खेल
धोनी के कई ट्रॉफी जीतने के पीछे गांगुली की कड़ी मेहनत : गंभीर
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बहुत भाग्यशाली कप्तान रहे हैं क्योंकि उन्हें हर प्रारूप में एक अद्भुत टीम मिली थी। उन्होंने कहा कि कप्तान के तौर पर धोनी को मिली सफलता के पीछे पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान का हाथ है। गंभीर ने क्रिकेट कनेक्टेड कार्यक्रम में कहा, “टेस्ट क्रिकेट में धोनी के इतने सफल कप्तान बनने का कारण जहीर खान हैं। वो धोनी को मिला ये उनकी खुशकिस्मती थी, जिसका श्रेय गांगुली को जाता है। मेरे हिसाब से जहीर भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वस्तरीय गेंदबाज रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “धोनी बहुत भाग्यशाली कप्तान रहे हैं क्योंकि उन्हें हर प्रारुप में एक अद्भुत टीम मिली थी। 2011 का विश्व कप टीम धोनी के लिए बहुत आसान था क्योंकि हमारे पास सचिन, सहवाग, खुद मैं, युवराज, यूसुफ और विराट जैसे खिलाड़ी थे। इसलिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ टीम मिली थी जबकि गांगुली को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी और जिसके कारण धोनी ने इतने सारी ट्राफियां जीतीं।”
इससे पहले, गंभीर ने उन लोगों को कड़ी फटकार लगाई थी, जो 2011 विश्व कप जीत में केवल महेंद्र सिंह धोनी के छक्के का जश्न मना रहे थे।
गंभीर ने कहा था कि विश्व कप पूरी टीम के द्वारा जीता गया था, किसी एक के छक्के के दम पर नहीं। भारत ने आज ही के दिन 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद दूसरी बार विश्व कप जीता था। फाइनल में धोनी ने नुवान कुलासेकरा की गेंद पर छक्का लगाया था और भारत विश्व चैंपियन बना था।
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने एक ट्वीट किया, जिसमें उसने धोनी द्वारा लगाए गए विजयी छक्के की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ” इस एक शॉट ने साल 2011 में करोड़ों भारतीयों को जश्न में डुबो दिया था।”
गंभीर ने इसी का जवाब देते हुए ट्वीट किया था, ” ये सिर्फ एक रिमाइंडर है। 2011 का विश्व कप पूरे भारत ने जीता था। पूरी भारतीय टीम ने जीता था और उसके सपोर्ट स्टाफ ने भी।”
गंभीर ने उस मैच में 97 रनों की शानदार पारी खेली थी। वहीं, धोनी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे और उन्होंने भी नाबाद 91 रनों की पारी खेलकर भारत को छह विकेट से यादगार जीती दिलाई थी।
गंभीर ने बाद में एक ट्वीट में लिखा था, “विश्व कप सभी भारतीयों द्वारा जीता गया।”
राष्ट्रीय
मुंबई में सेलिब्रिटी और गांव में सरपंच सुरक्षित नहीं, तो आम लोगों का क्या होगा?: नाना पटोले
मुंबई प्रतिनिधि : महाराष्ट्र में इस समय कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है। मुंबई में जहां सेलिब्रिटी सुरक्षित नहीं हैं, वहीं गांवों में सरपंच असुरक्षित हैं। ऐसे में आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी, यह सवाल महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने उठाया है। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए पटोले ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।
जंगलराज और भाजपा सरकार पर हमला
नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में जंगलराज की स्थिति बन गई है। दिल्ली में आज महाराष्ट्र की चर्चा जंगलराज के नाम से हो रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए राज्य में डर और आतंक का माहौल बनाया है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल में 65% मंत्री आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, जिसके चलते हालात बेकाबू हो गए हैं।
सैफ अली खान पर हमले का जातीय मुद्दे से जुड़ाव न करें
अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि इस घटना को जातीय दृष्टिकोण से देखना गलत है। छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में जाति और धर्म के भेदभाव की कोई जगह नहीं है। यहां सभी जाति-धर्म के लोगों को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए।
सरपंच की हत्या और जातीयता का मुद्दा
मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और परभणी में सोमनाथ सूर्यवंशी की पुलिस पिटाई से हुई मौत का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि इन घटनाओं को जातीयता से जोड़ना सही नहीं है। भाजपा सरकार ने मराठा-ओबीसी विवाद को बढ़ावा दिया है, जिससे राज्य के मूल मुद्दे पीछे छूट गए हैं।
‘लाडकी बहन’ योजना पर सवाल
‘लाडकी बहन’ योजना पर टिप्पणी करते हुए पटोले ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान बहनों का समर्थन पाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। लेकिन अब इस योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि भाजपा ने चुनाव से पहले ही इसकी खामियों की जांच क्यों नहीं की? बोगस लाभार्थियों से पैसे वापस लेने की बात कहना भाजपा सरकार का असली चेहरा दिखाता है।
दावोस दौरे पर सवाल
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दावोस दौरे को लेकर पटोले ने कहा कि राज्य में उद्योगपतियों को दावोस ले जाने की बजाय महाराष्ट्र की स्थिति में सुधार करना चाहिए। भाजपा सरकार यह दावा करती है कि महाराष्ट्र उद्योग के क्षेत्र में पहले स्थान पर है, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य आर्थिक रूप से पिछड़ गया है। निवेश के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी बंद होनी चाहिए।
आम नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता
राज्य की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए पटोले ने कहा कि अगर सेलिब्रिटी और सरपंच सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा? कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति और बढ़ते अपराध सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करते हैं।
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील
जातीय विवादों में फंसने के बजाय जनता को सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। पटोले ने राज्य के लोगों से एकजुट होकर भाजपा सरकार का विरोध करने का आह्वान किया।
अंतरराष्ट्रीय
हमने इजरायल के शहरों और अमेरिकी विमानवाहक पोत पर किया हमला : हूती
सना, 18 जनवरी। यमन के हूती गुट ने दावा किया कि उसने इजरायल के तीन शहरों पर कई रॉकेट और ड्रोन हमले किए हैं। इसके साथ ही लाल सागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन पर भी हमला किया।
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सारिया ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “गाजा में हमारे भाइयों के खिलाफ हाल में हुए नरसंहारों के जवाब में हमने चार क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए इजरायल के दक्षिणी बंदरगाह शहर इलियट में हमला किया।”
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विद्रोही गुट ने इजरायल के शहरों तेल अवीव और अश्कलोन में भी महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला किया और उत्तरी लाल सागर में पहुंचे अमेरिकी विमानवाहक पोत को सातवीं बार निशाना बनाया।
सारिया ने चेतावनी भरे अंदाज में दावा किया कि हमारे देश के खिलाफ अमेरिका और इजरायल के उकसावे का हम जवाब देने को तैयार हैं। कहा, “हम गाजा में स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे और अगर दुश्मन (इजरायल) युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करता है या आगे बढ़ता है, तो हम इसके खिलाफ उचित कदम उठाएंगे।”
उन्होंने कहा कि उनका समूह तब तक हमास का समर्थन करता रहेगा, जब तक “इजरायली दुश्मन को पूरे फिलिस्तीन से बाहर नहीं निकाल दिया जाता।”
बयान के बाद हूती संचालित अल-मसीरा टीवी ने कहा कि ये हमले सुबह होने से पहले किए गए थे।
हूती टेलीविजन ने बताया कि अमेरिकी नौसैनिक बलों ने लाल सागर में पांच हवाई हमले किए। हूती के कब्जे वाले सना के उत्तर में अमरान प्रांत के हर्फ सुफियान जिले में एक सैन्य ठिकाने को निशाना बनाकर हमला किया गया।
अमेरिकी सेना ने अब तक इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इजरायली शहरों और अमेरिकी विमानवाहक पोत पर हूती अटैक को लेकर नेता अब्दुलमलिक अल-हूती ने गुरुवार रात कहा था कि अगर इजरायली सेना गाजा पट्टी पर हमला जारी रखती है, तो उनका गुट गाजा युद्धविराम समझौते की घोषणा के बावजूद इजरायली शहरों पर रॉकेट हमले जारी रखेगा।
हमास और इजरायल के बीच लंबे समय बाद संघर्ष विराम समझौता हाल ही में दोहा में हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय
2024 में 200 अलग-अलग बीमारियों से जूझा अफ्रीका : रिपोर्ट
अदीस अबाबा, 18 जनवरी। अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (अफ्रीका सीडीसी) ने पूरे महाद्वीप में हेल्थ इमरजेंसी पर चिंता व्यक्त की है। पिछले साल महाद्वीप 200 से अधिक बीमारियों की चपेट में रहा।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक जीन कासेया ने एमपॉक्स प्रकोप और अन्य स्वास्थ्य संकटों को लेकर ऑनलाइन ब्रीफिंग की। उन्होंने बताया कि तेजी से बढ़ती पब्लिक इमरजेंसी से निपटने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
कासेया ने कहा, “2024 में बीमारियों की संख्या 213 रही, जो 2023 की तुलना में अधिक है। वहीं 2023 में यह संख्या 166 थी।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 बीते वर्ष से बेहतर होगा।
अफ्रीका सीडीसी प्रमुख ने 2024 की शीर्ष पांच बीमारियों के बारे में बताया। उनके मुताबिक हैजा, खसरा, डेंगू, एमपॉक्स और डिप्थीरिया वो पांच बीमारियां हैं जिन्होंने इस महाद्वीप को काफी परेशान किया।
अफ्रीका में हैजा को सबसे ज्यादा मौत का कारण माना गया है। अफ्रीकी महाद्वीप ने पिछले साल लगभग 204,115 हैजा के मामले सामने आए थे, जिनमें से 3,747 की मौत हुई थी। खसरा के 2024 में 234,320 मामले सामने आए, जिसमें 3,220 की मौत हुई।
अफ्रीकी संघ की विशेष स्वास्थ्य सेवा एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, 21 अफ्रीकी देशों में 2024 की शुरुआत में एमपॉक्स के 77,888 मामले सामने आए, जिसमें से 1,321 मौत हुई।
कासेया ने जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और अन्य चीजों का हवाला देते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी को तवज्जो दिए जाने पर जोर दिया।
अफ्रीका सीडीसी प्रमुख ने प्रयोगशाला के बुनियादी ढांचे, महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं और स्थानीय वैक्सीन और चिकित्सा उपकरण उत्पादन में महत्वपूर्ण निवेश की भी बात कही। उन्होंने महाद्वीप के पब्लिक हेल्थ वर्कफोर्स (स्वास्थ्य कर्मियों) को बढ़ावा देने, प्राथमिकता वाली बीमारियों के लिए जीनोमिक अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) में सुधार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कासेया ने कहा, “हम अफ्रीका में बीमारियों पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं।”
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