राजनीति
गोवा सीएम ने विपक्षी विधायक पर फोटो से छेड़छाड़ का लगाया आरोप

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने बुधवार को एक विपक्षी विधायक पर उनकी फोटोग्राफ के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया, जिसमें ये दिखाया गया है कि बीते सप्ताह ड्रग्स से संबंधित मामले में गिरफ्तार एक बॉलीवुड अभिनेता ने इस साल उनके जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की थी। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए, सावंत ने कहा कि, ” विपक्षी विधायक रोहन खौंटे ने इंस्टाग्राम स्क्रीनशॉट से तिथि को क्रॉप कर दिया है, ताकि ये दिखाया जा सके कि बीते सप्ताह एक संगठित रेव पार्टी आयोजित करने वाले कपिल झावेरी और वह (मुख्यमंत्री) इस साल 24 अप्रैल को उनके जन्मदिन पर मिले थे।
सावंत ने कहा, “विपक्षी विधायक मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तविक तिथि को छुपाने के लिए उन्होंने फोटो को क्रॉप किया है।”
मंगलवार को, पूर्व राजस्व मंत्री रोहन खौंटे ने आरोप लगाया कि सावंत और कई वरिष्ठ राज्य भाजपा नेता का झावेरी के साथ संबंध है। साथ ही उन्होंने सबूत के तौर पर झावेरी और सावंत व अन्य सत्तारूढ़ राजनेताओं की फोटो साझा की थी।
खौंटे ने ये आरोप उनके करीबी सहयोगी शैलेश शेट्टी के 19 अगस्त को रेव पार्टी सह-आयोजित करने के आरोप में पकड़े जाने के बाद लगाया है। शेट्टी के खिलाफ गोवा पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने नारकोटिक्स, ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश : राष्ट्रीय चुनाव में देरी का मुद्दा गर्माया, यूनुस से मुलाकात करेगी बीएनपी

ढाका, 16 अप्रैल। देश के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) बुधवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात करेगी। पार्टी दिसंबर 2025 के बाद राष्ट्रीय चुनाव में किसी भी तरह की देरी के खिलाफ है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बीएनपी आगामी चुनाव के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की मांग करेगी।
बीएनपी स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि बैठक के दौरान पार्टी अंतरिम सरकार की मंशा पर स्पष्टता की मांग करेगी।
अहमद ने कहा, “हम मुख्य सलाहकार को दिसंबर तक चुनाव कराने के उनके वादे की याद दिलाएंगे। उनसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि करने की अपील करेंगे। हम उनसे चुनाव आयोग को सभी जरूरी तैयारियां पूरी करने का निर्देश देने के लिए भी कहेंगे।”
बीएनपी नेताओं ने संकेत दिया कि यदि बैठक के दौरान कोई आम सहमति नहीं बनी तो वे लोकतंत्र की बहाली और इसी वर्ष राष्ट्रीय चुनाव कराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। पार्टी ने अगले तीन महीनों के लिए गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है। बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया कि ये कार्यक्रम संभवतः रैलियां, मार्च और जुलूस होंगे, जिनकी शुरुआत जमीनी स्तर से होगी।
यूएनबी से बात करते हुए बीएनपी की स्थायी समिति के एक सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय चुनाव को स्थगित करने और वर्तमान अंतरिम सरकार को पांच साल तक सत्ता में बनाए रखने के उद्देश्य से एक अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने हाल ही में दावा किया था कि जनता चाहती है कि अंतरिम सरकार पांच साल तक बनी रहे।
पिछले महीने, राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, यूनुस ने कहा कि चुनाव दिसंबर 2025 और जून 2026 के बीच होंगे। उन्होंने कहा कि आम सहमति आयोग सभी राजनीतिक दलों से सुधारों पर सक्रिय रूप से राय इक्ट्ठा कर रहा है।
बांग्लादेश में राजनीतिक दलों की बहुचर्चित एकता, जो अगस्त 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल करने के दौरान पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी, धीरे-धीरे फीकी पड़ रही है।
राजनीति
एमसीडी में 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर के होंगे चुनाव, भाजपा का पलड़ा दिख रहा है भारी

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब दूसरे रण की तैयारी शुरू हो चुकी है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे। हर वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव होता है, जो आमतौर पर अप्रैल में आयोजित की जाती है। चुनाव होने तक मौजूदा महापौर पद पर बने रहते हैं। वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) के महेश खींची इस पद पर काबिज हैं और चुनाव तक वही कार्यरत रहेंगे।
11 अप्रैल को जारी आदेश में एमसीडी सचिव शिव प्रसाद ने कहा, “एमसीडी की अप्रैल की सामान्य बैठक 25 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली सभागार, सिविक सेंटर में आयोजित की जाएगी, जिसमें महापौर और उपमहापौर का चुनाव भी कराया जाएगा।”
दिल्ली में निगम चुनाव हर पांच साल में होते हैं जबकि महापौर का चुनाव हर साल होता है। पिछला महापौर चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था, क्योंकि अप्रैल 2024 में उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण समय पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस साल महापौर पद सभी पार्षदों के लिए खुला है, क्योंकि पहले कार्यकाल में महिलाओं और तीसरे कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण लागू होता है। इस बार कोई आरक्षण लागू नहीं है।
फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे भाजपा को आगामी महापौर चुनाव में बढ़त मिल गई है। महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल में 250 पार्षद, सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक शामिल होते हैं। 10 नामित पार्षद (एल्डरमेन) भी प्रक्रिया में भाग लेते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 22 मार्च को एमसीडी के लिए 14 विधायकों को नामित किया, जिनमें 11 भाजपा और तीन आप के विधायक हैं। 2022 के निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को हराया था। 14 नवंबर, 2024 को हुए महापौर चुनाव में ‘आप’ उम्मीदवार को केवल तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी, जिसमें क्रॉस वोटिंग की भूमिका रही। वर्तमान में 274 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में भाजपा के पास 135 और आप के पास 119 सदस्यों का समर्थन है। 12 सीटें खाली हैं क्योंकि 11 पार्षद विधायक और एक सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ नहीं है, जो माना जा रहा है कि नतीजा भाजपा के पक्ष में जाने वाला है।
महाराष्ट्र
यूसुफ अब्राहनी घर लौटे और समाजवादी पार्टी में शामिल हुए

मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इस्लाम जिमखाना के चेयरमैन एडवोकेट यूसुफ अब्राहनी कांग्रेस छोड़कर घर लौट आए हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने यूसुफ अब्राहानी के सपा में शामिल होने की घोषणा की है और कहा है कि यूसुफ अब्राहानी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं। समाजवादी पार्टी भाजपा से मुकाबला करने में सबसे आगे है और यह पार्टी सांप्रदायिकता से लड़ने वाली पार्टी है, इसलिए यूसुफ अब्रहानी को पार्टी में शामिल किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब्राहमानी पार्टी के संगठनात्मक मामलों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। यूसुफ अब्राहनी को अभी तक पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है। यह निर्णय अबू आसिम आज़मी द्वारा लिया जाएगा। यूसुफ के बेटे शहजाद अब्राहानी, ज़ेबा मलिक भी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
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