अंतरराष्ट्रीय
वेंकटेश अय्यर से लेकर ऋतुराज गायकवाड़ तक, पिछले साल के सफल बल्लेबाज कर रहे हैं संघर्ष

आईपीएल 2022 के इस सीजन में जहां नए खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। वहीं, टूर्नामेंट के पिछले सीजन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ शीर्ष बल्लेबाजों ने अभी तक रन बनाने के लिए संघर्ष किया है। इन खिलाड़ियों ने 2021 सीजन में दो हिस्सों में बड़े पैमाने पर रन बनाए थे, उन्हें वह शुरुआत नहीं मिली, जो उनकी टीमों ने 2022 सीजन के पहले 13 मैचों में देखना पसंद किया होगा।
आईएएनएस पिछले सीजन के उन बल्लेबाजों पर एक नजर डालता है, जिन्होंने लीग के मौजूदा सीजन में अब तक संघर्ष किया है।
ऋतुराज गायकवाड़ (सीएसके)
16 मैचों में 635 रनों के साथ आईपीएल 2021 के ऑरेंज कैप धारक गायकवाड़ 2022 सीजन में रन नहीं बना पाए हैं। पुणे के दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज चेन्नई सुपर किंग्स के पहले तीन मैचों में सिर्फ दो रन ही बना पाए हैं, जिसमें लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ शून्य पर आउट होना भी शामिल है।
25 साल के बल्लेबाज से रनों की कमी के कारण चेन्नई पहले छह ओवरों में बल्ले से कमाल नहीं दिखा पाई है। चेन्नई को उम्मीद होगी कि श्रीलंका के खिलाफ टी20 श्रृंखला के दौरान कलाई की चोट से उबरने के बाद टूर्नामेंट में प्रवेश करने वाले गायकवाड़ अपनी खराब शुरुआत को कुछ शानदार प्रदर्शन में बदलेंगे, जैसा कि उन्होंने आईपीएल के पिछले दो सीजनों में किया था।
वेंकटेश अय्यर (केकेआर)
आईपीएल 2021 के दूसरे हाफ के 10 मैचों में 370 रन के साथ शोहरत पाने वाले वेंकटेश अय्यर की आईपीएल 2022 में अब तक अच्छी शुरुआत नहीं मिली है। अय्यर ने वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ टी20 श्रृंखला में बल्ले और गेंद से प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए टूर्नामेंट में प्रवेश किया। लेकिन, आईपीएल में अय्यर ने अब तक शीर्ष पर ओपनिंग करते हुए 16, 10 और 3 रन बनाए हैं, जबकि उन्होंने बैंगलोर के खिलाफ एक बार गेंदबाजी की।
यशस्वी जायसवाल (आरआर)
आईपीएल 2021 में राजस्थान रॉयल्स के लिए एक जबरदस्त अभियान में युवा खिलाड़ी ने 10 मैचों में 148.21 की उच्च स्ट्राइक रेट के साथ 249 रन बनाए। राजस्थान ने सलामी बल्लेबाज का समर्थन किया, जब उन्होंने उन्हें आईपीएल 2022 से पहले बरकरार रखा।
लेकिन जायसवाल पहले तीन मैचों में 20, 1 और 4 के स्कोर के साथ अपने ऊपर दिखाए विश्वास को दिखा नहीं पाए हैं। राजस्थान को शीर्ष पर फार्म में चल रहे जोस बटलर के पूरक के लिए उनसे रनों की जरूरत होगी।
पृथ्वी शॉ (डीसी)
2018 अंडर19 विश्व कप विजेता कप्तान चार सीजन के लिए दिल्ली के बल्लेबाजी क्रम में एक मुख्य आधार रहे हैं। उन्होंने आईपीएल 2021 के 15 मैचों में 479 रन बनाए थे। दिल्ली ने पहले छह ओवर में विस्फोटक शुरुआत देने के लिए उन पर भरोसा किया है।
लेकिन शॉ अतीत की अच्छी शुरुआत को दोहराने में सक्षम नहीं रहे हैं, दो बार पुल शॉट खेलते हुए 38 और 10 रन बनाकर आउट हो गए हैं।
दिल्ली को उम्मीद होगी कि शुरूआती स्लॉट में डेविड वार्नर की संभावित वापसी से शॉ की स्कोरिंग क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
नीतीश राणा (केकेआर)
मध्य क्रम के बल्लेबाज कोलकाता के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं, जिसे तब देखा गया था जब उन्होंने आईपीएल 2021 में 17 मैचों में 383 रन बनाकर उनके लिए शीर्ष स्कोर किया था।
लेकिन राणा आईपीएल 2022 में पहले तीन मैचों में 21, 10 और 0 बनाकर अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से दूर रहे हैं। कोलकाता उम्मीद होगा कि राणा आगामी मैचों के लिए बल्ले से धूम मचाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय
युगांडा पहुंचेंगे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें सत्र में भारत का करेंगे प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की है कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा पहुंचेंगे। इससे पहले वह मिस्र में आयोजित हो रहे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गाजा पीस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वह मिस्र पहुंचे हैं। युगांडा में वह कंपाला में 15-16 अक्टूबर को होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भागीदारी आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। बता दें, एनएएम के 19वें सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले 13-14 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) होगी, जिसमें सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
युगांडा 2024-26 की अवधि के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस साल, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ विषय पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है, जो 121 विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के एक मंच पर एक साथ लाता है।”
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह यहां पर युगांडा के नेतृत्व और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के समकक्षों से भी मिल सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के पतन और अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।
आंदोलन के शुरुआती दिनों में, उपनिवेशवाद-विमुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का काम अहम था। इसकी वजह से आगे चलकर कई देशों और लोगों को स्वतंत्रता और स्वाधीनता प्राप्त हुई और दर्जनों नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।
अपने पूरे इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों के आंदोलन ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से ही ज्यादा महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
भारत ने सालों से अपने सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए एनएएम के साथ अपनी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों सहित इसकी बैठकों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखने को मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय
हमास ने शुरू की बंधकों की रिहाई, रेडक्रॉस पर अधिकारियों को सौंपे गए 7 इजरायली होस्टेज

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : आखिरकार वो वक्त आ ही गया, जिसका इजरायल के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के तहत बंधकों और कैदियों की रिहाई का सिलसिला शुरू हो गया है। हमास ने इजरायली बंधकों के पहले बैच को इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है।
इजरायली मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार हमास ने फर्स्ट फेज में 7 बंधकों को रेडक्रॉस पर इजरायली अधिकारी को सौंप दिया है। बता दें, सोमवार को कुल 20 बंधकों को हमास इजरायल को सौंपेगा।
वहीं दूसरी ओर इजरायल फिलिस्तीन के करीब दो हजार सैनिकों को रिहा करेगा। दो साल बाद इजरायल के 20 लोग अपने घर वापस आने वाले हैं। इजरायली बंधकों की वापसी के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई है। रिहा किए गए सभी बंधक पुरुष हैं।
हमास ने 7 बंधकों की रिहाई के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि वह इजरायल के साथ युद्धविराम और ‘बंधक के लिए कैदी’ समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, समूह ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसने बंधकों को सौंपा है, लेकिन कहा है कि वह तय समय-सारिणी के प्रति प्रतिबद्ध है, बशर्ते इजरायल भी अपना काम करे।
अल-कस्साम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है, “यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और प्रतिरोध का परिणाम है। इजरायल कई महीने पहले ही अपने ज्यादातर बंदियों की वापसी करा सकता था, लेकिन वह लगातार टालमटोल करता रहा।”
इस बीच इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मोशे बार सिमन-टोव ने कहा कि इजरायल की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आज गाजा से रिहा किए जा रहे 20 बंधकों और अन्य इजरायली मृतकों के शवों को देश वापस लाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “आशा और खुशी के साथ-साथ, उन बंधकों के परिवारों के लिए अपार दुःख भी है, जो मारे गए। इजरायल में उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।”
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
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