राष्ट्रीय समाचार
उत्तर प्रदेश में यूपीएसएसएफ के गठन को मंजूरी, प्रमुख स्थलों की सुरक्षा करेगा

कोरोना संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के गठन को मंजूरी दे दी है। अब कोर्ट, मेट्रो, एयरपोर्ट, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, प्रमुख धार्मक स्थलों और बैंकों की सुरक्षा यूपीएसएसएफ के हवाले होगी। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि पहले चरण में इस बल की 5 बटालियन का गठन किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए जल्द ही ड्राफ्ट तैयार कर प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, यूपी में अलग-अलग कोर्ट में हुई घटनाओं के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को स्पेशल फोर्स के गठन के आदेश दिए थे।
यूपी सरकार ने केंद्रीय सीआईएसएफ की फोर्स की तर्ज पर यूपीएसएसएफ का गठन करने का फैसला किया है। यह फोर्स मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थान, बैंक समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं और ऐतिहासिक, धार्मिक, तीर्थ स्थलों की सुरक्षा करेगी। इसके गठन को लेकर काफी लंबे समय से चर्चा चल रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय की मांग के अनुसार मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ जिला न्यायालयों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित बल की जरूरत होती है। इस कारण यूपीएसएसएफ की स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाएगी। इसमें आधुनिक सुरक्षा प्रणाली और सुरक्षा उपकरणों की जानकारी दी जाएगी।
यूपीएसएसएफ का मुख्यालय लखनऊ में प्रस्तावित है। प्रथम चरण में इस बल की पांच बटालियन का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जल्द इसकी रूपरेखा तैयार कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों औरैया में जिला कोर्ट में जज पर हमला हुआ था। इसके बाद सरकार ने फोर्स गठन की मंजूरी देने का फैसला लिया।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
राष्ट्रीय समाचार
देश के समुद्री इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार कर रही काम: पीएम मोदी

New Delhi : Prime Minister Narednra Modi addresses a programme marking 20 years of completion of SWAGAT initiative in Gujarat through video conferencing onThursday, April 27, 2023. (Photo:IANS/Video Grab)
नई दिल्ली, 5 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार देश के समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों को मजबूत करना जारी रखेगी, जो भारत की प्रगति और समृद्धि को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ के अवसर पर अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा, “हम भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास और राष्ट्र निर्माण में इस क्षेत्र द्वारा निभाई गई भूमिका को याद करते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पहले के समय में एक मान्यता प्राप्त समुद्री शक्ति था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद के दौर में समुद्री क्षेत्र की अनदेखी की गई।
हालांकि, पिछले 10 वर्षों के दौरान न्यू इंडिया ने समुद्री क्षेत्र में कई नई उपलब्धियां हासिल की हैं और सरकार देश के समुद्री इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।
पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में देश के प्रमुख बंदरगाहों की कार्गो हैंडलिंग क्षमता दोगुनी हो गई है और बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हजारों किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरकार के “समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह” के मंत्र के साथ समुद्री क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा “उत्पादकता के लिए बंदरगाह” के नए मंत्र को समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी आगे बढ़ाया गया है।
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ‘कोस्टल शिपिंग’ को विकसित करने के लिए कई नए कदम उठा रही है। यह बयान गुरुवार को लोकसभा द्वारा अनुमोदित ‘कोस्टल शिपिंग बिल’ की पृष्ठभूमि में दिया गया।
इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय तटीय जल (कोस्टल वॉटर) के भीतर व्यापार में लगे जहाजों को रेगुलेट करना है। इस विधेयक का उद्देश्य कोस्टल शिपिंग के रेगुलेशन से संबंधित कानून को कंसोलिडेट और संशोधित करना, तटीय व्यापार (कोस्टल ट्रेड) को बढ़ावा देना और घरेलू भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए देश के नागरिकों के स्वामित्व और संचालन वाले तटीय बेड़े (कोस्टल फ्लीट) से लैस हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने की रणनीति के तहत देश के अंतरदेशीय जलमार्गों को भी विकसित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास ने दिखाया है कि जब भी भारत का समुद्री क्षेत्र मजबूत हुआ है, देश और दुनिया दोनों को इसका लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है।
राजनीति
दिल्ली : जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक संपन्न, संगठन सशक्तिकरण और चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। दिल्ली कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने संगठन को सशक्त करने के लिए जिला कांग्रेस समिति अध्यक्षों की बैठक का तीसरा और अंतिम चरण शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में संपन्न किया।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्षों के सुझावों पर मंथन किया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना, मतदाता सूची सत्यापन को बेहतर करना और कार्यप्रणाली में सुधार लाना रहा।
अपने संबोधन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिला अध्यक्षों को संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि पार्टी के विचारों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरे दमखम के साथ तैयारी करने और भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कांग्रेस को भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा। जनता के मुद्दों को उठाना होगा। इस दौरान उन्होंने बेलगावी के अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा 2024-25 को संगठन सशक्तिकरण वर्ष मनाने के फैसले की भी याद दिलाई।
खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनकल्याण नहीं, बल्कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण है। उन्होंने संसद के देर रात तक संचालन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बहस की बजाय सरकार चुपके से वैधानिक कार्य निपटाती है। सरकार संसद को रात के चार बजे तक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता, अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ बहस करने के लिए नहीं चलाती है। रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस कराती है, ताकि चुपके से वैधानिक कार्य हो सके। उन्होंने जिला अध्यक्षों से यह भी कहा कि सभी को चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने, वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।
बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल और पवन खेड़ा ने बताया कि तीन चरणों में कुल 862 जिला अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची सत्यापन, विचारधारा प्रशिक्षण और सोशल मीडिया रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, महासचिवों और विभिन्न राज्य प्रभारियों ने भी भागीदारी की।
वेणुगोपाल ने 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन साबरमती नदी के तट पर होगा और इसकी टैगलाइन ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ होगी। यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ और सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात में आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक स्थल पर होगी। 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन होगा।
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