अंतरराष्ट्रीय
फॉक्सकॉन हैदराबाद में निवेश के लिए उत्सुक, चेयरमैन यंग लियू ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की।

फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने हैदराबाद में निवेश करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने शहर की औद्योगिक और सेवा दोनों क्षेत्रों में बढ़ती क्षमता का हवाला दिया है।
फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने रेवंत रेड्डी से मुलाकात की
फॉक्सकॉन के अनुसार, नई दिल्ली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के साथ बैठक के दौरान, लियू ने सीएम के दृष्टिकोण की प्रशंसा की, विशेष रूप से फोर्थ सिटी परियोजना के विकास के लिए उनकी योजनाओं की।
लियू ने कहा, “हैदराबाद शहर में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों सहित सभी क्षेत्रों में विस्तार की क्षमता है।” चेयरमैन यंग लियू के नेतृत्व में फॉक्सकॉन प्रतिनिधिमंडल को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, औद्योगिक क्षमता और अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी। सीएम ने पिछले कुछ वर्षों में शहर के स्थिर औद्योगिक विकास पर प्रकाश डाला, जो राजनीतिक बदलावों से अप्रभावित रहा है।
तीन शहरों का चरणबद्ध विकास
उन्होंने हैदराबाद में तीन शहरों के चरणबद्ध विकास पर भी विस्तार से चर्चा की, जिसकी शुरुआत 430 साल पहले हुई थी और उन्होंने चौथा शहर परियोजना प्रस्तुत की, जिसे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत उद्योग और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में बहुमुखी विस्तार के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस पहल का एक प्रमुख पहलू शहर के बाहरी इलाके में यंग इंडिया स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी की स्थापना है।
रेवंत रेड्डी के अनुसार, अग्रणी उद्योगपति युवाओं को आधुनिक उद्योगों के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम डिजाइन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “प्रख्यात उद्योगपति युवाओं को आधुनिक उद्योग कौशल से लैस करने के लिए आवश्यक कौशल और मानव संसाधन प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रम के डिजाइन में शामिल हैं।” विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त आनंद महिंद्रा और उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत श्रीनिवास राजू इस प्रयास में शामिल हैं।
हैदराबाद के रणनीतिक लाभ
मुख्यमंत्री ने हैदराबाद के रणनीतिक लाभों पर भी जोर दिया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, आउटर रिंग रोड (ओआरआर) और क्षेत्रीय रिंग रोड (आरआरआर) शामिल हैं, तथा फॉक्सकॉन को चौथे शहर में अपनी फैक्ट्रियां स्थापित करने के लिए परमिट और प्रोत्साहन सहित पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने महत्वाकांक्षी परियोजना में निवेश करने के लिए फॉक्सकॉन को औपचारिक निमंत्रण दिया।
राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू ने लियू को राज्य की उद्योग समर्थक नीतियों, वित्तीय प्रोत्साहनों और औद्योगिक विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और हाल ही में अमेरिका और दक्षिण कोरिया की यात्राओं के दौरान किए गए समझौतों का जिक्र किया।
निवेश के अवसरों की खोज में रुचि
मुख्यमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रभावित लियू ने हैदराबाद में निवेश के अवसरों की खोज में फॉक्सकॉन की गहरी रुचि व्यक्त की। उन्होंने मुख्य परिसर परिचालन अधिकारी कैथी यांग और भारत प्रतिनिधि वी ली के नेतृत्व में एक टीम द्वारा प्रारंभिक यात्रा की योजना का खुलासा किया, जिसके तुरंत बाद उनका स्वयं का दौरा होगा।
लियू ने फोर्थ सिटी के पीछे की दूरदृष्टि और उद्योग-समर्थक नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जल्द ही हैदराबाद का व्यक्तिगत दौरा करने के लिए उत्सुक हैं।
इस बैठक में तेलंगाना सरकार और फॉक्सकॉन दोनों के उच्च-पदस्थ अधिकारियों ने भाग लिया, जो हैदराबाद के औद्योगिक भविष्य के लिए एक बड़ी साझेदारी की शुरुआत को चिह्नित करता है। उपस्थित लोगों में जयेश रंजन, विशेष सचिव डॉ विष्णु वर्धन रेड्डी, अजित रेड्डी, डॉ एसके शर्मा, बॉब चेन, जेएच वू, ह्सू शू-कुओ, साइमन सॉन्ग और वी ली शामिल थे।
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी की दरों में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 550 अंक से अधिक उछला

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मुंबई, 4 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार में चौतरफा तेजी खरीदारी बनी हुई है। सुबह 9:25 पर सेंसेक्स 557 अंक या 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,126 और निफ्टी 150 अंक या 0.61 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,865 पर खुला।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 127 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,471 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 20 की मामूली तेजी के साथ 17,772 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, एफएमसीजी, कंजप्शन, प्राइवेट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। आईटी, फार्मा, मेटल, एनर्जी, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में लाल निशान में कारोबार हो रहा था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एचयूएल, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट,आईसीआईसीआई बैंक, अदाणी पोर्ट्स, ट्रेंट, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एचसीएल टेक, इन्फोसिस और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
जानकारों के मुताबिक, बाजार में तेजी की वजह जीएसटी की दरों को उम्मीद से अधिक कम किया जाना है। इससे देश की ग्रोथ को फायदा होगा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने कहा कि “जीएसटी सुधार उम्मीद से बेहतर रहा है और इससे कई क्षेत्रों को लाभ हुआ है। इसका अंतिम लाभार्थी भारतीय उपभोक्ता है, जिसे कम कीमतों का लाभ मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह जीएसटी सुधार, पहले से ही दिए गए राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन के साथ, एक सकारात्मक चक्र को गति दे सकता है और कॉर्पोरेट आय में प्रभावशाली वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर को 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 में शायद 7 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशिया के बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, सोल और बैंकॉक के बाजारों में तेजी है। वहीं, शंघाई, जकार्ता और हांगकांग के बाजार लाल निशान में हैं। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को मिश्रित बंद हुए थे। इस दौरान डाओ जोन्स सपाट और नैस्डैक हरे निशान में था।
व्यापार
भारत-जर्मनी के बीच डिफेंस से लेकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हुई : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 3 सितंबर। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल से भारत और जर्मनी के बीच डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीयूष गोयल ने कहा, “जर्मन के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ भारत और जर्मनी के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों की एक बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में बाजार तक पहुंच, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और ट्रेड को बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल में सहयोग पर भी चर्चा की, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी को बढ़ाया जा सके।”
इसके अलावा, पीयूष गोयल ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ बैठक काफी प्रोडक्टिव रही। हमारी चर्चा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी, साथ ही साझा विकास और समृद्धि के लिए इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी और पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने भी जर्मनी के अपने समकक्ष से मुलाकात की।
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, “मैं यह दोहराना चाहता हूं कि हम देश में कारोबार करने की सुगमता को निरंतर बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और मैंने आज अपने जर्मनी के समकक्ष को आश्वासन दिया कि भारत में आने वाली, यहां स्थापित होने वाली, यहां काम करने वाली जर्मन कंपनियों की किसी भी चिंता पर हम विशेष ध्यान देने के लिए तैयार हैं।”
वेडफुल ने कहा कि भारत जर्मनी का प्रमुख आर्थिक व्यापारिक साझेदार है और यहां 200 से ज्यादा जर्मन कंपनियां सक्रिय हैं।
2024-25 में जर्मनी भारत का 8वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। 2023-24 में यह भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और 2022-23 में 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक 15.11 अरब डॉलर के संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ जर्मनी भारत में 9वां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है।
व्यापार
भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर रहने का अनुमान : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 सितंबर। भारत के व्यापारिक निर्यात पर अमेरिकी की ओर से टैरिफ लगाने के बावजूद देश का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
देश का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में तेजी से घटकर 2.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) रह गया, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में दर्ज 8.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) के घाटे से काफी कम है।
आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया कि यह उसके जीडीपी के 0.7 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से भी काफी कम रहा, जिसे मुख्य रूप से अपेक्षा से ज्यादा बेहतर रेमिटेंस और हाई सर्विसेज ट्रेड सरप्लस से मदद मिली।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सर्विसेज से आय सालाना आधार पर 19.9 प्रतिशत बढ़कर 66.1 अरब डॉलर हो गई, जिसने 68.5 अरब डॉलर के व्यापारिक व्यापार घाटे की भरपाई कर दी है।
आईसीआरए ने चेतावनी दी है कि व्यापारिक व्यापार घाटे में तेज वृद्धि के कारण, चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 13-15 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) हो जाएगा।
आईसीआरए के मुताबिक, भारतीय वस्तुओं पर हाल ही में लगाए गए 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ से भारत के निर्यात, विशेष रूप से कपड़ा, हीरे, सी-फूड और चमड़े पर दबाव पड़ने की उम्मीद है।
अगर ये टैरिफ पूरे वित्तीय वर्ष में जारी रहते हैं, तो वित्त वर्ष 26 में भारत का चालू खाता घाटा जीडीपी के 1 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह 0.6 प्रतिशत था।
आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में निकासी के बाद, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत में 8.1 अरब डॉलर का शुद्ध वित्तीय प्रवाह देखा गया। हालांकि, आरक्षित परिसंपत्ति अभिवृद्धि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के 8.8 अरब डॉलर से घटकर 4.5 अरब डॉलर रह गई।
22 अगस्त तक विदेशी मुद्रा भंडार 691 अरब डॉलर था। 2025 में (1 सितंबर तक) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
आईसीआरए को उम्मीद है कि निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 87.0-89.0 के दायरे में रहेगा।
आउटलुक पर रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाते के घाटे की दिशा अमेरिका के साथ टैरिफ-संबंधी घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी।
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