राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली हाईकोर्ट ने झूठे बलात्कार के आरोप के लिए पति पर जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी पत्नी के चचेरे भाई के खिलाफ फर्जी बलात्कार का मामला दर्ज करने की मांग करने वाले पति पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ऐसी तुच्छ शिकायतों के प्रति आगाह किया है जो संभावित रूप से निर्दोष व्यक्तियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पति ने आरोप लगाया कि चचेरे भाई ने उसकी पत्नी के साथ बलात्कार किया। हालांकि, पत्नी ने आरोपों से इनकार किया।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया, पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ चल रही वैवाहिक कार्यवाही में लाभ हासिल करने के उद्देश्य से, गलत इरादों के साथ कार्यवाही शुरू की।
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि आपराधिक न्याय प्रणाली पर आधारहीन शिकायतों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए, और सीआरपीसी की धारा 156(3) के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
पति ने मजिस्ट्रेट और सत्र न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी, जिसमें सीआरपीसी की धारा 156(3) का उपयोग करते हुए पत्नी के चचेरे भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था।
अपनी शिकायत में पति ने कहा कि उसकी पत्नी ने शादी के कुछ समय बाद ही अपने चचेरे भाई द्वारा बलात्कार किए जाने का खुलासा किया था। हालांकि, अदालती कार्यवाही के दौरान पत्नी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
महिला ने अपने पति पर शारीरिक उत्पीड़न और दहेज की मांग का आरोप लगाया। उन्होंने घरेलू हिंसा, भरण-पोषण और तलाक से संबंधित लंबित कार्यवाही का भी उल्लेख किया।
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि पत्नी ने किसी भी शिकायत से इनकार किया है और पुलिस की कार्रवाई रिपोर्ट उसकी स्थिति का समर्थन करती है। इसने ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट की न्यायिक जांच के महत्व पर जोर दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि शिकायतें दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज नहीं की जाती हैं।
अदालत ने मुकदमेबाजी से बचने के लिए विशिष्ट विवरण की आवश्यकता की ओर इशारा करते हुए शिकायत की विश्वसनीयता की सावधानीपूर्वक जांच करने का आग्रह किया।
इसके अलावा, अदालत ने कहा कि बलात्कार के झूठे आरोप आरोपी की गरिमा और प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
अदालत ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद पाया कि याचिकाकर्ता के पास अधिकार का अभाव है क्योंकि उसकी पत्नी ने कथित अपराध से स्पष्ट रूप से इनकार किया था।
याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जिसे आठ सप्ताह के भीतर दिल्ली हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति को भुगतान करना होगा।
राजनीति
नीतीश कुमार का राजगीर, लालू यादव का दिल अपने बेटे में बसता है : असदुद्दीन ओवैसी

गोपालगंज, 28 अक्टूबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा, वहीं अपनी पार्टी को तीसरा विकल्प बताते हुए कहा कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है।
असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए महागठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने को लेकर कहा कि बिहार में मल्लाह समाज की आबादी तीन फीसदी है और उस समाज के व्यक्ति को उपमुख्यमंत्री का कैंडिडेट बनाया जाता है। 14 फीसदी आबादी वाले समाज का बेटा सीएम बनता है, लेकिन 17 फीसदी आबादी वाले मुसलमानों को न सीएम बनने दिया जाता है और न डिप्टी सीएम बनने दिया जाता है।
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जब मल्लाह का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है तो आजम का बेटा भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बन सकता है। उन्होंने पार्टी प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील करते हुए कहा कि अब तक यहां से जो भी जनप्रतिनिधि बने, उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किया, लेकिन अब यहां के लोग बदलाव के मूड में हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार यहां 20 वर्षों से सत्ता में हैं, लेकिन उनका दिल राजगीर के लिए धड़कता है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल अहमदाबाद में बसता है। उसी तरह लालू यादव का दिल सिर्फ अपने बेटे में बसता है। उन्होंने कहा कि किसी ने भी मुसलमानों के अधिकारों की बात नहीं की है, ये कभी मुसलमानों का भला नहीं कर सकते।
उन्होंने भाजपा पर नफरत फैलाने वाली राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
छठ महापर्व के बाद बिहार चुनाव को लेकर प्रचार अभियान तेज होता दिख रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। वहीं, मतगणना 14 नवंबर को होगी।
इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन में है। हालांकि, एआईएमआईएम भी एक अलग गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में है। प्रशांत किशोर की जन सुराज भी 243 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
राजनीति
भाजपा विधायक रामकदम का पलटवार, बोले उद्धव ठाकरे को ताने मारने के अलावा कुछ नहीं आता

मुंबई, 28 अक्टूबर: महाराष्ट्र में एक बार फिर शिवसेना (यूबीडी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा नेताओं के बीच शब्दों की लड़ाई तेज हो रही है। कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे ने एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के बड़े नेताओं को ‘एनाकोंडा’ कहा था, जिस पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि उन्हें ताने मारने के अलावा कुछ नहीं आता।
भाजपा विधायक राम कदम ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे को अपनों ने छोड़ दिया है। उनका हालिया बयान उनकी हताशा को दर्शाता है। सगे संबंधियों और मंत्री ने उनसे दूरी बना ली है, जिससे हताश होकर वह बेबुनियाद बयानबाजी पर उतर आते हैं। वह अपने ढाई साल के कार्यकाल में ढाई दिन भी मंत्रालय नहीं गए हैं।”
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे हमारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना कैसे कर सकते हैं? अमित शाह कड़ी मेहनत से सम्मान अर्जित करते हैं, जबकि उद्धव को राजनीति विरासत में मिली, लेकिन वह उसे बरकरार नहीं रख पाए। ऐसे आलसी आदमी को हमारे केंद्रीय गृह मंत्री पर कुछ भी बोलना शोभा नहीं देता।
आदित्य ठाकरे के वोट चोरी वाले बयान पर भाजपा विधायक ने कहा कि अब उनके पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए वे राहुल गांधी की तरह बयान दे रहे हैं। इस समय ये महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का भी आरोप नहीं लगा सकते हैं। लोगों को अब वे भ्रमित नहीं कर पा रहे हैं।
भाजपा विधायक रामकदम ने कहा कि इससे पहले ईवीएम को लेकर ये लोग शोर करते थे लेकिन उसमें भी कुछ नहीं कर पाए। इन लोगों को यह नहीं पता आज हर आदमी के पास सोशल मीडिया है और वह इस पर देख रहा है। सभी को सच्चाई पता है।
भाजपा के मुंबई कार्यालय के नए जमीन सौदे में शिवसेना (यूबीटी) की ओर से लगाए गए ‘घोटाले’ के आरोपों पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “पार्टी कार्यालय का प्लॉट कानूनी तौर पर लिया गया था और सभी दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। हम इस प्लॉट पर एक नया पार्टी कार्यालय बना रहे हैं, तो फिर आपत्ति क्यों? भाजपा महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी है। हमारा हर कदम उद्धव ठाकरे को परेशान करता है।”
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: दादर बीच पर छठ पूजा के बाद सफाई का काम जारी

मुंबई: छठ पूजा के एक दिन बाद, मुंबई में कई जगहों पर सफ़ाई का काम चल रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर की गई एक तस्वीर में दादर बीच पर मज़दूर सफ़ाई करते और ‘निर्माल्य’ (फूलों का प्रसाद) उठाते दिख रहे हैं।
अरब सागर के किनारे, दादर चौपाटी पर मुंबई के सबसे मनोरम छठ अनुष्ठानों में से एक का आयोजन भी होता है। समुद्र तट भक्तों के सैलाब से जीवंत हो उठता है, जो जीवंत रंगों, भक्ति गीतों और प्रसाद से वातावरण को भर देता है। परिवार सुबह से शाम तक पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ अनुष्ठान करने के लिए एकत्रित होते हैं।
27-28 अक्टूबर को छठ पूजा के अवसर पर, बीएमसी ने समुद्र तटों और प्राकृतिक जलस्रोतों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए मुंबई भर में लगभग 67 स्थानों पर व्यवस्था की। सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कुल 148 कृत्रिम विसर्जन तालाब और टैंक उपलब्ध कराए गए।
बीएमसी ने छठ पूजा आयोजन समितियों और मंडलों को आवश्यक अनुमतियाँ प्रदान करने के लिए एकल-खिड़की प्रणाली भी स्थापित की थी। प्रत्येक वार्ड को पुलिस और यातायात विभागों के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए एक समन्वय अधिकारी नियुक्त किया गया था।
इसके अलावा, बीएमसी सभी छठ पूजा स्थलों पर सफ़ाई और कचरा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मचारी और उपकरण तैनात करेगी। निर्मल कलश, अस्थायी शौचालय, 403 चेंजिंग रूम, मेज और कुर्सियाँ उपलब्ध कराई जाएँगी, साथ ही पर्याप्त रोशनी और पुलिस व्यवस्था भी की जाएगी।
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