खेल
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर रैना ब्लड कैंसर मरीजों के समर्थन में आगे आए

भारत के लिए 13 वर्षो तक प्रतिनिधित्व करने के बाद पूर्व ऑलराउंडर सुरैश रैना भारत में ब्लड कैंसर मरीजों के समर्थन तथा इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आगे आए हैं। रैना ने गैर सरकारी संगठन डीकेएमएस बीएमएसटी फाउंडेशन से हाथ मिलाया है जो ब्लड कैंसर और अन्य रक्त विकारों जैसे थैलेसीमिया और अप्लास्टिक अनीमिया से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत दुनिया में तीसरा ऐसा देश है जहां हेमेटेलोजिकल कैंसर के सर्वाधिक मामले हैं जहां इससे प्रति वर्ष 70 हजार लोगों की मौत होती है और एक लाख से ज्यादा लोगों का ब्लड कैंसर या रक्त विकारों का ईलाज किया जाता है। लेकिन इन मरीजों को स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से दूसरा मौका मिलता है।
विद्या बालन, राहुल द्रविड़ और सोनू सूद जैसे प्रसिद्ध लोगों के बाद रैना ने वीडियो शेयर कर इस मामले में जागरूकता फैलाने की अपील की है।
रैना ने वीडियो पोस्ट कर अपील करते हुए बताया कि भारत में हर पांच मिनट में कोई ब्लड कैंसर का मरीज पाया जाता है और इनमें से ज्यादा मरीज युवा और बच्चे होते हैं। अपने निजी अनुभव का उदाहरण देते हुए रैना ने बताया कि उन्होंने किस तरह इस चुनौती से सीख ली है। हालांकि इससे बड़ी कोई चुनौती नहीं है कि एक परिवार को सामना करना पड़ता है जब उनका कोई प्रिय ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से जूझता है।
डीकेएमएस-बीएमएसटी के सीईओ पैट्रिक पॉल ने कहा, “एक सच्चा खिलाड़ी दूसरों की मदद के लिए कभी नहीं हिचकिचाएगा और रैना ने भी यह साबित किया है। उनकी स्पोटर्समैनशीप सराहनीय है। कई मरीज जो ब्लड कैंसर या अन्य ब्लक बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें जीवित रहने के लिए ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत है। दुर्भाग्य से ज्यादा मरीज ब्लड स्टेम सेल डोनर की मैचिंग नहीं होने के कारण ट्रांसप्लांट नहीं करा पाते हैं।”
इस स्थिति को केवल तभी बदला जा सकता है जब भारत में अधिक से अधिक लोग डीकेएमएस-बीएमएसटी जैसे गैर सरकारी संगठनों द्वारा बनाए गए डोनर रजिस्ट्री का एक हिस्सा होंगे।
यह ब्लड स्टेम सेल डोनर के रूप में पंजीकरण के एक सरल कदम के साथ किया जा सकता है और इससे इन रोगियों को जीवन जीने का दूसरा मौका मिल सकता है।
सिर्फ 30 फीसदी मरीजों को ही ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लेंट के मैचिंग मिल पाते हैं। अन्य 70 फीसदी लोग मैचिंग पर निर्भर रहते हैं। भारत में ईलाज की संभावनाओं के बारे में जागरूकता की कमी के कारण, रोगियों के लिए ब्लड स्टेम सेल डोनर की मैचिंग खोजना मुश्किल हो जाता है।
रैना ने वीडियो अपलोड कर अपील करते हुए सभी भारतीयों से ब्लड स्टेम सेल डोनर के रूप में पंजीकरण कराने का अनुरोध किया।
पंजीकरण की प्रक्रिया इस प्रकार है :
अगर आपकी उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच है और आपकी सेहत स्वस्थ्य है तो आपको ब्लड स्टेम सेल डोनर के रूप में पंजीकरण कराने के लिए स्वैब किट ऑर्डर करनी होगी जो डब्ल्यूडब्ल्यूबडब्ल्यू डॉट डीकेएमएस-बीएमएसटी डॉट ओरआरजी/रजिस्टर पर जाकर ऑर्डर होगी।
इसमें पांच मिनट लगेंगे और यह तीन आसान प्रक्रिया द्वारा पूरी होगी।
स्टेप 1 – साइट पर जाए, ऑनलाइन फॉर्म भरें और इसके बाद आप डीआईवाई स्वैब किट घर पर पा सकते हैं।
स्टेप 2- स्वैब किट मिलने के बाद आपको सहमति पत्र भरना होगा। इसके बाद आप किट के अंदर रखे तीन रूई के स्वैब के साथ गालों के अंदर से एक टिशू सैंपल लें।
स्टेप 3 – इसके बाद अपने स्वैब सैंपल को प्री पैड इनवेलप द्वारा भेज दें।
डीकेएमएस लेबोरेटरी आपके टिस्यू टाइप का विश्लेषण करेगी और आपकी जानकारी ग्लोबल सर्च में ब्लड स्टेम सेल डोनर के रूप में उपलब्ध होगी। अगर आप उपयुक्त डोनर हुए तो डीकेएमएस-बीएमएस आपसे सीधे संपर्क करेगा।
एक बार जब आप एक मैचिंग के रूप में सही पाए जाएंगे, तो ब्लड स्टेम सेल से रक्त स्टेम कोशिकाएं पेरीफेरल ब्लड स्टेम सेल कलेक्शन की प्रक्रिया का उपयोग करके प्राप्त की जाएंगी। यह प्रक्रिया रक्त दान के समान है जिसमें केवल आपके स्टेम सेल लिए जाते हैं। यह एक सुरक्षित, गैर-सर्जिकल आउट पेशेंट प्रक्रिया है।
खेल
वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप : पीएम मोदी ने भारतीय एथलीट्स को सराहा, बोले- लोगों को प्रेरित करेगी ये सफलता

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत कुल 22 मेडल के साथ पदक तालिका में 10वें पायदान पर रहा। भारतीय एथलीट्स ने देश को 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल जिताए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय खिलाड़ियों की सराहना की है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “हमारे पैरा एथलीट्स का ऐतिहासिक प्रदर्शन! इस वर्ष वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप बेहद खास रही। भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6 गोल्ड मेडल सहित 22 मेडल जीते। हमारे एथलीट्स को बधाई। उनकी सफलता कई लोगों को प्रेरित करेगी। मुझे अपने दल के प्रत्येक सदस्य पर गर्व है। मैं उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा गेम्स आयोजन रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, “दिल्ली में इस टूर्नामेंट की मेजबानी करना भी भारत के लिए सम्मान की बात रही है। इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहे लगभग 100 देशों के एथलीट्स और सपोर्ट स्टाफ का आभार।”
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के मोंडो ट्रैक पर भारतीय एथलीट्स ने इस चैंपियनशिप में तीन चैंपियनशिप रिकॉर्ड्स और सात एशियन रिकॉर्ड्स बनाए। इस दौरान 30 से ज्यादा खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए।
वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में ब्राजील कुल 44 मेडल के साथ शीर्ष पायदान पर रहा। इस देश के एथलीट्स ने 15 गोल्ड, 20 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल जीते।
वहीं, चीन 52 मेडल के साथ दूसरे स्थान पर रहा। चीनी खिलाड़ियों ने 13 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज अपने नाम किए।
कुल 16 मेडल के साथ ईरान तीसरे स्थान पर रहा, जिसके एथलीट्स ने 9 गोल्ड, 2 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते।
वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में मेडल जीतने वाले भारतीय :
गोल्ड मेडल : सुमित अंतिल (पुरुष भाला फेंक एफ64)
गोल्ड मेडल : संदीप सिंह सरगर (पुरुष भाला फेंक एफ44)
गोल्ड मेडल : शैलेश कुमार (पुरुष ऊंची कूद एफ63)
गोल्ड मेडल : रिंकू हुड्डा (पुरुष भाला फेंक एफ46)
गोल्ड मेडल : निषाद कुमार (पुरुषों की ऊंची कूद टी47)
गोल्ड मेडल : सिमरन शर्मा (महिलाओं की 100 मीटर टी12 दौड़)
सिल्वर मेडल : एकता भयान (महिला क्लब थ्रो एफ51)
सिल्वर मेडल : दीप्ति जीवनजी (महिला 400 मीटर एफ20)
सिल्वर मेडल : सुंदर सिंह गुर्जर (पुरुष भाला फेंक एफ46)
सिल्वर मेडल : संदीप (पुरुष भाला फेंक एफ44)
सिल्वर मेडल : योगेश कथुनिया (पुरुष चक्का फेंक एफ56)
सिल्वर मेडल : धरमबीर (पुरुष क्लब थ्रो एफ51)
सिल्वर मेडल : सिमरन शर्मा (महिलाओं की 200 मीटर टी12 दौड़)
सिल्वर मेडल : प्रीति पाल (महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़)
सिल्वर मेडल : नवदीप सिंह (पुरुषों की भाला फेंक एफ41 स्पर्धा)
ब्रॉन्ज मेडल : वरुण सिंह भाटी (पुरुष ऊंची कूद एफ63)
ब्रॉन्ज मेडल : अतुल कौशिक (पुरुष चक्का फेंक एफ57)
ब्रॉन्ज मेडल : सोमन राणा (पुरुष शॉट पुट एफ57)
ब्रॉन्ज मेडल : प्रीति पाल (महिला 200 मीटर टी35)
ब्रॉन्ज मेडल : प्रदीप कुमार (पुरुष डिस्कस थ्रो एफ64)
ब्रॉन्ज मेडल : प्रवीण कुमार (पुरुषों की ऊंची कूद टी64)
ब्रॉन्ज मेडल : संदीप (पुरुषों की 200 मीटर टी44 दौड़)
खेल
1 दिसंबर से लंका प्रीमियर लीग की शुरुआत, भारतीय खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर: लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) का छठा संस्करण 1 से 23 दिसंबर के बीच खेला जाएगा, जिसमें भारतीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेने जा रहे हैं। ऐसे में फैंस इस टी20 लीग से जबरदस्त रोमांच की उम्मीद कर रहे हैं।
पहली बार लंका प्रीमियर लीग में भारतीय क्रिकेटर हिस्सा लेंगे, जिनके नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे। माना जा रहा है कि भारतीय खिलाड़ियों के जुड़ने से इस लीग की लोकप्रियता में इजाफा होगा।
लंका प्रीमियर लीग के इस संस्करण में कुल 24 मैच खेले जाएंगे। इस दौरान 20 लीग मैच और 4 नॉकआउट मुकाबले होंगे।
यह सभी मुकाबले कोलंबो के आर प्रेमदासा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, कैंडी के पल्लेकेले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और दांबुला के रंगिरी दांबुला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने हैं।
इस टूर्नामेंट में पांच फ्रेंचाइजी हिस्सा लेने जा रही हैं। लीग चरण के दौरान सभी फ्रेंचाइजी दो बार आमने-सामने होंगी।
राउंड-रॉबिन चरण के बाद, शीर्ष चार टीमें प्लेऑफ में पहुंचेंगी। पहला प्लेऑफ मैच यानी क्वालीफायर 1 शीर्ष दो टीमों के बीच खेला जाएगा। इस मुकाबले को जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में प्रवेश करेगी।
तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें एलिमिनेटर मुकाबले में भिड़ेंगी। एलिमिनेटर मैच की विजेता टीम क्वालीफायर 1 में हारने वाली टीम से क्वालीफायर 2 में भिड़ेगी।
क्वालीफायर 2 जीतने वाली टीम फाइनल में अपना स्थान बनाएगी, जहां उसका सामना क्वालीफायर 1 की विजेता टीम से होगा।
लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) की टूर्नामेंट निदेशक सामंथा डोडनवेला ने कहा, “इस संस्करण का समय सावधानीपूर्वक चुना गया है, ताकि खिलाड़ियों को वैश्विक क्रिकेट वर्ष की शुरुआत में अधिकतम अनुभव और उच्च-गुणवत्ता वाला मैच अभ्यास मिल सके।”
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सीजन में, एलपीएल नई प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरणा स्थल के रूप में उभरा है, जहां कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय सितारों के साथ अपनी पहचान बना रहे हैं। हमारा मानना है कि इस वर्ष भी लीग में कई युवा खिलाड़ी उभरेंगे, जो वर्ल्ड कप से पहले विश्व मंच पर उम्दा प्रदर्शन कर सकते हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
7 अक्टूबर: हमास ने इजरायल के ऊपर दागे तीन हजार से ज्यादा रॉकेट, दो साल बाद भी ताजा हैं नरसंहार के जख्म

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : हमास और और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर चर्चा होनी है। बता दें, गाजा में इस संघर्ष के शुरू होने की वजह 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किया गया हमला है। इजरायल पर हमास के हमले को दो साल होने जा रहे हैं।
7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर हुए हमले में करीब 1200 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके अलावा 250 के करीब लोगों को हमास आतंकियों ने बंधक बना लिया। मरने वालों में महिला, बच्चे और बूढ़ों समेत कुछ विदेशी लोग भी शामिल थे। वहीं इसमें 300 से ज्यादा इजरायली सैनिक भी शामिल थे।
हमास के 7 अक्टूबर के हमले की भयावहता आज भी मन को झकझोर देती है। सामने आईं तस्वीरों और रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला अत्यंत क्रूर और अमानवीय था। आतंकियों ने आम नागरिकों को बर्बरता से मारा।
हमास ने इजरायल पर 4,300 से अधिक रॉकेट दागे। आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ कर भारी तबाही मचाई। माना जाता है कि महज छह घंटों के अंदर हमास ने इजरायल को ऐसा गहरा आघात पहुंचाया जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी। इस हमले की बर्बरता के कारण यह निश्चित तौर पर वैश्विक इतिहास में सबसे क्रूर आतंकी घटनाओं से एक के रूप में याद किया जाता है।
इस हिंसक घटना के बाद इजरायल ने गाजा में अपना ऑपरेशन शुरू किया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने की कसम खाई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमास के लड़ाके गाजा छोड़कर नहीं जाते हैं, तो वह इस शहर को नक्शे से मिटा देंगे।
7 अक्टूबर को हमास के हमले का जवाब इजरायल ने देना शुरू किया और गाजा में भारी तबाही मची। इजरायली डिफेंस फोर्स के सैनिकों ने ग्राउंड से लेकर हवाई ऑपरेशन चलाकर हमास के ठिकानों को एक-एक कर तबाह करना शुरू किया।
धीरे-धीरे इजरायल के सैनिक गाजा के अंदर घुस गए और हमास के कई शीर्ष नेतृत्व को मौत के घाट उतार दिया। इजरायल और हमास की लड़ाई में फिलिस्तीनी नागरिकों का भयंकर नुकसान हुआ।
इस हमले के दो साल पूरे होने पर इजरायल वॉर रूम की ओर से लिखा गया, “7 अक्टूबर, 2023 को, हमास और अन्य आतंकवादियों ने दक्षिणी और मध्य इजरायल में नागरिकों पर 3,000 से ज्यादा रॉकेट दागे। उसी समय, आतंकवादियों ने गाजा से दक्षिणी इजरायल पर हमला किया और 0-91 वर्ष की आयु के 40 से ज्यादा देशों के लगभग 1,200 लोगों का नरसंहार किया। 251 लोगों को बंधक बना लिया गया; उनमें से 47 अभी भी गाजा में बंदी हैं, साथ ही 2014 में मारे गए और अपहृत एक इजरायली का शव भी मौजूद है।”
इजरायली मीडिया ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि युद्ध शुरू होने से अब तक 1,152 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जिनमें आईडीएफ सैनिक, इजरायली पुलिस अधिकारी, शिन बेट और जेल सेवा कर्मी, और इजरायल, गाजा, लेबनान और पश्चिमी तट में तैनात स्थानीय सुरक्षा दस्तों के सदस्य शामिल हैं। लगभग 42 प्रतिशत शहीद 21 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें से अधिकांश अनिवार्य सैन्य सेवा में कार्यरत युवा थे, और 141 शहीद 40 वर्ष से अधिक आयु के थे, जो शहीदों की विस्तृत आयु सीमा को दर्शाता है।
भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मारे गए, बूढ़े हों या बच्चे, किसी को खाने के लिए रोटी तक नहीं मिल पा रही। हाल ही में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट साझा की, इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक 66,005 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 168,162 लोग घायल हुए।
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