राजनीति
बिलकिस बानो के दोषियों के स्वागत पर चुप्पी साध सरकार नें खींच दी लकीर : प्रियंका गांधी
गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो केस में उम्रकैद की सजा पाए दोषियों की रिहाई के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिलकिस बानो के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोषियों के स्वागत पर चुप्पी साधकर सरकार ने अपनी लकीर खींच दी है। हालांकि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ की बेंच यह सुनवाई करेगी।
प्रियंका गांधी ने बिलकिस बानो मामले पर कहा, बलात्कार की सजा पा चुके 11 लोगों की रिहाई, कैमरे पर उनके स्वागत-समर्थन में बयानबाजी पर चुप्पी साधकर सरकार ने अपनी लकीर खींच दी है। लेकिन देश की महिलाओं को संविधान से आस है। संविधान अंतिम पंक्ति में खड़ी महिला को भी न्याय के लिए संघर्ष का साहस देता है। बिल्किस बानो को न्याय दो।
दरअसल 15 अगस्त को बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया। हालाकि इन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन 15 साल की जेल की सजा काटने के बाद गुजरात सरकार ने उनकी रिहाई के आदेश दिए हैं। इन्होंने 3 मार्च 2002 को गुजरात दंगों के दौरान दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की रहने वाली बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया था और उनके परिवार के 7 लोगों की बेहरमी से हत्या कर दी थी।
राजनीति
नया उपराष्ट्रपति भाजपा का नहीं, भारत का होना चाहिए : कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत

नई दिल्ली, 18 अगस्त। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर सोमवार को कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने शुभकामनाएं दी। साथ ही कहा कि सी.पी. राधाकृष्णन को निर्वाचित होने के पश्चात पूरी निष्पक्षता के साथ काम करने की सलाह दी।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और यह अपेक्षा करता हूं कि भारत के दूसरे सर्वोच्च पद पर अगर वे निर्वाचित होते हैं तो उसकी एक गरिमा है। वे भारत के उपराष्ट्रपति होंगे न कि भारतीय जनता पार्टी के उपराष्ट्रपति होंगे। लोकतंत्र की खूबसूरती और उस पद की गरिमा के लिए हम यह अपेक्षा करते हैं। वे उन परंपराओं और लोकतांत्रिक पद्धतियों को निभाएं, न कि जगदीप धनखड़ की तरह भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य करें, जो खुद बाद में भाजपा की राजनीति के शिकार हो गए। इन पदों की पूरी निष्पक्षता होनी चाहिए और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान होना चाहिए।”
चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस सांसद ने कहा, “बहुत पहले एक फिल्म आई थी, जिसमें डायलॉग था कि जिनके घर खुद शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते। यह चुनाव आयोग पर बिल्कुल फिट बैठता है। आयोग यह बताए कि वह एफिडेविट देने को तैयार है। आयोग को भाजपा के एजेंट के रूप में काम नहीं करना चाहिए। मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन आयोग ने उन्हें एफिडेविट देने की बात नहीं की, वहीं जब राहुल गांधी, जो लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं, ने चोरी पकड़ी और प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो उन्हें एफिडेविट देने की बात कही।”
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बिहार में निकाली जा रही वोटर अधिकार यात्रा पर उन्होंने कहा, “आज के राजनीतिक परिदृश्य में राहुल स्पष्टवादी, दृढ़ निश्चयी और दूरदर्शी नेता हैं। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की बात की। वे लोगों के बीच जाने का काम कर रहे हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : द्वारका के मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल में बम की धमकी, मौके पर पुलिस और बम निरोधक दस्ता

नई दिल्ली, 18 अगस्त। देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर-4 स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल में सोमवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब स्कूल को बम धमाके की धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ। यह घटना 18 अगस्त की सुबह करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच की बताई जा रही है।
जैसे ही स्कूल प्रबंधन को धमकी भरा ईमेल मिला, तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पुलिस और बम निरोधक दस्ता पहुंचा और पूरे स्कूल परिसर की गहन तलाशी ली। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर बच्चों और अभिभावकों को स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
करीब 8:15 बजे तक बम निरोधक दस्ता और पुलिस ने पूरी जांच पूरी की। राहत की बात यह रही कि तलाशी के दौरान स्कूल परिसर से कोई भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई। हालांकि, एहतियात के तौर पर एक छोटी पुलिस टीम को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहीं तैनात किया गया।
यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को इस तरह की बम धमकी के ईमेल मिले हों। पिछले कुछ महीनों में कई स्कूलों को इस तरह के ईमेल भेजकर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है।
इससे पहले, 18 जुलाई को दिल्ली के कई स्कूलों को एक साथ बम की धमकियां मिलने से हड़कंप मच गया था। धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और प्रोटोकॉल के तहत डॉग स्क्वाड, बम स्क्वाड और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर जांच की। इस दौरान भी किसी स्कूल में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
इससे पहले, 16 जुलाई को दक्षिणी दिल्ली के वसंत वैली स्कूल और द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल को ईमेल के जरिए धमकी भरे संदेश मिले थे। वहीं, 14 जुलाई को दिल्ली के तीन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। चाणक्यपुरी के नेवी स्कूल, द्वारका के सीआरपीएफ स्कूल और रोहिणी के एक स्कूल को ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। हालांकि, जांच के दौरान ये खबर झूठी निकली।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को ‘लगभग तुरंत’ खत्म कर सकते हैं : ट्रंप

TRUMP
वाशिंगटन, 18 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत खत्म करने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को वापस लेना या नाटो में शामिल होना उनके लिए संभव नहीं है।
ट्रंप ने रविवार को अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यदि चाहें तो रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब ओबामा के समय (12 साल पहले) की तरह क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा, और यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा।
जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ बेहद महत्वपूर्ण वार्ता की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए जेलेंस्की को रूस की कुछ शर्तों पर सहमत होना होगा।
इन शर्तों में दो मुख्य बातें हैं: यूक्रेन क्रीमिया रूस को दे दे (जिसे रूस ने 2014 में अपने साथ मिला लिया था) और कभी नाटो में शामिल न हो। ये वही शर्तें हैं जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध खत्म करने के लिए रखी हैं।
यूरोपीय नेता, जो सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस जा रहे हैं, वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ट्रंप इस मुलाकात में जेलेंस्की पर दबाव डाल सकते हैं ताकि वे पुतिन की अलास्का शिखर सम्मेलन में रखी शर्तों को मान लें।
वे ट्रंप से यह जानना चाहते हैं कि शांति समझौते में रूस क्या छोड़ सकता है और भविष्य में अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी में क्या भूमिका निभाएगा।
ट्रंप ने जेलेंस्की को भेजे अपने संदेश के बाद लिखा, “कल व्हाइट हाउस में बड़ा दिन है। इतने सारे यूरोपीय नेता एक साथ कभी नहीं आए। उनकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है!!!”
यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और नाटो महासचिव मार्क रुटे सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस की यात्रा में शामिल होंगे।
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