राष्ट्रीय
भारतीय बाजार से उठता FII का भरोसा
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण पहले से निवेश धारणा प्रतिकूल बनी थी। ऐसे में बढ़ती मुद्रस्फीति पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर में की गई बढ़ोतरी ने रही सही कसर भी पूरी कर दी और विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूरी तरह बिकवाली में जुट गए।
अमेरिकी फेड रिजर्व ने कुछ दिनों पहले ही ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। साल 1994 के बाद पहली बार फेड रिजर्व ने ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है। फेड रिजर्व की इस घोषणा के बाद प्रमुख वैश्विक बाजारों में खलबली मच गई और सब एक-एक करके धराशाई होने लगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि इतना ही नहीं फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने यह संकेत दिये कि अगले माह की बैठक में भी ब्याज दर में इतनी बढ़ोतरी की जा सकती है। इससे साल 2022 के ब्याज दर का लक्ष्य अब बढ़कर 3.4 प्रतिशत और अगले साल के लिए 3.8 प्रतिशत हो गया है।
क्वोंटम एएमसी के इक्वि टी फंड मैनेजर सौरभ गुप्ता ने कहा कि मई में विदेशी पोर्टफोलियो ने भारतीय बाजार से 5.17 अरब डॉलर निकाले। साल 1991 में एफपीआई के निवेश के हरी झंडी दिये जाने के बाद से यह एफपीआई की बिकवाली का तीसरा सबसे बुरा महीना रहा।
उन्होंने कहा कि रोचक बात सह है कि एफपीआई निवेश के लिहाज से अब तक सबसे खराब पांच महीनों में से चार महीने इसी साल के हैं। म्युचुअल फंड और बीमा सहित घरेलू संथागत निवेशकों ने मई में 6.57 अरब डॉलर की लिवाली की।
बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते माह 2.16 प्रतिशत लुढ़का है। दिग्गज कंपनियों की तर्ज पर मंझोली कंपनियों और छोटी कंपनियों को भी बिकवाली का भारी दबाव झेलना पड़ा।
बीएसई का मिडकैप मई में 5.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप 7.8 प्रतिशत लुढ़क गया। पिछले कुछ माह से अच्छा रिटर्न देने वाले बिजली और धातु समूह ने निवेशकों को अधिक घाटा दिया। बिजली समूह के सूचकांक में 11.3 प्रतिशत और धातु समूह के सूचकांक में 15.5 प्रतिशत की गिरावट रही।
बीएसई में मात्र वाहन क्षेत्र के सूचकांक में तेजी दर्ज की गई। गत माह निवेशकों की लिवाली के दम पर वाहन क्षेत्र के सूचकांक में 4.9 प्रतिशत का उछाल देखा गया।
यस बैंक का कहना है कि बढ़ते चालू खाता घाटा को चालू वित्त वर्ष में देश में आने वाले पूंजी प्रवाह से पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। गत साल अक्टबूर से अब तक एफआईआई ने 30.5 अरब डॉलर की निकासी की है और इस साल अप्रैल से डेट और इक्वि टी बाजार से अब तक 9.4 अरब डॉलर निकाले हैं।
आईआईएफ के अनुसार, गत साल इक्वि टी बाजार में 1.68 ट्रिलियन डॉलर का पूंजी प्रवाह हुआ था लेकिन साल दर साल आधार पर इस साल इसमें 42 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
एंजल वन के अनुसार, गत वित्त वर्ष एफआईआई ने 1.22 लाख करोड़ रुपये की निकासी की जबकि वित्त वर्ष 21 में 2.67 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
एंजल वन का कहना है कि कई कारणों से एफआईअई भारत बजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह से बाजार पर रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव हावी हो गया।
युद्ध की वजह से बढ़ी अनिश्चितता और भू राजनीतिक अस्थिरता से विदेशी निवेशकों का भरोसा जोखिम भरे निवेश से उठने लगा।
एंजल वन का कहना है कि भारत कच्चे तेल का बहुत बड़ा उपभोक्ता और आयातक है। युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें उछल गईं। इससे भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया। कच्चे तेल की कीमतों की तेजी से परिवहन मंहगा हो गया, जिससे वस्तुओं के दाम बढ़ गये और साथ ही मुद्रास्फीति भी बढ़ गई।
मुद्रास्फीति का सीधा असर अर्थव्यवस्थर पर होता है और मौजूदा हालात निवेशकों को अनुकूल नहंी लगे, जिससे एफआईआई की बिकवाली का दौर शुरू हो गया।
भारतीय बाजार पर अमेरिकी बाजार और अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों का अच्छा खासा प्रभाव रहता है। इसकी वजह से विदेशी बाजारों के कमजोर संकेत भारतीय बाजार को भी ले डूबते हैं। अमेरिकी बजार पर इन दिनों बढ़ती महंगाई और ब्याज दर में बढो़तरी का दबाव है।
राष्ट्रीय
भारत और अमेरिका के बीच इस साल के अंत तक हो सकती है ट्रेड डील : वाणिज्य सचिव

नई दिल्ली, 28 नवंबर : वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का पहला चरण इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों आपस के ज्यादातर मुद्दों को सुलझा लिया है।
अग्रवाल के मुताबिक, भारत इस कैलेंडर ईयर में अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर देश आशावादी है। हालांकि, अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में वाणिज्य सचिव ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि उनकी प्रतिबद्धता है कि 2025 तक भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते का पहला चरण पूरा हो जाए और अब चीजें काफी आगे बढ़ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय बीटीए के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है और रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भी लंबी बातचीत हुई है।
भारत अमेरिका के साथ दो फ्रंट पर बातचीत कर रहा है। पहला -द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए और दूसरा- रेसिप्रोकल टैरिफ हटाने को लेकर।
अग्रवाल ने कहा कि जब अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ हटा दिए जाएंगे, तो यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यात के लिए लाभदायक होगा।
अग्रवाल ने गुरुवार को संसदीय स्थायी समिति को बताया कि अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बीटीए पर नियमित रूप से वर्चुअल वार्ता कर रहे हैं और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का पहला चरण तेजी से आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने के सकारात्मक संकेत दे चुके हैं, जिससे यह उम्मीद जगी है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच जल्द ही एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
ट्रंप ने कहा कि वह भारत पर लगाए गए “टैरिफ” को “कम” करने की योजना बना रहे हैं, जिससे संकेत मिलता है कि व्यापार वार्ता में जल्द ही कोई सफलता मिल सकती है।
राजनीति
कर्नाटक के उडुपी में पीएम मोदी का मेगा रोड शो, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला दौरा

बेंगलुरु, 28 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में कई प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो शुरू हुआ। हजारों लोग सड़कों पर खड़े नजर आए, जो काफिले के गुजरने पर खुशी मना रहे थे। जुलूस का रास्ता भगवा झंडों, झंडियों और बैरिकेड्स से ढका हुआ था।
पीएम मोदी 14 साल बाद उडुपी पहुंचे हैं। इससे पहले वे उडुपी तब आए थे, जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गवर्नर थावरचंद गहलोत, राज्यसभा सदस्य और धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े, शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश और भाजपा के स्टेट प्रेसिडेंट बीवाई विजयेंद्र धार्मिक प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे।
इस दौरान कल्चरल परफॉर्मेंस देखने के लिए तीन व्यूइंग पॉइंट बनाए गए हैं। पांच किलोमीटर के दायरे में दुकानें और कमर्शियल जगहें बंद कर दी गई हैं।
प्रधानमंत्री उडुपी में होने वाले ‘लक्षकंठ गीता’ सामूहिक जाप प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे हैं। वह माधवा सरोवर जाएंगे, भगवान के दर्शन करेंगे और एक खास पूजा करेंगे। प्रधानमंत्री मठ में दिव्य ‘कनकना किंडी’ के लिए ‘कनक कवच’ (सोने का आवरण) का अनावरण करेंगे।
कनकना किंडी की कहानी 16वीं सदी के कवि-संत कनकदास से जुड़ी है, जिन्हें उनकी नीची जाति के कारण उडुपी श्री कृष्ण मंदिर में एंट्री नहीं दी गई थी। बाहर से प्रार्थना करते हुए, उनकी गहरी भक्ति ने मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति को हिला दिया, जो चमत्कारिक रूप से घूमकर उनकी ओर मुड़ गई थी।
दीवार में एक दरार आ गई जिससे कनकदास भगवान को देख पाए। इस जगह को बाद में एक छोटी खिड़की बना दिया गया, जिसका नाम कनकना किंडी रखा गया।
मंदिर जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ऐतिहासिक गीता पाठ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जहां 1 लाख से ज्यादा लोग (जिनमें छात्र, साधु, विद्वान और अलग-अलग तरह के लोग शामिल हैं) एक आवाज में भगवद गीता का पाठ करेंगे। वह इकट्ठा हुए लोगों को संबोधित भी करेंगे।
किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए उडुपी शहर और उसके आसपास 3,000 से ज्यादा पुलिसवालों को तैनात किया गया है। बैरिकेड्स की दो लेयर लगाई गई हैं। एक पुलिस सुरक्षा के लिए और दूसरी आम लोगों के लिए।
पीएम का पद संभालने के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का श्री कृष्ण मठ का पहला दौरा है।
अपराध
मुंबई में चौंकाने वाली घटना: गोरेगांव में रेडिसन होटल के पास एक अज्ञात व्यक्ति ने 23 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को छुआ; पीड़िता ने कहा, ‘किसी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल नहीं किया गया।’

मुंबई: मुंबई के गोरेगांव से सड़क पर उत्पीड़न का एक परेशान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक 23 वर्षीय महिला और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसके साथ छेड़छाड़ की, जो तुरंत मौके से भाग गया। बाद में, युवती ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट के ज़रिए घटना का विस्तार से वर्णन किया, जिसमें उसने न केवल हमले पर, बल्कि आसपास खड़े लोगों और अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर भी हैरानी जताई।
अपने कैप्शन में मुंबई पुलिस को टैग करते हुए उन्होंने बताया कि वह ‘पूरी तरह से ढकी हुई’ थीं और केवल नियमित काम निपटाने के लिए बाहर निकली थीं। उन्होंने सीधे तौर पर उन पीड़ितों को दोषी ठहराने वाले सवालों का जवाब दिया, जिनका सामना अक्सर महिलाएं ऐसे हमलों के बाद करती हैं।
उसके बयान के अनुसार, यह घटना 26 नवंबर की रात लगभग 9:43 बजे हुई जब वह गोरेगांव पश्चिम में रेडिसन होटल के पास एक पुल पार कर रही थी। उसने बताया कि वह फ़ोन पर बात कर रही थी और अपने आस-पास के माहौल के प्रति सचेत थी। इसके बावजूद, एक आदमी पीछे से उसके पास आया और उसे आक्रामक और खुलेआम छूने के बाद, चलती ट्रैफ़िक को चीरते हुए पुल पार करके भाग गया।
इस प्रभावशाली व्यक्ति ने याद किया कि एक पल के लिए तो वह समझ ही नहीं पाई कि क्या हुआ था, हालाँकि वह पूरी घटना के दौरान ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाती रही। हैरानी की बात यह है कि व्यस्त सड़क पर एक भी व्यक्ति उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। उस आदमी का पीछा करने की कोशिश में, वह उसके पीछे दौड़ी, लेकिन वह ट्रैफ़िक में गायब हो गया। सड़क के बीचों-बीच खड़ी होकर, वह रो रही थी और मदद के लिए बेताब होकर पुकार रही थी।
उसकी अगली इच्छा पुलिस से संपर्क करने की थी। हालाँकि, उसने दावा किया कि किसी भी आपातकालीन नंबर, न तो सामान्य पुलिस हेल्पलाइन और न ही महिला सुरक्षा हेल्पलाइन, ने उसके बार-बार किए गए कॉल का जवाब नहीं दिया। इस तरह की सहायता न मिलने से वह बहुत व्यथित हुई और देश के कई अन्य शहरों की तुलना में व्यापक रूप से सुरक्षित माने जाने वाले शहर में सुरक्षा उपायों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगी।
उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि सार्वजनिक स्थान पर, सैकड़ों लोगों से घिरे होने के बावजूद, एक आदमी उन पर इतनी बेशर्मी से हमला कर सकता है और बिना किसी परिणाम के भाग सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें उसकी तस्वीर लेने, उसे पकड़ने या अधिकारियों से समय पर सहायता प्राप्त करने का कोई अवसर नहीं मिला। उन्होंने लिखा, “वह आदमी बस भाग गया,” और आगे कहा कि अब वह इस घटना के आघात से जूझ रही हैं।
अपनी पोस्ट के अंत में, उन्होंने जनता से कानूनी कार्रवाई करने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन की अपील की जिससे कोई ठोस समाधान निकल सके। उन्होंने दूसरों से भी अनुरोध किया कि वे इस मामले को पुलिस और संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाने में उनकी मदद करें। अभी तक इस मामले में किसी भी कानूनी कार्रवाई की कोई खबर नहीं है।
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