महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मुंबई में फ़िलहाल नहीं शुरू होंगी मेट्रो सेवाएं

केंद्र सरकार के अनलॉक4.0 की शुरआत के तहत अब देश भर में आगामी 7 सितंबर से मेट्रो सेवा फिर से बहाल करने की तैयारियां अपने चरम पर हैं। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल मेट्रो सेवा के साथ लोकल ट्रेन सेवा को आम जनता के लिए बंद रखने का फैसला किया है। महाराष्ट्र और मुंबई कोरोना महामारी के सबसे बुरी तरह से प्रभावित राज्य और शहर हैं।
केंद्र सरकार ने 29 अगस्त को देश भर में चरणबद्ध तरीके मेट्रो सेवाओं को बहाल करने के लिए गाइडलाइन्स जारी की थी। मुंबई लोकल की सेवाओं को आम जनता के लिए दोबारा शुरू करने पर रेलवे ने भी अपनी सहमति जताई थी। लेकिन राज्य में कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए सरकार ने फिलहाल इसे स्थगित कर दिया है। सरकार को लगता है की यदि इन सेवाओं को अभी खोला गया तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं। लोगों की भीड़ को नियंत्रित करना पर स्टेशन पर नियंत्रित करना मुश्किल हो जायेगा। जिससे शहर में कई नए कोरोना हॉटस्पॉट बन जायेंगे।
राज्य की उद्धव सरकार ने भी अनलॉक 4.0 के अनुपालन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। 2 सितम्बर से शुरू होने वाले इन नए नियमों तहत अब राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए ई-पास की शर्त को खत्म कर दिया है। दफ्तरों में अब ज्यादा लोगों के आने की इजाजत होगी। अब तीस प्रतिशत लोग दफ्तरों में आ सकते हैं पहले सिर्फ दस प्रतिशत लोगों को ही आने की परमिशन थी। सरकारी विभाग में क्लास ए और बी अधिकारीयों को ऑफिस में आना अनिवार्य होगा। जबकि निचले दर्जे के कर्मचारियों की मौजूदगी 30 से 50 प्रतिशत होगी। निजी बस सेवा को भी मंजूरी दी गयी है। टैक्सी और कार में अब तीन लोग बैठ सकते हैं ड्राइवर के अलावा,पहले सिर्फ दो यात्रियों को इजाजत थी।
राज्य सरकार ने फ़िलहाल धार्मिक स्थलों और जिम को बंद रखने का फैसला किया है। जबकि होटल को पूरी क्षमता के साथ खोलने की मंजूरी दी है। सभी कार्यालयों को पूर्णरूप से कोरोना नियमो का पालन करना होगा और इसके लिए एक व्यक्ति की ड्यूटी भी लगानी होगी। भारी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर पाबन्दी रहेगी। सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग क्लास 30 सितम्बर तक बंद रहेंगी सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई होगी। राज्य में ३० सितमबर तक रहेगा लॉकडाउन।
महाराष्ट्र
दिशा सालियान मामला: आदित्य ठाकरे ने टिप्पणी करने से किया इनकार, तथ्य अभी लंबित: भाजपा नेता नितेश राणे

मुंबई: मॉडल दिशा सालियान मामले में मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को राहत मिली है। इस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि दिशा सालियान की मौत आत्महत्या है, यानी आकस्मिक है। इस मामले में पुलिस ने पहले एडीआर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। दिशा सालियान के पिता और उनके वकील ने आदित्य ठाकरे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और इसे हत्या करार दिया था। पुलिस रिपोर्ट पेश होने के बाद आदित्य ठाकरे ने विधान भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिशा सालियान मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी, जो विफल हो गई है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। दूसरी ओर, मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तथ्य अभी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि दिशा सालियान मामले में दायर रिपोर्ट अंतिम नहीं है। इस मामले में सरकार ने समय मांगा है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाएगी। पिता और वकील ने चुनौती दी है कि मैंने आदित्य ठाकरे पर आरोप नहीं लगाया है, उनके पिता ने कहा है। उन्होंने कहा कि यह दिशा सालियान की गरिमा का मामला है, इसलिए इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी वकील और सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तथ्य सामने आना बाकी है, इसलिए उन्होंने पत्रकारों से तथ्यपरक पत्रकारिता करने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र
ऐरोली में आवासीय इमारत की दीवार गिरी; कोई हताहत नहीं

नवी मुंबई: ऐरोली सेक्टर-20 में एक चौंकाने वाली घटना घटी है, जहां एक रिहायशी इमारत की सुरक्षा दीवार अचानक गिर गई, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। दीवार गिरने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, और फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो से पता चलता है कि कुछ देर पहले तक सब कुछ ठीक था। अचानक दीवार हिलती है और पूरी तरह से गिर जाती है। कुछ ही पलों में मोटरसाइकिलें कंक्रीट के मलबे में गायब हो जाती हैं। एक ऐसा पल आता है जब अगर कोई वहां होता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
यह घटना सुबह हुई। आवासीय परिसर की दीवार कुछ ही पलों में गिर गई। हैरानी की बात यह है कि इस दीवार के पास कुछ मोटरसाइकिलें खड़ी थीं। दीवार के ढहने के बाद, वे सभी गाड़ियाँ सीधे उसके बगल में बने गड्ढे में गिर गईं। सौभाग्य से, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान के बारे में चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं।
घटनास्थल के नज़दीक एक नया ढांचा बनाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस निर्माण कार्य के कारण दीवार के पास की मिट्टी अस्थिर हो गई थी। लगातार खुदाई के कारण दीवार की नींव अस्थिर हो गई और अंततः दीवार गिर गई। कई स्थानीय निवासियों ने पहले भी इस निर्माण के बारे में चिंता जताई थी, फिर भी समुदाय ने दावा किया है कि इसे अनदेखा किया गया था।
यह क्लिप सोशल प्लेटफॉर्म पर खूब ट्रेंड कर रही है। इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। हम इस मुद्दे को केवल सूचना के तौर पर दर्शकों के साथ साझा कर रहे हैं। हम किसी भी तरह से इसका समर्थन नहीं करते हैं।
27 जून को भारी बारिश के कारण बेलापुर के पारसिक हिल पर एक जर्जर इमारत ढह गई, जिससे दो पार्क की गई कारों को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि यह खाली थी। बेलापुर फायर ब्रिगेड ने मलबा हटाने के लिए कार्रवाई की। नवी मुंबई नगर निगम ने 501 इमारतों को खतरनाक घोषित किया, जिनमें से 51 को बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा गया। नुकसान की जिम्मेदारी मालिकों की है, नगर निगम की नहीं।
महाराष्ट्र
वारी को शहरी नक्सल घोषित करने पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में चौथे दिन विपक्ष ने वारी को शहरी नक्सल घोषित करने पर हंगामा किया और सरकार पर वारी का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। महाराष्ट्र विधानसभा के चौथे दिन विपक्ष ने विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर राज्य में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
जिस तरह सत्ताधारी मोर्चा विठ्ठुरई और वारकरों को शहरी नक्सली और शहरी माओवादी कहकर हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थ वारी को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, उसी तरह वह वारी पालकी का अपमान कर रहा है। यह निंदनीय है। महा विकास अघाड़ी के सदस्यों ने सत्ताधारी मोर्चे के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर वारी का अपमान करने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में सदस्यों ने सरकार को कोसते हुए नारे भी लगाए और कहा कि घोटालेबाज सरकार के कारण किसान भूख से मर रहे हैं और मंत्री मजदूरों को शहरी नक्सली कह रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में शिवसेना के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विजय वरदितवार, सचिन अहीर, जितेंद्र आहवत आदि शामिल हुए।
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