व्यापार
भारत में फूड कलेक्शन टेक-अवे सेगमेंट में 2023-28 के दौरान 7.7 प्रतिशत की वृद्धि होगी दर्ज
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में तेजी के बीच, भारत में फूड कलेक्शन टेक-अवे सेगमेंट में 2023-28 के दौरान 7.7 प्रतिशत से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज किए जाने का अनुमान है। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
प्रमुख डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबल डाटा के अनुसार, भारत में क्विक कॉमर्स तेजी से आगे बढ़ रहा है साथ ही शहरी आबादी दैनिक आवश्यकताओं के लिए तेजी से डिलीवरी सेवाओं की मांग कर रही है।
जैसे-जैसे उपभोक्ता इंस्टेंट एक्सेस और समय बचाने वाली सेवाओं पर भरोसा कर रहे हैं, क्विक कॉमर्स विकल्पों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे देश में उनका तेजी से विस्तार हो रहा है।
ग्लोबल डाटा की उपभोक्ता विश्लेषक श्रावणी माली ने कहा, “कोविड-19 महामारी ने क्विक कॉमर्स में बदलाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, क्योंकि उपभोक्ताओं ने सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक खरीदारी के तरीकों को प्राथमिकता दी है।
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म तेजी से डिलीवरी सेवाएं प्रदान कर इस जरूरत को पूरा कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ता किराने का सामान, घरेलू सामान और खाने के लिए तैयार भोजन आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं।”
उदाहरण के लिए, जोमैटो के स्वामित्व वाले क्विक-कॉमर्स सर्विस प्रोवाइडर ब्लिंकिट ने 10 मिनट में फूड डिलीवर करने के लिए बिस्ट्रो ऐप लॉन्च किया, ताकि पहले से मौजूद क्विक फूड डिलीवरी ऐप जैसे कि स्विगी के बोल्ट और जेप्टो कैफे के साथ प्रतिस्पर्धा की जा सके और क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में अवसर हासिल किया जा सके।
माली ने कहा, “हाल के वर्षों में क्विक कॉमर्स की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि ने बाजार में मेजर प्लेयर्स के लिए आकर्षक अवसर पैदा किए हैं। 2024 की तीसरी तिमाही में, भारतीय फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने सकल ऑर्डर मूल्य में 55 प्रतिशत सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की।”
ग्लोबलडाटा में भारत के व्यवसाय विकास प्रबंधक फ्रांसिस गेब्रियल गोडैड के अनुसार, मांग को बढ़ाने वाले जनरेशन ग्रुप संदर्भ में, युवा पीढ़ी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ओर आकर्षित होने की संभावना है। उपभोक्ता, विशेष रूप से कामकाजी जोड़े और माताएं, अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण क्विक कॉमर्स सॉल्यूशन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, शहरी भारत में, श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 47.6 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 52.0 प्रतिशत हो गई है। माली ने कहा, “इसलिए, समय बचाने वाली सेवाओं को अपनाना एक प्रमुख कारक है जो क्विक कॉमर्स सर्विस की मांग को प्रोत्साहित कर रहा है।”
राष्ट्रीय
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बरकरार, एक्यूआई पहुंचा 400 पार
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आम लोगों का सांस लेना तक दूभर हो चुका है। लोग अपने घरों से मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 अंक बना हुआ है, जबकि दिल्ली-एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक लेवल 255 गुरुग्राम में 348 गाजियाबाद में 336 ग्रेटर नोएडा में 276 और नोएडा में 342 अंक बना हुआ है।
दिल्ली के अधिकतर इलाकों में एएक्यूआई लेवल 400 से ऊपर और 500 के बीच में बना हुआ है। अलीपुर में 423, आनंद विहार में 456, अशोक विहार में 455, आया नगर में 425, बवाना में 465, बुराड़ी क्रॉसिंग में 439, मथुरा रोड में 450, डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेंज में 445, डीटीयू में 412, द्वारका सेक्टर 8 में 457, आईटीओ में 456, जहांगीरपुरी में 440, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 422, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 435, मुंडका में 466, नजफगढ़ में 439, नरेला में 429, नेहरू नगर में 456, नॉर्थ कैंपस डीयू में 470, ओखला फेस टू में 458, पटपड़गंज में 440, पंजाबी बाग में 435, आर के पूरा में 453, रोहिणी में 452, शादीपुर में 436, सोनिया विहार में 431, श्री अरविंदो मार्ग में 438, बिहार में 451, वजीरपुर में 461, का बना हुआ है।
बता दें, अगर किसी क्षेत्र के एक्यूआई 0 से 50 के बीच रहता है, तो उसे अच्छी श्रेणी की हवा गुणवत्ता कहा जाता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक वायु गुणवत्ता माना जाता है। 101 और 200 की एक्यूआई श्रेणी को मध्यम श्रेणी का माना जाता है। अगर किसी जगह का एक्यूआई 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का एक्यूआई ‘खराब’ माना जाता है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में बढ़ा निवेश, 63 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट फाइनेंस फ्लो को लेकर 2022 की तुलना में 2023 में 63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 30,255 करोड़ रुपये (3.66 बिलियन डॉलर) के स्तर को छू गई है।
‘2024 में कोयला बनाम नवीकरणीय ऊर्जा निवेश’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट फाइनेंस लेंडिंग में वृद्धि हुई है, लेकिन लगातार तीसरे वर्ष नए कोयला बिजली प्रोजेक्ट को कोई फाइनेंस लेंडिंग नहीं दी गई।हालांकि, कोयला बिजली और खनन कंपनियों की कॉर्पोरेट फाइनेंस लेंडिंग कुल 3 बिलियन डॉलर थी।
2023 में रिन्यूएबल एनर्जी सौदों में सोलर पावर प्रोजेक्ट का दबदबा रहा, जो कुल सौदों का 49 प्रतिशत था, इसके बाद हाइब्रिड प्रोजेक्ट का 46 प्रतिशत और विंड एनर्जी का हिस्सा 6 प्रतिशत था।
सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी के कार्यकारी निदेशक जो अथियाली ने कहा, “हमने सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट के लिए प्रोजेक्ट फाइनेंस में लगातार वृद्धि देखी है। यह दर्शाता है कि रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट में निवेशकों का विश्वास है।”
2023 में भारत में कोयला-लिंक्ड कंपनी के फाइनेंस का 96 प्रतिशत से अधिक अंडरराइटिंग के जरिए कमर्शियल बैंक से था, जबकि बचे 4 प्रतिशत का योगदान लोन से था।
अमेरिका स्थित बैंकों ने कोयला-लिंक्ड कंपनियों को कॉर्पोरेट फाइनेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई, जो कुल का 65 प्रतिशत योगदान देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2023 में 188 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन कैपेसिटी हासिल कर ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइमरी फाइनेंसिंग ने प्रोजेक्ट सौदों का 77 प्रतिशत हिस्सा लिया जबकि रिफाइनेंसिंग ने बचे 23 प्रतिशत का योगदान दिया।
कमर्शियल बैंकों ने रिन्यूएबल एनर्जी लोन का 68 प्रतिशत प्रदान किया, जो कुल 20,625 करोड़ रुपये (2,497 मिलियन डॉलर) था।
राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि गुजरात को फाइनेंस कैपेसिटी का 25 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जो 9,857 करोड़ रुपये (1,193 मिलियन डॉलर) है, उसके बाद कर्नाटक को 4,593 करोड़ रुपये (556 मिलियन डॉलर) मिले।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान लगभग 15 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ी है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान जोड़े गए 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुना है।
यहां सीआईआई अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन और प्रदर्शनी (आईईसीई) को संबोधित करते हुए, अक्षय ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षेत्र में भारत की कुल स्थापित क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अकेले नवंबर 2024 में 2.3 गीगावाट की नई कैपेसिटी जोड़ी गई, जो नवंबर 2023 में जोड़ी गई 566 मेगावाट की तुलना में चार गुना वृद्धि को दर्शाती है।
केंद्रीय मंत्री जोशी ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रीय समाचार
भारत में बढ़ा कोयला उत्पादन, निर्यात में आई कमी
नई दिल्ली, 19 दिसंबर। भारत में कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 3.1 प्रतिशत कम होकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 154.17 एमटी हो गया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार द्वारा दी गई।
इसके अलावा नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (पावर के अलावा अन्य) के कोयला आयात में इस साल अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
विश्व स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार होने के बावजूद, भारत को कुछ प्रकार के कोयले, विशेष रूप से कोकिंग कोयले और उच्च श्रेणी के तापीय कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ता है, जो घरेलू स्रोतों से पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं।
आपूर्ति में यह अंतर इस्पात उत्पादन सहित प्रमुख उद्योगों को बनाए रखने और बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कोयले के आयात को अनिवार्य बनाता है।
कोयला मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण उद्देश्यों के लिए आयात किए गए कोयले में 19.5 प्रतिशत की कमी आई है।
बयान में बताया गया है कि यह गिरावट कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में वृद्धि की वजह आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले की मांग है। इन संयंत्रों को केवल उच्च श्रेणी के आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है और इस अवधि के दौरान उनका आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 21.71 एमटी से बढ़कर 30.04 एमटी हो गया, जो 38.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान घरेलू कोयला उत्पादन 6.04 प्रतिशत बढ़कर 537.57 एमटी हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में यह 506.93 एमटी था।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध2 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय4 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
महाराष्ट्र4 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
राजनीति2 months ago
आज रात से मुंबई टोल-फ्री हो जाएगी! महाराष्ट्र सरकार ने शहर के सभी 5 प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह से टोल माफ़ करने की घोषणा की