपन्न किया जाता है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी व्यक्ति के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं हो।
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज की तारीख में भारतीय इतिहास को फिर से लिखना जरूरी हो जाता है। आखिर आज से 50 साल पहले किसने इस बात की कल्पना की थी कि भारत पुर्नजागरण के दौर से गुजरेगा। जवाब स्पष्ट है कि किसी ने भी नहीं की थी। ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि भारतीय इतिहास का लेखन फिर से शुरू किया जाए।
प्रो. राघुवेंद्र तंवर ने कहा कि संविधान को समझने के लिए भारत एवं उसकी संस्कृति को समझना आवश्यक है। विभाजन ने भारतीय समाज को तोड़ दिया।
गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि हजारों वर्षों के आक्रमण से इतिहास तितर-बितर हो गया है, किंतु इतिहास संकलन के प्रयास से इसे पुर्नलेखन के माध्यम से इकट्ठा करने का प्रयास किया जा रहा है, यह प्रयास सराहनीय है।
देवी प्रसाद सिंह जी ने ‘यदि संविधान की वाणी होती’ विषय पर लिखित अपनी कविता से भाव को स्पष्ट करते हुए बताया कि संविधान को भारतीय संस्कृति से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र ने इंडिगो को जारी किए निर्देश, रविवार रात 8 बजे तक रिफंड प्रॉसेस पूरा करना किया अनिवार्य

INDGO
नई दिल्ली, 6 दिसंबर: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को इंडिगो को सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड बिना किसी देरी के जारी करने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय की ओर से सभी रद्द और बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रॉसेस को रविवार रात 8 बजे तक पूरा किए जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके साथ ही, एयरलाइन्स को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे उन यात्रियों से किसी तरह के रिशेड्यूलिंग चार्जेस न लें, जिनका ट्रैवल प्लान कैसेंलेशन से प्रभावित हुआ है।
मंत्रालय ने साफ किया है कि रिफंड प्रॉसेसिंग में किसी भी प्रकार की देरी या अनुपालन न होने पर तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यात्रियों को उनके सामान लौटाए जाने के निर्देश दिए हैं।
बयान में कहा गया है कि इंडिगो की ओर से रद्द और डिले की गई उड़ानों के यात्रियों के सामान को ट्रेस किया जाए और इसके बाद उनके सामान को 48 घंटों के भीतर उनके पतों पर भेजा जाए।
एयरलाइन्स को ट्रैकिंग और डिलीवरी टाइमलाइन को लेकर यात्रियों से क्लिर कम्युनिकेशन मेंटेन करने को कहा गया है। साथ ही, मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत जरूरत पड़ने पर मुआवजा देने को भी कहा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि निर्बाध शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए इंडिगो को डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल्स स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
इन सेल्स को प्रभावित यात्रियों से कॉन्टैक्ट करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे यात्रियों के रिफंड और दूसरे ट्रैवल अरेंजमेंट की प्रक्रियाओं को लेकर बिना मल्टीपल फॉलो-अप्स के सक्रियता से काम करें। परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक ऑटोमेटिक रिफंड का सिस्टम एक्टिव रहेगा।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस व्यवधान के दौरान यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एयरलाइन, हवाई अड्डों, सिक्योरिटी एजेंसियों और सभी परिचालन हितधारकों के साथ निरंतर कॉर्डिनेशन बनाए हुए है।
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