राजनीति
‘नया संसद भवन बनाना अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने जैसा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी। कांग्रेस ने इस कदम को ‘अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने’ जैसा करार दिया। कांग्रेस ने दावा किया कि देश में विभिन्न संस्थानों का ‘अवमूल्यन’ हो रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, “नई इमारत की आधारशिला रखने का निर्णय हृदयहीन, संवेदनहीन और बेशर्मी से भरा है। खास कर ऐसे समय में जब देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। भाजपा लोगों को राहत देने के बजाय फालतू जुलूस निकाल रही है।”
उन्होंने कहा, “सरकार का ये कदम अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है। एक तरफ, काले कृषि कानूनों के माध्यम से भाजपा ने किसानों की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया, दूसरी तरफ वह जनता का पैसा भवन निर्माण पर खर्च कर रही है, जिसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन वो ऐसा कर रही है अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए।”
शेरगिल ने दावा किया कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन की आधारशिला रखने का काम ‘किसानों से रोटी छीनने के बाद केक की दुकान खोलने’ जैसा है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “डियर पीएम, संसद मोर्टार और पत्थर नहीं है; यह लोकतंत्र, संविधान, आर्थिक-राजनीतिक-सामाजिक समानता का प्रतीक है। यह 130 करोड़ भारतीय की आकांक्षा का प्रतीक है।”
उन्होंने पूछा, “इन मूल्यों को रौंदकर बनाई गई इमारत क्या दिखाती है?”
कांग्रेस केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का विरोध कर रही है और इसे रद्द करने की मांग कर रही है।
मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी और इसका ‘भूमि पूजन’ भी किया। 64,500 वर्ग मीटर में चार मंजिली इमारत 971 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी।
राजनीति
शिक्षकों को अब ट्रांसफर से जुड़ी परेशानी का नहीं करना पड़ेगा सामना, सीएम नीतीश कुमार ने दिया भरोसा

नई दिल्ली, 7 अगस्त। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रक्षाबंधन से पहले शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। शिक्षकों के ट्रांसफर संबंधित इस ऐलान से उन शिक्षकों को राहत मिलेगी जो अपने जिले से दूर दूसरे जिले में छात्रों को पढ़ाने जाते हैं।
सीएम नीतीश कुमार को शिक्षकों के ट्रांसफर से संबंधित कई सुझाव मिले हैं, जिसके तहत अब अंतर जिला ट्रांसफर से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए नई व्यवस्था लागू की जाएगी। सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों को ट्रांसफर से संबंधित समस्याएं हैं, उनसे तीन जिलों का विकल्प लिया जाए और उनकी पोस्टिंग उन्हीं जिलों में की जाए। यह निर्णय शिक्षकों की सुविधा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उठाया गया कदम है।
सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के स्थानान्तरण के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। इसकी समीक्षा के क्रम में मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निदेश दिया है कि अन्तर जिला स्थानान्तरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है, उनसे 3 जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा।”
जिलों के अंदर पदस्थापन का कार्य जिला पदाधिकारी की समिति द्वारा किया जाएगा ताकि यथासंभव इच्छित प्रखण्डों या उनके नजदीक उनका पदस्थापन हो सके।
सीएम ने आगे लिखा, “शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसीलिए मेरा विनम्र आग्रह होगा कि वे इस बारे में चिंतित न होकर बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए लगनपूर्वक काम करें।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (डोमिसाइल) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को संबंधित नियम में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया गया है।
राजनीति
ट्रंप टैरिफ को लेकर सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव

नई दिल्ली, 7 अगस्त। सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में स्थगन प्रस्तान पेश कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ पर चर्चा करने की मांग की है। इस टैरिफ से कुल शुल्क 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था, खासकर झींगा निर्यात उद्योग के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
ईडन ने अपने पत्र में लोकसभा महासचिव को बताया कि भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद और पुनर्विक्रय को कारण बताकर यह टैरिफ लगाया गया है। इसे उन्होंने अनुचित और राजनीति से प्रेरित करार दिया। यह “ट्रंप टैक्स” भारतीय समुद्री निर्यात, विशेष रूप से झींगा उद्योग को नुकसान पहुंचा सकता है, जो 2024-25 में 4.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार करता है। यह भारत के कुल समुद्री खाद्य निर्यात का 66 फीसद है।
अमेरिका की ओर से इक्वाडोर और ग्वाटेमाला जैसे देशों पर कम टैरिफ और उनकी भौगोलिक निकटता के कारण भारतीय झींगा निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता पर गहरा असर पड़ रहा है। ईडन ने चेतावनी दी कि यह उद्योग, जो लाखों लोगों को रोजगार देता है, संकट में पड़ सकता है।
उन्होंने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की। इनमें निर्यात संवर्धन मिशन शुरू करना, प्रभावित निर्यातकों को वित्तीय पैकेज देना और भारतीय बैंकों से मजबूत समर्थन सुनिश्चित करना शामिल है। साथ ही, पारगमन में फंसे शिपमेंट के लिए त्वरित समाधान की जरूरत पर भी जोर दिया।
ईडन ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय हित से जुड़ा बताते हुए सदन में तत्काल चर्चा की मांग की है। कांग्रेस सांसद का दावा है कि यह स्थगन प्रस्ताव भारतीय अर्थव्यवस्था और निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। ईडन के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो झींगा उद्योग सहित अन्य क्षेत्रों पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया।
व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है। ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे अब आधिकारिक रूप से लागू किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन के बाद केरल और महाराष्ट्र के 28 पर्यटकों के लापता होने की आशंका

कोच्चि: उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद केरल के मूल निवासी 28 सदस्यीय पर्यटकों का एक समूह लापता हो गया है। परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
समूह में शामिल एक जोड़े के रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि 28 व्यक्तियों में से 20 केरल के हैं और महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि शेष आठ केरल के विभिन्न जिलों से हैं।
उन्होंने बताया कि दम्पति के बेटे ने उनसे आखिरी बार एक दिन पहले बात की थी।
उन्होंने कहा, “उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह लगभग 8.30 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जा रहे थे। भूस्खलन उसी रास्ते पर हुआ। उनके जाने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं।”
उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी, जिसने 10 दिवसीय उत्तराखंड दौरे की व्यवस्था की थी, भी समूह के बारे में कोई जानकारी देने में असमर्थ रही।
उन्होंने कहा, “हो सकता है कि अब तक उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। उस क्षेत्र में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है।”
उत्तराखंड के पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के विशाल भूस्खलन में दब गया है। यह गाँव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है और यहाँ कई होटल और होमस्टे हैं।
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