राजनीति
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम अन्याय के खिलाफ नैतिक लड़ाई थी: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को 20वीं सदी के इतिहास में एक ‘अभूतपूर्व घटना’ करार दिया। मंत्री ने कहा, “यह अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ एक नैतिक लड़ाई थी। आम लोगों को बेरहमी से अपंग किया गया और उनकी हत्याएं की गई। ऑपरेशन सर्चलाइट के बर्बर अत्याचारों ने दुनिया की अंतरात्मा को झकझोर दिया।”
नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग में ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए, सिंह ने कहा कि बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति का प्रेरक नेतृत्व देश के लोगों के लिए स्वतंत्रता के संघर्ष में मार्गदर्शक था।
उन्होंने कहा, “बंगबंधु के आदशरें ने बांग्लादेश के विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ने की नींव रखी।”
सिंह ने बांग्लादेश के सशस्त्र सेना दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग का दौरा किया। यह कार्यक्रम बांग्लादेश उच्चायोग द्वारा आयोजित किया गया था।
सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से बांग्लादेश के सशस्त्र बलों को बधाई दी और शांति और सुरक्षा की दिशा में उनकी कोशिशों के लिए शुभकामनाएं दीं।
“यह साल भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए असाधारण महत्व का है क्योंकि हम बांग्लादेश की मुक्ति की स्वर्ण जयंती, पचास साल के भारत-बांग्लादेश राजनयिक संबंधों और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी मना रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इस महत्वपूर्ण समय में, मैं 1971 में मुक्तिजुद्धो-मुक्ति संग्राम में मुक्तिबाहिनी के बहादुर संघर्ष को सलाम करता हूं। मुक्तिजुद्धा की भावना बांग्लादेश के आज के सशस्त्र बलों का मूल है।”
सिंह ने भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेश के साथ खड़े रहे, उन्होंने कहा कि यह 20वीं शताब्दी में विश्व इतिहास में एक सुनहरा अध्याय है।
उन्होंने भारत में असाधारण नेतृत्व को भी याद किया, जो 1971 में अन्याय और अत्याचारों के खिलाफ लड़ने वाले राष्ट्र के समर्थन में सभी बाधाओं और सीमाओं के खिलाफ इस अवसर पर पहुंचा।
उन्होंने कहा कि 1971 की घटनाओं के प्रति भारत की प्रतिक्रिया एक सभ्यता का प्रतिबिंब थी।
उन्होंने कहा, “भारत का पूरा समर्थन स्वाभाविक रूप से ऐतिहासिक अनुभव और गहरे भावनात्मक, सांस्कृतिक, भाषाई और भ्रातृ संबंधों से आया है जो भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक साथ बांधते हैं। हमें इस बात पर गर्व है कि साझा बलिदान में स्थापित यह मित्रता कई गुना समृद्ध हुई है।”
सिंह ने ‘मुक्ति संग्राम’ की भावना को युवा पीढ़ी, विशेष रूप से सशस्त्र बलों में शामिल होने वालों के मन में जीवित रखने का आह्वान किया।
राजनीति
देश के लिए महात्मा फुले का अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर कर महात्मा फुले को याद किया और उनके अमूल्य योगदान को हर पीढ़ी के लिए प्रेरित करने वाला बताया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट पर लिखा, “मानवता के सच्चे सेवक महात्मा फुले को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने समाज के शोषित और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ‘एक्स’ पर ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देते हुए एक पोस्ट में लिखा, “महान समाज सुधारक, शिक्षाविद और विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देश के वंचितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कटिबद्ध महात्मा ज्योतिबा फुले, आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने। ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना के माध्यम से समाज को कुरीतियों से मुक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले महात्मा का जीवन अनुकरणीय है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नेताओं ने महात्मा फुले को नमन किया।
सीएम योगी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “प्रतिबद्ध समाज सुधारक, वंचितों-उपेक्षितों के प्रखर स्वर महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! जाति प्रथा, असमानता, अशिक्षा जैसी समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के उन्मूलन हेतु उनका संघर्ष प्रेरणादायक और समूची मानवता के लिए मार्गदर्शक है।”
सीएम भजनलाल ने एक्स पर लिखा, “वंचितों, शोषितों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। आपके अमूल्य विचार एवं समाज सुधार के कार्य हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”
ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के उत्थान में लगा दिया।
राजनीति
पीएम मोदी देंगे वाराणसी को 3,880 करोड़ रुपये की सौगात

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे, जहां वह 3,880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें शहरी और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने वाली कई परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और क्षेत्र में प्रमुख सेवाओं को आधुनिक बनाना है।
इन मुख्य उद्घाटनों में पुलिस लाइन में एक नया निर्मित ट्रांजिट हॉस्टल और रामनगर में नई पुलिस बैरक शामिल हैं। इसके अलावा, स्थानीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए चार ग्रामीण सड़कों का भी आधिकारिक उद्घाटन किया जाएगा। दिन के एजेंडे का एक प्रमुख हिस्सा शहरी विकास है।
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे पर प्रतिष्ठित शास्त्री घाट और सामने घाट पर किए गए सौंदर्यीकरण कार्यों का उद्घाटन कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, रेलवे और वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की तरफ से शुरू की गई कई संवर्द्धन परियोजनाओं का भी अनावरण किया जाएगा, जिसका उद्देश्य शहर के सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्य और आकर्षण को बढ़ाना है।
कुल 44 परियोजनाओं में से 25 परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, जिनकी लागत लगभग 2,250 करोड़ रुपये है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा शहर के बिजली ढांचे को मजबूत करने के लिए है, जिसमें 15 नए पावर सबस्टेशन बनाने, कई ट्रांसफार्मर लगाने और 1,500 किलोमीटर नई बिजली लाइनों को बिछाने की योजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा और वीआईपी रास्तों पर भी तलाशी चौकियां होंगी।
प्रधानमंत्री के यात्रा मार्ग पर छतों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों के जरिए रियल-टाइम निगरानी की व्यवस्था की गई है।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
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