राजनीति
बीजेपी किसान मोर्चा के नेता ने आंदोलन को हल करने के लिए सरकार को दिए 5 बड़े सुझाव

किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे नरेश सिरोही ने सरकार को 5 अहम सुझाव भेजे हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून सिर्फ किसानों ही नहीं बल्कि देश की 138 करोड़ की आबादी को प्रभावित करने वाले हैं। ऐसे में सभी के हितों का ध्यान रखते हुए बीच का सुगम रास्ता निकालना जरूरी है। बीजेपी किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर 90 के दशक में कृषि क्षेत्र में हुए बदलाव के बाद, वर्तमान में बनाए गए तीनों कानूनों को कृषि क्षेत्र में सुधारों की बड़ी पहल माना जाना चाहिए। इन कानूनों से केवल किसान ही नहीं, उपभोक्ता सहित कृषि का व्यापार करने वाले बड़े कॉरपोरेट ,खाद्य प्रसंस्करण में लगी इंडस्ट्री ,थोक विक्रेता, सामान्य खुदरा विक्रेता सहित सभी लोग प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा, “ये तीनों कानून देश में उत्पादित लगभग 30 करोड़ टन खाद्यान्न, लगभग 32 करोड़ टन फल सब्जी, लगभग 19 करोड़ टन दूध सहित लगभग एक अरब से ऊपर कृषि उत्पादों के बाजार वाली कृषि क्षेत्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, समस्त 12 हजार अरब रुपए की खुदरा बाजार की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले हैं।”
नरेश सिरोही ने सरकार को 5 प्रमुख सुझाव पर अमल कर किसान आंदोलन का समाधान निकालने की बात कही है। पहला सुझाव मंडी के अंदर और बाहर एक समान व्यवस्था और पंजीकरण सिस्टम का है। उन्होंने कहा है कि, “किसानों की एपीएमसी मंडियां बंद होने की आशंका निर्मूल नहीं है। वर्तमान मंडियों में फसलों की खरीद पर अलग-अलग राज्यों में छ प्रतिशत से लेकर साढे आठ प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा रहा है। परंतु नई व्यवस्था में मंडियों के बाहर कोई टैक्स नहीं लगेगा, इससे मंडियों के अंदर और बाहर कृषि व्यापार में विसंगति पैदा होंगी। जिसके कारण इस तरह की परिस्थितियां निर्माण होगी कि मंडियां बिना कानून के स्वत: ही बंद होती चली जाएंगी। एक तरफ सरकार संपूर्ण देश में एक देश-एक टैक्स व्यवस्था को लागू करने के लिए जीएसटी जैसा मजबूत कानून लेकर आती है तो दूसरी ओर कृषि उत्पादों के व्यापार में विसंगतियां पैदा होने के खतरे को पैदा कर रही है। इसलिए कृषि व्यापार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए मंडियों के अंदर और बाहर एक समान टैक्स व्यवस्था तथा मंडियों के अंदर व्याप्त विसंगतियों को दूर कर उन्हें सुदृढ़ करने के लिए अपेक्षित उपाय किए जाने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि किसान यह भी चाहते हैं कि मंडियों के बाहर कृषि का कारोबार करने वाले किसी भी व्यक्ति का केवल पैन कार्ड ही नहीं उसका पंजीकरण भी अवश्य होना चाहिए।
उन्होंने दूसरा सुझाव एमएसपी की गारंटी का दिया है। कहा कि, “देश का किसान घाटे की खेती कर रहा है इसलिए किसानों की मांग है कि निजी क्षेत्र द्वारा भी कम से कम एमएसपी पर खरीद की वैधानिक गारंटी चाहते हैं, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य )से नीचे फसलों की खरीद कानूनी रूप से प्रतिबंधित हो। “
तीसरा सुझाव कृषि न्यायालय का है। किसानों और व्यापारी के बीच में विवाद निस्तारण के लिए एसडीएम कोर्ट की स्थान पर कृषि न्यायालय बनाए जाने चाहिए।
नरेश सिरोही ने चौथे सुझाव के तौर पर सरकार से कहा है कि, “कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग में भी एमएसपी से नीचे किसी भी समझौते को मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। एमएसपी के दायरे में आई हुई फसलों के अलावा, बाकी फल सब्जियों सहित अन्य फसलों के लिए भी सी 2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले के तहत बाकी फसलों की लागत का भी आकलन व्यवस्था होनी चाहिए।
बीजेपी नेता नरेश सिरोही के मुताबिक, “आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करते हुए सरकार ने अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज सहित सभी खाद्य पदार्थो को अब नियंत्रण मुक्त किया है। कुछ विशेष परिस्थितियों के अलावा अब स्टॉक की सीमा समाप्त हो गई हैं। लेकिन उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने परिस्थितियों के हिसाब से कुछ नियंत्रण अपने पास रखे हैं। लेकिन इसमें और पारदर्शिता लाने के हिसाब से केंद्रीय स्तर पर एक पोर्टल बनाने की आवश्यकता है, जिसमें व्यापारी द्वारा खरीद और गोदामों में रखे गए और गोदामों से निकाले गए खाद्य पदार्थो का विवरण दिन प्रतिदिन अपडेट होता रहे।”
अपराध
दहिसर पश्चिम में 2 परिवारों के बीच हिंसक झड़प में 3 की मौत

मुंबई: रविवार को दहिसर पश्चिम में दो परिवारों के बीच झगड़े के दौरान तीन लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान हामिद शेख (49), राम गुप्ता (50) और अरविंद गुप्ता (23) के रूप में हुई है। घटना दहिसर पश्चिम के गणपत पाटिल नगर में हुई। शेख और गुप्ता परिवार एक ही इलाके में रहते हैं और उनके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। रविवार को एक बार फिर दोनों परिवारों के बीच हथियारों से मारपीट हुई, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई।
एमएचबी पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया में है। मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि वह फिलहाल घायल है।
पुलिस के मुताबिक, गणपत पाटिल नगर एक झुग्गी बस्ती है, जहां शेख और गुप्ता दोनों परिवार रहते हैं। 2022 में अमित शेख और राम गुप्ता ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का क्रॉस केस दर्ज कराया था। तब से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी चल रही है।
रविवार को शाम करीब साढ़े चार बजे गणपत पाटिल नगर की गली नंबर 14 के पास सड़क पर विवाद हो गया, जहां राम गुप्ता नारियल की दुकान चलाते हैं। कथित तौर पर शराब के नशे में धुत हामिद शेख मौके पर पहुंचा और राम से बहस करने लगा। इसके बाद दोनों पक्षों ने अपने बेटों को बुला लिया।
गुप्ता अपने बेटों अमर गुप्ता, अरविंद गुप्ता और अमित गुप्ता के साथ तथा हामिद नसीरुद्दीन शेख अपने बेटों अरमान हामिद शेख और हसन हामिद शेख के साथ मिलकर हाथापाई और धारदार हथियारों से हिंसक झड़प में शामिल हो गए। झड़प में राम गुप्ता और अरविंद गुप्ता की मौत हो गई, जबकि अमर गुप्ता और अमित गुप्ता घायल हो गए। हामिद शेख की भी मौत हो गई और उनके बेटे अरमान और हसन शेख घायल हो गए।
शवों को कांदिवली पश्चिम के शताब्दी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है। घायल होने के कारण आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राजनीति
प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह सरकार का नहीं बल्कि पार्टी का होना चाहिए फैसला : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 19 मई। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने के फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के बाद अब टीएमसी ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों के चुने जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती है।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से सोमवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या टीएमसी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन से बाहर निकलने का विकल्प चुना है। इसका जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली। मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, जिसका उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद का मुकाबला करना है, टीएमसी केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी। हमें किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है। हालांकि, हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा।”
उन्होंने कहा, “अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जा रहा है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। जिस तरह से पाकिस्तान भारत में शांति को बाधित करने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसे वैश्विक मंच पर उठाया जाना चाहिए। लेकिन, हमारी पार्टी से कौन जाएगा, यह तय करना हमारी पार्टी का काम है। मैं आज विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। मुझे पार्टी ने उस समिति में नामित किया था। जैसे भाजपा तय कर सकती है कि उनकी तरफ से कौन जाएगा, वैसे ही तृणमूल तय करेगी कि हमारी तरफ से कौन जाएगा। इसके अलावा डीएमके, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह पार्टी को ही तय करना चाहिए।”
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर सभी पार्टियों से बात करनी चाहिए थी और उसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल को तय करना चाहिए था। हालांकि, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि टीएमसी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित किसी भी तरह के विषय का कोई बायकॉट नहीं किया है। मेरा मानना है कि जब देश की बात आती है तो वहां राजनीति नहीं होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने विदेश जाने वाले सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सभी सदस्यों के नाम तय कर दिए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान को भी जगह मिली है।
सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों की कमान सात अलग-अलग नेताओं को दी गई है, ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और देश की आतंकवाद विरोधी नीति, सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देंगे।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्कर गिरोह पर कार्रवाई करते हुए मुंबई और नवी मुंबई से ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया, 13 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स जब्त की गई

मुंबई: मुंबई आरसीएफ पुलिस स्टेशन के एंटी-नारकोटिक्स सेल और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एएनटीएस) ने एक संयुक्त अभियान चलाकर आरसीएफ से एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 45 ग्राम एमडी बरामद किया। आरसीएफ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद मुंबई पुलिस ने जांच की और ड्रग तस्करों का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने नवी मुंबई और मुंबई से पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 किलोग्राम एमडी जब्त किया, जिसकी कुल कीमत 13.37 करोड़ रुपये बताई गई है। यह एक बड़ा ड्रग रैकेट था जिसका पुलिस ने पर्दाफाश किया और अब आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि वे और कितने लोगों के संपर्क में थे और मुंबई में ड्रग्स कहां से लाए जाते थे। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और डीसीपी नुनाथ ढोले के निर्देश पर की गई। मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है।
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