अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल 2022 से पहले धोनी का बेहतर निर्णय, जडेजा को तैयार करने का मिलेगा समय : बद्रीनाथ

भारत के पूर्व क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ को लगता है कि एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व रवींद्र जडेजा को सौंपने का एक समझदारी भरा फैसला किया है, क्योंकि करिश्माई कप्तान अभी भी मैच खेलेंगे और उनके पास ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को तैयार करने और ऑन-फील्ड निर्णय लेने में मदद करने का समय होगा।
आईपीएल 2022 की शुरुआत से पहले 40 वर्षीय धोनी ने गुरुवार को सीएसके की कप्तानी जडेजा को सौंपने का फैसला किया। स्टार ऑलराउंडर, जो 2012 से चेन्नई सुपर किंग्स का अभिन्न अंग रहे हैं, धोनी और सुरेश रैना के बाद चेन्नई स्थित फ्रेंचाइजी का नेतृत्व करने वाले केवल तीसरे खिलाड़ी होंगे।
धोनी, जिनके तहत सीएसके ने आईपीएल में 204 मैचों में रिकॉर्ड 121 जीत दर्ज की है, इस सीजन और उसके बाद भी फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे।
सीएसके में धोनी की कप्तानी में खेलने वाले 41 वर्षीय बद्रीनाथ को लगता है कि माही अब अपने करियर के चरम पर नहीं है, यह देखते हुए कप्तानी को सौंपना एक बेहतर और प्रगति निर्णय है।
उन्होंने कहा, “एमएस धोनी जो करते हैं उसमें निश्चित रूप से कुछ योजना होती और उन्होंने निश्चित रूप से पिछले एक-एक साल के लिए इसके बारे में सोचा होगा। घोषणा अभी आई है, लेकिन यह शायद पहले ही प्लान किया होगा। जडेजा अभी एक वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और सभी में प्रारूप में खेल रहे हैं। मुझे यकीन है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे और धोनी भी मैदान पर हैं, इसलिए यह ऑलराउंडर के लिए फायदेमंद होगा।”
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने आईपीएल 2022 के लिए मेजबान ब्रॉडकास्टर में शामिल होने से पहले गोवा में पोकर खेलते हुए कुछ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं।
स्टाइलिश बल्लेबाज ने क्रिकेटरों की स्वाभाविक प्रगति के बारे में भी बताया और धोनी आगामी आईपीएल सीजन में जडेजा को कैसे तैयार कर सकते हैं और निर्णय लेने में उनकी कैसे मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “यह एक स्वाभाविक प्रगति है, हर क्रिकेटर को इससे गुजरना पड़ता है और हम सभी जानते हैं कि एमएस धोनी अपने करियर के चरम पर नहीं हैं। इसलिए यह किसी न किसी बिंदु पर होने वाला था। शायद, यह उनका आखिरी सीजन है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह बेहतर है, क्योंकि एमएस वहां होंगे और वह एक कप्तान तैयार कर सकते हैं। जब वह नहीं होते और जडेजा मैदान पर अकेले रह जाते हैं, तो जडेजा के लिए थोड़ी मुश्किल होती।”
धोनी, जो फरवरी 2008 में आयोजित आईपीएल की पहली नीलामी में सबसे महंगे खरीददार थे, वे सभी आईपीएल सीजन के दौरान सीएसके के कप्तान रहे हैं, जिसमें फ्रेंचाइजी ने भाग लिया है। उनके नेतृत्व में, सीएसके ने चार मौकों पर 2010, 2011, 2018 और 2021 में आईपीएल ट्रॉफी जीती। इसके अलावा, सीएसके भी पांच मौकों पर 2008, 2012, 2013, 2015 और 2019 में उपविजेता रहा।
बद्रीनाथ का मानना है कि महान क्रिकेटर चार बार के चैंपियन की सेवा करना जारी रखेंगे और एक खिलाड़ी या संरक्षक के रूप में उनका बड़ा प्रभाव होगा।
सीएसके के पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “धोनी की विरासत निश्चित रूप से सीएसके के लिए बड़ी है। उन्होंने उन्हें चार खिताब दिलाए हैं, जो फ्रेंचाइजी के लिए बड़े प्रभावों में से एक रहा है और यह जारी रहेगा। मुझे यकीन है कि वह सीएसके के साथ शामिल होंगे, शायद एक खिलाड़ी के रूप में, शायद कई और वर्षों के लिए एक संरक्षक बनकर।
तमिलनाडु के क्रिकेटर भी बल्लेबाज के रूप में जडेजा की प्रगति से काफी प्रभावित हैं, उन्होंने कहा कि यह ऑलराउंडर अब 4डी क्रिकेटर बन जाएगा।
जडेजा हमेशा एक अच्छे गेंदबाज और बल्लेबाज रहे हैं लेकिन पिछले दो साल में उनकी बल्लेबाजी में काफी सुधार हुआ है। उनकी प्रभावशाली बल्लेबाजी उन्हें एक बेहतर खिलाड़ी बनाती है। अब चौथा आयाम होगा और कप्तानी भी होगी।
आईपीएल का 15वां सीजन 26 मार्च को वानखेड़े स्टेडियम में गत चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स और उपविजेता कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच भिड़ंत के साथ शुरू होगा।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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