अपराध
पूर्व आईएएफ सार्जेट अपनी पहली पत्नी और 2 बेटियों की हत्या करने के मामले में 11 साल बाद हुआ गिरफ्तार
दूसरी महिला से शादी करने के लिए अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या करने वाले भारतीय वायु सेना के सार्जेट को 11 साल बाद कर्नाटक पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हरियाणा के धरम सिंह यादव (54) को असम के एक शहर नेल्ली में गिरफ्तार किया गया, जहां वह अपनी दूसरी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। पुलिस को उसके बारे में तब पता चला जब उन्हें पता चला कि वह अभी भी भारतीय वायुसेना से पेंशन प्राप्त कर रहा है।
यादव 1987 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था और 1997 में सेवानिवृत हुआ था। उनकी शादी नई दिल्ली के अनु यादव से हुई थी। उनकी 14 साल और आठ साल की दो बेटियां थीं। सेवानिवृत्ति के बाद यादव ने बेंगलुरु के विद्यारण्यपुरम में एक घर खरीदा और अपने परिवार के साथ रहने लगे। वह एक निजी कंपनी के क्रय विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत था।
यादव ने अविवाहित होने का दावा करते हुए दुल्हन की तलाश में मैरिज पोर्टल्स पर अपनी जानकारी अपलोड की थी। असम की एक महिला ने उसके प्रस्ताव में दिलचस्पी दिखाई थी और उससे शादी करने के लिए तैयार हो गई थी।
दूसरी महिला से शादी करने की तैयारी करते हुए यादव ने अपनी पत्नी और दो बेटियों को छुड़ाने की योजना बनाई। 2008 में उसने अपनी पत्नी अनु यादव और बेटियों पर लकड़ी के लट्ठे से हमला किया और उन सभी को मार डाला।
पुलिस जांच से ध्यान भटकाने के लिए उसने पत्नी अनु यादव का गला काट दिया और सोने के जेवर भी छीन लिए। बाद में, उसने पुलिस के सामने एक नाटक किया कि लुटेरों ने उसकी पत्नी और बेटियों को सोने के गहनों के लिए मार डाला है।
पुलिस ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाकर यादव पर शक किया और उसे अपनी हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
यादव को जेल भेज दिया गया है। 14 महीने जेल में बिताने के बाद उसने वहां से भागने की साजिश रची।
पुलिस ने कहा कि यादव ने किडनी की समस्या होने का दावा किया और उसे अस्पताल ले जाया गया। वह किसी तरह मिर्च पाउडर अपने साथ ले गया। जेल अधिकारी उसे परामर्श के लिए यूरोलॉजी विभाग ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसके साथ आए पुलिसकर्मियों को उसे पानी पिलाने को कहा। अस्पताल के अंदर जाते समय यादव ने पुलिसकर्मियों पर मिर्च पाउडर फेंका और फरार हो गया।
यादव फरार होने के बाद वापस अपने गांव हरियाणा चला गया। चूंकि उसकी पहली पत्नी अनु यादव के परिवार और रिश्तेदारों ने उसका पीछा किया, इसलिए वह भागकर असम चला गया। उसने असमिया महिला से शादी कर ली, और अपना जीवन फिर से शुरू कर दिया।
पुलिस टीम हरियाणा गई और स्थानीय लोगों से जानकारी हासिल करने में कामयाब रही और पाया कि वह असम में रह रहा था। असम पुलिस के सहयोग से बेंगलुरु की टीम यादव को पकड़ने में कामयाब रही।
अपराध
दिल्ली के आउटर इलाकों से 9 जुआरी पकड़े गए, हजारों रुपए कैश बरामद

CRIME
नई दिल्ली, 30 दिसंबर: दिल्ली के आउटर जिला पुलिस ने संगठित अपराध और अवैध जुए के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग इलाकों से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद किया गया। पुलिस ने दिल्ली पब्लिक गैंबलिंग एक्ट के तहत कुल 5 मामले दर्ज किए हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आउटर जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के निर्देश पर सभी थाना क्षेत्रों में तैनात फील्ड स्टाफ को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए थे। खास तौर पर संगठित अपराध, अवैध सट्टा और जुआ गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया था। इसी सतर्कता का नतीजा यह कार्रवाई है।
इसी कड़ी में 28 दिसंबर को राज पार्क थाने के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम और हेड कॉन्स्टेबल योगेश रात में गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मंगोलपुरी के नवरिया पार्क में अवैध जुए की सूचना मिली। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन तत्परता दिखाते हुए दो लोगों को मौके पर ही दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद हुआ। इस मामले में एफआईआर संख्या 699/2025 के तहत केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसी दिन दूसरे ऑपरेशन में हेड कॉन्स्टेबल प्रमोद और कॉन्स्टेबल राजेंद्र गश्त के दौरान एफ-ब्लॉक पार्क, मस्जिद के पास पहुंचे, जहां कुछ लोग जुए में लिप्त थे। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान मिला। एफआईआर संख्या 911/2025 दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया।
28 दिसंबर को ही हेड कॉन्स्टेबल सुभाष और कॉन्स्टेबल मनजीत ने एक्स-ब्लॉक, मंगोलपुरी में एक मकान के पास जुए की गतिविधि देखी। पुलिस की कार्रवाई में दो आरोपी पकड़े गए। हजारों रुपये नकद और जुए से जुड़ी सामग्री जब्त की गई। इस मामले में एफआईआर संख्या 910/2025 दर्ज की गई।
इसी दिन, हेड कॉन्स्टेबल रवि राठी और हेड कॉन्स्टेबल दीपक चंदर विहार इलाके में गश्त कर रहे थे। वीर बाजार चौक के पास कुछ लोग जुआ खेलते मिले। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान बरामद हुआ। एफआईआर संख्या 975/2025 के तहत केस दर्ज किया गया।
25 अक्टूबर को हेड कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल रविंदर विकास नगर के बालाजी रोड पर गश्त कर रहे थे। वहां एक व्यक्ति जुए में शामिल पाया गया। पुलिस ने एक आरोपी को मौके पर गिरफ्तार किया। इस संबंध में एफआईआर संख्या 834/2025 दर्ज की गई।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चांद मोहम्मद, किशन, संजीत, पूरन, राकेश, अभिषेक, धर्मेंद्र, कमल किशोर और बॉबी सिंह शामिल हैं। सभी आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी, विकास नगर और निहाल विहार इलाके के निवासी हैं।
पुलिस ने जुए में लगाए गए हजारों रुपए नकद, सट्टा पर्चियां, बेटिंग टोकन और रिकॉर्ड बुक्स जब्त की हैं।
अपराध
उन्नाव रेप केस: सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच सोमवार को सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में भाजपा से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉजलिस्ट के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी।
इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।
पीड़िता के परिजनों ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सेंगर की सजा निलंबित किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश ने लोगों का भरोसा हिला दिया है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में गलत संदेश भेजा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और इसमें शामिल संभावित जोखिमों को बताते हुए सेंगर की याचिका का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उनकी अपील लंबित रहने तक उन्हें कड़ी शर्तों के साथ सशर्त जमानत दे दी थी।
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया था। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस घटना से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था और निर्देश दिया था कि ट्रायल रोजाना के आधार पर किया जाए।
अपराध
दिल्ली: ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी में दो आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन पुलिस ने ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से 10,000 रुपए और अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया गया है।
दोनों बदमाश महिलाओं को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों की पहचान हर्ष विहार दिल्ली निवासी विनोद प्रसाद साह और नंद नगरी निवासी मोहम्मद सत्तार के रूप में हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2025 को सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उसे गहने पॉलिश करने का ऑफर दिया। उन्होंने महिला से एक सोने का पेंडेंट और एक अंगूठी ली और फिर उसे गर्म पानी लाने के लिए कहा। जैसे ही महिला ने पानी लाने के लिए रसोई में कदम रखा, आरोपी गहने लेकर भाग गए।
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और एसीपी मेल्विन वर्गीस की देखरेख में मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और फोटोग्राफिक रेकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके लगातार जांच की। इसके बाद दोनों आरोपियों का पता लगाया गया और 21 दिसंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अच्छे और सभ्य कपड़े पहनकर रिहायशी इलाकों में महिलाओं को गहने पॉलिश करने का झांसा देते थे। गहने लेने के बाद वे महिला से गर्म पानी लाने को कहते थे और फिर गहने लेकर फरार हो जाते थे। उन्होंने यह भी कबूल किया कि गहनों को बेच दिया गया था और कुछ पैसे जुए में खो दिए थे।
विनोद प्रसाद साह और मोहम्मद सत्तार पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल थे और कहां-कहां इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने लोगों की सलाह दी है कि इस तरह लोगों के बहकावे में आकर अपने गहने न दें।
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