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शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी 1 प्रतिशत से अधिक फिसले
मुंबई, 11 फरवरी। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार के सभी सूचकांकों लाल निशान में कारोबार हो रहा है। दोपहर 1:30 बजे सेंसेक्स 980 अंक या 1.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,313 और निफ्टी 308 अंक या 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,072 पर था।
गिरावट का सबसे अधिक असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखने को मिल रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,743 अंक या 3.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,748 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 599 अंक या 3.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,040 पर था।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध 3,389 कंपनियां लाल निशान में, 512 कंपनियां हरे निशान में और 109 कंपनियां बिना किसी बदलाव के कारोबार कर रही है।
सेंसेक्स में सभी 30 कंपनियां लाल निशान में बनी हुई है। जोमैटो, पावरग्रिड, टाटा मोटर्स, एलएंडटी, कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फिनसर्व, एचयूएस और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
बाजार के गिरने की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आयातित स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाना है।
बाजार के सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, रियल्टी, एनर्जी और इन्फ्रा में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिल रही है।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो और सियोल के बाजार हरे निशान में हैं। हांगकांग, शंघाई, बैंकॉक और जकार्ता के बाजार लाल निशान में हैं। अमेरिकी बाजार सोमवार को लाल निशान में बंद हुए थे।
कच्चे तेल में तेजी देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 76.15 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.57 डॉलर प्रति बैरल पर है।
बाजार में गिरावट के साथ खुला था। सुबह 9:30 बजे सेंसेक्स 172 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,138 और निफ्टी 69 अंक या 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,315 पर था।
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भारतीय कंपनियों के वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के नतीजे बीते दो वर्षों में सबसे मजबूत रहे : रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 24 नवंबर: भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में बीते 2 वर्षों में सबसे अच्छे नतीजे पेश किए हैं, जो दिखाता है कि आय ग्रोथ में कमजोरी का समय अब पीछे निकल गया है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि वित्त वर्ष 26 की सितंबर तिमाही में 69 प्रतिशत कंपनियों ने उम्मीद के मुताबिक या फिर से उससे बेहतर प्रदर्शन किया है। यह भारतीय इक्विटी पर हमारे ओवरवेट के नजरिए को सपोर्ट करता है।
रिसर्च फर्म ने कहा कि कम महंगाई, ब्याज दरों में कटौती और आयकर में टैक्स छूट की सीमा बढ़ने से वित्त वर्ष 26 में आय वृद्धि दर करीब 10 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 27 में करीब 14 प्रतिशत रह सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रिकवरी में वित्तीय क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा है। मार्जिन न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं और लोन ग्रोथ वापस आ गई है।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़ा है। अगर कमोडिटी क्षेत्र की कंपनियों को हटा दिया जाए, तो कंपनियों की शुद्ध आय सालाना आधार पर 8 प्रतिशत बढ़ी है। यह लगातार छठवीं तिमाही है, जब कंपनियों की आय एकल अंक में बढ़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नेट इंटरेस्ट मर्जिन में दबाव देखा गया है। हालांकि, क्रेडिट लागत में कमी आई है। जीएसटी सुधार का असर कंज्यूमर कंपनियों पर देखा गया है, लेकिन इन कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आईटी कंपनियों ने कमजोर मुद्रा के चलते आउटपरफॉर्म किया है।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कमजोर प्रतिस्पर्धा से सीमेंट और पेंट कंपनियों को फायदा हुआ, फार्मा कंपनियों की बिक्री मजबूत रही, जबकि अस्पतालों को मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ा।
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मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर पीली धातु की कीमतें 1 प्रतिशत फिसली

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मुंबई, 24 नवंबर: सोने की कीमतों में सोमवार के कारोबारी दिन तेज गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती को लेकर कम उम्मीदों और भू-राजनैतिक तनाव कम होने से निवेशकों के सेंटीमेंट पर दबाव बना, जिसकी वजह से पीली धातु तेज गिरावट के साथ कारोबार कर रही है।
इसके अलावा, मजबूत अमेरिकी डॉलर की वजह से भी कीमती धातुओं पर दबाव देखा गया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की दिसंबर वायदा कीमतें 1 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,22,950 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई थीं। चांदी ने भी यही ट्रेंड फॉलो किया। शुरुआती कारोबार में चांदी की दिसंबर वायदा कीमतें 0.61 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,53,209 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थीं।
एनालिस्ट ने कहा, “भारतीय रुपए में गोल्ड का सपोर्ट लेवल 1,23,450-1,22,480 रुपए पर बना हुआ है, वहीं, 1,24,750-1,25,500 पर रेजिस्टेंस लेवल बना हुआ है। सिल्वर को लेकर 1,53,050-1,52,350 सपोर्ट लेवल के रूप में देखा जा रहा है और 1,55,140- 1,55,980 रेजिस्टेंस लेवल रहेगा।”
लेटेस्ट यूएस जॉब मार्केट डेटा ने फेडरल रिजर्व के दिसंबर में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की संभावना को कम कर दिया है, जो कि कीमतों में करेक्शन के एक मुख्य कारण के रूप में देखा जा रहा है।
आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को मजबूत इकोनॉमिक डेटा ने यूएस डॉलर इंडेस्क को पिछले 6 महीने के उच्च स्तर पर पंहुचा दिया।
इंडेक्स सोमवार 100 स्तर से ऊपर रहा, जिससे निवेशकों के लिए दूसरी करेंसी को होल्ड करने के साथ गोल्ड एक एक्सपेंसिव मेटल बन गया और मांग घट गई। हाल के दिनों में भू-राजनैतिक घटनाओं के कम होने से भी गोल्ड की सेफ-हेवन अपील कम हुई।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले तीन कारोबारी सत्रों में बुलियन में उतार-चढ़ाव देखा गया, जो कि ट्रेडर्स के फैसले न लेने को दर्शाता है। लेकिन आगामी हफ्तों में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बने रहने और भू-राजनैतिक जोखिम बने रहने से सोने को लेकर एक बार फिर खरीदारी का रुझान देखने को मिल सकता है।
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हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 26100 स्तर से ऊपर कर रहा कारोबार

मुंबई, 24 नवंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को हरे निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी आईटी, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह करीब 9 बजकर 27 मिनट पर सेंसेक्स 133.13 अंक या 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 85,365.05 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 44.10 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26112.25 स्तर पर बना हुआ था।
दूसरी ओर, निफ्टी बैंक 140.25 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,007.75 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 80.25 अंक या 0.13 प्रतिशत की बढ़त के बाद 60,356.55 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 23.10 अंक या 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,870.60 स्तर पर था।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “निफ्टी और सेंसेक्स 2024 सितंबर के हाई को ब्रेक नहीं कर पाए, क्योंकि एफआईआई की बिकवाली की वजह से रैली की रफ्तार कम हो गई थी। हालांकि, अब स्थिति धीरे-धीरे एक नए रिकॉर्ड हाई की ओर रैली के पक्ष में बदल रही हैं। रैली के लिए सबसे जरूरी कैटेलिस्ट मजबूत अर्निंग्स ग्रोथ से आएगा। वित्त वर्ष 27 में 15 प्रतिशत से अधिक अर्निंग्स ग्रोथ देखने को मिल सकती है।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर्स थे। वहीं, इटरनल, एमएंडएम, पावरग्रिड, बीईएल, टीएमपीवी और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में, बैंकॉक, सोल, जकार्ता और हांग कांग सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। केवल जापान और चीन लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को हरे निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 1.08 प्रतिशत या 493.15 अंक की तेजी के बाद 46,245.41 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.98 प्रतिशत या 64.23 अंक की बढ़त के बाद 6,602.99 स्तर और नैस्डेक 0.88 प्रतिशत या 195.03 अंक की तेजी के बाद 22,273.08 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 21 नवंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,766.05 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 3,161.61 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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