अंतरराष्ट्रीय
एशियाई मुक्केबाजी : मैरीकॉम, साक्षी फाइनल में पहुंचीं, 3 भारतीय सेमीफाइनल में हारीं

छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरीकॉम और साक्षी ने दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली, जबकि मोनिका, जैस्मीन और सिमरनजीत कौर बाथ को हालांकि सेमीफाइनल में हार मिली।
टूर्नामेंट में भारत ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हुए 13 कांस्य और दो रजत पक्का किया है। गुरुवार को मैरीकॉम, मोनिका, साक्षी, जैस्मीन और सिमरनजीत के अलावा लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं टॉप सीड मैरीकॉम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकॉम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है।
फाइनल में मैरीकॉम का सामना कजाकिस्तान की नज्म जैबे से होगा। जैबे ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका की नदीका पुष्पकुमारा को अपने मुक्कों से पहले ही राउंड में धराशायी कर दिया।
मैरीकॉम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
54 किग्रा के सेमीफाइनल में साक्षी का सामना कजाकिस्तान की टॉप सीड दिना झोलामान से हुआ। दो बार युवा विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकीं साक्षी अपने मुक्कों का जलवा दिखाते हुए झोलामान को चौंकाया और 3-2 से हराते हुए अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया।
इस तरह फाइनल में पहुंचने वाली वह मैरीकॉम के बाद दूसरी महिला मुक्केबाज बनीं। फाइनल में साक्षी का सामना उजबेकिस्तान की सिरोता शोहदारोवा से होगा। सिरोता ने दूसरे सेमीफाइनल में मंगोलिया की इरदेनेदलाई मिचिदमा को हराया।
57 किग्रा के सेमीफाइनल में भारत की जैस्मीन का सामना कजाकिस्तान की ब्लादिस्लावा कुकता से हुआ। जैस्मीन इस मुकाबले में कहीं नहीं टिक सकीं और 0-5 से हारते हुए कांस्य से संतोष करने पर मजबूर हुईं।
लाइटवेट केटेगरी के सेमीफाइनल में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं भारत की सिमरनजीत का सामना कजाकिस्तान की रिम्मा वोलोसेन्को से हुआ। बैंकॉक में रजत पदक जीत चुकीं सिमरनजीत इस बार फाइनल तक का सफर नहीं तय कर सकीं और यह मुकाबला 0-5 से हार गईं। फाइनल में वोलोसेन्को का सामना इंडोनेशिया की हुसवातुन हासाना से होगा, जिन्होने टॉप सीड ताजिकिस्तान की शोइरा जुल्केनारोवा को चौंकाया।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उज्बेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टॉप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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