राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की माँग की

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा शनिवार को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में गैर-मानक दवाओं की खरीद और आपूर्ति के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि वह पहले ही अधिकारी के खिलाफ उपराज्यपाल से शिकायत कर चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार पहले भी इस अधिकारी के खिलाफ उपराज्यपाल से शिकायत कर चुकी है।
फरिश्ते योजना को बंद करने वाले अधिकारी स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ही थे।
सूत्र ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पहले अधिकारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी।
सूत्र ने कहा कि दिल्ली सरकार दीपक कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है क्योंकि वह पहले ही उन्हें हटाने की सिफारिश कर चुकी है।
सक्सेना ने शनिवार को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में खरीदी और आपूर्ति की गई गैर-मानक दवाओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की।
अधिकारी ने कहा कि सक्सेना ने मुख्य सचिव को लिखे अपने नोट में उल्लेख किया है कि यह चिंताजनक है कि ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं।
उपराज्यपाल ने खरीद में भारी बजटीय आवंटन पर भी चिंता जताई।
राजनीति
बाबा साहेब के विचारों को साकार कर रहे सीएम योगी, ‘समता-सम्मान’ की राह पर बढ़ा उत्तर प्रदेश

लखनऊ, 14 अप्रैल। योगी सरकार की दलित उत्थान से संबंधित योजनाएं सामाजिक न्याय के आदर्शों को साकार करती दिख रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते आठ वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वरोजगार, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान जैसे क्षेत्रों में जो ठोस कदम उठाए हैं, वह दलित समाज को न केवल बराबरी का हक दिला रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रेरक साबित हो रहे हैं।
योगी सरकार ने बाबा साहेब के ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ के मंत्र को धरातल पर उतारने का संकल्प लेते हुए प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए सौ सर्वोदय विद्यालयों की स्थापना की है, जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 60 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। इन विद्यालयों में 2.65 लाख बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। छात्रों को यूनिफॉर्म, किताबें, स्टेशनरी और टैबलेट जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं, जिससे शिक्षा का स्तर सुधरा है और नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
योगी सरकार ने मिर्जापुर के मड़िहान में संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय (बालिका) विद्यालय में जेईई और नीट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। साथ ही टीसीएस, खान अकादमी, एम्बाइब आदि संस्थानों से एमओयू कर तकनीकी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की है। इसके अलावा, योगी सरकार अनुसूचित जनजाति के बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित कर रही है, जिसमें 1,440 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
बीते 8 वर्षों में योगी सरकार ने अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए भी शिक्षा को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है। इनके लिए अनुसूचित जाति पूर्वदशम के 33,38,180 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति से लाभान्वित किया गया है, वहीं दशमोत्तर के लिए 88,61,997 लाभार्थियों को योगी सरकार ने छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभ प्रदान किया है। दलित व अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने छात्रवृत्ति योजनाओं में भारी निवेश किया है। वित्त वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना हेतु 968 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में पिछड़े वर्गों के विकास को भी प्राथमिकता दी है। पिछड़ा वर्ग पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत 2,825 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, पिछड़े वर्ग के निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिलाने हेतु 35 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की गई है। इससे प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
2017 से सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने जनजाति कल्याण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया। पीएम-जनमन के अंतर्गत पीवीटीजी को शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, पक्के मकान, सड़कें, पेयजल, दूरसंचार, सोलर लाइट आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। प्रदेश की बुक्सा जनजाति के सभी 815 परिवारों को योजना से लाभ देकर उनकी सामाजिक सुरक्षा और विकास सुनिश्चित किया गया है। साथ ही 42 वनग्राम को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर उनका विकास किया गया है।
स्वरोजगार के क्षेत्र में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं वित्त विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से अब तक 1.08 लाख दलित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा है। साथ ही उनकी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 955.49 करोड़ रुपए स्वीकृत कर करीब 1.20 लाख दलितों को ऋण सहायता देकर आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया गया है। इनमें अधिकांश लाभार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान के साथ लोन मिला है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 1,951 दलित बहुल गांवों में 93,400 विकास कार्य कराए गए हैं। सोलर लाइट, शौचालय, पेयजल, सड़क और सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण से इन गांवों की तस्वीर बदली है। इनमें रहने वाले करीब 19 लाख वंचितों को इसका लाभ मिला।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े यह स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह योजना कितनी प्रभावशाली साबित हुई है। अब तक इस योजना का सबसे अधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है, जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है। वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं। बाबा साहेब के विचारों को समर्पित ये योजनाएं न केवल दलित समाज का सामाजिक और आर्थिक उत्थान कर रही हैं, बल्कि उन्हें गरिमा और आत्मसम्मान के साथ जीने का आधार भी दे रही हैं।
राजनीति
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर रजवी ने उठाए सवाल

बरेली, 14 अप्रैल। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के मदरसों के खिलाफ राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे अभियान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह कृत्य इंसाफ का गला घोंटना है।
शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सोमवार को अपने जारी एक बयान में कहा कि संविधान ने अल्पसंख्यकों को अपनी संस्थाएं खोलने, संचालन करने, शिक्षा देने के लिए खुली इजाजत दी है। अब ऐसी सूरत में मध्य प्रदेश के मदरसे पर बुलडोजर चलाना, उत्तराखंड सरकार का मदरसों को बंद करना संविधान के विरुद्ध कदम है। हुकूमत का कोई हक नहीं बनता कि वह मदरसों में बुलडोजर चलाए या उन्हें बंद करें। यह कदम इंसाफ का गला घोंटने वाला है। यह वही मदरसे हैं जिन्होंने 1857 से लेकर 1947 तक की जंगों में आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मौलाना ने उत्तराखंड सरकार से कहा है कि हल्द्वानी स्थित सील किए गए 13 मदरसों को फौरी तौर पर खोला जाए, अगर इन मदरसों में कागजात की कमी या बेहतर अंदाज में शिक्षा नहीं हो रही है, तो उसे दुरुस्त कराया जा सकता है, मगर मदरसों को बंद करने का आदेश देना सरासर इंसाफ का गला घोटना है।
मौलाना ने प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिन मदरसों को बगैर पंजीकरण के संचालन का आरोपी बनाया गया है, वे पहले से ही सोसाइटी एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत हैं, अब रह गई बात मान्यता की तो मान्यता देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है, और जिला प्रशासन मदरसों की मान्यता में लापरवाही से काम करता है। करप्शन के चक्कर और मोटी रकम मांगने की वजह से मदरसों के संचालक मजबूत पैरवी नहीं कर पाते हैं।
मौलाना ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार और उत्तराखंड सरकार अगर इसी तरह अल्पसंख्यकों की संस्थाओं के खिलाफ कार्य करती रहेगी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ पर भरोसा कायम करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
राजनीति
वक्फ पर ईमानदारी से नहीं हुआ था काम, सिर्फ भू माफियों को हुआ लाभ : पीएम मोदी

हिसार, 14 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर हरियाणा पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले हिसार हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और हिसार से अयोध्या के लिए सीधी उड़ान को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी ने जहां एक तरफ मंच से वक्फ कानून को लेकर अपनी सरकार की नई नीति के बारे में बताया, वहीं कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान का आरोप भी लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन से गरीबों का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था। अगर ईमानदारी से इसका उपयोग हुआ होता, तो मुसलमानों को साइकिल के पंचर बनाने की जरूरत नहीं होती। इससे सिर्फ भू-माफिया को ही फायदा हुआ। ये माफिया इस कानून के जरिए गरीबों की जमीन लूट रहे थे।”
पीएम मोदी ने वक्फ कानून को लेकर की गई गुहार का भी जिक्र किया। बताया कि सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने सरकार को पत्र लिखकर वक्फ कानून में बदलाव की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने इसमें संशोधन किया। पीएम मोदी ने कहा, “हमने बहुत बड़ा काम किया है। अब नए वक्फ कानून के तहत किसी भी आदिवासी की जमीन को, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में, वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा। नए प्रावधान वक्फ की पवित्र भावना का सम्मान करते हुए बनाए गए हैं।”
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि पार्टी ही संविधान की भक्षक बन गई।
उन्होंने कहा, “हमें ये भूलना नहीं चाहिए कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ क्या किया। जब तक बाबा साहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। दो-दो बार उन्हें चुनाव हरवाया। कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बाबा साहेब के विचारों को भी हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहा। डॉ. अंबेडकर संविधान के संरक्षक थे, लेकिन कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई है।”
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