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ईवी निर्माता एम्पीयर की वित्त वर्ष 24 में परिचालन आय 46 प्रतिशत घटी
नई दिल्ली, 23 दिसंबर। इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी एम्पीयर की वित्त वर्ष 24 में परिचालन से कुल आय 46 प्रतिशत घटकर 612 करोड़ रुपये रह गई है। वित्त वर्ष 23 में यह 1,124 करोड़ रुपये थी।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के पास कंपनी द्वारा दायर किए गए आंकड़ों में बताया गया कि एम्पीयर का घाटा वित्त वर्ष 24 में करीब 11 गुना बढ़कर 215 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 20 करोड़ रुपये पर था।
कंपनी की 477 करोड़ रुपये की नॉन-ऑपरेटिव (वन-टाइम कॉस्ट) को मिला दिया, तो वित्त वर्ष 24 में कंपनी को 693 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कंपनी की आय घटने की वजह स्कूटर की बिक्री में गिरावट होना है।
एम्पीयर की ओर से इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों भी ऑफर किए जाते हैं।
वित्त वर्ष 24 में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की कंपनी की बिक्री में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत थी। कंपनी की ईवी स्कूटर्स से आय 59 प्रतिशत गिरकर 432 करोड़ रुपये रही है। हालांकि, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 2.5 गुना बढ़कर 178 करोड़ रुपये हो गई है।
पिछले वित्त वर्ष में एम्पीयर को गैर-परिचालन गतिविधियों से 29 करोड़ रुपये और कबाड़ की बिक्री से 2 करोड़ रुपये की आय हुई है।
इसे मिलाकर वित्त वर्ष 24 में एम्पीयर की कुल आय 641 करोड़ रुपये रही है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 1,159 करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी के कुल खर्च में सामग्री लागत की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 24 में यह 40 प्रतिशत घटकर 526 करोड़ रुपये हो गई है।
एम्पीयर द्वारा वित्त वर्ष 24 में अधिक कर्मचारियों की भर्ती की गई है। इस कारण कंपनी का कर्मचारी खर्च वित्त वर्ष 24 में 48.5 प्रतिशत बढ़कर 101 करोड़ रुपये हो गया है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में विज्ञापन, लीगल, वांरटी, कॉन्ट्रैक्टिंग और अन्य मदों पर 857 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह वित्त वर्ष 23 में 1,172 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 24 में नुकसान के कारण कंपनी का आरओसीई और एबिटा (-) 45.4 प्रतिशत और (-)27.46 प्रतिशत रहा है।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने एक रुपया कमाने के लिए 1.40 रुपये खर्च किए हैं।
वित्त वर्ष 24 में एम्पीयर के पास 352 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं। इसमें 62 करोड़ रुपये का कैश और बैंक बैलेंस शामिल है।
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क्रिसमस से पहले सपाट बंद हुआ शेयर बाजार; निफ्टी 23,750 के नीचे फिसला
मुंबई, 24 दिसंबर। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को सपाट बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 67.30 अंक गिरकर 78,472.87 और निफ्टी 25.80 अंक गिरकर 23,727.65 पर था।
शेयर बाजार में लार्जकैप के साथ मिडकैप भी सीमित दायरे में बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 35 अंक गिरकर 57,057.90 पर था। हालांकि, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 44 अंक या 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,732.65 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ऑटो, एफएमसीजी, प्राइवेट बैंक और कंजप्शन इंडेक्स सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, मेटल, एनर्जी और सर्विसेज इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं।
सेंसेक्स पैक में पावरग्रिड, एसबीआई, इंफोसिस, टाइटन, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे। वहीं, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एनटीपीसी, टीसीएस, जोमैटो, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, कोटक महिंद्रा बैंक और सन फार्मा टॉप गेनर्स थे।
बाजार के सपाट बंद होने की वजह क्रिसमस की छुट्टी को माना जा रहा है। इसके कारण विदेशी निवेशकों की भागीदारी कम हो गई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 23 दिसंबर को 168.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,227.68 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
क्रिसमस के कारण शेयर बाजार बुधवार को बंद रहेगा और अगला कारोबारी सत्र गुरुवार (26 दिसंबर) को है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि छुट्टियों से पहले घरेलू बाजार में कारोबार सपाट रहा है। निकट भविष्य में बाजार की दिशा तीसरी तिमाही के नतीजों और केंद्रीय बजट पर निर्भर करेगी, लेकिन मजबूत डॉलर, उच्च बॉन्ड यील्ड और ब्याज दरों में कटौती की चिंताओं के कारण सतर्कता बनी हुई है। रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने से सतर्कता और बढ़ गई है।
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ईयर एंडर 2024 : शेयर बाजार से कंपनियों ने जमकर जुटाया फंड, बने कई नए रिकॉर्ड
मुंबई, 24 दिसंबर। भारतीय शेयर बाजार में तेजी के बीच कॉरपोरेट्स ने 2024 में आईपीओ, एफपीओ, क्यूआईपी और राइट्स इश्यू के जरिए निवेशकों से बंपर फंड जुटाया है और पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
2024 में घरेलू कंपनियों ने 90 इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए कुल 1.64 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस दौरान 1.39 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री संस्थागत निवेशकों को की गई है। यह पब्लिक इश्यू के जरिए पूंजी जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इससे पहले 2021 में आईपीओ ने जरिए कंपनियों ने सबसे अधिक 1.18 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी। इस दौरान कंपनियों द्वारा संस्थागत निवेशकों को 41,997 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की गई थी।
इस साल अब तक 20 कंपनियों ने राइट्स इश्यू के जरिए करीब 18,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 7,266 करोड़ रुपये और 2022 में यह 3,884 करोड़ रुपये था।
आईपीओ मार्केट में तेजी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2024 के आखिरी महीने में करीब 15 कंपनियां करीब 25,500 करोड़ रुपये जुटाने जा रही हैं।
2024 का सबसे बड़ा आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया द्वारा पेश किया गया। इसका साइज 27,870 करोड़ रुपये था। इससे पहले 2022 में आया एलआईसी का 21,008 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू, देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था।
2024 में सबसे ज्यादा 320 गुना का सब्सक्रिप्शन विभोर स्टील ट्यूब के आईपीओ को मिला है। इसके अलावा केआरएन हीट एक्सचेंजर एंड रेफ्रिजरेशन, मनबा फाइनेंस और गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग जैसे आईपीओ को 200 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला।
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए इस साल कंपनियों ने 1.4 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, यह 2020 के बाद अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इस साल वेदांता और जोमैटो द्वारा प्रत्येक ने क्यूआईपी के जरिए 8,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। इसके अलावा अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और वरुण बेवरेज ने क्रमश: 8,373 करोड़ रुपये और 7,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस साल प्राथमिक बाजारों में 14 अरब डॉलर निवेश किए हैं, जो कि 2021 के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है।
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दूरसंचार के बदलते परिदृश्य के बीच कंपनी का ध्यान ‘डिजिटल विकास’ पर केंद्रित : भारती एयरटेल
नई दिल्ली, 24 दिसंबर। भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने अक्टूबर में सबसे अधिक नेट वायरलेस ग्राहक जोड़े। वहीं, इस महीने के दौरान 1.93 मिलियन मोबाइल ग्राहक जोड़े गए।
कंपनी ने कहा कि वह भारत के डिजिटल विकास को सपोर्ट करने और मजबूत कनेक्टिविटी सॉल्यूशन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, दूरसंचार सेवा प्रदाता ने अक्टूबर में 19,28,263 वायरलेस यूजर्स जोड़े, जो एक मील का पत्थर है।
दूसरी ओर, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने क्रमशः 3.76 मिलियन और 1.98 मिलियन ग्राहकों के घटने की सूचना दी।
बीएसएनएल ने अक्टूबर में करीब 5 लाख यूजर्स जोड़े, जबकि एमटीएनएल में 2,273 यूजर्स की मामूली गिरावट देखी गई।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल वायरलेस यूजर बेस में 0.29 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है, जो सितंबर में 1,153.72 मिलियन से घटकर अक्टूबर में 1,150.42 मिलियन हो गया।
जब मशीन-टू-मशीन (एम2एम) कनेक्शन की बात आती है, तो एयरटेल 29.08 मिलियन कनेक्शन से 51.82 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी रखता है, उसके बाद वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो का स्थान है।
विजिटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) प्रदर्शन पर, एयरटेल ने 99.48 प्रतिशत एक्टिव यूजर रेट हासिल किया, जो दूरसंचार ऑपरेटरों में सबसे अधिक है, जो नेटवर्क विश्वसनीयता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
कंपनी ने कहा, “एयरटेल हाई-क्वालिटी नेटवर्क एक्सपीरियंस और इनोवेटिव सर्विस देने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, जो ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करते हैं।”
इस महीने की शुरुआत में, भारती एयरटेल ने कहा कि कंपनी ने अपने एआई-इनेबल्ड, स्पैम-फाइटिंग सॉल्यूशन को लॉन्च करने के ढाई महीने के भीतर 8 बिलियन स्पैम कॉल और 800 मिलियन स्पैम एसएमएस की पहचान की।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि एआई-इनेबल्ड नेटवर्क ने हर दिन करीब 1 मिलियन स्पैमर्स की सफलतापूर्वक पहचान की है।
दूरसंचार नियामक ने ऑपरेटर्स से स्पैम कॉल और एसएमएस को रोकने और यूआरएल, एपीके और ओटीटी लिंक की व्हाइटलिस्ट के संबंध में अपने निर्देशों का पालन करने को कहा था।
इसी कड़ी में एयरटेल ने सितंबर में एक एआई-इनेबल्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन लॉन्च किया, जो संदिग्ध स्पैम कॉल और एसएमएस के बारे में ग्राहकों को रियल टाइम में अलर्ट करता है।
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