महाराष्ट्र
बीजेपी नेताओं की देवघर एयरपोर्ट पर गुंडागर्दी, जबरन क्लीयरेंस लेने को लेकर मनोज तिवारी सहित 9 पर FIR

झारखंड के देवघर एयरपोर्ट से चार्टर्ड प्लेन की उड़ान के लिए एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) में घुसकर जबरन क्लीयरेंस लेने पर भाजपा के दो सांसदों निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी, दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा, सांसद दुबे के दो बेटों सहित नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। दूसरी तरफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि वे लोग दुमका में जलाकर मारी गई पीड़िता से मिलने गए थे तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बौखला गए। इसके साथ ही उन्होंने देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर एयरपोर्ट के कार्य में बाधा पहुंचाने, बिना इजाजत डीआरडीओ क्षेत्र में जाने और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर के लिए देवघर एसपी को मेल भेजा है। सांसद ने ट्विट कर कहा है कि उन्होंने दिल्ली में देवघर डीसी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है।
देवघर एयरपोर्ट की सिक्योरिटी में तैनात डीएसपी सुमन अमन की शिकायत पर कुंडा थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 31 अगस्त की शाम भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी सहित कई लोग बिना इजाजत एटीसी में अंदर घुस गए और अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कर्मचारियों पर दबाव डालकर चार्टर्ड प्लेन के टेक ऑफ के लिए क्लीयरेंस हासिल कर लिया। देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ और लैंडिंग की सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है।
एफआईआर में बताया गया है कि लो विजिबिलिटी और खराब मौसम की वजह से सूर्यास्त के बाद एयरक्राफ्ट को एटीसी क्लीयरेंस सामान्य तौर पर देना मुमकिन नहीं था। डीएसपी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि जब वह एटीसी कंट्रोल रूम पहुंचे तो वहां एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा और चार्टर्ड प्लेन के पायलट पहले से उपस्थित थे। उस समय चार्टर्ड प्लेन के पायलट उपस्थित कर्मियों पर दबाव डाल रहे थे कि चार्टर्ड प्लेन के यात्रियों को आज ही वापस जाना अति आवश्यक है, इसलिए क्लीयरेंस दिया जाए। कुछ ही देर बाद सांसद और उनके दोनों पुत्र भी वहां पहुंच गए। उन्हें रूम में देखकर आश्चर्य हुआ और असहज महसूस किया।
डीएसपी अमन ने लिखा है कि एयरपोर्ट संचालन के सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हुए इन लोगों ने एटीसी में एंट्री की। डीएसपी ने सीसीटीवी फुटेज का भी हवाला दिया है। एफआईआर में मुकेश पाठक, देवता पांडे और पिंटू तिवारी पर भी एटीसी बिल्डिंग में सुरक्षा का मानदंडों का उल्लंघन कर घुसने का आरोप है।
इधर गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को लेकर कई ट्वीट किए हैं और राज्य सरकार एवं देवघर के डीसी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि निशिकांत ने कहा है कि सुरक्षा जांच और जरूरी अनुमति लेने के बाद एटीसी गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि एयरपोर्ट एडवाइजरी कमिटी का चेयरमैन होने के नाते मैं निरीक्षण कर सकता हूं।
गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, भाजपा नेता कपिल मिश्रा सहित पार्टी के कई लोग दुमका में पेट्रोल अटैक में मारी गई लड़की के परिवार से मिलने 31 अगस्त को उसके घर पहुंचे थे। दुमका से सभी शाम साढ़े 5 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे और उसके बाद चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।
महाराष्ट्र
दिशा सालियान मामला: आदित्य ठाकरे ने टिप्पणी करने से किया इनकार, तथ्य अभी लंबित: भाजपा नेता नितेश राणे

मुंबई: मॉडल दिशा सालियान मामले में मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को राहत मिली है। इस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि दिशा सालियान की मौत आत्महत्या है, यानी आकस्मिक है। इस मामले में पुलिस ने पहले एडीआर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। दिशा सालियान के पिता और उनके वकील ने आदित्य ठाकरे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और इसे हत्या करार दिया था। पुलिस रिपोर्ट पेश होने के बाद आदित्य ठाकरे ने विधान भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिशा सालियान मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी, जो विफल हो गई है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। दूसरी ओर, मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तथ्य अभी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि दिशा सालियान मामले में दायर रिपोर्ट अंतिम नहीं है। इस मामले में सरकार ने समय मांगा है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाएगी। पिता और वकील ने चुनौती दी है कि मैंने आदित्य ठाकरे पर आरोप नहीं लगाया है, उनके पिता ने कहा है। उन्होंने कहा कि यह दिशा सालियान की गरिमा का मामला है, इसलिए इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी वकील और सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तथ्य सामने आना बाकी है, इसलिए उन्होंने पत्रकारों से तथ्यपरक पत्रकारिता करने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र
ऐरोली में आवासीय इमारत की दीवार गिरी; कोई हताहत नहीं

नवी मुंबई: ऐरोली सेक्टर-20 में एक चौंकाने वाली घटना घटी है, जहां एक रिहायशी इमारत की सुरक्षा दीवार अचानक गिर गई, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। दीवार गिरने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, और फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो से पता चलता है कि कुछ देर पहले तक सब कुछ ठीक था। अचानक दीवार हिलती है और पूरी तरह से गिर जाती है। कुछ ही पलों में मोटरसाइकिलें कंक्रीट के मलबे में गायब हो जाती हैं। एक ऐसा पल आता है जब अगर कोई वहां होता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
यह घटना सुबह हुई। आवासीय परिसर की दीवार कुछ ही पलों में गिर गई। हैरानी की बात यह है कि इस दीवार के पास कुछ मोटरसाइकिलें खड़ी थीं। दीवार के ढहने के बाद, वे सभी गाड़ियाँ सीधे उसके बगल में बने गड्ढे में गिर गईं। सौभाग्य से, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान के बारे में चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं।
घटनास्थल के नज़दीक एक नया ढांचा बनाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस निर्माण कार्य के कारण दीवार के पास की मिट्टी अस्थिर हो गई थी। लगातार खुदाई के कारण दीवार की नींव अस्थिर हो गई और अंततः दीवार गिर गई। कई स्थानीय निवासियों ने पहले भी इस निर्माण के बारे में चिंता जताई थी, फिर भी समुदाय ने दावा किया है कि इसे अनदेखा किया गया था।
यह क्लिप सोशल प्लेटफॉर्म पर खूब ट्रेंड कर रही है। इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। हम इस मुद्दे को केवल सूचना के तौर पर दर्शकों के साथ साझा कर रहे हैं। हम किसी भी तरह से इसका समर्थन नहीं करते हैं।
27 जून को भारी बारिश के कारण बेलापुर के पारसिक हिल पर एक जर्जर इमारत ढह गई, जिससे दो पार्क की गई कारों को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि यह खाली थी। बेलापुर फायर ब्रिगेड ने मलबा हटाने के लिए कार्रवाई की। नवी मुंबई नगर निगम ने 501 इमारतों को खतरनाक घोषित किया, जिनमें से 51 को बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा गया। नुकसान की जिम्मेदारी मालिकों की है, नगर निगम की नहीं।
महाराष्ट्र
वारी को शहरी नक्सल घोषित करने पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में चौथे दिन विपक्ष ने वारी को शहरी नक्सल घोषित करने पर हंगामा किया और सरकार पर वारी का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। महाराष्ट्र विधानसभा के चौथे दिन विपक्ष ने विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर राज्य में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
जिस तरह सत्ताधारी मोर्चा विठ्ठुरई और वारकरों को शहरी नक्सली और शहरी माओवादी कहकर हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थ वारी को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, उसी तरह वह वारी पालकी का अपमान कर रहा है। यह निंदनीय है। महा विकास अघाड़ी के सदस्यों ने सत्ताधारी मोर्चे के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर वारी का अपमान करने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में सदस्यों ने सरकार को कोसते हुए नारे भी लगाए और कहा कि घोटालेबाज सरकार के कारण किसान भूख से मर रहे हैं और मंत्री मजदूरों को शहरी नक्सली कह रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में शिवसेना के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विजय वरदितवार, सचिन अहीर, जितेंद्र आहवत आदि शामिल हुए।
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