राजनीति
वित्तमंत्री सीतारमण ने आईआईएम-अहमदाबाद के छात्रों को संबोधित किया

भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएमए) ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का शानदार स्वागत किया। सीतारमण ‘द इकोनॉमिक रिबाउंड एंड द इंडियन इकोनॉमी इन 2021’ विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र में हिस्सा लेने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन के क्षेत्र में विख्यात संस्थान के छात्रों को संबोधित किया। कोरोनावायरस महामारी फैलने के बाद से आईआईएमए की जेएसडब्ल्यू-स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी द्वारा संस्थान में आयोजित यह पहला ग्राउंड इवेंट रहा।
इस सत्र के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया, जिसमें उपभोक्ता विश्वास को वापस लाना, मजबूत वित्तीय बाजार, विनिर्माण क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र में वृद्धि और इस वर्ष बजट आवंटन में कमी जैसे कई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सत्र में पीएसयू विनिवेश लक्ष्य, स्वास्थ्य व्यय, स्किल इंडिया, ईंधन की कीमत से लेकर बचत एवं उधार योजना जैसे प्रमुख पहलुओं को रखा गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, आईआईएमए प्रोग्राम्स के निदेशक प्रो. एरोल डिसूजा ने कहा, “इस संस्थान में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति हमारे लिए एक सम्मान एवं प्रोत्साहन की बात है। हम उनकी उपस्थिति के लिए आभारी हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आईआईएमए और इसकी फैकल्टी सरकार के नीति निर्धारण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता के साथ सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जो कि देश के विकास में योगदान देने का हमारा तरीका है। माननीय मंत्री जी के साथ आज की बातचीत हमारे छात्रों के लिए एक यादगार और प्रेरक क्षण बनने जा रही है, जो वास्तविक दुनिया में अपना सफर शुरू करने की दहलीज पर हैं।”
उन्होंने कहा कि सीतारमण सभी के लिए प्रेरणा हैं, विशेष रूप से देश के युवाओं के लिए। केंद्र में रक्षा और वित्त मंत्रालयों का प्रभार रखने वाली पहली महिला नेता के तौर पर वह देश की युवा महिलाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी मॉडल बन गई हैं।
सत्र के दौरान, वित्तमंत्री ने छात्रों को अपनी सीमाओं का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया। सीतारमण ने कहा, “आप सभी इस तरह के संस्थान (आईआईएमए) में पहुंचे हैं और यह बात आपको भाग्यशाली बनाती है। मेरा आपसे केवल एक ही अनुरोध है कि आप देश के लिए अपना कुछ समय जरूर दें, ताकि यह राष्ट्र मजबूत हो। भारत को आपके समर्थन की जरूरत है। खुद पर ध्यान केंद्रित करें, लेकिन साथ ही भारत को उज्जवल और स्मार्ट बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करें।”
आईआईएमए के छात्र अरुणाभ सक्सेना और सोनाक्षी अग्रवाल के साथ प्रो. एरोल डिसूजा ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश लक्ष्य और इसके प्रति सरकार के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की। उन्होंने वर्तमान समय में ईंधन की उच्च लागत झेल रहे उपभोक्ताओं की चिंताओं पर विस्तृत वार्ता की और इस बार में भी विचार-विमर्श हुआ कि सरकार इन चुनौतियों का समाधान कैसे कर रही है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा, “विश्व स्तर के विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्र और पंचायत स्तर पर ऑप्टिकल फाइबर जैसे तकनीकी रूप से संचालित उपकरण प्राप्त करने की उम्मीद में ट्विनिंग कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने की इच्छा देश में शिक्षा की बेहतरी में इजाफा करेगी। इसलिए शिक्षा के वित्त पोषण (एजुकेशन फंडिंग) में सुधार के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है। मैं इस तथ्य को रेखांकित करना चाहती हूं कि नई शिक्षा नीति एवं इसके तहत योजनाएं और दीर्घकालिक दृष्टि, जिसके तहत एनईपी भारतीय शिक्षा को और अधिक जीवंत बनाती है, बजट बनाने की प्रक्रिया में उचित विचार प्रदान करती है।”
सीतारमण ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रतिक्षेप (रिबाउंड) पर है और वह आने वाले वर्ष में आर्थिक सुधार देखने की उम्मीद कर रहीं हैं। बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना करने के अलावा सीतारमण ने यह भी माना कि देश भर में डिजिटल लर्निग की एक बड़ी क्षमता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए, जो इसके लिए कम पहुंच रखते हैं। उन्होंने उद्योगों के लिए स्किलिंग और अप स्किलिंग की जरूरत पर भी प्रकाश डाला।
संस्थान में केंद्र, राज्य और व्यापारिक समुदाय के संयोजन का एक अनूठा मॉडल है। आईआईएमए अनुसंधान कार्यक्रम रणनीति, अर्थशास्त्र, वित्त, संचालन और विपणन जैसे क्षेत्रों में सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के श्रेणी में गिना जाता है।
महाराष्ट्र
मुंबई: शिवाजी पार्क में मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर लाल रंग फेंका गया; राज ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया, उद्धव के जल्द आने की उम्मीद

मुंबई: दादर के शिवाजी पार्क में बुधवार को उस समय राजनीतिक तनाव पैदा हो गया जब कुछ शरारती तत्वों ने शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की पत्नी मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर लाल रंग फेंक दिया। यह प्रतिमा पार्क के प्रवेश द्वार पर स्थित है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे और रंग हटाया। यह घटना सुबह-सुबह हुई। दोपहर तक, शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं ने मीनाताई की प्रतिमा की सफाई करने के बाद उस पर मालाएँ चढ़ा दीं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पार्क में चौबीसों घंटे एक सुरक्षा गार्ड तैनात रहता है और उन्होंने इस घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया। दादर के शिवाजी पार्क में रहने वाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी दोपहर बाद शिवाजी पार्क जाएँगे।
रिपोर्टों के अनुसार, इलाके के सीसीटीवी फुटेज में घटना के समय मूर्ति के पास एक व्यक्ति दिखाई दे रहा है। व्यक्ति की पहचान के लिए जाँच जारी है। अभी तक पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क मैदान का ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टि से महत्व है। इस पार्क में मैदान के अंदर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के बगल में स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का स्मारक भी है।
परंपरा के अनुसार, अगले महीने इस मैदान पर शिवसेना यूबीटी का दशहरा मेला आयोजित होगा।
राजनीति
‘मोदी जी में दिखता था भविष्य का नेता, पहले ही समझ गए थे राजनाथ सिंह’, रक्षा मंत्री ने बताया पुराना किस्सा

नई दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मोदी स्टोरी’ के तहत उनके साथ अपनी राजनीतिक यात्रा, उनके विचारों, अनुशासन, गहन ज्ञान और चुनौतियों को स्वीकार करने के साहस पर विस्तार से बात की। राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के नेतृत्व, संगठनात्मक कौशल और उनकी संवेदनशीलता की जमकर सराहना की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि जब मुरली मनोहर जोशी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब नरेंद्र मोदी ने भारत यात्रा के दौरान कन्वीनर की जिम्मेदारी निभाई थी। झांसी में उनकी मुलाकात मोदीज जी से हुई। मोदी जी की भाषण शैली और विषय प्रस्तुति ने उन्हें प्रभावित किया। राजनाथ सिंह ने कहा, “उस समय मेरे मन में यह भाव आया कि अगर भाजपा की लीडरशिप में कोई एक फ्यूचर है तो मोदी जी हैं।”
2006 में जब राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब भी उनकी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कई मुलाकातें हुईं। ‘मोदी स्टोरी’ में रक्षा मंत्री ने बताया, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनके सुझाव बहुत उपयोगी और सटीक होते थे। संगठन के दृष्टिकोण से उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहे।”
उन्होंने पीएम मोदी के अनुशासन की सराहना करते हुए एक घटना का जिक्र किया, जब चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद मोदी जी अशोका रोड स्थित उनके आवास पर आए और कहा, “अध्यक्ष जी, मैं अपना रिपोर्ट कार्ड देने आया हूं। मैंने आपके दिए कैंपेन का काम पूरा कर लिया है।”
राजनाथ सिंह ने बताया कि मोदी जी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले ही एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कई विदेशी यात्राएं कीं और विश्व को समझने की उनकी ललक बचपन से थी।
उन्होंने कहा, “मुझे यह बाद में पता चला था कि उन्होंने कई विदेशी यात्राएं मुख्यमंत्री बनने से पहले ही कर ली थीं। तब वे संगठन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एक सामान्य व्यक्ति के रूप में उन्होंने दुनिया के कई देशों का दौरा किया। समाज और दुनिया को समझने की उनकी ललक, मुझे लगता है कि ये बचपन से रही है।”
रक्षा मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के साहस और संवेदनशीलता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें कभी किसी चुनौती से घबराते या डरते नहीं देखा। उनकी काल्पनिक क्षमता और संवेदनशीलता अद्भुत है। किसी दर्दनाक घटना पर उनकी आंखों में आज भी आंसू आ जाते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोदी जी की अथक परिश्रम की क्षमता और नेतृत्व ‘दैवीय कृपा’ का परिणाम है।
राजनाथ ने कहा, “उन्हें किसी चुनौती से घबराते हुए मैंने कभी नहीं देखा है। मुझे लगता है कि उनके ऊपर ‘दैवीय कृपा’ है। बिना ईश्वर की कृपा से यह क्षमता ऐसे ही नहीं आती है। घबराते हुए और डरते हुए मैंने कभी मोदी जी को नहीं देखा है। वे काल्पनिक क्षमता के भी अद्भुत धनी हैं। उतने ही संवेदनशील हैं।”
रक्षा मंत्री ने ‘मोदी स्टोरी’ में बताया कि 2013 में जब नरेंद्र मोदी जी को चुनाव समिति का अध्यक्ष और बाद में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब 17-18 राज्यों में उनके साथ मेरे दौरे हुए। उनके सुझावों ने चुनाव प्रचार को प्रभावी और सफल बनाया। राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि मोदी की कहानियां और किस्से सुनकर आज भी आनंद की अनुभूति होती है।
आखिर में राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि भगवान ने सोच-समझकर उन्हें इस धरती पर भेजा है। उनकी अथक परिश्रम की क्षमता, संवेदनशीलता और नेतृत्व बिना ईश्वरीय कृपा के संभव नहीं है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
पीएम मोदी को वैश्विक नेताओं और राजदूतों ने दी बधाई, भारत के साथ साझेदारी को सराहा

PM MODI
नई दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर विश्व के विभिन्न देशों के नेताओं और राजदूतों ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इन संदेशों में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की इच्छा व्यक्त की गई।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और रूस के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया और आधिकारिक बयानों के माध्यम से पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश साझा कर पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मेरे मित्र पीएम मोदी को नमस्कार। न्यूजीलैंड के सभी मित्रों की ओर से आपको 75वें जन्मदिन की बधाई। इस तरह की उपलब्धि आपके नेतृत्व की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है, क्योंकि आप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मार्गदर्शन करना चाहते हैं। मैं न्यूजीलैंड के भारत के साथ और अधिक साझेदारी करने के लिए उत्साहित हूं।”
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ऑस्ट्रेलिया को भारत के साथ इतनी गहरी दोस्ती पर गर्व है। हम ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के अविश्वसनीय योगदान के लिए हर दिन आभारी हैं। मैं जल्द ही आपसे मिलने की आशा करता हूं।”
इजरायल के भारत राजदूत रूवेन आजार ने हिंदी और अंग्रेजी में संदेश देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इजरायल और हमारे नई दिल्ली स्थित दूतावास की ओर से जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। भारत-इजरायल मित्रता और मजबूत हो।”
इजरायल के पूर्व मिडवेस्ट इंडिया कौंसल जनरल कोबी शोशानी ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन की बधाई, जो 17 सितंबर 1950 को पैदा हुए, उसी दिन जब भारत ने इजरायल को मान्यता दी।”
यूएई के भारत राजदूत अब्दुल नासिर अलशाली ने अपने संदेश में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके उत्तम स्वास्थ्य और निरंतर सफलता की कामना करता हूं। विश्वास है कि यूएई-भारत की साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी।”
रूस के भारत राजदूत डेनिस अलीपोव ने ‘एक्स’ पर हिंदी में पोस्ट कर कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। रूस-भारत की दशकों पुरानी मैत्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए हम आभारी हैं। कामना है कि देश और दुनिया की भलाई करने वाले हर काम में उनको सफलता मिलती रहे।”
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