राजनीति
भाजपा ने केंद्र की ‘पक्षपाती राजकोषीय नीति’ के केरल सरकार के दावों पर कटाक्ष किया
कर्नाटक और केरल ने केंद्र की राजकोषीय नीति को लेकर मोदी सरकार को घेरने के लिए हाथ मिलाया है। साथ ही विपक्ष शासित राज्यों को जीएसटी हिस्सेदारी और अनुदान आवंटित करने में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण का आरोप लगाया है।
कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया बुधवार को कांग्रेस शासित राज्य के प्रति केंद्र की कथित अनदेखी के खिलाफ रैली करने के लिए अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर उतरे।
एलडीएफ के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने भी गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। विपक्ष शासित राज्यों द्वारा ‘सौतेला व्यवहार’ के शोर के बीच, केरल भाजपा ने बुधवार को दोनों सरकारों के ‘अतिरंजित और निराधार’ दावों की पोल खोल दी।
भाजपा सांसद और केरल के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने आरोपों को खारिज करने के लिए एक प्रेस नोट जारी किया।
उन्होंने केरल में पिनाराई विजयन सरकार पर अपनी विफलताओं और कमियों के लिए केंद्र पर दोष मढ़ने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि राज्य सरकार के बजट में करों में बढ़ोतरी के कारण स्थानीय लोगों में गुस्सा है।
जावड़ेकर ने कहा कि केरल सरकार को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की तुलना में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के तहत 300 प्रतिशत से अधिक धन आवंटित किया गया था। विजयन सरकार इस अवसर को भुनाने में विफल रही और अब अपना चेहरा बचाने के लिए राजनीतिक कीचड़ उछालने का सहारा लिया है।
राज्य को केंद्र के फंड और अनुदान आवंटन का विवरण देते हुए, जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान हस्तांतरण को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की वित्त आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया। यह राज्यों को धन के हस्तांतरण में तेजी से बढ़ोतरी थी। इसके अलावा, 7.5 प्रतिशत पंचायतों और जिला परिषदों को दिया गया था।
प्रकाश जावड़ेकर ने केरल सरकार के आरोपों को उजागर करते हुए कहा, ”साल 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार के 5 वर्षों के दौरान कर हस्तांतरण, वित्त आयोग अनुदान, केंद्र प्रायोजित योजनाओं और अन्य योजनाओं सहित कुल केंद्रीय सहायता सिर्फ 70,838 करोड़ रुपये थी। जबकि, मोदी सरकार ने 2017 से 2022 के दौरान केरल को 2,29,844 करोड़ रुपये दिए हैं।”
महाराष्ट्र
किरीट सोमैया, नितेश राणे हिंदू मुस्लिम के नाम पर सिर्फ जहर फैला रहे हैं और शक पैदा करना उनका एजेंडा है: अबू आसिम आजमी

मुंबई: BJP हिंदू और मुसलमानों के नाम पर वोटों के लिए अफरातफरी और नफरत की पॉलिटिक्स कर रही है। मुसलमानों ने ऐसा क्या गलत किया है कि किरीट सोमैया और नितेश राणे लगातार मुसलमानों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं? वे भाईचारे की बात करते हैं, उनके पास कोई कंस्ट्रक्टिव सोच या करप्शन से लड़ने की कोई स्ट्रेटेजी नहीं है, इसीलिए हिंदू और मुसलमान सुबह-शाम यही करते रहते हैं ताकि उन्हें फायदा हो और समाज में फूट पड़े।
हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा करके वे समाज में नफरत का माहौल बना रहे हैं। इस तरह का गंभीर आरोप महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और वर्कर्स असेंबली के मेंबर अबू आसिम आजमी ने यहां लगाया है। उन्होंने कहा कि जब खान मुंबई के मेयर बने थे, तब मुसलमान कहां थे, लेकिन BJP ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है और मुसलमानों के नाम पर हिंदुओं को डराने की कोशिश कर रही है। मुसलमानों का कहना है कि मुंबई से ही किसी को मुंबई का मेयर चुना जाना चाहिए ताकि मुंबई शहर का डेवलपमेंट हो सके, लेकिन मेयर के नाम पर मतभेद पैदा करने की कोशिश की गई है।
एक साल पहले हुए एक सर्वे के आधार पर कहा जा रहा है कि मुंबई की डेमोग्राफिक्स बदल रही है और यहां बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ी है। इस पर आजमी ने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि गैर-कानूनी बांग्लादेशी कहाँ से आ रहे हैं और सरकार क्या कर रही है, घुसपैठ क्यों हो रही है, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेशियों के नाम पर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है, वह गलत है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम आबादी के कट्टरपंथी नेता हिंदुओं को अपनी आबादी बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। नवनीत राणे के कमेंट पर अबू आसिम आजमी ने कहा कि उन्हें चालीस बच्चे पैदा करने से किसने रोका है, लेकिन उन्हें हिंदू और मुसलमानों के नाम पर शक पैदा नहीं करना चाहिए। यह बहुत नुकसानदायक है। मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने का एक पॉलिटिकल एजेंडा है। बीएमसी चुनाव से पहले किरीट सोमैया और नितेश राणे अब गरम हो गए हैं और मुसलमानों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। इस सब पर बैन लगना चाहिए।
राजनीति
बीएमसी चुनावों के लिए उद्धव और राज ठाकरे ने मिलाया हाथ, मराठी मेयर बनाने का किया वादा

मुंबई, 24 दिसंबर: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संस्थापक राज ठाकरे ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और नासिक नगर निगम के आगामी चुनावों के लिए औपचारिक रूप से गठबंधन की घोषणा कर दी। दोनों का साथ आना मराठी वोट बैंक को मजबूत करने और भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति को चुनौती देने के उद्देश्य से एक बड़े राजनीतिक पुनर्गठन का संकेत है।
दोनों चचेरे भाइयों ने दादर के छत्रपति शिवाजी पार्क में शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन की औपचारिक जानकारी दी।
राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई का अगला मेयर गठबंधन का मराठी मानुष होगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह गठबंधन मुंबई और महाराष्ट्र की पहचान की रक्षा के लिए बनाया गया है। हम मुंबई को बांटने या इसे महाराष्ट्र से अलग करने के प्रयासों को विफल करने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने मराठी मानुष से एकजुट रहने और दबाव का विरोध करने का आग्रह किया।
राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए गठबंधन आवश्यक था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि गिरोह चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों को डराने के लिए घूम रहा है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध कोई भी व्यक्ति, चाहे वो भाजपा के भीतर समान विचारधारा वाला व्यक्ति भी गठबंधन का समर्थन करता है तो उसका स्वागत है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। यूबीटी-एमएनएस गठबंधन उस फैसले से स्वतंत्र है। इसके साथ ही राज ठाकरे ने मीडिया से गठबंधन का समर्थन करने की अपील की।
इस गठबंधन को व्यापक रूप से भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, खासकर मुंबई में, जहां 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद से मराठी वोट बंट गया है। एकजुट ठाकरे परिवार को पेश कर दोनों नेताओं का लक्ष्य शिवसेना के पारंपरिक आधार को फिर से हासिल करना है।
यह गठबंधन बीएमसी की कुल 227 सीटों में से लगभग 113 वार्डों पर कंट्रोल करने का लक्ष्य बना रहा है, जिनमें से 72 मराठी बहुल और 41 मुस्लिम प्रभावित हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद ठाकरे के दोनों गुट अब राजनीतिक अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। यह गठबंधन सीधे तौर पर एकनाथ शिंदे के बाल ठाकरे की विरासत के असली वारिस होने के दावे को चुनौती देता है। भाजपा के लिए, जिसका मुंबई में कभी अपना मेयर नहीं रहा, शिवसेना में बंटवारे के बाद का माहौल बीएससी पर कब्जा करने का एक दुर्लभ मौका है।
दोनों चचेरे भाई इस बात पर दांव लगा रहे हैं कि ‘ठाकरे ब्रांड’ अब भी मुंबई की राजनीतिक नब्ज को आकार दे सकता है।
राजनीति
सूरत एयरपोर्ट पर कपल से 17.658 किलो हाइड्रोपोनिक वीड जब्त, कीमत 17.5 करोड़

सूरत, 24 दिसंबर 2025: गुजरात के सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। बैंकॉक से आने वाली एक यात्री के पास से हाइड्रोपोनिक वीड (हाइब्रिड गांजा) जब्त की गई है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सूरत सिटी डिटेक्शन क्राइम ब्रांच (डीसीबी), डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) और कस्टम्स की जॉइंट टीम ने बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक कपल को रोका। उनके चेक-इन बैगेज से बड़ी मात्रा में हाइड्रोपोनिक वीड (हाइब्रिड गांजा) जब्त की।
यह कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर की गई, जिसमें टीम ने कपल के सामान की गहन जांच की। जांच के दौरान 16 वैक्यूम-पैक्ड पॉलीथीन पैकेट बरामद हुए, जिनमें कुल 17.658 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड था। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) द्वारा इसकी कीमत 6.18 करोड़ रुपए आंकी गई है, जबकि काले बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 17.5 करोड़ रुपए तक पहुंचती है।
हाइड्रोपोनिक वीड एक उच्च गुणवत्ता वाला हाइब्रिड कैनबिस है, जो नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है। इसमें टीएचसी (टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल) की मात्रा सामान्य गांजे से कहीं ज्यादा होती है, जिसके कारण यह ड्रग तस्करों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह पदार्थ एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित है।
आरोपी कपल को आगे की पूछताछ और जांच के लिए संबंधित एजेंसी को सौंप दिया गया है। जांचकर्ता अब इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें बैंकॉक से आने वाले रूट और सूरत में रिसीवर शामिल हो सकते हैं।
यह ऑपरेशन सूरत एयरपोर्ट पर हाल के महीनों में हुई कई ड्रग्स जब्तियों में से एक है, जहां बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट्स पर नजर रखी जा रही है। इसमें शामिल सभी एजेंसियों की सतर्कता, दक्षता और बेहतरीन तालमेल की सराहना की जा रही है। यह कार्रवाई ड्रग्स तस्करी के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत करती है।
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