अपराध
दिल्ली में कोकीन के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 10 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ जब्त

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कोकीन तस्करों के एक अंतर-महाद्वीपीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य के 1,850 ग्राम भारी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया है। इस सिलसिले में दक्षिण अमेरिका के सूरीनाम की रहने वाली मौरी एर्ना गंगादियान (45) और नवी मुंबई की रहने वाली नमुबीरु जनत (35) और युगांडा की रहने वाली दो महिलाओं को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (काउंटर इंटेलिजेंस, स्पेशल सेल) मनीषी चंद्रा ने कहा, सिंडिकेट का संचालन दक्षिण अमेरिका में स्थित इसके प्रमुख लोगों द्वारा किया जा रहा था, जो मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और दिल्ली में नोड्स के साथ थे।
डीसीपी चंद्रा ने कहा, “पिछले कई महीनों से महिलाओं के पर्स और कॉस्मेटिक सामानों में चालाकी से पैकिंग करके भारत में तस्करी की जा रही थी।”
अधिकारियों के अनुसार, स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट भारत में सक्रिय कोकीन-विशिष्ट कार्टेल पर खुफिया जानकारी जुटा रही है। निरंतर खुफिया कार्रवाई के बीच, 14 फरवरी को एक विदेशी राष्ट्रीय महिला की दिल्ली में आवाजाही के संबंध में एक विशिष्ट इनपुट प्राप्त हुआ था, जिसे बताया गया था कि विदेशों से कोकीन की महत्वपूर्ण मात्रा में लाया गया था।
इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, एक टीम ने दिल्ली के करोल बाग इलाके के एक होटल में छापा मारा, जहां आरोपी महिला मौरे एर्ना गंगाडियन 11 फरवरी से रह रही थी। अधिकारी ने कहा, “एनडीपीएस अधिनियम के तहत शर्तों का पालन करने के बाद, उसके होटल के कमरे में एक तलाशी अभियान चलाया गया था और 1 किलो से अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली कोकीन, अच्छे तरीके और पेशेवर रूप से महिलाओं के पर्स, कंटेनर आदि में पैक किया गया था।”
तदनुसार आरोपी को गिरफ्तार किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जहां पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि उसने अपने पारामारिबो,सूरीनाम स्थित संचालकों के निर्देश पर प्रतिबंधित पदार्थ का ट्रांसपोर्ट किया था, जो दक्षिण अमेरिकी उत्पादक देशों जैसे मैक्सिको आदि से संचालित अन्य कार्टेल से जुड़े हैं और कई अफ्रीकी देशों में प्रमुख ट्रांसशिपमेंट पार्टनर हैं।
यह भी पता चला कि 14 फरवरी को, उसकी गिरफ्तारी से पहले, आरोपी ने उसके द्वारा लाई गई खेप का एक हिस्सा नवी मुंबई, महाराष्ट्र की निवासी लिसा नामक एक अन्य विदेशी राष्ट्रीय महिला को दिया था।
तदनुसार, संदिग्ध लिसा की गतिविधियों की पहचान करने और उस पर नजर रखने और कथित तौर पर प्राप्त प्रतिबंधित सामग्री को दोबारा हासिल करने के प्रयास किए गए थे।
21 फरवरी को, (संदिग्ध लिसा जिसका असली नाम नमुबीरू जनत था) को दक्षिण दिल्ली से पकड़ा गया था, जब वह पहले आरोपी से ली हुई कोकीन को ले जा रही थी। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस रिमांड में ले लिया गया जिसके बाद उसने कोकीन की और बरामदगी की।
अधिकारी ने कहा, “आरोपी नमुबीरू जनत के पास युगांडा का पासपोर्ट है और वह भारत में कई जगहों पर रह रहा है। उसके मूवमेंट रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह लगभग रोजाना ही बेंगलुरू, अहमदाबाद आदि जैसे विभिन्न महानगरों के लिए उड़ानें भरती रही हैं।”
पुलिस ने संबंधित दूतावासों को उनकी गिरफ्तारी के बारे में सूचित कर दिया है और आगे की जांच जारी है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने ऑटो लिफ्टर को दबोचा, चोरी की मोटरसाइकिल और स्कूटी बरामद

नई दिल्ली, 14 अप्रैल। दिल्ली पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड ने सोमवार को एक शातिर ऑटो लिफ्टर को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी का नाम शिवा है, जो दिल्ली के निजामपुर इलाके का रहने वाला है। पुलिस ने इसके पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल और एक स्कूटी बरामद की है। शिवा पहले भी तीन आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। इसकी गिरफ्तारी से बिंदापुर और रनहोला थानों के दो चोरी के मामलों का खुलासा हुआ है।
डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि पुलिस को वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद एसीपी ऑपरेशन अरविंद कुमार की देख रेख में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में इंस्पेक्टर मनीष चौधरी, हेड कांस्टेबल रामवीर, कृष्ण और सुनील शामिल थे। टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से संदिग्ध की तलाश शुरू की। कई दिनों की मेहनत के बाद पुलिस को पता चला कि शिवा चोरी की वारदातों में शामिल है।
14 अप्रैल 2025 की देर शाम पुलिस ने विकासपुरी इलाके में जल बोर्ड सीवरेज प्लांट के पास जाल बिछाया। जब शिवा चंद्र विहार की ओर से मोटरसाइकिल पर आया, तो पुलिस ने उसे रोक लिया। पूछताछ में उसने मोटरसाइकिल के दस्तावेज दिखाने में आनाकानी की। संदेह होने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन वह मोटरसाइकिल छोड़कर भागने लगा। पुलिस टीम ने पीछा करके उसे दबोच लिया।
जब पुलिस ने मोटरसाइकिल की जांच की, तो पता चला कि यह बिंदापुर इलाके से चुराई गई थी। शिवा से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने एक और चोरी की बात कबूल की। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रनहोला इलाके से चुराई गई एक स्कूटी भी बरामद कर ली। डीसीपी ने बताया कि शिवा आदतन अपराधी है और पहले भी चोरी के मामलों में जेल जा चुका है।
पुलिस ने शिवा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे और भी चोरी की वारदातों का खुलासा हो सकता है। इस कार्रवाई से इलाके में वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
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