खेल
बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में इजाफा किया
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में इजाफा किया। बोर्ड के सचिव जय शाह ने सोमवार को इसकी घोषणा की। बीसीसीआई शीर्ष परिषद की बैठक में शामिल हुए शाह ने यह भी कहा कि 2019/20 सीजन में खेलने वाले क्रिकेटरों को 2020/21 सीजन में कटौती के लिए अतिरिक्त 50 प्रतिशत शुल्क मिलेगा।
शाह ने ट्वीट कर कहा, मुझे घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में इजाफा कर खुशी हो रही है। सीनियरों (40 मैचों के ऊपर) को 60000 रुपए, अंडर-23 को 25000 हजार रुपए और अंडर-19 को 20000 रुपए मिलेंगे।
अब तक सीनियर पुरुष घरेलू क्रिकेटर रणजी ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी में हर मैच प्रतिदिन 35000 रुपये कमाते थे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए, उन्हें प्रति मैच 17500 रुपये का भुगतान किया जाता था।
हालांकि, मैच फीस में संशोधन के साथ सीनियर पुरुष घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। 20 घरेलू मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 40000 रुपये, 21-40 घरेलू मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 40000 रुपये और 40 से अधिक घरेलू मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 60000 रुपये मिलेंगे।
2021/22 सीजन के लिए यू-25 श्रेणी में, प्रति दिन शुल्क 17,500 से बढ़ाकर 20,000 रूपये दिया गया है। अंडर-19 वर्ग में प्रतिदिन की फीस 10,500 से बढ़ाकर 20,000 रुपये की गई है। अंडर-16 के लिए फीस 3,500 से बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दी गई है
शाह ने कहा, 2019/20 घरेलू सीजन में भाग लेने वाले क्रिकेटरों को कोविड -19 स्थिति के कारण 2020/21 सीजन के नुकसान के मुआवजे के रूप में 50 फीसदी अतिरिक्त मैच शुल्क मिलेगा।
महिला घरेलू क्रिकेट में सीनियर खिलाड़ियों की फीस 12,500 से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है। यू-25 के लिए फीस 5,500 से बढ़ाकर 10,000 रूपये कर दी गई है। अंडर-19/अंडर-16 के लिए फीस 5,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की जाएगी। पुरुष और महिला घरेलू क्रिकेट में टी20 मैच फीस संबंधित श्रेणी की 50 फीसदी होगी।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन 20 अक्टूबर से 12 नवंबर तक होगा जबकि पिछले सीजन में रद्द हुई रणजी ट्रॉफी का आयोजन 16 नवंबर से 19 फरवरी और विजय हजारे ट्रॉफी की शुरूआत 23 फरवरी से 26 मार्च 2022 तक होगी।
इस सीजन में पुरुष और महिला वर्ग में विभिन्न आयु समूहों में कुल 2127 घरेलू मैच खेले जाएंगे।
खेल
वेस्टइंडीज के खिलाफ न्यूजीलैंड की वनडे टीम घोषित, मैट हेनरी की वापसी

नई दिल्ली, 7 नवंबर: वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 मुकाबलों की वनडे सीरीज के लिए न्यूजीलैंड ने अपनी टीम की घोषणा कर दी है। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी टीम में वापसी कर रहे हैं। वह पिछले हफ्ते पिंडली में खिंचाव के कारण इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम दो वनडे मैच नहीं खेल सके थे।
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे और तीसरे वनडे मैच में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार जीतने वाले ब्लेयर टिकनर ने टीम में अपनी जगह बरकरार रखी है। इस टीम में माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, टॉम लैथम, रचिन रवींद्र और डेरिल मिचेल को भी मौका दिया गया है।
न्यूजीलैंड के चोटिल खिलाड़ियों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। लॉकी फर्ग्यूसन (हैमस्ट्रिंग), एडम मिल्ने (टखना), मोहम्मद अब्बास (पसलियां), फिन एलन (पैर), विल ओ’रूर्के (पीठ), ग्लेन फिलिप्स (ग्रोइन) और बेन सियर्स (हैमस्ट्रिंग) चोटिल होने की वजह से टीम में मौजूद नहीं हैं।
केन विलियमसन को इस टीम में नहीं चुना गया है। वह 2 दिसंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज की तैयारी में जुटे हैं।
मैट हेनरी की वापसी पर खुशी जताते हुए न्यूजीलैंड के हेड कोच रॉब वाल्टर ने कहा, “मैट इस टीम के एक अहम सदस्य हैं। वह हमारे तेज गेंदबाजी आक्रमण में सबसे अनुभवी हैं। वनडे और टेस्ट मैचों के लिए उनका टीम में वापस आना बहुत फायदेमंद होगा। आराम के बाद वह तरोताजा और फिट होंगे। हम जानते हैं कि वह सफेद और लाल गेंद से बड़े प्रदर्शन के लिए बेताब होंगे।”
न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच क्राइस्टचर्च में 16 नवंबर को पहला वनडे मैच खेला जाना है। इसके बाद 19 नवंबर को सीरीज का दूसरा मुकाबला नेपियर में खेला जाएगा। तीसरा मैच 22 नवंबर को हैमिल्टन में आयोजित होगा।
न्यूजीलैंड की वनडे टीम: मिचेल सैंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉन्वे, जैकब डफी, जैक फॉल्क्स, मैट हेनरी, काइल जैमीसन, टॉम लैथम (विकेटकीपर), डेरिल मिचेल, रचिन रवींद्र, नाथन स्मिथ, ब्लेयर टिकनर, विल यंग।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
राष्ट्रीय
सोने की कीमतों में तेजी, अपने एक हफ्ते के निचले स्तर से उबरी

मुंबई, 6 नवंबर : सोने की कीमतों में गुरुवार के कारोबारी दिन तेजी दर्ज की गई। पीली धातु कमजोर होते डॉलर और सेफ- हेवन की बढ़ती खरीदारी के बीच अपने एक हफ्ते के निचले स्तर से ऊपर आ गई है। अमूमन वेडिंग सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है।
सोने की कीमतों में यह तेजी उम्मीद से बेहतर यूएस जॉब डेटा के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें खत्म होने के कारण भी दर्ज की गई।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान 24 कैरेट के सोने की कीमत 1,20,100 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।
वहीं, दूसरी ओर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम शाम 3 बजकर 50 मिनट पर 0.56 प्रतिशत बढ़कर 121479.00 रुपए पर पहुंच गया, जबकि चांदी के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.66 प्रतिशत बढ़कर 1,48,300 रुपए पर पहुंच गया है।
उधर, दूसरी ओर डॉलर इंडेस्क भी 0.20 प्रतिशत की गिरावट में रहा, लेकिन 100 मार्क के ऊपर बना हुआ है। इस बीच, यूएस 10-ईयर यील्ड बुलियन पर दबाव डालते हुए अपने करीब एक महीने के हाई लेवल के नीचे रहा।
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि गोल्ड अपना महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल 3,870 डॉलर पर बनाए हुए है, वहीं सिल्वर का सपोर्ट लेवल 46.50 डॉलर पर ट्रॉय औंस पर बना हुआ है।
उम्मीद की जा रही है कि डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव, ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट और यूएस नॉन-फार्म रोज़गार डेटा से पहले कीमतों धातुओं की कीमतों को लेकर इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलांत्री ने कहा, “सोना-चांदी की कीमतों में एक हफ्ते के निचले स्तर से ऊपर की ओर तेजी देखी जा रही है, जिसे अमेरिका में राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच सेफ-हेवन बाईंग का सपोर्ट मिल रहा है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की पार्टी का न्यूयॉर्क सिटी मेयर इलेक्शन हार जाने से मिड-टर्म चुनावों से पहले चिंताएं बढ़ गई हैं।”
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