व्यापार
कोरोना से फिर चमका सोना, भारत में नई ऊंचाई पर पीली धातु

कोरोना के कहर से एक बार फिर सोने की चमक बढ़ गई है। घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को सोने का भाव फिर नई उंचाई पर पहुंच गई, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना आठ साल के उंचे स्तर पर है और पीली धातु के सामने आगे 1800 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ने की चुनौती है।
कोरोनावायरस का प्रकोप दोबारा गहराने से निवेश के सुरक्षित साधन के रूप में बुलियन के प्रति निवेशकों के बढ़ते रुझान से वैश्विक बाजार में सोने में जोरदार तेजी आई है जिससे भारतीय वायदा बाजार में भी सोने की चमक बढ़ गई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना बुधवार को 48,333 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला जोकि एमसीएक्स पर सोने के दाम का सबसे उंचा स्तर है। उधर, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का भाव 1791.55 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि 2012 के बाद का सबसे उंचा स्तर है।
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट और कमोडिटी बाजार के जानकार अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी का प्रकोप दोबारा गहराने से निवेशकों का रुझान इस समय निवेश के सुरक्षित साधन के प्रति बढ़ता जा रहा है, जिससे पीली धातु की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। गुप्ता ने कहा कि दुनिया बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका बनी हुई है जिससे सोने में निवेशक मांग बनी रह सकती है और आगे कीमतों में नई उंचाई देखने को मिल सकती है।
कमोडिटी बाजार विश्लेषकों के अनुसारए अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों ने कोरोना काल में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की है, जिसका मकसद महामारी के कारण मिल रही आर्थिक चुनौतियों से अर्थव्यवस्था को बचाना है। बाजार विश्लेषक बताते हैं कि ब्याज दरों में हुई इस कटौती से महंगी धातुओं के प्रति निवेश रुझान बढ़ा है और आगे भी बुलियन को इसका सपोर्ट बना रहेगा।
घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स पर सोने के अगस्त एक्सपायरी अनुबंध में बुधवार को सुबह 10.05 बजे पिछले सत्र से 68 रुपये की बढ़त के साथ 48,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव मजबूत विदेशी संकेतों से 48,333 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला जोकि अब तक सबसे उंचा स्तर है। हालांकि चांदी के जुलाई एक्सपायरी अनुबंध में पिछले सत्र से तकरीबन सपाट 48,785 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि चांदी का भाव इससे पहले 48,803 रुपये प्रति किलो तक चढ़ा। कॉमेक्स पर सोने के अगस्त अनुबंध में पिछले सत्र से 3.80 डॉलर यानी 0.21 फीसदी की बढ़त के साथ 1785.80 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले सोने का भाव 1791.55 डॉलर प्रति औंस तक उछला। कॉमेक्स पर चांदी के जुलाई अनुबंध में पिछले सत्र से 0.11 फीसदी की बढ़त के साथ 18.08 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 270 अंक फिसला

मुंबई, 29 अगस्त। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांक लाल निशान में थे। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 270.92 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,809.65 और निफ्टी 74.05 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,426.85 पर था।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 320.10 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,727.40 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 67.35 अंक या 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,227.00 पर था।
बाजार के ज्यादातर इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, आईटी, रियल्टी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट थी। दूसरी तरफ एफएमसीजी, मीडिया, डिफेंस और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में आईटीसी, बीईएल, ट्रेंट, एलएंडटी, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, सनफार्मा, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। एमएंडएम, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ के पूरे प्रभाव को समझने की कोशिशों के बीच निवेशकों की धारणा सतर्क रही। इस मुद्दे के बने रहने से कुछ क्षेत्रों में भविष्य में भारत के निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की संभावना है। आज इक्विटी बेंचमार्क का प्रदर्शन कमजोर रहा, खासकर मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में। इसके विपरीत, जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और मजबूत उपभोक्ता मांग की उम्मीदों के चलते एफएमसीजी शेयरों में तेजी बनी रही।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 50 इंडेक्स 36 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 24,537 और बीएसई सेंसेक्स 118 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 80,199 पर था।
राष्ट्रीय समाचार
2025 में भारत का निर्यात पिछले साल से अधिक रहेगा : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 29 अगस्त। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि इस वर्ष भारत का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा, जो घरेलू उद्योग की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता और मजबूती को दर्शाता है। साथ ही सरकार नए अवसरों को खोलने के लिए दुनिया भर के साझेदार देशों से संपर्क कर रही है।
राष्ट्रीय राजधानी में ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकसित देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) होने से भारत का नेटवर्क बढ़ रहा है। भारत ने अभी तक ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन, आइसलैंड और यूके के साथ एफटीए किया है और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ इस पर चर्चा चल रही है।
इन एग्रीमेंट्स से भारतीय कंपनियों के लिए निर्माण, स्टील और उससे जुड़े सेक्टर में मौके खुल रहे हैं।
गोयल ने आगे कहा कि कई विकसित देश भारत के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार करने के इच्छुक हैं।
केंद्रीय मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है, जब रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिए हैं।
गोयल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उद्योग जगत को कुछ देशों की एकतरफा कार्रवाइयों से उत्पन्न अनावश्यक तनाव या कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों से उन क्षेत्रों को उजागर करने का आग्रह किया, जहां वैकल्पिक बाजारों की आवश्यकता है, और आश्वासन दिया कि वाणिज्य मंत्रालय नए अवसर खोलने के लिए दुनिया भर के भागीदारों से संपर्क कर रहा है।
उन्होंने इस्पात और लौह अयस्क में व्यापक निर्यात संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत सालाना 15 मिलियन टन इस्पात का निर्यात कर सकता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले, प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले उत्पादों के साथ उसका निर्यात क्षेत्र मजबूत हो सकता है।
गोयल ने कहा कि देश ‘विकसित भारत 2047’ की ओर अग्रसर है। इस कारण ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ देश की ताकत, इनोवेशन, मजबूती और प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रदर्शित करेगा।
व्यापार
भारत में तेजी से बढ़ रहा इक्विटी कल्चर, म्यूचुअल फंड एयूएम में हुआ 300 प्रतिशत से अधिक का इजाफा

मुंबई, 29 अगस्त। भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड के एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बीते पांच वर्षों में 335.31 प्रतिशत बढ़कर जुलाई 2025 में 33.32 लाख करोड़ रुपए हो हो गया है, जो कि जुलाई 2020 में 7.65 लाख करोड़ रुपए था। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इक्विटी म्यूचुअल फंड अपनी चमक बनाए हुए हैं और खुदरा निवेशक लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के उद्देश्य से इन योजनाओं में लगातार निवेश कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि एसआईपी बाजार की अस्थिरता को प्रबंधित करने के लिए एक लोकप्रिय साधन बन गया है, जो निवेशकों को नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करने की अनुमति देता है, जिसमें उन्हें औसत भाव से लाभ मिलता है।
आईसीआरए एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बाजार डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में तेज वृद्धि देखी गई है, क्योंकि निवेशक बड़ी संख्या में लंबी अवधि का नजरिया अपना रहे हैं, और यह समझ रहे हैं कि अल्पकालिक बाजार में उतार-चढ़ाव वेल्थ क्रिएशन की दिशा में यात्रा का हिस्सा हैं।”
ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि बाजार में समय के साथ सुधार होता है और धैर्यवान निवेशकों को लाभ मिलता है।
जुलाई में सेक्टोरल/थीमैटिक फंडों में सबसे अधिक 9,426.03 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक, विशेष रूप से खुदरा क्षेत्र में नए विकास के अवसरों की तलाश में लगे हुए हैं और अल्फा या उच्च रिटर्न अर्जित करने के रास्ते तलाश रहे हैं।
कुमार ने कहा, “इसके बाद फ्लेक्सी कैप फंड और स्मॉल कैप फंड का स्थान रहा, जिनमें क्रमशः 7,654.33 करोड़ रुपए और 6,484.43 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, क्योंकि निवेशक विविध आवंटन और उच्च रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं।”
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में लगातार वृद्धि देखी गई है, जुलाई 2025 में इनफ्लो 42,673 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसके विपरीत जुलाई 2020 में आउटफ्लो 3,845 करोड़ रुपए पर था।
कुमार ने आगे कहा, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, घरेलू निवेशक भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर आशावादी बने हुए हैं। इस विश्वास ने उच्च अस्थिरता के दौर में भी इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निरंतर निवेश को बढ़ावा दिया है।”
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