राष्ट्रीय
घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्च रिंग का जीडीपी योगदान जल्द होगा दोगुना

देश में इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के घरेलू विनिर्माण पर सरकार के बढ़ते ध्यान के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र अगले कुछ वर्षो में सकल घरेलू उत्पाद में अपना योगदान लगभग दोगुना देखेगा। यह अनुमान उद्योग के विशेषज्ञों ने लगाया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अध्यक्ष राजीव खुशु ने कहा, “पीएमपी, स्पेक्स और पीएलआई जैसे सरकारी हस्तक्षेपों की श्रृंखला के साथ, भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार है और इस आकार की अर्थव्यवस्था के साथ हमारे देश के लिए अपना स्वयं का घटक निर्माण और इको सिस्टम होना महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में आज सकल घरेलू उत्पाद में 3.4 प्रतिशत का योगदान है और अगले कुछ वर्षों में 6.4 प्रतिशत योगदान देने की उम्मीद है।
आईईएसए भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्च रिंग (ईएसडीएम) और इंटेलिजेंट इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख उद्योग निकाय है। अपनी सदस्य कंपनियों के साथ अपने गहरे संबंध के माध्यम से, आईईएसए का लक्ष्य भारत में ईएसडीएम और इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसाय खंड को विकसित करना है और भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण के लिए पसंदीदा स्थान बनाना है।
पिछले कुछ वर्षो में, सरकार देश में महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण को सब्सिडी देने और प्रोत्साहित करने की दिशा में कई नीतियां लेकर आई है। वर्तमान में, भारत के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स आयात बिल पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के बाद दूसरा सबसे बड़ा है।
सरकार ने भारत के घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए कई नीतियां जारी की हैं और इन नीतियों में लगातार सुधार कर रही है। इन नीतियों में नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स (एनपीई) शामिल है जो भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम), उत्पाद लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अर्धचालकों के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीईसीएस) का वैश्विक केंद्र बनाने का दृष्टिकोण निर्धारित करती है।
इन्वेस्ट इंडिया से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार एजेंसी, इलेक्ट्रॉनिक घटक उत्पादन 2014 से 2018 तक 4 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए वैश्विक बाजार 2022 तक 191.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत का वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में हिस्सेदारी 2012 में 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 3.6 प्रतिशत हो गई है। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक घटक बाजार में वृद्धि घरेलू मांग में वृद्धि और ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों के साथ बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र से प्रेरित है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स बाजार वित्तीय वर्ष 2009-10 में 11 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 20.8 बिलियन डॉलर हो गया है, जो लगभग 7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्शाता है।
खुशु ने बताया, “बीस के दशक में भारत की औसत आयु के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स की खपत अगले कुछ दशकों में 15 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रही है और इसके परिणामस्वरूप हम ईएसडीएम खपत में शीर्ष 3 देशों और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में छलांग लगाएंगे।”
इसके अलावा, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजनाओं जैसी पहलों ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मांग को बढ़ा दिया है। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों को दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है और इसके साल 2025 तक 400 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय
ताज होटल के अधिकारियों ने योरस्टोरी की फाउंडर का किया अपमान, बैठने का सीखा रहे थे सलीका

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर : योरस्टोरी की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा ने ताज होटल के अधिकारियों पर उनके फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट हाउस ऑफ मिंग में पद्मासन में बैठने पर उन्हें अपमानित करने के आरोप लगाए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो के साथ जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि उनके साथ यह वाक्या तब घटा जब वे दिवाली के दौरान अपनी बहन के साथ हाउस ऑफ मिंग में डिनर करने गई थीं।
उन्होंने बताया कि वे वहां पद्मासन की मुद्रा में बैठीं थी और अचानक मैनेजर ने उन्हें उनके बैठने के तरीके को लेकर फटकार लगा दी। उन्हें ठीक से बैठने की हिदायत दी गई क्योंकि वहां मौजूद दूसरे गेस्ट को शर्मा के इस तरह बैठने के तरीके से परेशानी हो रही थी।
शर्मा ने एक्स पर लिखा, “एक साधारण व्यक्ति, जो कड़ी मेहनत से अपनी कमाई करता है और अपनी गरिमा के साथ ताज होटल में आता है उसे आज भी, इस देश में जलील और अपमानित होना पड़ता है। मेरा गलती क्या है? बस इतनी कि मैं रेगुलर पद्मासन में बैठ गई? क्या यह मेरी गलती है कि ताज मुझे सीखा रहा है कि कैसे बैठना चाहिए और क्या करना चाहिए?
इतना ही नहीं, मैनेजर ने उनके कपड़ों पारंपरिक सलवार कमीज और फुटवियर कोल्हापुरी चप्पल के चुनाव को लेकर भी उनका अपमान किया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की और पैसे कमाकर फाइन डाइनिंग में जगह ली, लेकिन होटल समृद्धि, संस्कृति और क्लास से भरा हुआ है।
मैनेजर ने उनसे कहा कि यह फाइन डाइनिंग है और यहां बहुत से अमीर लोग आते हैं। इसलिए, आपको सही तरीके से बैठना चाहिए।
मैनेजर ने उन्हें क्लोज्ड शू पहनने की हिदायत तक दे डाली।
इस पर नाराज शर्मा ने कहा, “मैं कोल्हापुरी चप्पल पहनती हूँ, वो मैंने अपनी मेहनत से खरीदा है और यहां आई हूं। लेकिन यहां आकर स्टाफ का ये कहना कि आप पैर नीचे कर बैठो पूरी तरह से गलत है।”
उन्होंने कहा कि वह उद्योगपति रतन टाटा का बहुत सम्मान करती हैं, लेकिन इस घटना ने उन्हें ताज से निराश कर दिया।
रतन टाटा को लेकर उन्होंने बताया कि वे शर्मा की कंपनी में निवेशक भी रह चुके थे।
ताज ने अभी तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है, लेकिन इस पोस्ट पर शर्मा के सपोर्ट और होटल समूह की आलोचना करते हुए कई कमेंट्स आ रहे हैं।
एक एक्स हैंडल यूजर ने लिखा, “बोल देना चाहिए कि जिस गेस्ट को प्रॉब्लम हो वह आकर मिले। उससे भी ज्यादा ठीक रहता कि आप वहां से खड़े होकर बाहर निकल जाते, हम पैसा देकर जाते है, हम कस्टमर हैं और वो हमारा अपमान करने आएं तो क्यों सहन करना है?
वो हमसे हैं, हम उनसे नही। उन्हें जरूरत नही लगती तो हमे बाहर निकल जाना चाहिए।”
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नवी मुंबई अग्निकांड : रहेजा रेजीडेंसी हादसे में चार की मौत, भाविन ने बचाई छह जिंदगियां

मुंबई, 21 अक्टूबर : महाराष्ट्र के नवी मुंबई के वाशी इलाके में सोमवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। एमजी कॉम्प्लेक्स स्थित रहेजा रेजीडेंसी में आग लग गई, जिसने कुछ ही पलों में पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों को दमकलकर्मियों और स्थानीय निवासियों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 1 बजे की है। लोगों को जब तक कुछ समझ आता, कई लोग धुएं के कारण बेहोश हो चुके थे। दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
नवी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त कैलाश शिंदे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद हादसा है, जिसमें चार लोगों की जान गई। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पालिका सख्त कदम उठाएगी।
शिंदे ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला, जो बिस्तर पर लेटी हुई थीं, उन्हें बचाया नहीं जा सका, जबकि तीन लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
इस घटना में भाविन पूनिया नाम के एक व्यक्ति ने इंसानियत की मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लगभग छह लोगों की जिंदगी बचाई। बताया जाता है कि भाविन ने कई घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान उन्हें हाथ में चोटें भी आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके साथ दो पुलिसकर्मी भी राहत कार्य में जुटे रहे।
आग लगने के वक्त किरण जैन नामक निवासी अपने परिवार के साथ उसी मंजिल पर थे। उन्होंने बताया कि हम आग लगते ही तुरंत बाहर निकल आए, लेकिन हमारे बगल वाले फ्लैट में रहने वाला परिवार बाहर नहीं निकला। हमने दरवाजा खटखटाया, पर उन्होंने खोला नहीं। कुछ ही देर में वहां से धुआं निकलने लगा और अंदर मौजूद तीनों लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि उसी फ्लोर पर रहने वाला तीसरा परिवार समय रहते बाहर निकल गया और उनकी जान बच गई।
इस भयावह हादसे ने पूरे वाशी इलाके को झकझोर दिया है। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। नगर प्रशासन ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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महाराष्ट्र: नवी मुंबई के कामोठे में आग लगने से मां-बेटी की दर्दनाक मौत

नवी मुंबई, 21 अक्टूबर : नवी मुंबई के कामोठे सेक्टर 36 में स्थित आंबे श्रद्धा सहकारी सोसायटी में सोमवार रात एक भीषण अग्निकांड में मां और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा रात करीब 9 बजे के आसपास हुआ, जब बिल्डिंग के दूसरे माले पर एक फ्लैट में अचानक आग भड़क उठी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी और स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि फ्लैट में मौजूद लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जानकारी मिलते ही नवी मुंबई अग्निशमन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। अग्निशमन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक मां और बेटी की जान जा चुकी थी।
प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, फ्लैट में उस समय पांच लोग मौजूद थे। इनमें से तीन लोग समय रहते सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन मां और बेटी आग की चपेट में आकर फंस गए, जिसके चलते उनकी दम घुटने से मौत हो गई।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का संभावित कारण माना जा रहा है।
स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग ने घटनास्थल का मुआयना शुरू कर दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम भी मौके पर पहुंची है, जो आग लगने के सही कारणों का पता लगाने में जुटी है।
घटना की सूचना मिलते ही सोसायटी के अन्य रहवासियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई के कारण आग को अन्य फ्लैट्स तक फैलने से रोक लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग की लपटें और धुआं इतना घना था कि कुछ समय के लिए आसपास का इलाका धुएं से भर गया था।
इस हादसे ने एक बार फिर रिहायशी इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
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