अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन ने कथित सैन्य संबंधों वाली फर्मो की अमेरिकी सूची का विरोध किया
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को अमेरिका से एकतरफा और धमकाने वाले व्यवहारों को रोकने का आग्रह किया और कहा कि यह चीनी उद्यमों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिका द्वारा 58 चीनी कंपनियों को कथित सैन्य संबंधों वाली कंपनियों की सूची में रखने के बाद चीन ने यह टिप्पणी की।
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ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स पर हमले को बताया ‘आतंकी कृत्य’, वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का दिया आदेश

TRUMP
वाशिंगटन, 27 नवंबर: अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड्समैन गंभीर रूप से घायल हो गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया। राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार शाम (स्थानीय समय) देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह घिनौना हमला बुराई, नफरत और आतंक का काम था। यह देश और इंसानियत के खिलाफ एक जुर्म था।”
उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है, जो धरती पर एक नरक है।” इसके साथ ही उन्होंने हमलावर को शरणार्थी स्टेटस के तहत देश में आने देने के लिए पिछली बाइडेन सरकार को दोषी ठहराया।
इससे पहले अमेरिकी मीडिया ने कथित शूटर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में की थी। वह एक अफगानिस्तानी नागरिक है, जो 2021 में देश में आया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने बाइडेन सरकार के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करने का भी वादा किया।
उन्होंने आगे कहा, “हमें अब अफगानिस्तान से हमारे देश में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करनी चाहिए, और हमें किसी भी देश से किसी भी नागरिक को हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए जो यहां का नहीं है या हमारे देश को फायदा नहीं पहुंचाता है। अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते तो हम उन्हें नहीं चाहते हैं।”
ट्रंप ने वाशिंगटन शहर की सुरक्षा में मदद के लिए 500 और सैनिकों की तैनाती की भी घोषणा की। गोलीबारी व्हाइट हाउस से 500 मीटर से भी कम दूरी पर हुई। पश्चिमी वर्जीनिया से वाशिंगटन में तैनात दो नेशनल गार्ड की हालत अभी भी गंभीर है।
अभी वाशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड तैनात हैं, जिनमें डीसी डीसी नेशनल गार्ड के लगभग 958 और आठ दूसरे राज्यों के लगभग 1,300 सैनिक शामिल हैं।
एक घंटे पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “मैं ठीक रात 9:15 बजे हमारे ग्रेट नेशनल गार्ड योद्धाओं पर हुए भयानक हमले पर बोलूंगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दें!”
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इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट ने बढ़ाई टेंशन, भारत से चीन की ओर निकला राख का गुबार

नई दिल्ली, 26 नवंबर: इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी करीब 10-12 हजार साल बाद फिर से फटा है। ज्वालामुखी से निकली राख भारत होते हुए अब चीन की ओर बढ़ चुकी है। ज्वालामुखी की राख भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तक देखने को मिली। इसका असर भारतीय एयरलाइंस सर्विस पर भी दिखा। वहीं अब ये ज्वालामुखी की राख चीन की टेंशन बढ़ाने वाली है।
भारतीय मौसम विभाग की ओर से साझा जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी से निकली राख का बादल इथियोपिया के लाल सागर से होते हुए यमन, ओमान, अरब सागर के ऊपर से पश्चिमी भारत से फिर उत्तर भारत तक पहुंचा।
ताजा जानकारी के अनुसार अब ये राख का बादल भारत से निकलकर चीन की ओर बढ़ गया है। बता दें, यह ज्वालामुखी करीब 12 हजार सालों तक शांत रहने के बाद फटा है। ज्वालामुखी की राख आसमान में लगभग 14 किलोमीटर ऊपर तक उठी।
हालांकि, भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि इस राख के बादल से कोई खतरा नहीं है। हालांकि, राख के बादल के भारत में दस्तक देने के बाद देश में कई उड़ानों का रूट डायवर्ट कर दिया गया। कुछ उड़ानें रद्द भी की गईं।
इससे पहले आईएमडी ने बताया था कि मंगलवार को राख का गुबार गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के ऊपर चला गया। हालांकि यह बादल ज्यादातर वायुमंडल के बीच के स्तर पर बना रहा, लेकिन इसकी वजह से कुछ समय के लिए विमानों के संचालन में रुकावट आई और अधिकारियों को एविएशन के लिए सेफ्टी एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है।
‘इंडियामेटस्काई वेदर’ के अनुसार, इस गुबार में ज्यादातर सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) है और ज्वालामुखी की राख कम से मीडियम कंसंट्रेशन में है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इसका एक्यूआई पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन नेपाल की पहाड़ियों पर हो सकता है।
इंडियामेटस्काई वेदर ने कहा, “ऐश प्लम में ज्यादातर सल्फर डाइऑक्साइड है और ज्वालामुखी की राख कम से मीडियम मात्रा में है। यह अब ओमान-अरब सागर क्षेत्र से उत्तर और मध्य भारत के मैदानी इलाकों तक फैल रहा है। यह एक्यूआई लेवल पर असर नहीं डालेगा, लेकिन यह नेपाल की पहाड़ियों, हिमालय और उत्तर प्रदेश के आस-पास के तराई इलाके में एसओ2 लेवल पर असर डालेगा, क्योंकि कुछ मटीरियल पहाड़ियों से टकराएगा और बाद में चीन चला जाएगा।”
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि मैदानी इलाकों में राख गिरने की संभावना कम है, लेकिन यह प्लम धीरे-धीरे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के ऊपर से गुजरता रहेगा, लेकिन सतह की हवा की क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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बांग्लादेश: महिला हिंसा में बढ़ोतरी, 9 महीने में 663 रेप केस दर्ज

ढाका, 25 नवंबर: अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर बांग्लादेश की दर्दनाक हकीकत बयां करती रिपोर्ट सामने आई है। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को एक खौफनाक आंकड़ा पेश किया। बताया कि 2025 के पहले नौ महीनों में ही 663 महिलाओं का रेप हुआ।
हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
ढाका के ह्यूमन राइट्स सपोर्ट सोसाइटी (एचआरएसएस) ने एक आंकड़ा जारी किया है। इसमें महिला हिंसा की खतरनाक तस्वीर पेश की गई है। बताया गया है कि कैसे कानून-व्यवस्था का गलत इस्तेमाल कर महिला अत्याचार में बढ़ोतरी हो रही है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप महिला अधिकारों को रोकने में असफल रही है।
ढाका ट्रिब्यून से बात करते हुए सुल्ताना कमाल ने दावा किया कि बताई गई संख्या देश भर में हो रही बड़े पैमाने पर हिंसा का सिर्फ एक हिस्सा है।
उन्होंने कहा, हमें बलात्कार और ज्यादती का पता तभी चल पाता है जब वो मीडिया तक पहुंचती है, ज्यादातर तब जब कोई हत्या होती है या फिर कोई जघन्य अपराध होता है। कई मामले हैं जो सामने आ ही नहीं पाते। अभी जो हम देख पा रहे हैं वो काफी खौफनाक है।
सुल्ताना मानती हैं कि रेप और यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामले दर्शाते हैं कि महिला अधिकारों और उनके सम्मान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “एक आजाद मुल्क जहां सबको अपने इतिहास और संस्कृति पर नाज है, वहां मात्र नौ महीनों में 600 से ज्यादा महिलाओं का बलात्कार शर्मनाक है। ये बताता है कि हमारा परिवार, समाज और पूरा देश महिलाओं की कितनी अनदेखी करता है।”
सुल्ताना के अनुसार अपराधी बेखौफ हैं; उन्हें अपराध के बाद दोषी ठहराए जाने का खौफ नहीं है। सजा से बच जाने का भरोसा उन्हें हिम्मत दे रहा है। उन्होंने कहा, “पहले अपराधियों के अंदर खौफ था। उन्हें लगता था कि अगर ऐसे अपराध किए तो सजा तय होगी, लेकिन अब उससे वो आजाद हैं। जब महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ ठोस फैसला नहीं लिया जाता तो हिंसा जारी रहती है। ये महिला के सम्मान और उसकी पवित्रता पर सीधा हमला होता है।”
इसके अलावा, बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फवजिया मोस्लेम ने भी माना कि लड़कियों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी बहुत चिंताजनक है।
उन्होंने कहा, “कई महीनों में, लड़कियों पर ज्यादती बढ़ी है। इससे पता चलता है कि हालात कितने बदतर हैं। लॉ एंड ऑर्डर इतनी तेजी से बिगड़ गया है कि महिला विरोधी सोच आम हो गई है।”
महिला नेताओं पर हमलों से लेकर आम आने-जाने वालों पर हमलों तक की घटनाओं को हाईलाइट करते हुए, फवजिया ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कोई एक्शन न लेने के लिए आलोचना की और कहा कि इससे देश में “महिला विरोधी ताकतों और आतंकियों” को हिम्मत मिली है।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 महीनों में महिला विरोधी दुष्प्रचार बहुत बढ़ गया है। समाज, शिक्षा और कल्चरल तरीकों को बदलना होगा। नहीं तो, इन अपराधों को रोकना बहुत मुश्किल होगा।”
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