अपराध
महाराष्ट्र में बेलगाम हुआ कोरोना

महाराष्ट्र में बेलगाम हो रहे कोरोना मामलों के कारण एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच वह लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, सीएम ने प्रदेश में फिर से तालाबंदी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया है। उन्होंने प्रदेश की जनता पर भरोसा जताया है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करेंगे और महामारी को बढ़ने से रोकने में सरकार की मदद करेंगे। सीएम उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार को एक दिन में ही प्रदेश में 25 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। महामारी की शुरुआत के बाद यह पहला ऐसा मौका है, जब इतने सारे लोग एक साथ कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। ठाकरे ने कहा कि राज्य में गंभीर होते जा रहे कोरोना के मामलों के बीच में आगे लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देखता हूं, लेकिन मैं राज्य के लोगों पर भरोसा करता हूं कि वे सहयोग करेंगे, जैसा उन्होंने पहले किया है।
ठाकरे ने कहा कि पिछले साल जब महामारी शुरू हुई थी, तब हमारे पास कुछ नहीं था लेकिन अब हमारे पास कम से कम वैक्सीन है। उन्होंने लोगों से अपील की कि बिना डरे वे लोग कोरोना का टीका लगवाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीका लगने के बाद भी संक्रमण होने के मामले सामने आए हैं लेकिन तब वायरस जानलेवा नहीं रह जाता। बता दें कि प्रदेश में कोरोना के विस्तार को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान किया है। इसके तहत 31 मार्च तक सिनेमाघर केवल 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित हो सकते हैं। इसके अलावा निजी दफ्तरों में 50 फीसदी स्टाफ बुलाने का निर्देश जारी किया गया है।
महाराष्ट्र के नागपुर में तेजी के साथ कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते 24 घंटों के भीतर प्रदेश में कोरोना के 3 हजार 235 नए मामले सामने आए हैं। एक हजार 245 लोग रिकवर हुए हैं। वहीं 35 लोगों की मौत हो गई है। जिले में अब तक कोरोना के कुल केसों की संख्या एक लाख 85 हजार 787 हो गई है। एक लाख 55 हजार 655 लोग रिकवर होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। 4 हजार 563 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। यहां अभी 25 हजार 569 ऐक्टिव मामले हैं।
अपराध
मुंबई अपराध: फर्जी नौकरी रैकेट चलाने और सरकारी पदों का वादा कर 18 उम्मीदवारों को ठगने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 ने एक नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पुलिस कांस्टेबल और एक राजनेता के बॉडीगार्ड बनकर रेलवे, आयकर विभाग और मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करके कई लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान विशाल कांबले (38) और साहिल गायकवाड़ (20) के रूप में हुई है, जो दोनों चेंबूर के माहुल गाँव के निवासी हैं।
पुलिस के मुताबिक, दोनों ने सरकारी नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके लगभग 18 लोगों से मोटी रकम ठगी की। उन्होंने पदों के लिए तय दरें तय कर रखी थीं—आयकर विभाग की नौकरी के लिए 17 लाख रुपये, रेलवे की नौकरी के लिए 10 लाख रुपये, और राज्य मंत्रालय में पोस्टिंग के लिए अलग से दरें।
मामला तब सामने आया जब माहुल निवासी राजश्री लाजरस (42) ने शिकायत दर्ज कराई कि कांबले ने आयकर विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ₹8 लाख लिए। इसमें से उसने ₹3.25 लाख लौटा दिए, लेकिन वादा की गई नौकरी नहीं दिलाई और ₹4.75 लाख की ठगी की।
कांबले ने बड़ी सावधानी से अपनी फर्जी पहचान बनाई थी। वह अक्सर पुलिस कांस्टेबल बनकर किसी वरिष्ठ नेता का अंगरक्षक होने का दावा करता था। उसके पास उस नेता के साथ तस्वीरें, एक फर्जी पहचान पत्र और उस नेता के नाम वाले लेटरहेड भी थे, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।
छापे के दौरान, पुलिस ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिनमें राजनेता आदित्य ठाकरे के साथ कांबले की एक तस्वीर की फोटोकॉपी, मुंबई आयकर आयुक्त के नाम की मुहर लगे दस्तावेज, रोशन लाजरस के नाम वाली एक फर्जी रीज्वाइनिंग सूची और मुंबई के आयकर उपायुक्त की मुहर वाले अन्य जाली कागजात शामिल थे।
दोनों आरोपियों को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने नागरिकों से ऐसे नौकरी रैकेट से सावधान रहने और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सरकारी नौकरी के सभी प्रस्तावों की जांच करने का आग्रह किया है।
अपराध
ठाणे अपराध: आबकारी विभाग ने 1.56 करोड़ रुपये की शराब जब्त की, चालक गिरफ्तार

ठाणे: ठाणे में राज्य आबकारी विभाग ने बुधवार को गोवा में निर्मित 1,400 पेटी भारतीय विदेशी शराब और ₹1.56 करोड़ मूल्य की एक गाड़ी जब्त की और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान पेशे से ड्राइवर मोहम्मद समशाद सलमानी के रूप में हुई है।
एक गुप्त सूचना के आधार पर, आबकारी दस्ते ने एक संदिग्ध टेंपो को रोका और जाँच के दौरान शराब के कार्टन बरामद किए। वाहन सहित ज़ब्त की गई खेप की कुल कीमत ₹1,56,63,800 आंकी गई है।
सलमानी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कमिश्नर डॉ. राजेश देशमुख की देखरेख में इंस्पेक्टर महेश प्रकाश धनशेट्टी और उनकी टीम ने यह कार्रवाई की। टेम्पो और शराब की पेटियाँ दोनों जब्त कर ली गई हैं और अधीक्षक प्रवीण तांबे के मार्गदर्शन में आगे की जाँच जारी है।
अपराध
झारखंड हाईकोर्ट से जमानत के बाद भारत से फरार हुआ नाइजीरिया का साइबर क्रिमिनल, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

suprim court
रांची/नई दिल्ली, 3 सितंबर। झारखंड में साइबर फ्रॉड की बड़ी वारदात का आरोपी एक नाइजीरियाई नागरिक हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भारत छोड़कर भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत में आपराधिक वारदात अंजाम देने वाले विदेशी नागरिक अक्सर अदालत से बेल मिलने के बाद देश छोड़कर भाग जाते हैं।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर नाइजीरियाई नागरिक की जमानत रद्द कर दी। हालांकि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने की वजह से भारत सरकार ने उसे फिलहाल वापस लाने में असमर्थता जताई है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निष्पादित करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह ऐसे कदम उठाए कि भारत में अपराध के आरोपी विदेशी नागरिक बेल मिलने के बाद भागकर मुकदमे से बच न सकें।
न्यायालय ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है। नाइजीरियाई नागरिक को झारखंड पुलिस ने 2019 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत गिरफ्तार किया था। उसपर गिरिडीह निवासी कारोबारी निर्मल झुनझुनवाला से साइबर फ्रॉड के जरिए 80 लाख रुपए की ठगी का आरोप था।
गिरफ्तारी के बाद दो साल से अधिक समय तक वह झारखंड की जेल में रहा। झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मई, 2022 को उसे जमानत दी थी, लेकिन वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर नाइजीरिया भाग गया। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से उसकी बेल रद्द करने का आवेदन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर पहले भी नवंबर 2024 में चिंता जताई थी कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में विदेशी नागरिक जमानत मिलने के बाद देश छोड़ देते हैं। न्यायालय ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया या नीति के अभाव में भारतीय प्राधिकरण असहाय रहते हैं, खासकर उन देशों में जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
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