राजनीति
केंद्रीय मंत्रियों से इन प्रमुख मुद्दों पर वार्ता करेंगे किसान नेता

नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान संगठनों के प्रतिनिधि आज (मंगलवार) जब विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे तो वे इन कानूनों से जुड़े मसलों के साथ-साथ कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। किसानों के मसलों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए प्रदर्शन स्थल से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने बताया कि वे किसानों से जुड़ी सभी समस्याओं पर सरकार से बात करना चाहते हैं। हालांकि उनका कहना है कि वार्ता के दौरान जो प्रमुख मसले रहेंगे उनमें तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ एमएसपी की गारंटी की मांग शामिल हैं। इनके अलावा, पराली दहन अध्यादेश में किसानों पर जेल की सजा और भारी जुर्माना वापस लेना और बिजली सब्सिडी से जुड़े मसलों पर भी किसान बातचीत करना चाहते हैं।
किसान संगठन मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन कानूनों का फायदा किसानों को नहीं, बल्कि कॉरपोरेट को होगा। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार को बैठक में इन तीनों कानूनों पर चर्चा होगी।
दूसरा बड़ा मसला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी का है। किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी दे।
तीसरा मसला पराली दहन से संबंधित है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पराली दहन पर रोक लगाने के लिए एक अध्यादेश लाया है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। किसान नेता इस अध्यादेश के मसले पर भी बातचीत करेंगे।
वहीं, चौथा अहम मुद्दा बिजली से संबंधित है। पंजाब में किसानों को ट्यूबवेल के लिए मुफ्त में बिजली मिलती है। उन्हें आशंका है कि सरकार द्वारा बिजली वितरण निजी हाथों में देने पर उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी। इसलिए किसान नेता इस वार्ता के दौरान बिजली के मसले पर भी चर्चा करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा वार्ता के लिए आमंत्रित किसान संगठनों के नेता प्रदर्शन स्थल से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में वार्ता होगी जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
कृषि सचिव ने सोमवार को उन्हें एक पत्र भेजकर केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत के लिए एक दिसंबर को आमंत्रित किया है। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता के लिए मंगलवार को दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन बुलाया गया है।
अपराध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर हमला करने वाले पर पहले से दर्ज हैं 9 मामले: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि आरोपी साधारण व्यक्ति नहीं है। उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है।
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास सामने आया है। उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तस्करी और अवैध शराब के व्यापार से लेकर हत्या के प्रयास तक शामिल हैं। ये बहुत गंभीर आरोप हैं जिनके खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को हम देखें तो पता चलता है कि आरोपी ने जिस तरह से काम किया वह एक पेशेवर अपराधी जैसा था। पहले अपने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग की, फिर घर में घुसा, अंदर लोगों से बात की, और अंत में हमला किया। ये सभी तथ्य बताते हैं कि यह एक गंभीर पेशेवर हमला था, लेकिन हम सभी लोग दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि अगर कोई बदलाव करना होगा तो इसका फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही करेंगी।
आरोपी को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। वह साधारण व्यक्ति नहीं है। उसने जिस तरह से हमला किया है वह पेशेवर हमलावर है। उन्होंने कहा कि सामने से दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने सुनियोजित साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया के साथ आरोपी की फोटो पर कपिल मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है।
सीएम रेखा गुप्ता के स्वास्थ्य को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं; उन्होंने बुधवार रात भी कुछ काम किया था और आज भी वह अपना आधिकारिक काम कर रही हैं। लेकिन अभी उन्हें आराम और स्वास्थ्य लाभ की जरूरत है, क्योंकि शारीरिक चोटें गंभीर हैं और उन्हें मानसिक तनाव भी है। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक बहुत ही असामान्य घटना थी। फिर भी मुख्यमंत्री अपना कार्यालय का काम जारी रखे हुए हैं।
अपराध
फर्जी प्रोफाइल से महिला को फंसाया, अश्लील वीडियो बनाकर करने लगा ब्लैकमेल, मुंबई में मामला दर्ज

CRIME
मुंबई, 21 अगस्त। मुंबई के मझगांव इलाके में रहने वाली एक 34 वर्षीय महिला को शादी का झांसा देकर ब्लैकमेल करने और उससे फिरौती वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि युवक ने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिला से संपर्क किया, विश्वास जीतकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाए, और फिर उन्हीं के माध्यम से उसे ब्लैकमेल किया।
मुंबई पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने शादी के लिए एक मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल बनाई थी। 9 अगस्त को उसे एक कॉल आया, जिसमें आरोपी ने शादी की इच्छा जताई। धीरे-धीरे उसने महिला का विश्वास जीत लिया और उससे लगातार बातचीत करने लगा। बातचीत के दौरान आरोपी ने महिला को भरोसे में लेकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए।
इसके बाद आरोपी ने वीडियो भेजकर महिला को धमकाया कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो वह यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। डर के मारे महिला ने आरोपी को पहले 30 हजार रुपए दे दिए, लेकिन जब ब्लैकमेलिंग लगातार बढ़ती गई और आरोपी बार-बार पैसे मांगने लगा, तब महिला को धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उसने भायखला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
भायखला पुलिस ने महिला की शिकायत पर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मुंबई पुलिस को शक है कि इस अपराध के पीछे कोई संगठित साइबर ठग गिरोह सक्रिय है, जो महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी कर रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपी की तलाश जारी है।
राजनीति
महाराष्ट्र राजनीति: एकनाथ शिंदे ने पूर्व पार्षदों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं का शिवसेना में स्वागत किया

शिवसेना प्रमुख और राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और कार्यशैली पर भरोसा करते हुए, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के तीन पूर्व नगरसेवक आज औपचारिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए। उनके साथ सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी उपमुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
सेना में शामिल होने वालों में कल्याण ग्रामीण तालुका प्रमुख मुकेश पाटिल, तालुका प्रमुख प्रकाश म्हात्रे, यूबीटी नगरसेवक प्रेमा म्हात्रे और प्रमिला पाटिल, संघर्ष समिति नगरसेवक शैलजा भोईर, पूर्व कोलेगांव सरपंच और राकांपा नेता लालचंद भोईर, पूर्व सरपंच सुनील भोईर, गुरुनाथ जाधव और कई अन्य शामिल हैं।
ठाणे में आयोजित पार्टी की सदस्यता ग्रहण समारोह में विधायक राजेश मोरे, शिवसेना सचिव राम रेपाले, कल्याण जिला प्रमुख गोपाल लांडगे और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि शिवसेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारी वर्षों से लोगों के साथ परिवार जैसा गहरा रिश्ता बनाए रखते आए हैं। आज शामिल हुए पदाधिकारी सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वारकरी समुदाय के लोग अब शिवसेना में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं।
शामिल होने वालों में सखाराम पाटिल, गजानन मंगरुलकर, संजय गायकर, धारीवली के पूर्व उपसरपंच रमेश पाटिल, ग्राम पंचायत सदस्य समीर पाटिल, गौरव ठाकुर, छाया काले, वारकरी संप्रदाय के अध्यक्ष सुरेश ठाकरे, पूर्व उपसरपंच चंद्रकांत ठाकुर, विश्वनाथ रसाल, पूर्व हेदुटने सरपंच रामदास कलां और हरिश्चंद्र मंगरुलकर शामिल थे, जिनमें से सभी ने शिवसेना का भगवा झंडा स्वीकार कर लिया।
उप-मुख्यमंत्री शिंदे ने आगे कहा, “पिछले विधानसभा चुनावों में जनता ने हमारा तहे दिल से समर्थन किया था। 80 सीटों पर चुनाव लड़कर हमने 60 सीटें जीतीं। कुछ लोगों ने दावा किया था कि हम एक भी सीट नहीं जीतेंगे, लेकिन हमारे 60 विधायक विजयी हुए। कौन सा ब्रांड बचेगा, यह तय करने में असली भूमिका जनता की ही होती है—ये वही लोग हैं जो राजनीतिक दलों को बनाते या बिगाड़ते हैं।”
विपक्ष (यूबीटी) पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “जब वे चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम अच्छी होती है; जब वे हारते हैं, तो ईवीएम खराब होती है। लेकिन मैं उन्हें याद दिला दूँ कि बेस्ट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव बैंक के चुनाव बैलेट पेपर पर हुए थे, फिर भी वे वहाँ भी हार गए।”
सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए शिंदे ने कहा, “पिछले ढाई वर्षों में हमने लगातार आम जनता के हित में निर्णय लिए हैं। महायुति सरकार के कार्यकाल में हमने पिछली गतिरोधक सरकार द्वारा खड़ी की गई हर बाधा को दूर किया और परिणामस्वरूप, जनता ने महायुति को 232 सीटों का ऐतिहासिक बहुमत दिया। आगामी स्थानीय स्वशासन चुनावों में, महायुति एक बार फिर भारी मतों से जीतेगी।”
किसानों के मुद्दों पर उन्होंने कहा, “अत्यधिक वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति सर्वेक्षण (पंचनामा) शीघ्रता से करने के निर्देश प्रशासन को दिए जा चुके हैं। पिछले ढाई वर्षों में, महायुति सरकार ने किसानों को ₹45,000 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की है। आज भी, यह सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।”
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