महाराष्ट्र
जब तक आप मेहनत करते रहोगे तब तक सफलता आपके कदमो में रहेगी : अमिताभ शुक्ल आयुक्त आयकर विभाग

मुंबई युसुफ राणा।
भारत की गंगा-जमुनी सभ्यता पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। साम्प्रदायिक सद्भाव, सम्मान और अंतर-धार्मिक एकता हमारे प्यारे देश एक विशेषता हैं, यहां के साधु-संतों ने अपने भक्तों को प्रेम और शांति का उपदेश दिया है कि भारत अब तक साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बना हुआ है, साधु-संतों के इस प्रेम को आगे बढ़ाने का काम हमारे कलाकारों ने भी किया है। संगीत कला कविता, चित्रकला की यह विधाएं हैं जिनमें हम अक्सर इन चीजों को देखते, सुनते और पढ़ते हैं।
इस संदर्भ में हमारे ब्युरो चीफ युसुफ राणा आप को एक ऐसे कलाकार से मिलाना चाहते हैं जो सरकार के एक महत्वपूर्ण विभाग का सर्वोच्च अधिकारी तो हे ही, तो दूसरी ओर संगीत के संबंध में आजकल सोशल मीडिया में उनकी कला के कारण उनके लाखों प्रशंसक हैं। बतादे की
अमिताभ शुक्लाजी आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा, आयकर) मुंबई में आयकर विभाग के आयुक्त भी हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि वे एक बेहतरीन इंसान भी हैं, पत्रकार युसूफ राणा ने उनसे खास मुलाकात की और उनसे हुई बातचीत यहां प्रस्तुत है।
प्रश्न: आपने अपनी शिक्षा कहाँ पूरी की ?
उत्तर: मैं पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई लखनऊ में पूरी की, 1986 में मैंने लखनऊ में एक मेडिकल कंपनी काम शुरू किया, 2 साल बाद इसी कंपनी में मेडिकल का इंचार्ज बन गया! वही अचानक मेरे मन में विचार आया कि यह काम मजेदार नहीं है, कुछ और किया जाए, तो फिर मैंने 1990 में लखनऊ से आईआरएस की परीक्षा दी और उसमें सफल हुआ। दो वर्ष की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मेरी पहली पोस्टिंग दिल्ली में हुई। मुझे बी.ए. करने के लिए भारत सरकार ने इंग्लैंड भेजा ! मेरे रोजगार के दौरान मैंने अपनी कानून की डिग्री प्राप्त की। साइबर लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। अहमदाबाद, भंडारा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब के बाद, जनवरी 2020 में मुंबई में आयकर आयुक्त के रूप में आया !
प्रश्न: मुंबई और मुंबईकरो के बारे में क्या कहना है ?
उत्तर : उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा मैं भारत के कई राज्यों और शहरों में गया लेकिन मैंने मुंबई में देखा कि यहां के लोग समय के बहुत पाबंद हैं और अपनी ज़ुबान पर कायम रहते हैं, जो कहते है वो करते है , जो नहीं करते वो कहते भी नहीं, वह बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते, यह व्यावहारिक लोग हैं। जैसे यहां लोकल ट्रेन समय से चलती है वैसे ही यहां के लोग भी समय से ही चलते हैं।
प्रश्न: गाने बजाने में आपकी रुचि कब और कैसे हुई?
उत्तर : मेरे पिताजी और मम्मी को भी गाने का शौक था, इसलिए मुझे भी गाने का शौक हो गया। शुरुआती दिनों से ही मैं गाना बजाना चाहता था, लेकिन पढ़ाई और जिम्मेदारियों के कारण मैं कभी भी अपने जुनून को पूरा नहीं कर पाया। कुछ साल पहले कोरोना महामारी के दौरान मुझे ‘वर्क फ्रॉम होम’ के कारण गाने बजाने का अवसर प्राप्त हुआ!
प्रश्न: आप जिस शहर से आते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता की मिसाल के तौर पर माना जाता जाता है?
उत्तर :पूरे भारत में लखनऊ के लोगों को इस बात का गर्व है कि यह शहर न केवल सभ्यता, संस्कृति, भाषा और बोली का प्रतीक है, बल्कि एक बड़ा राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है, क्योंकि यहां कोई हिंदू और मुस्लमान नहीं रहता यहाँ सिर्फ मनुष्य रहते है, यहां हिन्दू मुस्लिम के बीच धर्म, जाति को लेकर कभी कोई भेदभाव व टकराव या दंगा नहीं हुआ। हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई सब मिलजुल कर रहते हैं, एक दूसरे के त्योहारों पर एक दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं, एक दूसरे के त्यौहारों में शुभकामनाए देते हैं, एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल होते हैं।
प्रश्न: ‘भगति भावना के बारे में आप क्या सोचते हैं?
उत्तर: “भगति भावना” सबसे बड़ी पूजा है अगर यह पूजा है तो मनुष्य के मूल्य और सम्मान का सम्मान करना है। आप मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ते हैं या मंदिर में जाकर प्रार्थना करते हैं, लेकिन अगर आप लोगों के बीच मतभेद, दूरी या असंगति पैदा करते हैं तो पूजा का उद्देश्य खो जाता है। यदि आप ईमानदारी से अपने काम में लगे हैं, तो यह सबसे बड़ा ‘ भगति’ आपके लिए यही है
प्रश्न: हिंदू मुस्लिम, सिख ईसाई त्यौहारों के बारे में आप क्या कहते है?
उत्तर: हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के त्योहार लोगों को एक-दूसरे से प्रेम भावना और भाईचारा बढ़ाने में मदद करते हैं, एक-दूसरे के दुख-दर्द में शामिल होते हैं, एक-दूसरे के करीब आते हैं, ताकि वे एक-दूसरे को समझ सकें, भाईचारा और प्रेम को समझ सकें। अपने दैनिक जीवन में से कुछ समय निकाल कर एक साथ बैठकर सुख दुःख में एक दूसरे का ख्याल रखते है! लोगों को लोगों से जोड़ने का कार्य भी एक उत्सव है। हम विशेष रूप से कहते हैं आज की तकनीक के बुद्धिमान विकास के साथ, हमारे पास व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया हैं लेकिन ऐसा लगता है कि हम यहां बैठे हैं और हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति से तो बात कर रहे हैं लेकिन खाने की मेज पर साथ बैठने के बाद भी एक दूसरे से बात नहीं करते केवल दूर बैठे व्यक्ति से फोन पर बात कर लेते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशी के पलों को साझा करने के लिए किसी भी तकनीक का उपयोग किए बिना सीधे मानव-से-मानव संपर्क बनाने के लिए त्यौहार के अवसर का लाभ उठाएं।
प्रश्न: क्या अमीरों के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं और गरीबों के बच्चे नहीं?
उत्तर : अमीर बच्चों के साथ-साथ गरीबों के बच्चे भी सफल होते हैं।उच्च शिक्षित लोगों की सूची पर नजर डालें तो हर वर्ष दीया, मोमबत्ती, लाल टिन या बिजली के पोल के नीचे बैठ कर पढ़ने वाले बच्चों ,सड़क के किनारे पढ़-लिखकर सफल हुए हैं।बच्चा अमीर का हो या गरीब का बच्चा सफल वही होता है जो ईमानदारी से पढ़ाई करता है ! अगर आप ईमानदारी से पढ़ाई करेंगे तो आई.आर.एस.
आई.पी.एस, आई एस., जिलाधिकारी, तहसीलदार, आयुक्त , पुलिस निरीक्षक, पत्रकार, डॉक्टर, न्यायधीश , वकील आदि जरूर बनेंगे।
प्रश्न : सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘सुंदरकांड’ की कथा की काफी चर्चा है। आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर: हनुमान चालीसा का एक भाग जिसे ‘सुंदर कांड’ की कहानी कहा जाता है, जिसे हमने हाल ही में लगभग दो घंटे और सात मिनट में पूरी तरह से गाया है जिसे आप मेरे यूट्यूब चैनल ‘सुशांत’ और म्यूजिक कंपनी ‘रेड रिबन’ पर देखकर और सुन पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मजे की बात यह है कि अब तक ‘सुंदर कांड’ मेरी जानकारी में दो या तीन बड़े चर्चित गीतकारों ने ही गाया है। हम 4 लोगों ने एक साथ अलग-अलग भाग गाए हैं, और इसे रिलीज भी किया गया है। इसमें सुंदर कांड की कहानी को गाने, फोटो, तस्वीरों के माध्यम से पूरी तरह से दिखाया गया है। आप इसे देख सकते और सुन सकते हैं। यह महत्पूर्ण बात है कि इसे मेरे गुरु जमील भाई, मेरे मित्र संजीव विल्सन और मैं यानी हिंदू मुस्लिम और ईसाई तीन लोगों ने पूरा किया है।
प्रश्न: आप युवा पीढ़ी को क्या सन्देश देना चाहेंगे?
उत्तर : मैं जनता के साथ युवाओं को एक संदेश देना चाहता हूं कि अगर आप भविष्य में कुछ बनना चाहते हैं तो पूरी ईमानदारी से मेहनत करें। मेरे पिता जी कहते थे कि जब तक आप मेहनत करोगे तब तक सफलता आपके कदो में रहेगी । यानी अगर ईमानदारी से पढ़ाई करेंगे तो निश्चय ही सफलता आपके कदम चूमेगी। नौजवानों के दिल और दिमाग में भविष्य का कोई न कोई सपना जरूर होता है जिसे वे सहकार करने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ नौजवान किसी कारण या कुछ मजबूरी की वजह से बीच में ही हार मान लेते हैं और कुछ भटक भी जाते हैं, मेरा मानना है कि अगर आप अपने सपने को पूरा करने के लिए अंत तक कोशिश करते हैं, तो आप सफल होंगे क्योंकि किसी सफलता के लिए कड़ी मेहनत की ज़रुरत पड़ती है।
महाराष्ट्र
मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन कर पाएंगे मनोज जरांगे, पुलिस ने शर्तों के साथ दी मंजूरी

मुंबई, 27 अगस्त : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है। यह आंदोलन 29 अगस्त को सुबह 9 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा।
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें (मनोज जरांगे) खारघर या नवी मुंबई में कहीं और प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि इस आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी गई है, जो 29 अगस्त को होगा। इसमें अधिकतम 5,000 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने यह भी निर्देश दिया है कि आंदोलन के लिए केवल 7,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र उपलब्ध होगा, जो 5,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता रखता है। यह आंदोलन सुबह 9 बजे शुरू होगा और इसका समापन शाम 6 बजे करना होगा।
पुलिस ने मनोज जरांगे के आंदोलन के लिए निर्देश भी जारी किए हैं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी जाएगी। शनिवार, रविवार या सार्वजनिक/शासकीय अवकाश के दिन कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ निश्चित वाहनों को अनुमति होगी। वाहनों के पार्किंग के लिए यातायात पुलिस से समन्वय करना होगा। आपके वाहन ईस्टर्न फ्री वे से वाडीबंदर जंक्शन तक आएंगे। वहां से केवल 5 वाहन आजाद मैदान तक जा सकेंगे, बाकी वाहनों को शिवडी, ए शेड, या कॉटनग्रीन में पुलिस द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर पार्क करना होगा।
इसके अलावा, आंदोलन में अधिकतम 5,000 प्रदर्शनकारी हो सकते हैं। आजाद मैदान का 7,000 वर्ग मीटर क्षेत्र आंदोलन के लिए आरक्षित है, जो केवल 5,000 लोगों को समायोजित कर सकता है। अन्य आंदोलनकारियों ने भी 29 अगस्त के लिए अनुमति मांगी है, इसलिए मैदान की जगह शेयर करनी होगी।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र : 20 साल बाद राज ठाकरे के घर पहुंचे उद्धव ठाकरे, ‘शिवतीर्थ’ में किए गणपति बप्पा के दर्शन

मुंबई, 27 अगस्त : महाराष्ट्र में गणेश उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ‘ठाकरे ब्रदर्स’ एक बार फिर इकट्ठा हुए। लगभग 20 साल के बाद यह मौका आया है, जब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने साथ मिलकर गणेश उत्सव मनाया।
राज ठाकरे के घर पर डेढ़ दिन का गणपति उत्सव होता है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था और उन्हें गणपति के लिए अपने घर आने का निमंत्रण दिया था। इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए, उद्धव ठाकरे बुधवार को राज ठाकरे के आवास पर गए।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे व विधायक आदित्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे। उद्धव ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के घर पर गणपति बप्पा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। गणेश उत्सव पर ठाकरे परिवार के एक साथ आने से ‘शिवतीर्थ’ का माहौल बदल गया। पूजा अर्चना के बाद दोनों भाइयों (राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे) ने साथ में फोटो खिंचवाई। बाद में एक फैमिली फोटो भी खिंचाई गई।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में ठाकरे बंधुओं की यह तीसरी मुलाकात है। हाल के कुछ महीनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। पिछले कुछ सालों से ठाकरे बंधुओं के बीच रिश्ते तनावपूर्ण थे।
मनमुटाव को दूर करते हुए 5 जुलाई को दोनों भाई एक विजय रैली के लिए एक साथ आए। हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के विरोध में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ दिखे। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ एक संयुक्त मार्च निकालने वाले थे, लेकिन फैसला रद्द होने के बाद, मार्च की जगह विजय रैली निकाली गई।
उसके बाद, 27 जुलाई को राज ठाकरे उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर उनके आवास ‘मातोश्री’ गए थे। करीब 20 साल के बाद मौका आया था, जब राज ठाकरे ‘मातोश्री’ गए थे।
महाराष्ट्र
मुंबई चंदू काकासराफा धोखाधड़ी का आरोपी तीन साल बाद गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई और पुणे के प्रसिद्ध सुनार चंदू काका के जीएसटी प्रमाण पत्र का दुरुपयोग करके आभूषण खरीदने और बेचने के लिए एक व्यक्ति को एमआईडीसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और 31 लाख से अधिक के आभूषण वसूले हैं। आरोपी ने खुद को चंदू काका ज्वेलर के रूप में अंतर्राष्ट्रीय जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के नाम पर जीएसटी नंबर अपडेट करने और अपनी पहचान छिपाकर सोने के गहने खरीदने के बहाने पेश किया और बताया कि वह दो नए सोने के शोरूम खोलने जा रहा है और इसी बहाने जीएसटी नंबर प्राप्त किया और फिर चंदू काका के प्रमाण पत्र का दुरुपयोग किया और आभूषण बांद्रा में शिकायतकर्ता की कंपनी मिनी ज्वेलर्स एक्सपर्ट डायमंड एमआईडीसी अंधेरी से 27 लाख के गहने प्राप्त किए और कूरियर के माध्यम से महाकाली अंधेरी में शिकायतकर्ता की दुकान से 4 लाख से अधिक के गहने मंगवाए। इस प्रकार, 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज किया है और आरोपी के संबंध में एक डिजिटल जांच शुरू की है और आरोपी से 100% गहने बरामद किए गए हैं आरोपी 2023 से वांछित था। आरोपी की पहचान 32 वर्षीय कार्तिक पंकज के रूप में हुई है। आरोपी सोने के बाजार में ज्वैलर्स को इसी तरह बेवकूफ बनाता था। वह 2023 से वांछित था। पुलिस ने उसे ट्रैक किया और अब जालसाज को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर डीसीपी ज़ोन 10 ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि उसने इस मामले में कितने लोगों और व्यापारियों को ठगा है।
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