अपराध
अर्नब गोस्वामी की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दवे की चुप्पी का हवाला दिया

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी की याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने को लेकर शब्दों की जंग छिड़ गई। सुप्रीम कोर्ट में गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अंतरिम जमानत से इनकार कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने गोस्वामी की याचिका की चयनात्मक सूचीबद्धता के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है।
दूसरी ओर, गोस्वामी की पत्नी ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की तत्काल सुनवाई पर दवे की चुप्पी पर निशाना साधा है और उनके पत्र को एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास एवं चुनिंदा नाराजगी करार दिया। उन्होंने इसे उनके पति की याचिका की सुनवाई में पक्षपात करार दिया है।
गोस्वामी की पत्नी सामीब्रता रे ने सेक्रेटरी जनरल को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि दुष्यंत दवे द्वारा अपनी नाराजगी से सुप्रीम कोर्ट में अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई पर पूर्वाग्रह पैदा करना दुर्भावनापूर्ण प्रयास है। उन्होंने इसे अदालत की प्रतिष्ठा, अखंडता और स्वतंत्रता को धूमिल करने का प्रयास करार दिया है।
रे ने अपने पत्र में कहा, “मुझे सूचित किया गया है कि प्रशांत भूषण बनाम जयदेव रजनीकांत के मामले में 30 अप्रैल, 2020 को (भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत) रिट याचिका दायर की गई थी, जिसमें गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी और इस मामले की सुनवाई एक मई, 2020 को की जानी थी। फिर, इस पर दवे की ओर से एक चुप्पी साधी गई।”
इससे पहले दवे ने शीर्ष अदालत के सेकेट्ररी जनरल को लिखे पत्र में गोस्वामी की याचिका को गंभीर मुद्दा बताया था।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखकर 2018 में एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका को ‘चयनित तरीके’ से 11 नवंबर को एक अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने पर ‘कड़ी आपत्ति’ जाहिर की थी।
रे ने अपने पत्र में आगे कहा है, “मैं इस बात से स्तब्ध और भयभीत हूं कि निहित स्वार्थ किस हद तक काम कर रहे हैं। न तो मैं दवे को जानती हूं और न ही मैं कभी उनसे मिली हूं। तथापि, दवे द्वारा मेरे पति की याचिका को चुनिंदा रूप से टारगेट करने का मेरे द्वारा विरोध करना होगा, अन्य मामलों पर अपनी चुप्पी को देखते हुए, जिन्हें इस माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अतीत में तात्कालिकता के साथ अपनी बुद्धिमत्ता से उठाया था।”
रे ने जोर देकर कहा कि निम्नलिखित मामलों में दवे की चुप्पी और वर्तमान मामले में उनकी चयनात्मक नाराजगी न केवल मेरे पति के लिए न्याय के कारण के प्रतिकूल है, बल्कि घृणित है।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की एक पीठ के समक्ष गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
अपराध
मुंबई लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पांच सदस्य गिरफ्तार, बिश्नोई गैंग को मुंबई क्राइम ब्रांच का झटका

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के पांच शूटरों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इन शूटरों के कब्जे से 5 रिवॉल्वर और 21 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। मुंबई पुलिस भी इन शूटरों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने घटना को अंजाम देने से पहले ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया और घटना को टाल दिया। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इन पांचों को अंधेरी इलाके से गिरफ्तार किया है। वे यहां बड़ी तोड़फोड़ की वारदात को अंजाम देने के इरादे से आए थे, लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही वारदात को नाकाम कर दिया।
गिरफ्तार आरोपियों में विकास ठाकुर, समित दिलावर, देवेन्द्र रूपेश सक्सैना, श्रेया सुरेश यादव, विवेक गुप्ता शामिल हैं। विकास ठाकुर वर्सोवा अंधेरी के रहने वाले हैं, समित मुकेश कुमार दिलावर सोनीपत, हरियाणा के रहने वाले हैं, देवेन्द्र रूपेश सक्सेना मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, श्रेया सुरेश यादव जगदीशपुर, बिहार की रहने वाली हैं और विवेक कुमार गुप्ता रामपुर, राजस्थान के रहने वाले हैं।
उनके कब्जे से हथियार बरामद किए गए हैं और अपराध शाखा ने उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 3 और 25, धारा 55 और 61 (2) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी हथियार कहां से लाए थे।
सलमान खान की शूटिंग के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग मुंबई में सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मुंबई क्राइम ब्रांच की सख्त कार्रवाई के चलते गैंग की कमर टूट चुकी है और अब क्राइम ब्रांच ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बड़ा झटका दिया है और इसके पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अपराध शाखा मामले की आगे जांच कर रही है।
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