राजनीति
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर
मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा क्षेत्रों में निकट भविष्य में उपचुनाव होना है। ये उपचुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), दोनों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इनमें 22 पूर्व विधायकों के दल बदल लेने से कांग्रेस के सामने जाने-पहचाने चेहरों का संकट खड़ा हो गया है। लिहाजा, उसने भाजपा के असंतुष्ट नेताओं पर नजर पैनी कर दी है।
राज्य में विधानसभा के उपचुनाव बड़े रोचक होने वाले हैं और इन उपचुनावों की खास अहमियत है, क्योंकि इन चुनावों के नतीजों का सीधा असर सरकार के स्थायित्व पर पड़ने वाला है। वर्तमान में भाजपा की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार है, मगर इस सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम नौ विधायकों की और जरूरत है। भाजपा ने लगभग यह तय कर लिया है कि जो 22 पूर्व विधायक कांग्रेस छोड़कर आए हैं, उन्हें उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाएगा, इसके चलते भाजपा में कई क्षेत्रों से असंतोष की सुगबुगाहट भी नजर आने लगी है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा में संभावित असंतोष पर कांग्रेस की खास नजर है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 22 विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के जाने पहचाने चेहरे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस के जिन 22 पूर्व विधायकों ने पार्टी छोड़ी है, इनमें से कई ऐसे नेता हैं जो एक बार से ज्यादा विधायक चुने जा चुके हैं और इन नेताओं ने अपने क्षेत्र में दूसरा कांग्रेसी नेतृत्व पैदा ही नहीं होने दिया। कांग्रेस के सामने यही सबसे बड़ा संकट है कि वह किस नए चेहरे पर दाव लगाएं, यही कारण है कि कांग्रेस ने भाजपा के असंतुष्टों से करीबी बनाना शुरू कर दिया है।
देवास जिले से हाटपिपल्या के पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी ने कांग्रेस से भाजपा में आए मनोज पटेल केा उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाओं के बीच अपनी नाराजगी जाहिर की तो उसे कांग्रेस ने हाथों हाथ लपक लिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दीपक जोशी को लेकर तो यहां तक कहा, “दीपक जोशी उस महान व्यक्ति के सुपुत्र है, जिसने जीवन संघ और भाजपा में लगाया। वह एक ईमानदार व्यक्ति का ईमानदार पुत्र है।”
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस भाजपा के उन नेताओं से लगातार संपर्क कर रही है जो असंतुष्ट हैं। इसी क्रम में कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू को वापस पार्टी में लिया है और वह उन्हें सांवेर से तुलसीराम सिलावट के खिलाफ चुनाव मैदान में भी उतारना चाहती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेई कुछ स्थानों पर असंतोष की बात को अपरोक्ष रूप से स्वीकारते हैं और कहते हैं, “वर्तमान में चल रहीं गतिविधियों का जनमत से कोई सरोकार नहीं है। यह तो राजनेताओं के राजनीतिक अस्तित्व (पॉलिटिकल पोजिशनिंग) से जुड़ा हुआ मामला है। आने वाले समय में सब ठीक हो जाएगा।”
भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी ने असंतुष्टों के असंतोष को कम करने की रणनीति बनाई है। इनको संचालन और प्रबंध समिति में शामिल किए जाने के साथ विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी भी इन्हें सौंपी है। इसके अलावा, उनके मान-सम्मान को बनाए रखने के लिए आगामी समय में सत्ता में हिस्सेदारी का भी भरेासा दिलाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा इस बात को नकारते नहीं हैं कि कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर है। वे कहते हैं, “किसी भी दल का प्रभावशाली और जनाधार वाला नेता जब दूसरे दल में जाता है तो उसका राजनीतिक मायने कहीं ज्यादा होता है, मतदाता के बीच एक धारणा (पब्लिक परसेप्शन) बनती है, सभी दल यही कोशिश भी करते हैं। वर्तमान में कांग्रेस की भी यही कोशिश है। उम्मीदवार किसे बनाया जाएगा, यह तो पार्टी ही तय करेगी।”
राजनीति के जानकारों का मानना है कि अभी कांग्रेस से बगावत कर बड़ी संख्या में नेता भाजपा में गए हैं और भाजपा को सत्ता की कमान मिल गई। साथ ही, कांग्रेस संगठन को झटका लगा है। अब कांग्रेस इस कोशिश में है कि भाजपा के असंतोष का लाभ उठाया जाए, मगर कांग्रेस के लिए यह आसान नहीं है। कारण कि भाजपा में नेताओं पर संगठन का दवाब होता है, राज्य और केंद्र में भाजपा की सत्ता है, इन हालात में भाजपा से बगावत करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं रहने वाली है। यही कारण है कि भाजपा ने किसी भी असंतोष को दबाने के अभी से प्रयास तेज कर दिए हैं।
राजनीति
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण बैठक, बिहार चुनाव की तैयारियों पर जोर

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: चुनाव आयोग शुक्रवार को एक अहम बैठक करने जा रहा है।
इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ वर्चुअली शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करना है। बैठक में चर्चा का मुख्य विषय यह रहेगा कि बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो। इसके लिए पूरी रूपरेखा इस बैठक में निर्धारित की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस समिति में 17 विभाग शामिल हैं, जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बैंक संघ (आईबीए), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और डाक विभाग शामिल हैं।
बैठक में बिहार चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा अवैध खर्च पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा होगी। इसके लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सक्रिय और निवारक कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही, आर्थिक अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा, अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के जरिए नकली मुद्रा, ड्रग्स, शराब और नकदी की तस्करी रोकने के उपायों पर भी विचार-विमर्श होगा। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव हो, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। इस बैठक के बाद सभी एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी रहे।
अपराध
आईआईटी बॉम्बे हॉस्टल वीडियो रिकॉर्डिंग विवाद में पूर्व एमटेक छात्र पर मामला दर्ज

CRIME
मुंबई, 17 अक्टूबर: मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के हॉस्टल में छात्रों की निजता भंग करने का एक गंभीर मामला सामने आया है। पवई पुलिस ने संस्थान के एक 32 वर्षीय पूर्व एमटेक छात्र के खिलाफ हॉस्टल के अंदर छात्रों की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना हॉस्टल नंबर 14 में हुई, जहां आरोपी ने लड़कों के बाथरूम में नहाते हुए छात्रों के चुपके से वीडियो रिकॉर्ड किए। हॉस्टल में रह रहे एक छात्र ने संदिग्ध गतिविधि देखी और तुरंत आईआईटी बॉम्बे के सुरक्षा विभाग को सूचित किया।
जांच में पता चला है कि आरोपी ने जून 2025 में एमटेक की पढ़ाई पूरी की थी और वह नौकरी की तलाश में था। वह एक दोस्त से मिलने के उद्देश्य से कैंपस में आया था, क्योंकि उस समय प्लेसमेंट प्रक्रिया चल रही थी। वह अपने दोस्त के कमरे में रुका हुआ था और उसी दौरान उसने यह सब किया। छात्रों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।
पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की जांच में कुछ आपत्तिजनक वीडियो मिलने की पुष्टि की है। हालांकि, शुरुआत में न तो छात्रों और न ही सुरक्षा अधिकारियों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में रुचि दिखाई थी। बाद में, पुलिस ने आईआईटी बॉम्बे के सुरक्षा अधिकारी का बयान दर्ज किया, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की धारा 66 (ई) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा बिना सहमति के किसी की निजी तस्वीर या वीडियो कैप्चर या साझा करने पर लागू होती है।
इस घटना से हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, क्योंकि उन्हें अपनी निजता भंग होने का डर सता रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसूर्या पीएम मोदी से करेंगी मुलाकात

PM MODI
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या दो दिवसीय यात्रा पर भारत में मौजूद हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन आज वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी।
इससे पहले श्रीलंकाई पीएम ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज भी पहुंची। वह हिंदू कॉलेज में कार्यक्रम में शामिल हुईं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और गहरी एवं बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाती है। यह भारत के ‘महासागर विजन’ और उसकी ‘पड़ोसी पहले’ नीति से प्रेरित होकर मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।”
दूसरी ओर मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती दो दिवसीय दौरे पर भारत में मौजूद हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। आज वह भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले मिस्र के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारत और मिस्र ग्लोबल साउथ की प्रगति और विश्व मामलों में राष्ट्रों की स्वतंत्रता एवं चयन की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एकजुटता निश्चित रूप से आज हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी।”
उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती का दो दिवसीय भारत दौरे पर स्वागत भी किया। बता दें, विदेश मंत्री के रूप में अब्देलती की यह पहली भारत यात्रा है। ईएमए जयशंकर ने बताया कि पहली भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है, जिसमें 2023 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक संबंधों के बेहतर होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग देखा गया है।
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