खेल
‘गौतम गंभीर रोहित शर्मा, विराट कोहली को बाहर कर देंगे’: प्रशंसकों का अनुमान है कि अगर ‘जीजी’ भारत के कोच बने तो ड्रेसिंग रूम के दृश्य दिखेंगे

टी20 विश्व कप 2024 के बाद टीम इंडिया के अगले कोच बनने के शीर्ष दावेदार के रूप में कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर गौतम गंभीर का नाम सोशल मीडिया पर घूम रहा है।
वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ का विस्तारित कार्यकाल जून में विश्व कप के बाद समाप्त हो जाएगा। बीसीसीआई ने इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए और एक सप्ताह में 3000 से अधिक रुचियां प्राप्त हुईं।
आईपीएल 2024 की जीत के बाद जीजी दौड़ में सबसे आगे
गंभीर का सीवी 26 मई के बाद मजबूत हुआ जब केकेआर ने चेपॉक में फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर अपना तीसरा आईपीएल खिताब जीता। 2012 और 2014 में केकेआर के कप्तान के रूप में इसे हासिल करने के बाद यह गंभीर की मेंटर के रूप में पहली और कुल मिलाकर तीसरी ट्रॉफी थी।
एक आईपीएल टीम के मालिक ने एक प्रमुख भारतीय मीडिया आउटलेट को बताया कि गंभीर का द्रविड़ की जगह लेना लगभग तय है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीसीसीआई पूर्व भारतीय क्रिकेटर को कोच के रूप में बोर्ड में आने के लिए मनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
मर्क्यूरियल कोच जल्द आ रहा है?
लेकिन प्रशंसकों को इस बात की चिंता है कि गंभीर जैसा मजबूत व्यक्तित्व सीनियर खिलाड़ियों खासकर रोहित शर्मा और विराट कोहली को टी20 टीम से बाहर करने जैसे कुछ कड़े फैसले ले सकता है, जो कोच बन रहे हैं।
गंभीर का पहले भी आईपीएल में कोहली के साथ मैदान पर झगड़ा हो चुका है, जो एक बार फिर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए चिंता का विषय है।
सोशल मीडिया पर बुधवार को इस बात की भविष्यवाणी की गई कि अगर गंभीर भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में आएंगे जो रोहित और कोहली जैसे दिग्गज सुपरस्टारों से भरा है तो क्या होगा।
गंभीर आईपीएल इतिहास में केकेआर के साथ खिलाड़ी/कप्तान और मेंटर के रूप में लीग जीतने वाले एकमात्र क्रिकेटर बन गए।
वह रोहित (मुंबई इंडियंस के साथ 5) और एमएस धोनी (चेन्नई सुपर किंग्स के साथ 5) के बाद एक से अधिक बार ट्रॉफी जीतने वाले तीसरे कप्तान भी हैं।
राजनीति
चार धाम यात्रा पर लगा 24 घंटे का प्रतिबंध हटा, जिलाधिकारियों को विशेष निर्देश

देहरादून, 30 जून। चार धाम यात्रा पर रविवार को 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे अब हटा लिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चार धाम यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि चार धाम यात्रा पर लगाया गया 24 घंटे का प्रतिबंध अब हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के अनुसार वाहनों को रोकने या आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए रविवार को चार धाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
यात्रा स्थगित करने की जानकारी देते हुए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने रविवार को बताया कि लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। लोगों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे जहां हैं, वहीं रहें और स्थिति में सुधार होने तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने से बचें। संबंधित जिलों के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बचाव और राहत दल सक्रिय कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, “मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के बाद आगे की यात्रा के बारे में निर्णय लिया जाएगा। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों के लिए रवाना न हों।”
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण कई जगह मार्ग अवरुद्ध हैं। चार धाम यात्रा करने आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करने और यात्रा के दौरान सतर्क रहने की अपील की गई है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव ने भी लोगों को बारिश के दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।
राष्ट्रीय
राष्ट्रपति मुर्मू का यूपी दौरा, गोरखपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल

नई दिल्ली, 30 जून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को गोरखपुर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगी। वह गोरखपुर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अनुसार, 1 जुलाई को वह पिपरी, भटहट में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगी, जो राज्य में पारंपरिक चिकित्सा और समग्र स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है।
पिछले सात सालों में राष्ट्रपति मुर्मू की गोरखपुर की यह चौथी यात्रा होगी। यह दूसरा मौका है जब हाल के वर्षों में कोई मौजूदा राष्ट्रपति गोरखपुर में एम्स और एक प्रमुख राज्य विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे, जो शहर के बढ़ते राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति के आगमन से पहले शहर से पिपरी तक 31 किलोमीटर के रास्ते का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि सभी व्यवस्थाएं उच्च स्तर की हों।
उन्होंने निर्देश दिया है कि गोरखनाथ मंदिर, जहां राष्ट्रपति के दर्शन करने की उम्मीद है, वहां उनके सम्मान और गरिमा के अनुरूप विशेष रूप से तैयार भोजन उपलब्ध कराया जाए।
सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है। एसपी (सिटी) अभिनव त्यागी ने पुष्टि की कि एम्स ऑडिटोरियम और परिसर पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में हैं। इसके साथ ही 30 जून को ओपीडी सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
सर्किट हाउस के चारों ओर 5 किलोमीटर के दायरे को नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है।
इससे पहले, अप्रैल में सीएम योगी ने एम्स गोरखपुर में 500 बेड वाले ‘पावरग्रिड विश्राम सदन’ की आधारशिला रखी थी। यह विश्राम सदन मरीजों और उनके परिवारों की मदद के लिए बनाया जा रहा है। इसे पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 44 करोड़ रुपये की लागत से अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहल के तहत विकसित कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय
भूकंप के झटकों से हिला नेपाल, 3.9 रही तीव्रता

काठमांडू, 30 जून। नेपाल में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 थी। अचानक आए भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, 30 जून 2025 को सुबह 8:24 बजे (भारतीय समयानुसार) नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 थी। इसका केंद्र 29.24 उत्तरी अक्षांश और 81.77 पूर्वी देशांतर पर जमीन से 14 किलोमीटर की गहराई पर था।
इससे पहले, 29 जून को दोपहर 2:19 बजे (भारतीय समयानुसार) नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 थी। इसका केंद्र 29.35 उत्तरी अक्षांश और 81.94 पूर्वी देशांतर पर जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। हालांकि, भूकंप के कारण जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
नेपाल के पड़ोसी देश तिब्बत में 23 मई की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भारतीय समयानुसार भूकंप 9 बजकर 27 मिनट और 27 सेकंड पर आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई। इसकी गहराई 20 किलोमीटर थी। हालांकि, इससे किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं थी।
बता दें कि नेपाल भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, जिसके कारण यह भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। 2015 में गोरखा में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 8 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली और लाखों लोग बेघर हो गए थे।
नेपाल में हर साल औसतन छोटे-मध्यम के कई भूकंप आते हैं। हिमालय क्षेत्र में प्लेटों की टक्कर से लगातार तनाव जमा होता है, जो भूकंप का कारण बनता है। यहां अधिकांश इमारतें भूकंप-रोधी नहीं हैं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और काठमांडू जैसे घनी आबादी वाले शहरों में। भूकंप अक्सर भूस्खलन को ट्रिगर करते हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों में नुकसान को बढ़ाते हैं।
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