राजनीति
कांग्रेस का मप्र में हो चुका है सफाया, भाजपा उपचुनाव में सभी सीटें जीतेगी : उमा भारती

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में इस समय कांग्रेस समाप्त हो गई है। ऐसी स्थिति में वहां होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा सभी सीटों पर भारी मतों से विजय हासिल करेगी।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अयोध्या ढांचा विध्वंस प्रकरण में अपना बयान दर्ज कराने लखनऊ पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि कांग्रेस और भाजपा मिलकर वहां अब एक पार्टी हो गई है। इसलिए कांग्रेस खत्म हो गई है। उपचुनाव में दोनों दल एक साथ होकर लड़ेंगे, इसलिए मप्र की सभी 24 सीटों पर भाजपा की जीत पर अब कोई शंका नहीं है।
हाल में मध्यप्रदेश में हुए मंत्रिमंडल के विस्तार में सामाजिक संतुलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा से बात हो गई है। एक-दो दिन में दोनों लोगों से मिलकर इस मामले का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
यह पूछने पर कि आपका राजनीतिक वनवास कब खत्म होगा, उन्होंने कहा कि मैंने वनवास बिल्कुल नहीं ले रखा है। मैं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं। चुनाव नहीं लड़ा है। आप चुनाव लड़ने को राजनीति क्यों समझते हैं। भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावना पर कहा, “मैंने 2019 का चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था और तब कहा था कि वर्ष 2024 का चुनाव लड़ूंगी। यह नहीं कहा था कि अब चुनाव नहीं लड़ूंगी।”
रामजन्मभूमि आंदोलन में आप और साध्वी ऋतंभरा आदि काफी बड़ी भूमिका में रहे हैं। अब जब रामजन्मभूमि ट्रस्ट बना तो क्या उसमें महिलाओं की भागीदारी नहीं होनी चाहिए, इस सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि जो ट्रस्ट होते हैं, वे जेंडर के लिए नहीं होते। वे लक्ष्य के लिए हैं, क्या फर्क पड़ता है। यह सीताराम जी के लिए हैं। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसमें साधु संत हैं। ट्रस्ट बहुत अच्छा है। मुझे बहुत खुशी है। महिला पुरूष रखे जाने के लिए ट्रस्ट बनाने वाले से पूंछा जाए। मेरी तरफ से कोई दिक्कत नहीं है। मैं बहुत खुश हूं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में क्या बदलाव देख रही हैं आप, यह पूछने पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि उनके आने से कोई बदलाव नहीं हुआ है। हमको पहले ही बहुमत है। ज्योतिरादित्य के आने से यही फर्क पड़ा कि कांग्रेस खत्म हो गई वहां। कांग्रेस को फर्क पड़ा है।
यह पूछने पर कि आपका राजनीतिक अनुभव काफी है, क्या अभी मप्र में लोग आपसे सलाह लेते हैं, उन्होंने कहा कि वहां के लोग राजनीतिक सलाह लेते हैं। हालांकि सलाह की उम्र में अभी आई नहीं हूं क्योंकि शिवराज से भी छोटी हूं। लेकिन, वो सलाह लेने आते हैं मेरे पास। मुझसे पूछते हैं।
इस सवाल पर कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में आपकी नजर में सवरेत्तम कौन है, उन्होंने कहा, “भैया तुम झगड़ा करवाओगे क्या। हम नहीं बताएंगे। यही जवाब है।”
यह याद दिलाने पर कि आपने गंगा को साफ करने का संकल्प लिया था लेकिन अभी भी वो मैली हैं, इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्मल गंगा के सारे प्रोजेक्ट लॉकडाउन की वजह से रुके हैं। कानपुर के सबसे बड़ा नाला, सीसामऊ का नाला बन्द हुआ। दुनिया में सबसे बदनाम नाला था। गंगा सफाई में पहला चरण 3 साल, दूसरा चरण 7 साल और अंतिम चरण 10 साल होगा। उसी क्रम में काम हो रहा है। कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रुचि लेते हैं। उनकी आस्था है। इसीलिए उन्होंने गंगा का अलग मंत्रालय बनाया है।
आप यूपी की भी राजनीति में रही हैं, यहां विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष उनकी आवाज दबाने का प्रयास कर रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “विपक्ष की आवाज में कमी होगी तभी दब रही है उनकी आवाज। उनकी आवाज कमजोर है। उन्हें तेज आवाज लगानी चाहिए। मैं अभी भी यूपी की राजनीति में हूं।”
एक अन्य सवाल के जवाब में साध्वी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण होना है। इसको लेकर पूरा देश खुश है। यह बहुत ही गौरव का विषय है।
महाराष्ट्र
पुणे और मुंबई से 6 बांग्लादेशी महिलाएं और एक पुरुष गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस ने मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। मुंबई पुलिस एटीसी से मिली सूचना के आधार पर मुंबई के अंधेरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशन की सीमा में बायजीद अयूब शेख को हिरासत में लिया गया। उसके दस्तावेजों और आधार कार्ड की जांच की गई। पता चला कि वह बांग्लादेशी है और यहां अवैध रूप से रह रहा है। उसने बताया कि अंधेरी इलाके में कई बांग्लादेशी महिलाएं हैं। इसके बाद दो संदिग्ध महिलाओं को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी बायजीद ने पुणे में भी अपने साथ महिलाओं को बसाया है।
पुणे से दो बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया गया। इनमें से एक अती शेख पर मुंबई में अवैध रूप से रहने का नागपाड़ा में मामला दर्ज है। चारों महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया है। इस मामले में पुणे मुंबई पुलिस ने बयाजिद अयूब शेख,नसरीन बेगम, रोजनी अख्तर, कोकिला बख्तर, रोमा बेगम, पाखी मुस्तफा बेगम, कोहिनूर अख्तर बेगम समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने छह महिलाओं और एक बांग्लादेशी पुरुष को गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन को मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर एडिशनल कमिश्नर परमजीत सिंह दहिया और डीसीपी दत्ता नलवाडे ने अंजाम दिया।
महाराष्ट्र
मुहर्रम थाना: आशूरा और आषाढ़ी एकादशी से पहले पुलिस अलर्ट, सोशल मीडिया पर नजर, उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी

मुंबई: मुहर्रम और आशुरा के मद्देनजर पुलिस ने थाने में विशेष इंतजाम करने का दावा किया है। पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे ने बताया कि आशूरा और आषाढ़ी एकादशी पर शोक और मातम के छोटे-छोटे जुलूस भी निकलते हैं। ऐसे में दोनों जुलूसों के बीच टकराव से बचने के लिए कई जगहों पर रूट भी बदला गया है। उन्होंने कहा है कि शिया-सुन्नी सांप्रदायिक झड़पों की पृष्ठभूमि में शोक और मातम के लिए रूट भी अलग-अलग रखे गए हैं, इसके साथ ही पुलिस पूरी तरह से तैयार और सतर्क है।
आशुतोष डुंबरे ने एक विशेष बैठक में कहा कि मुहर्रम और आशुरा के मद्देनजर संयुक्त सभाएं होती हैं, ऐसे में पुलिस विवादित टिप्पणियों और अन्य अपमानजनक पोस्ट और सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखेगी। मुहर्रम और आषाढ़ी एकादशी के चलते थाने आयुक्तालय में शांति समितियों की औपचारिक बैठक भी हुई। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द के लिए थाना आयुक्तालय सिर्फ त्योहारों पर ही काम नहीं करता, बल्कि पूरे साल शांति समिति और मोहल्ला समिति सक्रिय रहती है और उपद्रवियों पर नजर रखी जाती है। उन्होंने कहा कि भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करना पुलिस की प्राथमिकताओं में शामिल है, ऐसे में सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए थाना स्तर पर बैठकें की जाती हैं। आशुतोष डुंबरे ने कहा कि आशुरा की पृष्ठभूमि में थाने में सुरक्षा के सारे इंतजाम किए गए हैं और रूट पर भी इंतजाम किए गए हैं।
इतना ही नहीं, थाना, मुंब्रा, राबोड़ी, इल्हास नगर, भिवंडी, डोंबिवली कल्याण में बड़े पैमाने पर शोक और मातम के जुलूस निकाले जाते हैं, ऐसे में उनके रूट पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आषाढ़ी एकादशी को देखते हुए पुलिस ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि मुहर्रम और आषाढ़ी एकादशी के जुलूसों में किसी तरह की झड़प न हो और इसलिए उनके रूट से जुड़े रूट में भी बदलाव किया गया है। पुलिस पूरी तरह सतर्क है। सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि सोशल मीडिया पर भड़काऊ या नफरत फैलाने वाले संदेश फैलाकर माहौल खराब करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। थाना स्तर पर भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। डोम्ब्रे ने कहा कि माहौल खराब करने वालों पर नजर रखने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई का भी आदेश दिया गया है और उपद्रवियों की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
राजनीति
राज ठाकरे की पहल और उद्धव हुए राजी, संदीप देशपांडे ने बताया, कैसे बनी ‘संयुक्त मार्च’ पर सहमति

मुंबई, 27 जून। महाराष्ट्र में 20 साल के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे राजनीतिक मंच साझा करेंगे। हिंदी भाषा के विरोध में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का साथ देते हुए संयुक्त मार्च का ऐलान किया है। इस फैसले की जानकारी शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत की तरफ से दी गई। फिलहाल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने संयुक्त मार्च को लेकर बनी सहमति के बारे में बताया है।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, “राज ठाकरे ने सामने आकर संजय राउत को फोन किया। उन्होंने एक ही मार्च निकालने के लिए कहा। मार्च की तारीख को लेकर मतभेद जरूर था, उसे दूर कर 5 जुलाई को मार्च निकालने पर सहमति बनी है।”
देशपांडे ने कहा कि 5 जुलाई की रैली मराठी गौरव के लिए है, राज या उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नहीं। उन्होंने कहा, “ये जो संयुक्त मार्च 5 जुलाई को निकलने वाला है, ये न तो राज ठाकरे का मार्च है और न ही उद्धव ठाकरे का है। ये मार्च मराठी मानुष का है। इसे संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई पार्ट-2 कहेंगे।”
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का फैसला लिया था। सबसे पहले राज ठाकरे ने फैसले का विरोध शुरू किया। गुरुवार को उन्होंने 7 जुलाई को मुंबई में मार्च निकालने की घोषणा की। उसके बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से उस मार्च को समर्थन दिया गया। हालांकि, साथ ही उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को अपना आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया।
इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों का एकजुट मार्च होगा। 5 जुलाई को दोनों नेता संयुक्त मार्च करेंगे।
संयुक्त मार्च पर मनसे नेता देशपांडे ने कहा कि जब-जब मराठी भाषा पर आक्रमण होगा, तब-तब सभी मराठी एक साथ आकर सबक सिखाएंगे। इस तरह का संदेश देशभर में जाना चाहिए।
उन्होंने बीजेपी पर उत्तर भारतीय वोट हासिल करने के लिए हिंदी-मराठी मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। देशपांडे ने कहा, “बीजेपी को राजनीति करने की आदत है। हिंदी-मराठी भाषा विवाद निकाला किसने? उत्तर भारतीयों का वोट पाने के लिए हिंदी शक्ति का निर्णय लिया गया। हम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।”
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